Author Topic: Gangotri, the Source of the River Ganga,गंगोत्री गंगा नदी का उद्गगम स्थान  (Read 62591 times)

हेम पन्त

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 4,326
  • Karma: +44/-1
मानवीय गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए अब तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को गोमुख के मुहाने से 5 सौ मीटर पहले ही रोक लिया जाएगा। गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने कहा है कि, प्रतिदिन 150 से ज्यादा लोगों को गोमुख क्षेत्र के पास जारी नहीं किए जाएंगे। यह व्यवस्था इसी सीजन से शुरू कर दी जाएगी।

गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक इन्द्रपाल सिंह ने बताया कि मानवीय आवाजाही से ग्लेशियर पर पड़ रहे प्रभाव को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है। सिंह ने कहा कि, पूर्व में पर्यटकों द्वारा गोमुख के मुहाने पर मौज-मस्ती से कई विदेशी, साधु-संतों की मौत की घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा ग्लेशियर चटकने की घटना को गंभीरता से लिया गया है।

उन्होंने कहा कि, पार्क प्रशासन ने इस बार यात्रियों और पर्यटकों को 5 सौ मीटर पहले ही रोकने का निर्णय लिया है। इसके लिए वहां घेरबाड़ की जाएगी और इस आशय के बोर्ड लगाए जाएंगे। गोमुख के ऊपर से तपोवन, रक्तवन, वासुकीताल, कालिंदीखाल समेत पर्वतारोहण का ट्रैक रूट होने के कारण इस मार्ग को भी बदला जा रहा है। इसके लिए वन विभाग ने सुरक्षित स्थान से सर्वे कर वैकल्पिक मार्ग की कवायद शुरू कर दी है।

उन्होंने बताया कि भोजवासा के आस-पास गोमुख मुहाने से पहले यह रास्ता पर्यावरण सुरक्षा के अनुरूप तैयार किया जाएगा। कावंड़ियों को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन के साथ बैठक कर हर हाल में गंगोत्री धाम में ही सुविधाएं जुटाने तथा गंगा जल भरने के लिए उपयुक्त स्थान बनाने के प्रयास किए जाएंगे। पार्क क्षेत्र में तैनात कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा।

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
                     मायके में ही मैली हो रही गंगा
                   ===================

गंगा की स्वच्छता के नाम पर केंद्र सरकार लाखों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन गंगा अब मायके से ही मैली हो रही है। आलम यह है कि नगर क्षेत्र की गंदगी भागीरथी में प्रवाह की जा रही है। इससे गंगा के प्रति आस्था रखने वाले देश विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को ठेस पहुंच रही है।शिव नगरी के गंगा घाटों पर दिन प्रतिदिन गंदगी बढ़ रही है।

 नगर क्षेत्र के सारे सीवर लाइनें सीधे गंगा में प्रवाहित की जा रही हैं। इससे शिवनगरी में आने वाले तीर्थयात्री व गंगा के प्रति आस्था रखने वाले स्थानीय लोगों को भारी ठेस पहुंच रही है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के पास गंगा की सफाई व स्वच्छता के लिए लाखों के बजट आने के बावजूद गंगा घाटों पर फैले कचरे के निस्तारण को कोई ठोस योजना या उपाय नहीं है। नगर क्षेत्र के होटलों व आश्रमों की सीवर लाइनें भी सीधे गंगा में जा रही हैं।

 नगर के प्रसिद्ध केदार घाट, मणिकर्णिका घाट, जड़भरत घाट सहित गंगा किनारों पर लगे कचरे के ढेरों व सीवर लाइनों के गंगा में जाने से प्रदूषण बढ़ रहा है। गायत्री परिवार ट्रस्ट के अजय प्रकाश बडोला का कहना है कि गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी घोषित करने के बावजूद गंगा घाटों पर डाली गई सीवर लाइनों व कचरे के लिए गंगा की स्वच्छता में लगे विभाग को ठोस कार्ययोजना नहीं बना पा रहे हैं।

 इस संबंध में नगरपालिका अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि गंगा घाटों पर नगरपालिका की ओर से किसी प्रकार गंदगी गंगा में नहीं डाली जाती है और नगर क्षेत्र के भवन स्वामी व स्थानीय लोगों को कई बार माना करने के बावजूद गंदगी डाल देते हैं। उन्होंने बताया कि इसे रोकने को गंगा तटों छापामार अभियान चलाया जाएगा। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के परियोजना प्रबंधक आरपी सिंह का कहना है कि गंगा घाटों की गंदगी नगर पालिका देखती है। हमारा कार्य केवल सीवर लाइनों का निर्माण करना है।



