Author Topic: Tourism Related News - पर्यटन से संबंधित समाचार  (Read 67690 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

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                         एंगलिंग: विश्व के ईको टूरिज्म में कब आएगा उत्तराखंड   JAGRAN NEWS
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मत्स्य आखेट (एंगलिंग) के जरिए उत्तराखंड राज्य को विश्व के ईको टूरिज्म के नक्शे पर लाने की कवायद राज्य गठन के दस साल बाद भी धरातल पर उतरती नहीं दिख रही है। गोल्डन महाशीर और इंद्रधनुषी ट्राउड के लिए प्रसिद्घ यहां के कई स्थान आज भी एंगलिंग के नजरिए से पूरी तरह उपेक्षित पडे़ हुए है। जबकि विशेषज्ञ मानते है कि इस क्षेत्र में पर्यटन की तमाम संभावनाएं मौजूद है और विश्व भर के पर्यटकों को इस ओर ज्यादा आकर्षित किया जा सकता है।

 पूरे उत्तराखंड में दो सौ नदियों की तीन हजार किमी लंबाई के अलावा तीन सौ हेक्टेयर में फैली पचास से अधिक झीलें, बीस हजार हेक्टेयर के आठ जलाशय और 1341 ऐसे तालाब है जिनमें मत्स्य आखेट किया जा सकता है।

 कुमाऊं के भीमताल, सातताल, नौकुचियाताल और गढ़वाल में ट्राउड मत्स्य प्रजनन केंद्र बैरांगना चमोली में वर्तमान में पर्यटकों को मत्स्य आखेट की सुविधा दी जा रही है। गढ़वाल मंडल में 64 और कुमाऊं में 34 मछलियों की प्रजातियां पाई जाती है।

 मत्स्य आखेट को उत्तराखंड का बेहतर पर्यटन बनाने के बारे में विशेषज्ञ डा. बृजेश्वरप्रसाद ओली बताते है कि यदि पर्यटक स्थलों पर तालाबों और नदियों में इस आखेट को बढ़ावा दिया जाय तो इससे राज्य में जहां विदेशी पर्यटन बढे़गा, वहीं स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार भी मुहैया होगा। मत्स्य आखेट के लिए गोल्डन महाशीर, इंद्रधनुषी और भूरी ट्राउड काफी मुफीद मानी जाती है।

गोल्डन महाशीर कुमाऊं के पंचेश्वर की महाकाली नदी और गढ़वाल की गंगा और यमुना नदियों में प्रचुर मात्रा में पाई जाती है, लेकिन सूबे की सरकार द्वारा मत्स्यकी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्पष्ट लाईसेंस नीति व कठोर नियम बनाने की जरुरत है। पिछले तीन सालों से पंचेश्वर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मत्स्य आखेट प्रतियोगिता करा रहे दृष्टिकोण संस्था के चेयरपर्सन डा. एसके दास बताते है कि एंगलिंग ऐसा माध्यम है जिससे विदेशी पर्यटकों को यहां आकर्षित किया जा सकता है।

 दास बताते है कि इस ओर शासन और वन विभाग द्वारा विशेष प्रयास करने की जरुरत है। वन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्रों में लाईसेंस देने के अलावा पर्यटकों को सुविधाएं भी दी जानी चाहिए।

हेम पन्त

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RTDC signs MoU with U’khand
« Reply #141 on: April 15, 2010, 10:49:17 AM »
Rajasthan Tourism Development Corporation (RTDC) signed a Memorandum of Understanding (MoU) with Uttarakhand, the “Theme State” at the Great Indian Travel Bazaar (GITB) - 2010 being organised in Jaipur, to sell each other's tourism products and ensure visits of foreign and domestic travellers in both states all the year round.The MoU was signed by Rakesh Sharma, principal secretary, tourism, Government of Uttarakhand and CEO Uttarakhand Tourism Development Board (UTDB)   

Source : todaynews.in
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Devbhoomi,Uttarakhand

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                 सुनाई देने लगी है राजजात की दस्तक
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पिंडर घाटी में 2012 में प्रस्तावित राजजात की दस्तक सुनाई देने लगी है। दिसंबर में मौडिवी पूजा की तिथि तय कर दी गई है। इसके लिए जिम्मेदारियां भी सौंपी जा चुकी हैं।

उत्तराखंड में अब धार्मिक के साथ ही पर्यटन उत्सव का भी स्थान राजजात ले चुका है। देश-विदेश के धार्मिक यात्री और राजजात पर्यटक बारह साल तक इसका इंतजार करते हैं। राजजात एक ऐसा इतिहास है, जो उत्तराखंड को आठवीं सदी तक ले जाता है।

