Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 145334 times)

Bhishma Kukreti

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गढवाली -हास्य व्यंग्य साहित्य

 

                                                 अमेरिका किलै डर्युं च ?

                                                 

 

                                                         चबोड्या - भीष्म कुकरेती

 

    अच्काल कुछ अजाण इ होणु च , अच्काल एक डौर बि हैंक डौरसे  डरणि च.कखि फिकर डरांदी त कखि डौर फिकर  लांदि.   

         अब द्याखो ना ! सोनिया गांधी यूं.पी.ए भयात तै इकदगड़ी  रखणो बान द्वी चार मैना मा जीमण (लंच या डिनर ) दीण चांदि  पण वीं तै डौर रौंद बल कखि ममता बनर्जी न्यूत इ नि पकडलि  त हाई कमांड की बेज्जती ह्व़े जाली कोंग्रेसी  भला छन वो अफु जुत खै ल्याला पण सोनिया मैडम कि बेज्जती नि देखी सकदन.  अब जै पार्टी मा चुनाव जितणो एकी  कर्णाधार ह्वाओ त ओ सोनिया  मैडम कि बेज्जती कनै द्याखाल !  कोंगरेस्यूं तै डौर रौंद  बल कखि सोनिया मैडम की बेज्जती से कौंग्रेस हारी गे त उंक क्या हाल होला. बगैर समाज सेवा से जब सोनिया गांधी नाम से चुनाव जीते जाओ  त इन कोंगरेस्यूं न डर्ख्वा हूणि च. बगैर छत्र छाया डौर पैदा करदी

    जब सोनिया गांधी ममता बनर्जी तै जीमणो न्यूत दीन्दी त ममता  बि डौरि जांदि . अब ज्वा वा बगैर ना नुकुर कौरिक सीदा जीमण मा जांदि त ममता को बंगाली गर्व मा गिरावट को भय ह्व़े जांद  कि ममता जन नेत्याणि बगैर स्वांग, बगैर नाटक  का डिनर या लंच खाणि च. छवि मा गिरावट की डौर त भगवान तै बि होंद .त फिर ममता क्या चीज च.  अछा अर जु ममता डिनर मा नि जांदि त ममता तै डौर ह्व़े जांदि बल कखि मुलायम का खाम (सपोर्ट) कोंग्रेस अर यूं पी ए. काम नि ऐ जावन! फिर डरदा डरदा या त अफु जांदि या अपण  भुर्त्यों (नुमायन्दो ) तै जीमण मा भेजि दीं दि  तबि त बुल्दन  बल एक डौर हैंकि डौर पैदा करदी . बेज्जती क डौर हैंकी डौर पैदा करदी

               इना मुलायम सिंग  बि डरणा रौंदन. मुलायम सिंग कि डौर च कि कखि ममता अपण भयात धरम निभाण मिसे जावु त फिर कोंगरेस्यूं तैं   मुलायम की डौर इ नि रालि. कोंगरेस्यूं तैं मुलायम से तबि तलक डौर च जब तलक ममता बनर्जी  कौंग्रेस्यूं  तैं डराण बन्द नि करि  द्याओ. ममता तै बि डौर च बल जु वा कौंग्रेस्यूं तैं बिंडी डराँदि  त कखि बंगाल राज्य तै मनचाहा इमदाद बन्द नि ह्व़े जाउ. इमदाद की चाह मा ममता बनर्जी बि कखि ना कखि कौंग्रेस्यूं  से डरीं रौंदि. मुलायम सिंग बि कौंग्रेस्यूं से इलै इ डरदन बल कखि उत्तर प्रदेश तै केन्द्रीय इमदाद कम मीललि त युवराज अखिलेश यादव को नाम माट  मा रबड्वे जालु. कौंग्रेस्यूं तै  डौर च बल कखि मुलायम सिंग जी ममता बनर्जी  क दगड मिलि जाला त यूं.पी ए. को अणभर्वस ह्व़े जालो त याँ से ऊत्तर प्रदेश तै सतावान हजार करोड़ मिलि जान्दन. उना मुलायम सिंग जी तैं एक  हैंकि  डौर बि च कि कखि लोग ऊं तैं कौंग्रेस की सह-पार्टी नि समजन . कौंग्रेस या ब्वालो यू.पी.ए को बदनामी नाम मुलायम सिंग को दगड जुड़णो डौर से मुलायम सिंग खुलेआम   नि दिखान्दन बल मुलायम अर यूं.पी.एकी थाळि क  स्वार्थी भट्टा छन. डौर क्या क्या खेल खिलांदि  हैं? छवि निर्माण अर छवि बरकरार रखणो बान बि डौर लगदी

