मानवीय गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए अब तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को गोमुख के मुहाने से 5 सौ मीटर पहले ही रोक लिया जाएगा। गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने कहा है कि, प्रतिदिन 150 से ज्यादा लोगों को गोमुख क्षेत्र के पास जारी नहीं किए जाएंगे। यह व्यवस्था इसी सीजन से शुरू कर दी जाएगी।
गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक इन्द्रपाल सिंह ने बताया कि मानवीय आवाजाही से ग्लेशियर पर पड़ रहे प्रभाव को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है। सिंह ने कहा कि, पूर्व में पर्यटकों द्वारा गोमुख के मुहाने पर मौज-मस्ती से कई विदेशी, साधु-संतों की मौत की घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा ग्लेशियर चटकने की घटना को गंभीरता से लिया गया है।
उन्होंने कहा कि, पार्क प्रशासन ने इस बार यात्रियों और पर्यटकों को 5 सौ मीटर पहले ही रोकने का निर्णय लिया है। इसके लिए वहां घेरबाड़ की जाएगी और इस आशय के बोर्ड लगाए जाएंगे। गोमुख के ऊपर से तपोवन, रक्तवन, वासुकीताल, कालिंदीखाल समेत पर्वतारोहण का ट्रैक रूट होने के कारण इस मार्ग को भी बदला जा रहा है। इसके लिए वन विभाग ने सुरक्षित स्थान से सर्वे कर वैकल्पिक मार्ग की कवायद शुरू कर दी है।
उन्होंने बताया कि भोजवासा के आस-पास गोमुख मुहाने से पहले यह रास्ता पर्यावरण सुरक्षा के अनुरूप तैयार किया जाएगा। कावंड़ियों को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन के साथ बैठक कर हर हाल में गंगोत्री धाम में ही सुविधाएं जुटाने तथा गंगा जल भरने के लिए उपयुक्त स्थान बनाने के प्रयास किए जाएंगे। पार्क क्षेत्र में तैनात कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा।