Author Topic: Gairsain: Uttarakhand Capital - गैरसैण मुद्दा : अब यह चुप्पी तोड़नी ही होगी  (Read 85686 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बहुत ही शर्म की बात है... हमारे राजनेता इतनी नीच हो सकते है.. इसका अंदाजा नहीं था!

दुसरे शब्दों में.... चोर ही ये.... चोर...

विधानसभा में पेश संकल्प पर भाजपा-कांग्रेस-बसपा और यूकेडी (डी) के सदस्य कुछ नहीं बोले
गैरसैंण पर सदन में छाई चौंकाने वाली चुप्पी
अमर उजाला ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी गैरसैंण को बनाने के मुद्दे पर शुक्रवार को सभी प्रमुख सियासी दलों की पोल खुल गई। इस मुद्दे से जुड़ा संकल्प विधानसभा में आया तो सभी दलों के नेताओं ने चुप्पी साध ली। अहम बात यह है कि यूकेडी की तरफ से इस संकल्प को लाने की कोशिश कई वर्षों से चल रही थी। नेताओं की खामोशी से तो यही लगता है कि इनकी चाहत देहरादून को ही राजधानी बनाए रखने की है।
प्रदेश की राजधानी गैरसैंण बनाने की मांग के पीछे प्रमुख तर्क इसका गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के बीच स्थित होना है। राजधानी चयन के लिए सरकार ने दीक्षित आयोग का गठन किया पर उसने दून को सर्वश्रेष्ठ विकल्प बताया। गैरसैंण को उसने जनभावनाओं से जुड़ी मांग करार दिया। इस मुद्दे पर लंबी चुप्पी के बाद शुक्रवार को जब विधानसभा में यूकेडी (पी) के पुष्पेश त्रिपाठी ने गैरसैंण को राजधानी बनाने का संकल्प सदन में प्रस्तुत किया तो सभी दलों का व्यवहार चौंकाने वाला था। भाजपा और कांग्रेस की तरफ से एक भी वक्तव्य पक्ष या विपक्ष में नहीं आया। बसपा से आशा भी नहीं थी यूकेडी (डी) के ओमगोपाल रावत और दिवाकर भट्ट भी खामोश रहे। कभी बसपा में रहे काजी निजामुद्दीन जरूर गैरसैंण के हक में बोले, मगर उन्हें ताली नहीं मिली। गोया दबी जुबान में यह प्रतिक्रिया सुनने को मिली कि यह क्या मुसीबत आ गई। आखिरकार संकल्प निर्ममता के साथ दफन कर दिया गया।
गैरसैंण को राजधानी बनाने पर चर्चा नामंजूर
देहरादून। गैरसैंण को राजधानी घोषित करने के संकल्प पर चर्चा सदन में नामंजूर हो गई। पुष्पेश त्रिपाठी के संकल्प प्रस्ताव पर सभी सदस्य खामोश रहे। नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष सदन में नहीं थे। सिर्फ बसपा के असंबद्ध विधायक काजी निजामुद्दीन ने प्रस्ताव का समर्थन किया। पुष्पेश त्रिपाठी ने 27 फरवरी, 2009 को राज्य की राजधानी गैरसैंण घोषित करने का संकल्प सदन में प्रस्तुत किया था। कुछ समय से त्रिपाठी इस पर बोलने से बच रहे थे। लिहाजा इस संकल्प पर चर्चा का मसला खिंचता रहा। शुक्रवार को सदन में पुष्पेश इस पर बोले और गैरसैंण को राजधानी बनाने के पक्ष में तर्क दिए। संकल्प पर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने दीक्षित आयोग की रिपोर्ट का हवाला दिया। कहा कि 2006 का एक आश्वासन भी आश्वासन समिति में लंबित है। प्रावधान है कि सदन में एक ही विषय पर दो बार अलग-अलग चर्चा नहीं की जा सकती है। पीठ की ओर से चर्चा को अस्वीकृत कर दिया गया। इसका विरोध जताते हुए पुष्पेश ने सदन से बहिर्गमन किया।
http://epaper.amarujala.com/svww_index.php