                      उन बंगाल अर उत्तर प्रदेश का  कौंग्रेसी बि डर्याँ रौंदन. केन्द्रीय सरकार बचाणो बान पैल नरसिम्हा राव न कोंग्रेस कि हरीं- भरीं  डाळी काट अर मुलायम सिंग तै बढ़ावा दे.कौंग्रेस कखि  जोग नि राई . अब जरा राहुल गांधिक स्वांग अर मुलायम सिंग  तै गाळि दीण से  कौंग्रेस उत्तर प्रदेश मा पनपण बिसे छे बि त अब जब केंद्र मा मुलायम सिंग अर कौंग्रेस क एक गौळ पाणि हुयूँ  च  त  मुलायम तै गाळि दे नि सकदन। राज मुलायम सिंग को च त त मुलायम सिंग तैं इ गाळि दीणो बिगरौ छयो. मायावती बैणि तै गाळि दिए नि सक्यांद ना इ  मायावती बैणि कुणि घात घळे सक्यांद , मायावती बैणि तै गाळि द्यायो या घात घाळो दुई उलटा लगदन. अब गाळि दीणो कुण बी.जे.पी इ रै ग्याई पण ये भै भूतुं तै बि क्वी गाळि दीन्दो? हाई कमांड की डौर से असली कौंग्रेसी चुप छन अर बकै राहुल गांधिक ऐथर पैथर परिक्रमा करणा छन. केंद्र सरकार पर  ख़तरा क डौरन उत्तर प्रदेश मा कौंग्रेस बुस्याणि च . अकर्मण्यता अर अनिर्णय स्तिथि बि डौर लांदी

  अब बंगाल का कौंग्रेस्यूं डौर क  त क्या बुलण  ! केन्द्रीय सरकार तै बचाणो डौर न बंगाल कौंग्रेसी  पैलि कौम्युनिस्ट  पार्टी का विरोध नि कौर सकदा छया अर अब बंगाल का कौंग्रेसी ना त कौम्युनिस्टो  तै गाळि दे सकदन ना ही ममता बैणि कुण कुछ बोल सकदन. कखक डौर कख असर दिखे दीन्दी !

        डौरौ असर की बात आई  त द्याखो ना अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा  बि ड़र्युं च कि भारत मा खुरदरा उद्योग मा उन्ना देसी (विदेसी) निवेश नि होणु च. ना ओबामा जी भारत कि प्रगति बान फिकरमंद नी छन वूं तै त डौर च कि जु  भारत मा उन्ना देसी (विदेसी) निवेश नि होलू त अमेरिकी सेठुं तै कम लागत लगाण  से हजारों गुणा नफा कनै होलू? गरीबी क अंदेशा बि डौर पैदा करदो

Bhishma Kukreti

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 गढवाली -हास्य व्यंग्य साहित्य

 

                                       इस्तीफाs धौंस

 

                                 चबोड्या - भीष्म कुकरेती

 

 नेता जी- ओहो पत्रकार जी  क्या हाल छन?

पत्रकार- जी हम त आपक हाल चाल  पर पळदां

नेता- अछा मीन जु तुम तै लो इनकम ग्रुप मा बड़ो भारी प्लौट अलौट करी थौ वां मा मकान बौणि गे कि ना ?

पत्रकार- जी, अच्काल सार्वजनिक शौचालय मंत्रालय का ठेकेदार म्यार तिमंजिला मकान  चिणण मा लग्यां छन.

नेता- अच्छा मीन इलै बुलाई बल मी तेरवीं दै  मंत्री पद से इस्तीफा दीणु छौं . दीणु क्या प्रधान मंत्री कुण इस्तीफा भेजि बि याल.

पत्रकार- औ मि अपण चैनेल  कुणि फोन करदु

पत्रकार- हेलो ! हेलो ! हाँ ब्रेकिंग न्यूज मा डाळो  जमीन घोटाला रोक थाम मन्त्री को इस्तीफ़ा।

नेता- अरे ! अरे !    इस्तीफे की पेशकश

पत्रकार- हेलो हेलो ! इतीफा नहीं ,  इस्तीफे की पेशकश . हाँ हाँ अति विश्वस्त सूत्रों से.हौर्स टु माउथ .

पत्रकार- अबै दै बि इस्तीफा भेजी याल ?

 नेता- हाँ हाँ . किसी से मै डरता हूँ क्या ?

पत्रकार - जी,  जै मा चार एम्.पी ह्वावन वैन ज्यूंरा से बि किलै डरण.

नेता- एक एक एम् पी अरबों की सम्पति क बरोबर च .

पत्रकार - आपन पैलो इस्तीफा कब दे छौ?

