प्राथमिक चिकित्सा
-
चरक संहितौ सर्व प्रथम गढ़वळि अनुवाद
खंड - १ सूत्रस्थानम , पंदरवां अध्याय (उपकल्पनीय अध्याय ) पद ८ बिटेन -१० तक
अनुवाद भाग - ११९
गढ़वाळिम सर्वाधिक पढ़े जण वळ एकमात्र लिख्वार-आचार्य भीष्म कुकरेती
-
!!! म्यार गुरु श्री व बडाश्री स्व बलदेव प्रसाद कुकरेती तैं समर्पित !!!
--
साधन द्रव्य कट्ठा करणो उपरान्त व्यक्ति तै मथ्याक विधि द्वारा स्वेदन व स्नेहन कराण चयेंद। स्नेहन या स्वेदन क्रिया मध्य यदि व्यक्ति तै अचाण चक तीब्र बेदना , या मानसिक व्याधि ह्वे जावो तो क्रिया तुरंत बंद कर दीण चयेंद अर पैल व्याधि प्रतिकार करण चयेंद। ये व्याधि प्रतिकारम जथगा बि दिन लगन तथगा दिन रोगी तैं आराम करण चयेंद। ८।
फिर व्यक्ति तैं स्वेदन व स्नेहन करायिक बिठायिक, पैल दिनक हूण पर , सम्पूर्ण अंगों स्नान करायिक ,सरैल पर चंदन आदि लेप लगाइक,माळा पैरैक ,साफ़ व उत्तम वस्त्र पैरैक , दिवता , ब्राह्मण , गुरु वृद्ध व वैद्य की पूजा कराइक , पुण्य नक्षत्र , तिथि म बामणों से मंगल पाठ करैक ,आशीर्वाद मंत्रों से अभिंत्रित शहद , मुलैठी , गुड़ , सेंधवा लूण से युक्त क्वाथ उचित मात्रा म पिलाण चयेंद। ९।
मदनफल क क्वाथ की मात्रा सम्पूर्ण खोज व पुरुष तै देखि निश्चित करे जांद । जथगा मात्रा से शरीर क विकार भैर ऐ जावन अर अतियोग आदि रोग उतपन्न नि कार उथगा इ क्वाथ मात्रा वैद्य तै दीण चयेंद। १०।
-
*संवैधानिक चेतावनी : चरक संहिता पौढ़ी थैला छाप वैद्य नि बणिन , अधिकृत वैद्य कु परामर्श अवश्य
संदर्भ: कविराज अत्रिदेवजी गुप्त , भार्गव पुस्तकालय बनारस ,पृष्ठ १८९ बिटेन १९० तक
सर्वाधिकार@ भीष्म कुकरेती (जसपुर गढ़वाल ) 2021
शेष अग्वाड़ी फाड़ीम
चरक संहिता कु एकमात्र विश्वसनीय गढ़वाली अनुवाद; चरक संहिता कु सर्वपर्थम गढ़वाली अनुवाद; ढांगू वळक चरक सहिता क गढवाली अनुवाद , चरक संहिता म रोग निदान , आयुर्वेदम रोग निदान , चरक संहिता क्वाथ निर्माण गढवाली , चरक संहिता का प्रमाणिक गढ़वाली अनुवाद