Devbhoomi,Uttarakhand

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राजधानी का सवाल नहीं उठाया राष्ट्रीय दलों ने
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गैरसैंण राजधानी के मुद्दे पर उत्तराखण्ड क्रांतिदल के विधायक पुष्पेश त्रिपाठी द्वारा संकल्प प्रस्ताव पेश करने का यूकेडी ने स्वागत किया है। जबकि इस सवाल पर कांग्रेस व भाजपा के विधायकों ने बहस में ही हिस्सा नहीं लिया। दोनों राष्ट्रीय पार्टियों ने गैरसैंण के सवाल पर चुप्पी साधी हुई है। उक्रांद कार्यकर्ताओं ने राजधानी गैरसैंण बनाए जाने का संकल्प दोहराया। इस बाबत हुई बैठक में महेश परिहार, ललित कुमार, किशोरी लाल वर्मा, बहादुर राम, एलडी शर्मा, मनोज कुमार, गिरीश नाथ, महेश पांडे, देव सिंह व बसंत जोशी सहित अनेक लोग मौजूद थे।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7496093.html

Devbhoomi,Uttarakhand

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राजधानी के मुद्दे को लेकर सरकार का पुतला फूंका
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गैरसैंण राजधानी बनाने के मुद्दे पर प्रदेश सरकार की चुप्पी से खफा उक्रांद कार्यकर्ताओं ने रविवार को मुख्य बाजार में प्रदेश सरकार का पुतला फूंका।

रविवार को जिलाध्यक्ष सत्य प्रसाद की अगुवाई में उक्रांद कार्यकर्ता मुख्य बाजार में एकत्र हुए। यहां से सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पैट्रोल पंप, उमा देवी तिराहे होते हुए बस स्टेशन पर पहुंचे, जहां उन्होंने सरकार का पुतला फूंका।

इस दौरान मोहन भंडारी, केदार सिंह रावत, मदन मोहन, घनश्याम, त्रिलोक सिंह, मोहन रावत, दर्शन सिंह, अरूण शाह आदि मौजूद थे। इसके बाद कार्यकर्ताओं की आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि उक्रांद आसन्न विधानसभा चुनावों में तीनों सीटों पर प्रत्याशी खड़ा करेगी।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7498025.html

Himalayan Warrior /पहाड़ी योद्धा

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We need Rajdhani. Gairsain.. and gairsain only.

हेम पन्त

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निवेदन पत्र
अगस्त मे म्यर उत्तराखंड ग्रुप गैरसैण यात्रा का विचार कर रही है हर साल की तरह इस साल भी हम सब म्यर उत्तराखंड ग्रुप के साथी गैरसैण को राजधानी बनाने की मांग को लेकर गैरसैण मे रैली करंगे. इसके लिए आप सभी ग्रुप और पहाड़ के सभी समाज सेवकों से अनुरोध है की आप सभी इस रैली मे साथ आये. इस बार म्यर उत्तराखंड ग्रुप आप सभी साथियों के साथ इस रैली को करने का प्रस्ताव रखता है. म्यर उत्तराखंड ग्रुप को उमीद है की आप सभी लोग अपने ग्रुप और सामाजिक संगठनो के साथ गैरसैण पहुचंगे.