राजजात से जुड़ा इतिहास ऊफराई देवी की मौडिवी पूजा का भी है, बल्कि मौडिवी को राजजात की पूर्व पीठिका कहा जाता है। इससे जुड़े इतिहासकार बताते हैं मौडिवी आठवीं सदी और राजजात नवीं सदी से प्रारंभ हुई। राजजात से नजदीक से जुड़े स्व.देवराम नौटियाल के नौटी में मौजूद दस्तावेजों में इन तथ्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है।

मौडिवी बैनोली की ध्याण उफराई का पूजन है। राजजात नंदा देवी को कैलाश विदा करने की यात्रा है। दोनों का एक दूसरे के साथ नजदीकी रिश्ता है। सबसे नजदीकी रिश्ता दोनों के ध्याण होने का है। इस पर्व की सबसे अधिक महत्ता के कारण ही ध्याण ही इसमें बढ़चढ़कर हिस्सा लेती हैं।

 यह उत्साह पूरे चमोली जिले और पौड़ी के एक हिस्से में दिखाई देने लगा है। नौटी मंदिर में हाल में हुए आयोजन में मौडिवी का शुभ मुहूर्त निकाला गया। तय किया गया कि दिसंबर में मौडिवी होगी। मौडिवी की मनौती रखी गई और मैठाणी पुजारियों ने कार्यक्रम की विधिवत घोषणा की। छह से 15 दिसंबर तक देवी भागवत कथा होगी। 13 दिसंबर को बैनोली से मैती नौटी आएगी। 14 को डोली यात्रा उफराईढाक तक जाएगी।

 15 दिसंबर को यात्रियों को सुफल दिया जाएगा। मौडिवी पूजन के साथ ही राजजात की तैयारी शुरू हो जाएगी। देवों तथा मानवों के बीच पारिवारिक रिश्तों की यह परंपरा अपने परवान चढ़ने लगेगी। राज्य गठन की घोषणा के बाद हालांकि 2000 में राजजात हो चुकी है पर राज्य गठन के बाद अब 2012 में पहली बार राजजात होने जा रही है। उच्च हिमालयी क्षेत्र की इस ऐतिहासिक यात्रा को लेकर पूरे उत्तराखंड में अभी से उत्साह का माहौल बनने लगा है।

Devbhoomi,Uttarakhand

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                        कठिन है बाबा केदार की डगर (DAINIK JAGRAN)
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रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा को लेकर प्रशासन तैयारियों में लगा है। हालांकि प्रशासन के तमाम प्रयास के बाद भी केदारनाथ आने वाले यात्रियों को कई खामियों से दो चार होना पड़ता है और कडे़ अनुभव के साथ वह यहां से जाते हैं। इससे सबक ले इस दफा यात्रा की तैयारियों को अंजाम दिया जा रहा है।

केदारनाथ यात्रा अन्य धामों की अपेक्षा काफी कठिन यात्रा है। गौरीकुंड से केदारनाथ तक का चौदह किमी का सफर यात्रियों को तमाम समस्याओं से दो चार करा देता है। केदारनाथ यात्रा की व्यवस्थाएं भी पैदल मार्ग पर आकर टिक जाती हैं। प्रशासन भी गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक यात्रा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में पूरी ताकत झोंक देता है, लेकिन बावजूद इसके कई खामियां रह जाती हैं।

प्रत्येक वर्ष यात्रा से पूर्व जिला प्रशासन यात्रा को लेकर तमाम बैठकें करते हैं और व्यवस्थाओं के चुस्त दुरुस्त होने का दावा करते हैं, लेकिन सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह धराशाही हो जाती है। इसका खामियाजा देश विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को भुगतना पड़ता है।


एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Uttarakhand Tourism goes for a unique brand equity approach
« Reply #144 on: May 17, 2010, 09:11:00 PM »