नेता- अरे इस्तीफे की पेशकश ब्वालो. सैत च  मंत्री पदौ सौं  घटणो दुसर दिन . हाँ शपथ लीणो ठीक दुसर दिन मीन इस्तीफा की पेशकश भेजी छौ

पत्रकार- किलै दे छौ?

नेता- अपण आदिम छवां त तुमम त सच इ बुलण पोडल. वो क्या छौ म्यार स्याळ पर आठ दस इनकम टैक्श का केस चलणा  छा.  त ऊ केस बन्द कराण छया 

पत्रकार- अर मीन अपण टी.वी चैनेल मा बमब्याट  करदा बोलि छौ बल प्रधान मंत्री की जख्या भंगुल विकास  नीति से नाखुस मंत्री जी ने इस्तीफा की पेशकश की.अजी मंत्री जी, वै दिन  हमर चैनेल की क्या टी.आर. पी. बढ़ी छे

नेता- अरे आज बि टी.आर पी. अळग जालि .

पत्रकार- कुज्याण अच्काल क्या भंगुल जामि  धौं . अच्काल त प्रधान मंत्री क इस्तीफा क ब्रेकिंग न्यूज  बि ऐ जालि  त लोग बाग कार्टून नेटवर्क दिखण लगी जान्दन ,

नेता- ए सौब हमारा दुसर अलाइंस पार्टनरों  गलती से च. मी मन सीखिक  अब हर दुसर दिन एक मंत्री इस्तीफा क पेशकश करणु रौंद. अब त पी.एम् ओ मा एक अलग से सेक्रेटरी च जैक काम बस मंत्र्युं इस्तीफौं देख भाल करण च.

पत्रकार- दुसर दिन से याद आई. आपक दुसर इस्तीफा वै दिन आई

नेता- इस्तीफे की पेश-कश  ब्वालो

पत्रकार- हाँ हाँ पेश -कश. दुसर इस्तीफा क पेश कश कब ऐ छे?

नेता-  बस लोक सभा क सेसन बैठण इ वाळ छौ कि मीन इस्तीफा क पेश कश कौरी छे.

पत्रकार-  हाँ वै दिन  त विपक्षी पार्टी बौळे गे छा . वो त मंत्री मंडल की घोषणा करण इ वाळ छया. अर आपन इस्तीफा कि पेशकश वियत नाम की स्विट्जर लैंड मा ट्यूलिप  फूलूं   नीति क विरुद्ध मा कौरी छौ

नेता- अब तुम त अपुण इ  आदिम छंवां .तुमम क्या लुकाण. स्विट्जर लैंड मा मेरि कज्याणि क  खाता क बारा मा एक खोजबीन चलणि छे. मेरि इस्तीफा क पेश कश न खोजबीन त जाणि द्याओ वा फाइल इ गैब  करे दे.

 पत्रकार- हाँ अर तिसर  इस्तीफौ पेशकश आपक  सरकार क  इन्सेक्टिसाईडु  मा इनऐकपीडियोन मिलाणो विरोध मा छयो.

नेता- यार वो अपणा धन्ना सेठ अरबों लाल क फैक्टरी  बचाणो बान मीन वा पेशकश करी छौ.

पत्रकार- हाँ , आप भौत इ होशियार छंवां अपण इस्तीफा तै आम जनता क भलै दगड जोड़ी दीन्दा. बिचारा अलाइंस चेयर परसन  फिर हरेक इस्तीफा प्रकरण क बाद बयान  दीणा रौंदन बल हमारा मंत्री जी सद्यनि जनता क बान अपणो दगड बि लड़णा रौंदन. 
 
नेता- हाँ या यि  त कौंळ च कि मि एन.डी.ए मा बि मंत्री छौ अर यू. पी.ए  मा बि मंत्री छौं 

पत्रकार- अर बारों इस्तीफा क से त पर्यावरण वादी मानेका गाँधी बि पुळे गे छे. आपन इस्तीफा इलै  दे छौ बल फिल्मु मा 'कुत्ते मै तेरा  खून पी जाउंगा' जन शब्द बन्द हूण चएंदन. आज आप इंटरनेशनल  डौग लवर्स सोसाइटी, जेनेवा  का चेयरममैन छंवां .
 
नेता- असल मा न्यूक्लियर प्लांट का ठेका मेरा विरोध्यू  तै नि मीलो त मीन  इस्तीफा क पेश करी छौ.

पत्रकार - आज क्या बात च .

नेता- आज मी चांदो कि कैबिनेट मा म्यार स्थान सत्रवां हूण चएंद .अबि कैबिनेट मा म्यार बीसों स्थान च ,

पत्रकार- त प्रधान मंत्री आप तै कैबिनेट मा सत्रवां पोजिसन दे द्याला ?