Kiran Rawat

  • Full Member
  • ***
  • Posts: 135
  • Karma: +12/-0
A team sponserd by IMF (Indian Mountainering Fedration) went to study Gangotri Glacier & the report was published in the newpaper as well.
Will post more information later
 
 
 

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
पर्वतों से घिरे भारी शिलाखंडों व धरातलीय स्थिति के कारण जब तक कोई गंगोत्री के निकट नहीं पंहुचा जाता तब तक इस तीर्थ की स्थिति का पता ही नहीं चल पाता। रास्ते के तमाम बाधाओं को पार कर जब तीर्थ यात्री गंगोत्री पहुंचते है तो यहां के सुन्दर प्राकृतिक दृश्य देख सारी थकान भूल जाते हैं और पंहुच जाते है गंगा के करीब उद्गम के आस-पास। यह सोच कर भी रोमांच से भर उठते है कि यही वह जगह है जहां जीवनदायिनी मां गंगा धरती पर आयीं।

प्राचीन काल में इस स्थान में कोई मंदिर नहीं था। केवल भागीरथ शिला के पास चौतरा था जिसमें देवीमूर्ति को यात्राकाल के 3-4 मास दर्शनार्थ रखा जाता था। तब इस मूर्ति को उत्सव समारोह के साथ यात्राकाल के प्रारम्भ में अनेक बदलते रहते मठस्थान, क्रमश: श्यामप्रयाग, गंगामंदिर धराली या मुखवा ग्राम ये लाया जाता था तथा यात्राकाल की समाप्ति पर वहीं वापस लाया जाता था।

 यह प्रथा उत्तराखण्ड के अन्य तीर्थो में भी थी और इस प्रकार प्रत्येक तीर्थ देवता के ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन आवास पृथक होते थे। यह प्रथा जारी है। यमुनोत्री व गंगोत्री तीर्थो की यह विशेषता भी रही कि यहां मंदिर बनाना उचित नहीं समझा गया कारण यह भी कि जहां स्वयं देवी माता साक्षात स्वरूप में विद्यमान हैं और भक्तों तथा पापियों का उद्वार करने के लिए कुण्ड की अथवा प्रवाह रूप में सुलभ हैं वहां मूर्ति रखने की क्या आवश्यकता है ?

वेदव्यास ने ब्रह्म की अराधना को प्रकृति के खुले प्रांगण में करने को ही सर्वोपरि बताया था व नदियों को विश्वमाता बताते हुए घोषित किया था कि "विश्वस्य मातर:सर्वश:चैव महाफला।" फ्रेजर को उन्नीसवीं शती ई0 के प्रारम्भ में मिली जानकारी पूर्ण ऐतिहासिक थी कि पहले यहां कोई मंदिर नहीं था। रीपर द्वारा भेजे गये पंडित ने 1808 ई0 में जो सूचना दी थी उसके अनुसार मंदिर पत्थर और लकड़ी का बना था।

उन्नीसवीं शती के मध्य में पुन: वहां एक प्रकृति प्रेमी एमा रार्बट का खोजी दल पंहुचा वहां के मनोरम दृश्य का तूलिका से चित्रण करने के उपरान्त यह संक्षिप्त सूचना भी दी कि भागीरथी धारा से 20 फूट ऊंचाई पर एक चट्टान के ऊपर एक गोरखा सामन्त ने अपनी विजय के प्रतीकार्थ यहां देवी के सम्मान में यह छोटा पैगौडा शैली का मंदिर बनवाया था। भारत के विभिन्न भागों को जाने वाले गंगाजल पर यहां पवित्रता की मुहर लगायी जाती है। मंदिर का निर्माण किसने करवाया इस बारे में एक राय नहीं है।

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

where eagles dare

  • Newbie
  • *
  • Posts: 40
  • Karma: +4/-0
i have visited Gaumukh couple of times, its a wonderful place where i can go again & again... relishing the views of Mighty Gaumukh Glacier increases blood within...
the video can be enjoyed at
gaumukh3.MOV
gaumukh1.MOV


 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22