Uttarakhand Tourism goes for a unique brand equity approach

Uttarakhand   Tourism is extensively promoting its natural heritage like lakes and forests,   along with the myriad species of flora and fauna that can lure travellers. Speaking   on the occasion of the Great Indian Travel Bazaar, Rakesh Sharma, CEO of Uttarakhand   Tourism Development Board (UTDB) and principal secretary - tourism, Government   of Uttarakhand, revealed, "Our focus in the next three years would be on   the three different valleys of the state. An ASO will be appointed who will   be in charge of the project. We will be looking at a new brand proposition for   state tourism, by exploring three new locations, for which Rs 300 crore of investment   has been outlined for a period of three-four years." The state is getting   active support financially from the Asian Development Bank. There are even talks   going on regarding collaboration with Japanese investment companies.  Sharma pointed out that the state is strengthening its approach by bettering   its existing facilities in order to create infrastructure for more tourists   in the future. "Strengthening our existing facilities at cold weather locations   will be a priority where parking facilities, shelters (for public convenience),   drinking water and suitable aspects of tourists' interest will be looked into.   These are the aspects, which are mostly neglected and we want to address these   issues before we move ahead with more products," he explained.
  The tourism department is adding five ropeway projects in Nainital, Mussoorie,   etc., to attract more travellers. It is also commissioning market surveys to   identify various other modalities that are needed to improve tourism in the   state.
  Sharma stated, "A world tourism report on Uttarakhand - a master plan,   has been prepared. The report on tourism in the state will be uploaded soon   on our new website, to be functional from May 2010. It would be an interactive   website where all important documents can be accessed." The state tourism   has taken a restrictive stand regarding participation in exhibitions and fairs.   It will critically select a few from now. He added, "This year we are going   stand alone in ATM Dubai to reap more mileage and are not going with the Ministry   of Tourism, which shuns the state's visibility in the mart." http://www.expresstravelworld.com/201005/market12.shtml

Rajen

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धरती का स्वर्ग है पहाड़ : राजेंद्र सिंह 
 
अल्मोड़ा। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के पुत्र राजेन्द्र सिंह शेखावत अल्मोड़ा के प्राकृतिक सौन्दर्य से अभिभूत हैं। पत्रकारों से संक्षिप्त मुलाकात में उन्होंने पर्वतीय अंचल के सौन्दर्य को अनुपम बताते हुए कहा कि लोग विदेशों में जाते हैं, लेकिन यहां जो प्राकृतिक सुन्दरता बिखरी हुई है, शायद ही कहीं और हो।

श्री शेखावत ने कहा कि बच्चों की विद्यालयों में छुट्टी होने पर उनके मित्र सिद्धार्थ भण्डारी ने अल्मोड़ा और रानीखेत घूमने का सुझाव दिया। यहां आकर लगा की सच में हम बहुत सही जगह आए। अपने परिवार के साथ अल्मोड़ा पहुंचे श्री शेखावत ने कहा कि यहां का सौंदर्य वास्तव में अनुपम है। पर्यटन के लिए इसे बढ़ावा देना चाहिए। श्री शेखावत ने पहाड़ के सौन्दर्य की प्रशंसा के साथ ही यहां के लोगों के व्यवहार की भी तारीफ की। राजेन्द्र सिंह शेखावत यहां पत्‍‌नी मंजरी, पुत्री सुरभि, पृथ्वी सिंह शेखावत व सास-ससुर सहित 12 पारिवारिक सदस्यों के साथ पहुंचे हैं। वह गुरुवार को प्रात: रानीखेत एक्सप्रेस से काठगोदाम पहुंचे। काठगोदाम से कार से चलकर 3 बजे कसार जंगल रिसार्ट पहुंचे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को श्री शेखावत परिवार के साथ जागेश्वरधाम पहुंचकर पूजा-अर्चना करेंगे। शाम को वापस कसार जंगल रिसार्ट में विश्राम करेंगे। शनिवार को रानीखेत पहुंचकर वहां के नैसर्गिक सौंदर्य का लुत्फ उठाएंगे।

 
 
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6446536.html

उत्तराखण्ड सरकार यदि पर्यटन को और अधिक बढा‌वा देती तो रोजगार के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध होते और पलायन को रोकने में मदद मिलती।   

हेम पन्त

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Tourists rush to U'khand to escape heat
« Reply #146 on: June 02, 2010, 10:21:46 AM »
Source : www.business-standard.com
 
With the mercury shooting up in India, the summer rush of pilgrims and tourists to the cool climes of Uttarakhand is also on the rise.
 
From Mussoorie to Nainital and from Badrinath to Kedarnath, the top hill resorts and pilgrim centres are teeming with pilgrims and tourists alike mostly coming from Gujarat, Delhi, Rajasthan where the temperature is becoming unbearable.
   
The rush is heavy at the top Hindu shrine of Badrinath where a total of 1.25 lakh pilgrims visited since it reopened for pilgrims on May 19. Similarly, 70,000 pilgrims visited Kedarnath, 96,000 to Gangotri and 62,000 to Yamunotri during the past 7-10 days. The pilgrims visiting both Badrinath and Kedarnath in the first week this season are 4 times more than the last year.   
 