नेता- कोलेसन कि सरकार चलाण त बुबा बोलिक मेरी बात मानण  पोडल

पत्रकार - जरा एक मिनट हाँ. म्यार चैनेल बिटेन फोन अयूं च .अछा ? हैं ? क्या प्रधान मंत्री न मंत्री जीक इस्तीकौर याल ? अच्छा ...अच्छा ..नै .. हूं , हूँ.. हाँ हाँ ...ठीक च

पत्रकार - मंत्री जी !  ब्रेकिंग न्यूज या च बल प्रधान मंत्री जीन आपक इस्तीफा मंजूर बि कौर याल अर आप क ऊपर भ्रस्टाचार का जो आरोप छया  ऊंक बान सी. बी आई  इन्क्वारी  बि बिठे  आल

मंत्री - देखता हूं सरकार कैसी चलती है

पत्रकार - एन डी. ए का द्वी धडा यू.पी.ए अर सरकार मा शामिल ह्व़े गेन 

नेता - त म्यार एक बयान त टी.वी मा रिले कराओ

पत्रकार- नै जी आज मीम बिलकुल  टैम नी च . मी एन.डी. ए से  टुट्या   नेतौं लाइव बयान लीणो जाणु  छौं. कबि मंत्री बौणि जैल्या त ऐ जौलूं .

नेता- यि  पत्रकार कौम बि  स्वार्थी अर अवसरबादी कौम च.

 

Copyright@ Bhishma Kukreti 20/7/2012

Bhishma Kukreti

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Mera Pahad ma Paryatan v Naitik Vikas : Praising Garhwal Tourism humorously
            (Review of Representative Garhwali humorous, Satirical Literature)

                                      Bhishma Kukreti
            Nathichand published a semi satirical, semi humorous write up in appreciation of Garhwal tourism and future possibilities in Dhad magazine 1990. The satirist choose wrong subject as he wanted to make awareness for tourism in Garhwal. When any writer wants to appreciate a principle it is difficult to satirize the same.
Therefore, Dr Anil Dabral positions this write up as average satire.

Copyright @ Bhishma Kukreti, 20/7/2012

Bhishma Kukreti

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गढवाली हास्य व्यंग्य साहित्य   

 

                          राजकर्ण्या  रैबार  (राजनैइक /राजनैतिक संदेश )

 

                                  भीष्म कुकरेती

 

[ व्यंग्य माला, गढवाली व्यंग्य, उत्तराखंडी भाषाई व्यंग्य, हिमालयी क्षेत्रीय भाषाई व्यंग्य,उत्तर भारतीय क्षेत्रीय भाषाई व्यंग्य, भारतीय क्षेत्रीय भाषाई व्यंग्य, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय भाषाई व्यंग्य, एशियाईक्षेत्रीय भाषाई व्यंग्य]

 

 

                इन नी च कि  पैल राजनैतिक या राजनैइक रैबार नि भिजे जांदा छया. पण राजकर्ण्या वळु हिसाब से तबारी मीडिया इथगा उच्छदि नि छया  । नेतौं हिसाब से वैबरी मीडिया बंचनेरूं  तै बस रैबार दींदु छौ. अब त मीडिया  बंचनेरूं तै  भकलाणा (सिखाणा) बि छन. हाँ त वै बगत मीडिया  कम होण से आम लोग (मतलब जु वै बगत आम खाण लैक छया) राजनैतिक रैबारो मतबल जाणदा  नि छया. अब मीडिया क जोर से आम लोग (मतलब जौंक पुन्यात अब आम खाण लैक नी च ) बि राजनैतिक रैबारो मतबल  बिंगण मिसे गेन.

  जन कि एक दै जब भारत बंगला देसौ स्वतंत्रता लडै  मा फंस्यूं छौ त अमेरिका न स्टों बेड़ा / सेवन्त फ्लीट भेजी छौ . यू रैबार भारत तै डराणो छौ. अब कुछ दिन पैल   बंगला देशन भारत तै इ डराणो अमेरिका बिटेन सेवन्त फ्लीट भट्याइ . अमेरिका बड़ो देस च त वैक रैबार बि मैंगा होन्दन. नेपाल छ्वटु देश च त वु इन हथियारों से भर्युं रैबार नी पठान्दु बल्कण मा अपण मंत्री चीन भेजी दींदु अर आठ दस लाखौ खर्चा करी दीन्दो. याँ से रैबार भारत पौंची जान्दो कि नेपाल हमसे नाराज च. इनी जब पाकिस्तान अमेरिकी आकाओं तै कुछ रैबार भिजण चाँद त पाकिस्तान क राष्ट्रपति लाब लस्कर दगड चीन चली  जान्दन. अमेरिका म रैबार पौंची जांद अर फटाक से अमेरिका बिटेन हथियार पाकिस्तान पौंछि जान्दन. जी ! मातबर  देसूं रैबार अर ब्यौ मा खर्चा त हूंद इ च.

