उत्तराखन्ड के उन अमर शहिदो को सदा याद किया जायेगा जिन्होने ईस नये राज्य के लिये अपने प्राणो कि आहुति दे दि लेकिन जो सपने उन्होने ईस राज्य के लिये देखे थे ओ कब साकार होगे भगवान भरोस! हर नयी सरकार आति है नये वादो के साथ लेकिन जो भि वादा करति है ओ कभि पुरे नहि होते ! कुछ विकास हुआ है लिकिन बहुत मन्द गति से ! २ अक्टुवर १९९४ को मेरे पिताजि भि ईस रैलि मे थे उन्हे मुजफ़्फ़र नगर मे पुलिस कि लाठिया पडि जिस कारण कि आज भि उनके कमर मे दर्द कि सिकायत रहति है ! मुज्ज्फ़र नगर कान्ड के दोषियो को अभि तक सजा नहि मिलि है और ओ खुले आम आज भि मजे कर रहे है ! उन अमर शहिदो कि आत्मा को तभि सान्ति मिलेगि जब मुज्ज्फ़र नगर कान्ड के दोषियो को सजा मिलेगि !!
२ अक्टुवर दिन ९४ साल, तेरु जन्मदिन पर गान्धी हवेन ईन हाल
माग उत्तराखन्ड कि हम जाण छ दिल्ली, मुजफ़्फ़रगर मु पहुन्ची चली गेन गोली
कयी बहिन्यो कि मान्ग सुन, कत्यो मा कि गोद सुन
लाठि मारि दे बहिन्यो तै, कत्यो कि बह्गी खुन
उ शहिदो तै हमरु प्रणाम, उ मा बहिन्य़ो तै हमारु सलाम
जै नर्सिन्ग देवता जै देव भुमी उत्तराखन्ड !