Both Pawan Hans and Prabhatam, the two chopper airlines are making 45 to 50 sorties daily to Kedarnath shrine perched on the dizzying height of 3,584 metres in the Garhwal region.
 
“This rush is the heaviest in the recent years in our hill state and obviously it is due to the hot weather conditions across the country. We are expecting more rush in coming days,” said Tourism Minister Madan Kaushik.
The hill resort of Nainital, which attracts tourists mostly from Delhi, has its hotels running full occupancy. However, the rush is not so heavy in Mussoorie. “The hotel occupancy rate is only 30 to 40 per cent in Mussoorie,” said President of the Uttarakhand Hotel Association S P Kochar. However, Koachar expects the rush to increase in coming days. The tourists are also visiting in lesser known destinations like Binsar, Chakrata, Ranikhet and Khirsu.
Keeping in view the rush of pilgrims, the Uttarakhand government has now deployed tourism police across the Chardham tourist circuit by opening 46 tourist booths.
 

Devbhoomi,Uttarakhand

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SOURCE DAINIK JAGRAN
                       राजाजी पार्क में घटी सैलानियों की आमद
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देहरादून। राजाजी नेशनल पार्क 15 नवंबर तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। इस सीजन में गत वर्ष के मुकाबले पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है। पार्क प्रशासन का कहना है कि पर्यटक सीजन के दौरान हरिद्वार में महाकुंभ के चलते ऐसा हुआ है। हालांकि, पार्क के राजस्व में बढ़ोत्तरी हुई है।मंगलवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्क के निदेशक एसएस रसाइली ने पार्क को 15 नवंबर तक बंद किए जाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस पर्यटक सीजन में पार्क में 15520 पर्यटकों ने पार्क के वन्य जीवों और नयनाभिराम नजारों का करीब से लुत्फ उठाया। इनमें 1933 विदेशी पर्यटक शामिल थे।

 इस बार पर्यटकों की संख्या में 3371 की कमी आई है। पिछली बार पार्क में 18891 पर्यटक आए थे, जिनमें 2071 विदेशी थे। श्री रसाइली के मुताबिक पर्यटकों की संख्या में कमी का कारण इस सीजन के दौरान हरिद्वार में महाकुंभ होना रहा है। कुंभ के चलते कम पर्यटक ही पार्क में पहुंचे। उन्होंने कहा कि भले ही पर्यटकों की संख्या कम रही हो, मगर राजस्व में बढ़ोत्तरी हुई है।

पिछली बार पर्यटन सीजन में 27 लाख 15 हजार 588 रुपए का राजस्व मिला था, जबकि इस बार 33 लाख 30 हजार 650 का। इसकी वजह यह कि रेस्ट हाउस आदि के रेट बढ़ा दिए गए थे। पत्रकार वार्ता के दौरान पार्क के उपनिदेशक, वाइल्ड लाइफ वार्डन समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।रामनगर । विश्व प्रसिद्ध जिम कार्बेट नेशनल पार्क का ढिकाला पर्यटन जोन मंगलवार से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया। अब शेरों की दहाड़, हाथियों की चिंघाड़, कुलांचे भरते हिरनों के झुण्ड, नाचते मयूरों और रामगंगा नदी में रेंगते घड़ियालों के मनोहारी दृश्य चौदह नवम्बर के बाद ही देखने को मिलेंगे। ढिकाला पर्यटन जोन पन्द्रह नवम्बर से पर्यटकों के लिए खोला जायेगा।गौरतलब है कि मानसून आने की संभावनाओं को ध्यान में रख हर साल कार्बेट पार्क को 16 जून से 14 नवम्बर तक के लिए बंद कर दिया जाता है। इस बार कार्बेट में पर्यटकों के भारी संख्या में आने से पार्क में काफी गहमा-गहमी रही। कार्बेट टाईगर रिजर्व से मिले आंकडों के मुताबिक इस पर्यटन सीजन में अक्टूबर 09 से अप्रैल 2010 तक 126650 पर्यटकों ने पार्क का भ्रमण किया, जिनमें 6688 विदेशी तथा स्वदेशी पर्यटकों की संख्या 119962 रही। पार्क भ्रमण पर आये इन पर्यटकों से 40428726 रुपये का राजस्व मिला।इनमें मई से सितम्बर तक के आंकडे़ अभी शामिल नहीं हैं। गत वर्ष अक्टूबर 08 से सितम्बर 09 तक पार्क को 31224833(तीन करोड़ बारह लाख चौबीस हजार आठ सौ तैंतीस) रुपये का राजस्व मिला था। इस लिहाज से इस पर्यटन सीजन में सीटीआर को पर्यटकों को पिछले सीजन की तुलना में 9203893 का राजस्व अधिक मिला है।