    भारत बि इनी कथगा इ रैबार भेज्दु .

जन कि मुख्य विदेस सचिवक फोन  विदेश मंत्री कुण आन्द, " सर ! बरमा क सचिव चीन जाणा छन !"

 विदेस मंत्री क जबाब होंद," त इन कारो एक पाणी जहाज भौरिक चौंळ कम्बोडिया  भेजी द्याओ."

बरमा/म्यिमार  मा रैबार पौंछि जान्द बल जथगा मदद चीन बिटेन मीलली वां से जादा इमदाद भारत दीणो तैयार च .

चीन मा बि भारतौ रैबार पौछ जांद बल तू बरमा  तै भकलैलि  ऐली त मि कम्बोडिया मा बि चुप रौण वाळ नि छौं.  अच्काल कुछ बि ब्वालो रैबार दीण आम मनिखों अर देसूं कुण मैंगा ह्व़े गेन 

 फिर अमेरिका तै भारत तै दनकाण  ह्वाओ त अमेरिका पाकिस्तान तै डौलर  त नि दीन्दो पण नया नया बण्या  अश्त्र अर शस्त्र भेजि दींदु  अर भारत संयुक्त राष्ट्र मा अमेरिका क दगड लंका तै दगड़ी दनकै दीन्दन.

 कबि कबि अमेरिका भारत तै दनकाणो खबर भिजणो श्री लंका तै सैनिक सहायता कि बात करदो त भारत बि अपण खबर भिजदो पण दुसर तरीका से. भारत इरान मा अनाज कि खेप बढ़े दीन्दो  अर अमेरिका बि खबरो अर्थ बींगिक पाकिस्तान तै धमकै दीन्दो. पकिस्तान से नाराजी क रैबार अमेरिका अफगानिस्तान  मा जादा सेना भिजण से देंदो. दनकाण पुराणो रिवाज च अर दनकाणो रैबार भिजणो तरीका कबि कबि इनी होंद जन  कि बुल्दो बेटी कु छौं अर सुणान्दो ब्वारी तै छौं

  पैलाक बात दुसर छे. इजरायल जब पेलिस्तानी लोगूँ  पर बम्ब ग्व़ाळा चुलाओ त रूस अपण सौ टैंक मिसायलों दगड क्यूबा भेजी दीन्दो छौ. अमरीका म रुसौ रैबार पौंछि जांदू छौ अर इजरायल पेलिस्तान्यू पर बमबारी बन्द करी दींदु छौ.

 फिर चीन कुण रैबार  भिजण ह्वाओ त अमेरिका ताइवानऔ  खुणि कुछ ना कुछ सैनिक सौगात पठे   दीन्दो छौ. त चीन बि अपण रैबार भेजी दीन्दो छौ अर तरीका होंद छौ उत्तरी कोरिया तै कुछ टैंक दीण.

  जब अमेरिका रूस तै रैबार दीणो बान सैनिक असला कुवैत भेजदु  छौ त रूस बि कम नि छौ वो ईराक कुणि  लौन्चर भेजी दींदु छौ. बड़ा लोगूँ बड़ा शौक.

तब एक देश दुसर देस तै सन्देश सैनिक असला भिजण या लीण से दिए जांद  छौ. फ़्रांस जब अमेरिका से नाराज होंद छौ त अमेरिका क नुकसान नि करदो छौ पण  अफ्रीका मा सैनिक असला भेजी दींदु छौ. देस कु स्वार्थ दगड्यो से बड़ो हूंद..

अब एक देस दुसर देस तै रैबार भिजणो बान कुछ हौर बि करदन. अब जन कि चीन अमेरिका तै  नाराजगी क रैबार सैनिक असला से नि भिजदो  अब वो जिम्बाबवे  क दगड आर्थिक जुगल बंदी करदो अर जिम्बाबवे क खांडी (खान, माइन्स  ) क अधिकार खरीद लीन्दो. त अमेरिका कजिक्स्तान मा अपण इन्वेस्टमेंट बढ़ाई देंद. या दक्षिणी कोरिया क माल पर टैक्स कम करी दींद. रैबार वी छन बस चिट्ठी क रूप अर इबारत बदल्याणा रौंदन.