धन्यवाद
हरीश रावत
सचिव - म्यर  उत्तराखंड

पंकज सिंह महर

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गैरसैंण के लिए जंग का ऐलान
« Reply #285 on: May 23, 2011, 02:33:59 AM »
देहरादून, जागरण संवाददाता:
 दस सालों में उत्तराखंड भ्रष्टाचार का बड़ा केंद्र बन गया है और आंदोलन के दौर के मुद्दे पूरी तरह भुला दिए गए। राज्यवासियों के दिलोदिमाग में बसा गैरसैण राजधानी का मुद्दा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। चौमुखी विकास, रोजगार के सपने धूल-धूसरित हो गए। इन्हीं सवालों को लेकर विभिन्न जन संगठनों ने फिर से जंग का ऐलान किया है, जिसकी शुरुआत जनजागरण यात्रा से होगी। इस मुहिम में शामिल होने प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे भी एक जून को देहरादून पहंुच रहे हैं। इसी दिन उनका लोकपाल बिल को लेकर दूनवासियों के साथ परिचर्चा का कार्यक्रम भी है। उत्तराखंड लोक वाहिनी, उत्तराखंड महिला मंच व चेतना आंदोलन की संयुक्त पहल पर राजधानी में हुई विभिन्न जनसंगठनों की दो-दिवसीय बैठक में उक्त फैसले लिए गए। रविवार को चकराता रोड स्थित होटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में लोक वाहिनी के डॉ. शमशेर सिंह बिष्ट, महिला मंच की कमला पंत, चेतना आंदोलन के त्रेपन सिंह चौहान, केदारघाटी बचाओ संघर्ष समिति की सुशीला भंडारी, जनजागरण यात्रा संयोजक बीसी तिवारी ने बैठक के फैसलों की जानकारी दी। जनसंगठनों ने तय किया कि जनजागरण यात्रा की शुरुआत के लिए देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान के नायक अन्ना हजारे को बुलाया जाए और श्री हजारे ने इसके लिए सहमति भी दे दी है। उनके साथ स्वामी अग्निवेश, किरण बेदी, मुकेश केजरीवाल आदि के पहुंचने की भी संभावना है। इस सिलसिले में एक जून को गांधी पार्क में सुबह दस बजे से आमसभा रखी गई है। इसके बाद लोकपाल बिल पर खुली परिचर्चा होगी। उन्होंने बताया कि एक जून को जनजागरण यात्रा का श्रीगणेश भी होगा। इसके बाद पांच जून से अल्मोड़ा से यात्रा चलेगी और 15 जून को इसका समापन दून में होगा। यात्रा के केंद्र में राजधानी गैरसैण है। गैरसैण किसी जगह का नाम नहीं, बल्कि यह एक पूरा विचार है और उत्तराखंड के विकास से जुड़ा प्रश्न है। उन्होंने कहा कि जिस भूकंपीय क्षेत्र की बात कही जा रही है, उसमें टिहरी बांध भी पड़ता है। जब बांध बन सकता है तो गैरसैंण राजधानी क्यों नहीं। उन्होंने बताया कि जनसंगठनों ने यह भी निर्णय किया है कि वर्ष 2012 के विस चुनाव में हस्तक्षेप किया जाए।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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I fully endorse the views of Dainik Jagran Reporter.

One of the most crucial issues of Uttarakhand has been sidelines by Politicians.

This is high time for the social workers and supporter of Gairsain to intensifiy the agitation for Gairsain.

We need the capital to be Gairsain at any cost.