मई से सितम्बर तक के आंकड़े आ जाने पर यह राजस्व और बढ़ जायेगा। अब पांच माह के लिए पर्यटकों की आवाजाही बंद होने से कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान में वन्य प्राणी पर्यटकों के कोलाहल से दूर स्वच्छन्द विचरण कर सकेंगे। बिजरानी पर्यटन जोन 30 जून तक पर्यटकों के दैनिक भ्रमण हेतु खोला जायेगा। इस बीच यदि मानसून के कारण बिजरानी क्षेत्र में मार्ग क्षतिग्रस्त हुये तो बिजरानी जोन को कभी भी बन्द किया जा सकता है।

Devbhoomi,Uttarakhand

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गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में धारा 144 लागू



उत्तरकाशी। जिलाधिकारी सौरभ जैन ने पर्यावरण की दृष्टि से गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम को स्वच्छ व निर्मल बनाये रखने के लिए दोनों धामों में दो माह तक धारा 144 लागू कर दी है।

डीएम सौरभ जैन ने बताया कि गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में गंगा यमुना जैसी पवित्र नदियों का उद्गम स्थल है। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता उपभोग के बाद इस क्षेत्र में पॉलीथिन, प्लास्टिक कैरी बैग आदि को इन धामों, पिकनिक स्थलों एवं पवित्र घाटों तथा उच्च हिमालय क्षेत्र में बिखरा देते हैं, जिससे इन स्थानों में प्रदूषण बढ़ रहा है।

 स्थानीय व्यापारियों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों एवं पर्वतारोही इस क्षेत्र में पॉलीथिन, प्लास्टिक का कूड़ा यात्रा सीजन में फैलाते हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि धारा 144 के अंतर्गत यमुनोत्री एवं गंगोत्री धामों में सभी प्रकार के पॉलीथिन कैरी बैग, प्लास्टिक आदि के व्यापार एवं व्यापारिक प्रदर्शन व इनके उपयोग पर निषेधाज्ञा लागू की गई है। यह निषेधाज्ञा दो माह तक प्रभावी रहेगी।

 दोनो धामों में तैनात यात्रा मजिस्ट्रेट द्वारा इसका प्रभावी क्रियान्वन कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कोई स्थानीय व्यापारी, स्थानीय निवासी, यात्री, पर्यटक इसका उपयोग करता हुआ पाया गया तो उस पर एक हजार का अर्थदंड तथा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6520195.html

Devbhoomi,Uttarakhand

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                    गंगा आरती के साथ राफ्टिंग सत्र समाप्त

राफ्टिंग कंपिनयों ने मां गंगा की आरती के साथ इस वर्ष के राफ्टिंग सत्र का समापन किया। दो महीने के विराम के बाद सितंबर में दोबारा राफ्ट गंगा में उतरेंगी।

गंगा में राफ्टिंग व्यवसाय से जुड़ी सभी 109 कंपनियों ने बुधवार को सत्र की अंतिम राफ्टिंग की। इस अवसर पर सभी राफ्टिंग कंपिनयों ने कौडियाला से लेकर खारास्रोत मुनिकीरेती तक के गंगा तटों पर फैले कूड़े को एकत्र कर उसे स्पर्श गंगा, क्लीन गंगा व अभिलाषा संस्था की सहायता से निस्तारण के लिए भेजा। इस दौरान सभी कंपनियों व संस्थाओं से जुड़े लोगों ने गंगा तट पर हवन व मां गंगा की आरती कर सत्र का समापन किया। इस अवसर पर साहसिक पर्यटन समिति के अध्यक्ष दीपक भट्ट ने कहा कि व्यवसाय व पर्यटकों की संख्या के लिहाज से यह सत्र बढि़या रहा है, साथ ही हजारों स्थानीय युवाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिला है। उन्होंने एक बार फिर बीच कैंपिंग के लिए पांच वर्ष तक लीज के आवंटन की मांग की है। स्पर्श गंगा अभियान के संयोजक चंद्रवीर पोखरियाल ने कहा कि संस्था लगातार राफ्टिंग कंपनियों के साथ मिलकर गंगा तटों को साफ रखने का प्रयास कर रही है। इसी क्रम में सत्र समाप्ति के अवसर पर गंगा तटों पर सफाई अभियान चलाया गया, जिसमें करीब 50 कट्टे कूड़ा एकत्र किया गया है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_6533193.html

 

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