 इन  बुले जांद बल  मानो क्वी देस जन कि भारत अमेरिकी  न्यूक्लियर पालिसी  नि माणदो त अमेरिका या यूरोप का देस भारत तै अपण रैबार दीणो बान भारत का कति एन.जी.ओ तै इमदाद बढ़ाई दीन्दन अर इ एन.जी ओ न्यूक्लियर प्लांटो विरोध मा भारतीय जनता तै भकलाण मा जोर मारण  लगि जान्दन. राजदूत भौं भौं किस्मौ हून्दन. इन बुल्दन बल पैल भारत का कम्युनिस्ट अर बामपंथी लिख्वार रूस का अघोसित राजदूत छया जो भारत मा भारत का ना रूस का स्वार्थ पूर्ति करदा छा. अघोसित राजदूत बि रैबार का काम करदन.

  अच्काल क्या पैल बि भौत दै इन ह्वाई च. अमेरिका अपण इखाक अन्तराष्ट्रीय पत्रिकाओं मा भारत या हौर देसु क प्रधान मंत्री या राष्ट्रपत्यूं बारा मा अनाप सनाप बात छपवांद  अर अपण रैबार भेजदु. छवि खराब कराण बि एक रैबार हूंद. 

 डिप्लोमेसी क रैबार भौं भौं किस्मौ हून्दन.

अमेरिका दादागिरी से रैबार भेजदु त हौर देस क्वी हौरी तरीका से रैबार भेजदन जन कि पाकिस्तान चीनऐ  खुकली मा बैठणो जांद अर इन तरीका से रैबार भेजदु.

अच्काल जादातर रैबार पेट्रोल अर भूमि संसाधनों पर अधिकारों बान दिएणा छन. भोळ रैबार पाणि कुंवों पर अधिकार का बान बि ह्व़े सकदन .
 
रैबारो क कीमार वे ही होंद बस समौ अर औकात का हिसाब से रैबारों आकार बदल्याणो रौंद

उन मै पता नी च मेरो रैबार आपम ठीक से  पौंछ च कि ना ?

ज़रा यू रैबार कन लग पर अपणो रैबार चौड़ भेजि दियां भैरों !

 

Copyright@ Bhishma Kukreti 21/7/2012

 व्यंग्य माला, गढवाली व्यंग्य, उत्तराखंडी भाषाई व्यंग्य, हिमालयी क्षेत्रीय भाषाई व्यंग्य,उत्तर भारतीय क्षेत्रीय भाषाई व्यंग्य, भारतीय क्षेत्रीय भाषाई व्यंग्य, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय भाषाई व्यंग्य, एशियाईक्षेत्रीय भाषाई व्यंग्य लेखमाला जारी ...
 

Bhishma Kukreti

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Vikasau pahiya Motor: Striking new evils from Modern development
           (Review of Garhwali satire of twentieth century)

                                   Bhishma Kukreti
[Notes on satire of twentieth century; Garhwali satire of twentieth century; Uttarakhandi language satire of twentieth century; Mid Himalayan regional language satire of twentieth century;  North Indian regional language satire of twentieth century;   Indian regional language satire of twentieth century;  South Asian regional language regional language satire of twentieth century;  Asian regional language satire of twentieth century]

    Jagdish Badola had very good potentiality for creating satire. His article ‘Vikasau pahiya Motor’ (Dhad, magazine, 1989) is an example of his sharp satire creation. The people of Garhwal shout for development. The kind government offers motor road and other roads as development representation.
   Now for developing Garhwal, people use roads for taking unauthorized wood logs to cities. Now liquor can reach easily from one region to other region. The roads are now the source of tea stalls etc.
 The author makes readers aware about non productive development in Garhwal.

Copyright@ Bhishma Kukreti , 21/7/2012 
Notes on satire of twentieth century; Garhwali satire of twentieth century; Uttarakhandi language satire of twentieth century; Mid Himalayan regional language satire of twentieth century;  North Indian regional language satire of twentieth century;   Indian regional language satire of twentieth century;  South Asian regional language regional language satire of twentieth century;  Asian regional language satire of twentieth century to be continued…

Bhishma Kukreti

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गढवाली हास्य व्यंग्य साहित्य   

 

                      मुर्गि पैलि कि अंडा पैलि ?


                     चबोड्या - भीष्म कुकरेती


 [गढवाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी हास्य व्यंग्य साहित्य   ]


-- हलो !  श्रीमती भारतीय उपभोक्ता ?

- ह्यां जरा हिंदी मा ब्वालो. फ्लुएंट अंग्रजी बिंगण मा परेशानी हूंद.

- ओ सॉरी ! मिसेज इंडियन कंज्युमर  ?

- हाँ अब बिंगण  मा ऐ गे. ब्वालो मि इ मिसेज इंडियन कंज्यूमर छौं.

-- जरा आप से द्वी मिनट  बात करण छे आधा घण्टा लगी जाला .

--हाँ हाँ ब्वालो

-- आप कब से दुबर खर्चण शुरू करण वाळ छंवां. जां से  हमारि अर्थ व्यवस्था सुधर  साको .

