शहीद मेला आज, तैयारी पूरी
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देवभूमि उत्तराखंड सदियों से वीर सपूतों की जननी रही है और यहां जन्मे रणबांकुरे समय- समय पर देश की आन-बान व शान की रक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करते रहे हैं।
ऐसा ही एक गांव सीमांत जनपद चमोली का देवाल का सैनिक बाहुल्य गांव सवाण हैं इस गांव के 22 सैनिकों ने प्रथम विश्वयुद्ध में ब्रिटिश सेना का हिस्सा बनकर अपनी वीरता का लोहा मनवाया था, उनकी याद में आज लगने वाले शहीद मेले की तैयारियां पूरी कर ली गयी है। मेले में मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी मुख्य अतिथि होंगे।
सवाण गांव की जनसंख्या 1567 है। दशकों से इस गांव का सैन्य इतिहास रहा है वर्तमान में भी गांव से 120 सैनिक विभिन्न बटालियनों में तैनात है तो 90 पूर्व सैनिक, 12 सैनिक विधवा, 30 द्वितीय विश्वयुद्ध, 12 स्वतंत्रता संग्राम सैनानी व पेशावर कांड में शामिल रहे हैं। गांव का सैन्य इतिहास यह है कि प्रथम विश्वयुद्ध जो 1914-1919 में इस गांव के 22 सैनिकों ने अपनी शहादत दी जो जर्मनी की तानाशाही के विरूद्ध लड़ा था।
इस शिलापट पर सवाण दिस विलेज 22 मैन वैंट टू द ग्रेट वार 1914-1919 टू गिव ऑफ दियर लिव्स लिखा गया है, हालांकि 22 युद्ध-वीरों में गांव के कौन सैनिक शामिल थे इसका लेखा-जोखा सैनिक बोर्ड, जिला प्रशासन के पास तक उपलब्ध नही है।
जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के अनुसार 22 सैनिकों के नामों की सूची दिल्ली, म्यूजियम या गढ़वाल राईफल्स में मिल सकते हैं। गांव के कुछ पूर्व सैनिकों के पास मौजूदा मेडलों के आधार पर 22 में से 9 नामों की पुष्टि हुई है।
इनमें जवाहर सिंह मेहरा, बादर सिंह, खीम सिंह मेहरा, बलवंत सिंह मेहरा, खुशहाल सिंह, नेत्र सिंह, पदम सिंह, राय सिंह खत्री हैं। वहीं स्वतंत्रता संग्राम सैनानी दरबान सिंह, हरक सिंह, खीम सिंह, प्रताप सिंह, कुशल सिंह रहे है जिसमें से अब मात्र काम सिंह भंडारी 92 वर्ष ही जीवित हैं।
Source Dainik Jagran