देहरादून, जागरण संवाददाता:
 दस सालों में उत्तराखंड भ्रष्टाचार का बड़ा केंद्र बन गया है और आंदोलन के दौर के मुद्दे पूरी तरह भुला दिए गए। राज्यवासियों के दिलोदिमाग में बसा गैरसैण राजधानी का मुद्दा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। चौमुखी विकास, रोजगार के सपने धूल-धूसरित हो गए। इन्हीं सवालों को लेकर विभिन्न जन संगठनों ने फिर से जंग का ऐलान किया है, जिसकी शुरुआत जनजागरण यात्रा से होगी। इस मुहिम में शामिल होने प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे भी एक जून को देहरादून पहंुच रहे हैं। इसी दिन उनका लोकपाल बिल को लेकर दूनवासियों के साथ परिचर्चा का कार्यक्रम भी है। उत्तराखंड लोक वाहिनी, उत्तराखंड महिला मंच व चेतना आंदोलन की संयुक्त पहल पर राजधानी में हुई विभिन्न जनसंगठनों की दो-दिवसीय बैठक में उक्त फैसले लिए गए। रविवार को चकराता रोड स्थित होटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में लोक वाहिनी के डॉ. शमशेर सिंह बिष्ट, महिला मंच की कमला पंत, चेतना आंदोलन के त्रेपन सिंह चौहान, केदारघाटी बचाओ संघर्ष समिति की सुशीला भंडारी, जनजागरण यात्रा संयोजक बीसी तिवारी ने बैठक के फैसलों की जानकारी दी। जनसंगठनों ने तय किया कि जनजागरण यात्रा की शुरुआत के लिए देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान के नायक अन्ना हजारे को बुलाया जाए और श्री हजारे ने इसके लिए सहमति भी दे दी है। उनके साथ स्वामी अग्निवेश, किरण बेदी, मुकेश केजरीवाल आदि के पहुंचने की भी संभावना है। इस सिलसिले में एक जून को गांधी पार्क में सुबह दस बजे से आमसभा रखी गई है। इसके बाद लोकपाल बिल पर खुली परिचर्चा होगी। उन्होंने बताया कि एक जून को जनजागरण यात्रा का श्रीगणेश भी होगा। इसके बाद पांच जून से अल्मोड़ा से यात्रा चलेगी और 15 जून को इसका समापन दून में होगा। यात्रा के केंद्र में राजधानी गैरसैण है। गैरसैण किसी जगह का नाम नहीं, बल्कि यह एक पूरा विचार है और उत्तराखंड के विकास से जुड़ा प्रश्न है। उन्होंने कहा कि जिस भूकंपीय क्षेत्र की बात कही जा रही है, उसमें टिहरी बांध भी पड़ता है। जब बांध बन सकता है तो गैरसैंण राजधानी क्यों नहीं। उन्होंने बताया कि जनसंगठनों ने यह भी निर्णय किया है कि वर्ष 2012 के विस चुनाव में हस्तक्षेप किया जाए।


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स्थायी राजधानी बने गैरसैंण, भ्रष्टाचार का खात्मा

 

 अल्मोड़ा: उत्तराखण्ड क्रांतिदल ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार स्थायी राजधानी, भ्रष्टाचार सहित अन्य विषयों पर कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा।

ज्ञापन में प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों की सम्पत्तियों की सीबीआई की जांच की मांग की गई है। राजधानी गैरसैंण को बनाए जाने की मांग करते हुए कहा है कि यह जनभावनाओं के अनुकूल है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित कौशिक समिति की रिपोर्ट में यह बात पहले ही आ चुकी है। इसके लिए बाबा मोहन उत्तराखण्डी ने आमरण अनशन कर अपने जीवन का बलिदान भी दिया था।


 ज्ञापन में 11 वर्षो के बाद भी उत्तर प्रदेश के विकल्पधारी कर्मचारी, शासन-प्रशासन की ढिलाई के चलते उत्तर प्रदेश को अवमुक्त नहीं किए गए हैं। जिससे कर्मचारियों के प्रोन्नत के अवसर तो प्रभावित हो ही रहे हैं। यहां के बेरोजगारों को रोजगार का टोटा हो रहा है। लगातार बढ़ रही महंगाई पर राज्य केंद्र पर व केंद्र राज्य के मत्थे मढ़कर अपना-अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, जो ठीक नहीं है।

राज्य सरकार अपनी ओर से सभी आवश्यक वस्तुओं को सरकारी सस्ता-गल्ला की दुकानों में उपलब्ध कराए, राशनकार्ड के आधार पर राशन वितरण के स्थान पर यूनिट को मानक बनाकर राशन वितरण कर महंगाई को रोकने का प्रयास किया जाना चाहिए। रसोई गैस में राज्य सरकार द्वारा प्रति सिलेंडर सब्सिडी दी जानी चाहिए।


 राज्य आंदोलनकारी चिह्नीकरण के मानकों में परिवर्तन सहित अनेक मांगें शामिल की गई हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री को भी एक ज्ञापन प्रेषित किया है। जिसमें समूह ग की भर्तियों में निर्धारित मानकों में संशोधन तथा स्थानीय बोलियों को प्राथमिकता दिए जाने के शासनादेश की बहाली की मांग की है


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8038238.html

हेम पन्त

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काम छु कठिन पर नामुमकिन नहैं ...आओ मिलाओ हाथ, सब भै-बैण..
तुम लै भागीदार बनो, बनुहू उत्तराखंड राजधानी गैरसैण....