--बस जब मनमोहन सिंग जी चाल  .वो त द्वी साल बिटेन बुलणा छन बस भोळ इ ठीक ह्व़े जालि

- मन मोहन सिंग जी  ई त चाणा छन बल  तुम दुबर खरीदी शुरू करील्या अर अर्थ व्यवस्था जगा मा ऐ जालि.

--पण  जब अर्थ व्यवस्था बाट मा आलि तबि त मि दुबर  खरीदण लैक होलू?
 
-- ह्यां तन  ना ब्वालो ! मनमोहन सिंग जीक फजीत ह्व़े जाली. सोनिया गांधी इ ना अमेरिका, फ्रांस, जापान अर चीन का नेता बि मनमोहन सिंग जी पर रूसे(क्रोधित )  जाला

-ह्यां पण वूं कुण  ब्वालो अर्थ व्यवस्था सुधारों त हमारि खरीदी तागत बढ़लि

-- त इन  कारो तुम क्वी अमेरिकी कार खरीद ल्याओ

-- अरे पैलि इ हमारि  कार तैं बैंक उठैक ली ग्याई किलैकि हमन एक साल से लोन इंस्टालमेंट नि भौरी छौ. हाँ जु अर्थ व्यवस्था सुधरलि  त हम पैलि पुराणि कार छुडै क लौला.
 
-पर कुछ अंदाज त बथाओ कि तुम दुबर कब खरीदी शुरू करील्या

--अब वित्त मंत्री त बुलणा छया कि ए इ मैना मा हम अर्थ व्यवस्था ठीक करदवां

-- असल मा ऊन घडे छौ, सोचि छौ कि तुम आज कुछ परचेज करिल्या त अर्थ व्यवस्था आजि  ठीक ह्व़े जालि. त कार ना सै त क्वी नै घौर खरीद ल्याओ .
 
-- घौर कि त अर्जंट जरूरत च . हम त चाणा  बि छ्या कि एक घौर खरीद इ लिवां 

-- वेरी फाइन .  तुम दुसर घौर खरीदल्या त जरूर इंडियन इकोनोमी अपण जगा मा ऐ जालि.

-- वो पण जु पैलाक घौर छौ वैक इंस्टालमेंट नि भौर  त बैंक न वु घौर नीलाम  करी दे. अर अबि बि बैंक बुलणा छन कि अधा  रकम उधार बकै  च

-- त इन कारो तुम एक एल.सी.डी इ खरीदी ल्याओ.

---ह्यां खरीदण त छौ पण रकम कख च .अर उनि बि अच्काल बैंक व्याज भौत बढ़ी गे

-- उना देसी (विदेसि) बैंक बुलणा छन कि जु अर्थ व्यवस्था जगा मा आलि त वो इंटरेस्ट रेट कम करी द्याला इलै तुम तै कुछ खरीदी करण इ पोडल

--हाँ सुचणा त हम बि छंवां , हम बि मनमोहन सिंग जीक नई अर्थ व्यवस्था क जग्वाळ मा छंवां

-- अच्छा त एक काम कारो ना !

-- ब्वालो हम त देशभक्त इंडियन छंवां, इंडिया क बान कुछ ना कुछ त करण इ पोडल कि ना.

-- त कुछ तेल फुलेल याने कोस्मेटिक इ खरीदि ल्याओ 

-- कोस्मेटिक खरीदणो ज्यू  त म्यार बि बुल्यांद पण साड्यू दाम इ इथगा बढ़ी गेन कि कोस्मेटिक खरीदणो पैसा इ रौंदन.

--त कुछ फर्नीचर इ खरीद ल्याओ जां से इंडियन इकोनोमी मा इजाफा ह्वाओ

-- अरे खरीदण त द्वी  कुर्सी छौ पण बच्चो फीस अर किताबु क कीमत इथगा बढ़ी गे कि कुर्सी कखन खरीदण

-- पण आप कुर्सी नि खरिदल्या त भारतीय अर्थ व्यवस्था कनकैक सुधरलि .

-- ह्यां मिन ब्वाल नी च मनमोहन सिंग जी द्वी साल बिटेन बुलणा इ छन कि अगला मैना इकोनोमी इम्प्रूव ह्व़े जाली. बस जनि वु इम्प्रूवमेंट कु मैना आलु मि दुबर खरीदी करण बिसे जौलु
 
--त इन कारो मिनरल   वाटर जादा पीओ  अर आइस  क्रीम  बिंडी खाओ जां से अर्थ व्यवस्था सुदरी जाओ

-- हाँ चिदम्बर जीक ख़ास रैबार ऐ त छयो   पण क्या कौराँ   ग्युं -चौंळ- दाळ का भाव इथगा बढ़ी गेन  कि साफ़ पाणि अर आइस क्रीम का बजट हमन अपण होम बजेट बिटेन ख़तम इ  करी दे.

