भगवान सिंह जयाड़ा November 2 ·
Editedसभी मित्रों व समस्त देशवासियों को दीपावली कि हार्दिक शुभ कामनाएं ,,आओ सब मिलकर इस दीपावली पर एक ऐसा दीप जलाएं ,जिस कि रोशनी से सब के मन का अज्ञान रुपी अन्धकार दूर हो और ज्ञान रुपी प्रकाश का संचरण हो ,,कबिता रूप में मेरा एक छोटा सा प्रयाश ,,,,
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---- एक ऐसा दीप जलाएं ----
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दीपावली का यह पावन पर्ब, ऐसी खुशियां लाए ,
मिटे तम अज्ञान का, ज्ञान का उजियारा छाए ,
हर दीप से देश प्रेम का आज ,ऐसा फैले प्रकाश ,
जिसकी लौ से समृद्ध हो,यह धरती और आकाश ,
द्वेष भाव की भावना ,दिलों से सब के मिट जाए ,
आपसी भाईचारा और अमन हर जगह छा जाए ,
अन्धकार सबके दिलों का,यह ऐसा दूर भगा दे ,
देश प्रेम और भाईचारा ,हर जन जन में जगा दे ,
दीपावली का यह पावन पर्ब, ऐसी खुशियां लाए ,
मिटे तम अज्ञान का, ज्ञान का उजियारा छाए ,
देश का कोइ भी जन,अब यहाँ भूखे पेट न सोए ,
चहुँ ओर हो यहाँ खुशहाली ,ऐसा मेरा भारत होवे ,
दीप जलाकर दिलों में अपने ,कर लो यह संज्ञान ,
इस की प्रज्वलित लौ से ,दूर हो सब का अज्ञान ,
दीप जोति से जैसे भागे,घना काला अंधनियारा ,
उसी दीप जोति से प्रभो ,कर दो मन में उजियारा ,
घर घर में छाये ख़ुशी ,और रहे सब अमन बहार ,
तभी समझेगा जन ,सच्चा दीपों का यह त्यौहार ,
आवो सब मिलकर आज एक ऐसा दीप जलाएं ,
भागे अज्ञान का अन्धकार, नया बिश्वाश जगाये ,
दीपावली का यह पावन पर्ब, ऐसी खुशियां लाए ,
मिटे तम अज्ञान का, ज्ञान का उजियारा छाए ,
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द्वारा रचित >भगवान सिंह जयाड़ा
दिनांक >०२/११/२०१३
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