Author Topic: Poems Written by Shailendra Joshi- शैलेन्द्र जोशी की कवितायें  (Read 98882 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
30 mins ·

बर्खान दे
आपदा कु रैबार
नेता ह्वै गिन
खुस हापार
चला बँटला
पीड़ा कु पैणा
गौ गौ होला
दैणा द्यब्ता सी
फोटो खीच वाला
थकुली बजे बजिकी
ठौंङी पिटवाला
मुर्दा मरी तुमरु
आंसू बग्ना म्यारा
जल्दी आपदा बजट
रिलीज होलु खैरी जाली
फिर होलु घोटाला
सुन्नु छे रे लठयाला .......शैलेन्द्र जोशी
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
14 hrs ·

मुखडी छोड़ा भैजी
जिकुड़ी रंगन वल्ली
फेयर लवली छे च
क्या बाजार मा
ज्यु फुकी जली
काली जिकुड़ी
तै गोरी कर दिउ .......शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
18 hrs ·

उन आँखों मे
कुछ तो बात है
न जाने क्यों
जो भी झाके
वो ही बन गया
उस राधा का
बाके बिहारी .......शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
July 9 at 1:01am ·

कोहरे ने लपेट लिया
अपनी बाँहो मे पहाड़ को
ये देख आसमान
काला पड़ गया
कुछ बन न सका उससे
तो झुमके बरस गया .......शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi 

धारा रोड़ा धारा सुख गिनी जमाना पैली
पर गीतों गंगा की धारा बगीनी
वि पौड़ी बिटि अज्यु बि
तर छप पाणी सी बगाणु गीतों की धारा
वू भागीरथ गित्वु नरु
धन छे तू बि अजीत
जैन सीखे नरु तै गीत संगीत
धारा रोडे वू दूकान बि धन
जख बैठी करदू छौ नरु रियाज
घंटो घंटो रियाज
लुग बोलदन उषासिले मशीनै दुकानी मा
बैठी करदू छो नरु बैठी कही घंटा रियाज
धन छे वू केसव अनुरागी बि
ज्यू रेडियो मा खोजी लै
पहाड़ कु सुर रतन
धन छे नरु खुद बि
जैका गीत संगीतंन
उतराखंड तै दे एक पहचान .....................शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
July 27 at 2:59pm ·

कोरे कागज मे
आड़ी तिरछी
आकृतियों को
खिच पहाड़
बनाना जितना
सरल है
पहाड़ के प्रक्रति
को समझना
उतना कठिन
पहाड़ की बेचेनी
को समझनी के
लिये पहाड़ जैसा
हिरदय नहीं
नदी निर्मल
दिल चाहिये..........शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
July 24 at 6:22pm ·

दुन्या की तिरवेणी मा
म्यरी अंसुलै सरसुती
ह्वेकी बि नि दिखली
इतगा जिद्द तेरी त
तिल दिखण ही दिखण
सरसुती म्यरी
त बस
दिखा जाली त्वैकु बि
बस जिकुडा तै
कावंसु करी दे अपणा .........शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
July 23 at 1:11pm ·

पैली नि देखी कबि
त्वैकु इन्नु सजी धजी
कख जानि
रंगली पिंगली बनी हो
पैली नि पूछी कबि कैन
आज पूछी त बतै द्यौ
जवनि ऐगी मैमू
कै पायी कै चितई
जवनि देखी तिन भयी
चकोर सी आँखि
ह्वेगी दुन्या की म्यरी
जवनि देखी
यी जवनि सिंगार कु
क्वी त मायादार
होलु साँचु
अब साँचु हो या काचु
अबि त जवनि का
रंग मा रंगयु च
सच बोलू त तेरु
रूप देखी आज मि
ढगै ग्यो
सच्ची तू ढगै त
क्या चकडैती
नौ च जवनि .........शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
August 10 at 1:45am · Edited ·

गीत गावा त कुछ ईन गावा सुणीक
अमरिका कु स्टीफन फ्यौल बि
फयूली दास हवे जौ
गीत गावा त कुछ ईन गावा सुणीक
उड़िया मुलौ प्रभात कुमार सारंगी
गाण लग जौ नारंगी की दाणी
गीत गावा त कुछ ईन गावा सुणीक
कन्दुड भग्यान हवे जौ
गीत गावा त कुछ ईन गावा सुणीक
धित ही नि भरू सुण सुणीक
गीत गावा त कुछ ईन गावा सुणीक
मन नाचौडिया ह्वे जौ
गीत गावा त कुछ ईन गावा सुणीक
सरकार की हार हवे जौ
गीत गावा त कुछ ईन गावा सुणीक
जनता जाग जौ
गीत गावा त कुछ ईन गावा सुणीक
भूली बिसरी लोक भासा मा
एक नयी जोत जग जौ
गीत गावा त कुछ ईन गावा सुणीक
गितैर वी मुल्क संस्कृति कु
ब्रांड एंबेसडर हवे जौ
गीत गावा त कुछ ईन गावा सुणीक
मनखी उतराखंडी हवे जौ
गीत गावा त कुछ ईन गावा सुणीक
सुणदरा बोलुन कख बिटि आदन
नरेन्द्र सिंह नेगी मा ईना इना शब्द
रचना................शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi
August 10 at 6:45pm ·

वो छोटी
सच्ची अच्छी
बच्ची
भी एक दिन
दुनियादारी के
रिवाजो मे
बचपन की
मासूमीयत खो देगी
उसकी चंचलता सारी
सिमट जायेगी
दुनिया घोर
गंभीरता के आगे
उसका भोलापन
पीछे छूट जायेगा
फिर वो छोटी
सच्ची अच्छी
बच्ची भी
दुनिया जैसी हो
जायेगी बिलकुल
दो रंगी ......................शैलेन्द्र जोशी

 

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