ठान एछौ मन में आज.. पुर करण-क सबुक स्वैण...
... टाळ हैलो बहुत दिनां बे...अब बनानू उत्तराखंड-क राजधानी गैरसैण..
राजनितिक दल, राजनेता, फौंक्बाज़ बस कन्नै रैंल,
स्वैण छु हमौर..पै सच करूहूँ और को जैंल...

काम छु कठिन पर नामुमकिन नहैं ...आओ मिलाओ हाथ, सब भै-बैण..
तुम लै भागीदार बनो, बनुहू उत्तराखंड राजधानी गैरसैण.... 
और ले छन समस्या हमर यश ले सोचिल कुछ दगडू
भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, गरीबी छोडी बे गैरसैण पछिल किलै पडू
ठिक सोच्छा अपु.. हम लै तुमर दगड़ छूं ददा भुलु..
पर कैं तो करण पड़ली शुरुआत यौ लिजि हम गैरसैण चलु...

काम छु कठिन पर नामुमकिन नहैं ...आओ मिलाओ हाथ, सब भै-बैण..
तुम लै भागीदार बनो, बनुहू उत्तराखंड राजधानी गैरसैण....

देश-म भ्रष्टाचार कां नहैं, बेरोजगारी दुनिया म फैली...
गरिबिक यश हाल छु भैया, दुध बे सस्ती छु शराब-क थैली..
देश वाई परदेश लिजि महत्वपूर्ण हैछौ राजधानी..
वैं बटी विकास योजना बननि और एंछौ बिजुल पाणी..
दगडू, उत्तराखंड प्रदेश छु गरीब किसानुक.. जो रूणी पहाड मजी..
कसीक पहुंचाल अपण दुःख व्यथा राजधानी, जो छु इतू दूर बसी..

काम छु कठिन पर नामुमकिन नहैं ...आओ मिलाओ हाथ, सब भै-बैण..
तुम लै भागीदार बनो, बनुहू उत्तराखंड राजधानी गैरसैण....

जाँ ननाहूँ दूध नहैं वाँ शहर जाहूं डबल कद बे एँल ..
कशी करला गौं म विकासक आशा जब नेता शहरक चमकें चैल
किलेकी जाँ होली राजधानी ऊ तो वोट मांगहु वेंई जैल
शहरक विकास हुने रौल गरीब जस छि तस्स रेंल
गरीबी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी ले उस्से रौली..
शहर और गौं म फर्क हन्ने जाल गैण..

काम छु कठिन पर नामुमकिन नहैं ...आओ मिलाओ हाथ, सब भै-बैण..
तुम लै भागीदार बनो, बनुहू उत्तराखंड राजधानी गैरसैण....

यौ नि हुन...ऊ नि हुन..कै बेर के नि हुन..
जब पिस्छा पिसि इजू .. ग्यौं दगड़ पिसछौ घुन...
चिपको आन्दोलन म कूदी कदूगै-ज मातृभूमि भक्त मैश सैण...
वी भाव चै हमुकें आज, बनाहूँ उत्तराखंड-क राजधानी गैरसैण....
कसीक नि हौल पुर हमर तुमौर यौ स्वैण ...
मिलबे करुल तो गोल ज्यू ले है जाल दैणं..

काम छु कठिन पर नामुमकिन नहैं ...आओ मिलाओ हाथ, सब भै-बैण..
तुम लै भागीदार बनो, बनुहू उत्तराखंड राजधानी गैरसैण...
 
-------संजूपहाड़ी

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Rajdhani.. Kewal Gairsain...

We all must peacefully intensify our demand for capital.

 

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