Author Topic: Pilgrimages In Uttarakhand - उत्तराखंड के देवी देवता एव प्रसिद्ध तीर्थस्थल  (Read 64849 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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 देवरा यात्रा पर निकले तुंगेश्वर 



रुद्रप्रयाग, जागरण कार्यालय: तल्लानागपुर क्षेत्र के पंचकोटी के ग्यारह गांव की घर देवारा यात्रा के बाद आज भगवान तुंगेश्वर की उत्सव डोली चोपता पहुंची। जहां दूर-दराज से बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। एक वर्ष से अधिक समय तक देवरा यात्रा पर रहने बाद फ्लासी में बन्याथ का आयोजन भी किया जाएगा।
ज्ञात हो कि 24 जनवरी से भगवान तुंगेश्वर ने 25 वर्षो बाद फ्लासी गांव से अपनी घर देवारा यात्रा शुरू की थी। जो पंचकोटी के गांव फ्लासी, गडिल, बच्छनी, उर्खोली, तडाग, खाली, कांडा, क्यूडी, कोलू, भन्नू, दानकोट, कुंडा, जाखाणी, भटवाडी के बाद गत रात्रि चोपता पहुंची। रात्रिभर दूर-दराज से आए भक्तों ने कीर्तन-भजन करके जागरण किया गया। रविवार को पुजारी ने भगवान तुंगेश्वर की पूजा-अर्चना करके आरती की। इसके बाद भगवान ने चोपता बाजार में भक्तों को दर्शन देकर यात्रा शुरू की। आज से तीन दिनों तक भगवान मलाऊ गांव की देवरा यात्रा पर रहेंगे। इसके बाद भगवान की उत्सव डोली को मंदिर परिसर में ले जाया जाएगा। और भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद वह फिर उत्तर दिशा की देवरा यात्रा पर निकलेंगे। चारों दिशाओं की यात्रा करने के बाद फ्लासी में बन्याथ का आयोजन भी किया जाएगा।
इस यात्रा में भूतेर, क्षेत्रपाल, देवी एवं भगवान तुंगेश्वर के निशाण भी डोली के साथ-साथ चल रहे हैं। देवरा यात्रा में बड़ी संख्या में कई गांवों के ग्रामीण प्रतिभाग कर रहे हैं। मान्यता है कि यात्रा काल के दौरान यदि भगवान से कोई मनोकामना की जाती है, तो वह अवश्य ही पूर्ण होती है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष विनोद सिंह रावत ने बताया कि भगवान तुंगेश्वर घर दिवारा यात्रा के बाद चारों दिशाओं की यात्रा पर निकलेंगे। यात्रा लगभग एक वर्ष से अधिक समय तक चलेगी। जिसके बाद महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा।

Devbhoomi,Uttarakhand

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नीति में भी है एक अमरनाथ
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अमरनाथ गुफा की भांति नीति महादेव भी गुफा के अंदर हैं। वर्षभर में मात्र चार-पांच महीने ही श्रद्धालुओं को यहां दर्शन करने का अवसर मिलता है। गुफा के अंदर स्थित शिवलिंग का वर्षभर प्राकृतिक जलधारा से जलाभिषेक होता रहता है। पहले अमरनाथ की भांति ही यहां गर्मियों में बर्फ के शिवलिंग के दर्शन होते थे, पर अब सिर्फ अप्रैल तक ही इस शिवलिंग के दर्शन किए जा सकते हैं।

भारत-तिब्बत सीमा से सीमांत जिला चमोली लगा है। यहां जोशीमठ विकासखंड की नीति घाटी में नीति गांव है। नीति गांव के पास टिम्बरसैंण से लगभग आधा किमी की चढ़ाई चढ़कर नीति महादेव पहुंचा जाता है। नीति महादेव भी अमरनाथ की भांति गुफा के अंदर हैं। यहा के ग्रामीणों के आराध्य नीति महादेव में अन्य मंदिरों की भांति भगवान का शिवलिंग हैं। दशकों पहले यहां गर्मियों में भी अमरनाथ की तरह बर्फ के शिवलिंग के दर्शन करने का मौका मिलता था, लेकिन अब सिर्फ अप्रैल तक ही बर्फ के शिवलिंग के दर्शन किए जा सकते हैं। भारत-तिब्बत व्यापार के दौरान व्यापारी विशेष रूप से भारत में प्रवेश कर नीति महादेव की पूजा-अर्चना करते थे। ग्रीष्मकाल में वहां रहने वालें ग्रामीणों के अलावा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस व भारतीय सेना के जवान भी नीति महादेव पर विश्वास जताते हैं। ग्रीष्मकाल के दौरान नीति के ग्रामीणों के साथ-साथ सेना के जवानों की मौजूदगी में वहां पूजन कार्य होते हैं। नीति के ग्रामीण 87 वर्षीय राम सिंह राणा का कहना है कि नीति महादेव में पहले पूरे वर्ष बर्फ का शिवलिंग होता था, जो अब केवल अप्रैल तक ही दिखता है। उन्होंने भी वहां शिवलिंग के दर्शन किए हैं। ग्रामीण आज भी परंपरागत तरीके से नीति महादेव की पूजा करते आ रहे हैं।

इनसेट--

'भारत की सीमाओं पर शैवमत का बोलबाला रहा है। शायद इसी दौरान कश्मीर में अमरनाथ, हिमाचल व उत्तराखंड में भी कई शिव मंदिर स्थापित किए गए। बचपन में मैंने भी माता-पिता के साथ वहां पहुंचकर बर्फ के शिवलिंग के दर्शन किए हैं।'

केदार सिंह फोनिया

पूर्व मंत्री व विधायक बदरीनाथ विधान सभा क्षेत्र।

'नीति महादेव में भी अप्रैल तक अमरनाथ की भांति बर्फ के शिवलिंग के दर्शन वर्तमान में भी किए जा सकते हैं। नीति महादेव को भी अमरनाथ की तर्ज पर प्रोत्साहित किया जाए तो सीमा के गावों से पलायन रुकेगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।'

नरेन्द्र सिंह टोलिया

सहायक सेनानी आठवीं बटालियन

आईटीबीपी गौचर

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7401470.html



Anil Arya / अनिल आर्य

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Jai Maa Kamakhya Devi, Pithoragarh- yaha par mandir ke andar photo khichna mana hai. This holy pic is clicked by me with a permission of Pujari Ji __/\__

Anil Arya / अनिल आर्य

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Devi Dhoora, Gabauri- yaha se pashuo ko incl. katiyad (bhaisa) ko bali ke liye le jaya jata hai.

Anil Arya / अनिल आर्य

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Jai Maa Barahi Devi, Devidhoora, Pujari Shri Hira Ballabh Ji. Photo dated 25-12-2010

Anil Arya / अनिल आर्य

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Devidhoora, Pauranik mandir to yaha se shuru hota hai !

Anil Arya / अनिल आर्य

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Devidhoora mele mai pashan yudha ke doran proyog hone wale chhatar

Anil Arya / अनिल आर्य

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