-- त इन कारो साक- भुजी जादा खरीदो वां से बि इकोनोमी मा सुधार की गुन्जैस च

-  साक भुज्यूँ दाम इथगा बढ़ी गेन कि  हमन त अब सब्जी मंडी जाण इ बन्द कौर याल . हम त मनमोहन सिंग जीक नई अर्थ नीति क जगवाळ मा छंवां कि जनि अर्थ व्यवस्था मा उछाला आओ अर हम दुबर साक भुजी खाण मिसे जंवां.

-- मनमोहन सिंग जी बि त जग्वाळ मा छन   कि तुम खरीदी शुरू कारो त इकोनोमी इम्प्रूव होली .

-- त तुमि बथाओ कि हम इंडियन कन कौरिक खरीदी बढौवां ?

-- आपम क्रेडिट कार्ड  त ह्वाला ?

--हाँ हमम कुल मिलैक आठ बैंकु क्रेडिट कार्ड छन

-- अरे वाह त फिर त इंडियन इकोनोमी इम्प्रूव ह्वेई जालि

-- अच्छा बताओ बताओ ...हम  बि जग्वाळ मा छंवां

-- तुम इन कारो क्रेडिट कार्ड से दुबर खरीदी शुरू कारो जन कि टी.वी फ्रिज, फर्नीचर  आदि आदि , बस जनि तुम उधार मा खरीदी शुरू करल्या इंडियन इकोनोमी मा उछला ऐ जालो

- आट का आठ क्रेडिट कार्ड  बन्द छन हमन जब क्रेडिट कार्ड वळु पैसा नि चुकाई त ऊंन हम तै डिफौलटर घोषित करी दे.अब हम जग्वाळ मा छंवां कि कब इंडियन इकोनोमी इम्प्रूव ह्वाओ अर हम क्रेडिट कार्डू पैसा  बौड़ावां /वापस  दिवां.

--अर मनमोहन सिंग जी जग्वाळ मा छन कि कब आप लोक खरीदी शुरू करील्या  जां से भारत सरकार वर्ल्डबैंक क  लोन इंटेरेस्ट  दीण लैक ह्व़े जाओ.

 

Copyright@ Bhishma Kukreti 22/7/2012

 

   गढवाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी हास्य व्यंग्य साहित्य   जारी ...

Bhishma Kukreti

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                    Garhwali Satire of Twentieth century by Bhishma Kukreti – 1
(Review of Garhwali satire and Satirists of twentieth Century) 
               Satire of Kukreti about standardization of Garhwali language those created stir

                                              Bhishma Kukreti

[Notes on regional language satire and satirists; Garhwali satire and satirists; Uttarakhandi regional language satire and satirists; Mid Himalayan regional language satire and satirists; Himalayan regional language satire and satirists; North Indian regional language satire and satirists; Indian regional language satire and satirists; South Asian regional language satire and satirists; Asian regional language satire and satirists]

                    Bhishma Kukreti used to write on daily basis for first Garhwali daily Garh Aina , Dehradun. Kukreti also used to create cartoons for the same daily newspaper. Kukreti also published his satirical articles in Paraj , Mumbai; Matri pad , Shri Nagar and anjwal, Buransh, Ghati  ke Garejate swar , Dehradun etc.
  Bhishma Kukreti published his first satire ‘Been Barobar Garhwali’ or Garhwali for the sake of Garhwali in Dhad (1987-88) against the concept of standardization of Garhwali. His second satire against standardization of Garhwali was ‘ch, Chh Thau’ (dhad and Garh Aina, July, 1990). ‘Asli Nakli Garhwali was published in Dhad (June July 1991). Though his other satire against standardization were also published in Garh Aina as ‘whe t gyai smanakikaran’ etc   
          The concept of standardization is a noble idea. However, Kukreti stressed that when there is problem of Garhwali literature publication and readership increment the mere talk of standardization is of no use.
          Dr. Dabral provides details of discussion started after the above satirical write ups. Bhagwati Prasad Nautiyal published his satire against ‘ch, chh thau’ and Abodh Bandhu Bahuguna, Mohan Babulkar came against article ‘Asli Nakli Garhwali’ Kukreti.  In ‘Asli Nakli Garhwali’, Kukreti humorously and satirically claims that Salani is best for standard Garhwali.
  Dr Dabral states that ‘ch, chh , thau is an excellent example of satire. It is successful experiment that created hot discussion in contemporary Garhwali literature. The satire is sharp and is having best uses of word plays. Dr Dabral claims that there less energy in the satire.

References-
1-Abodh Bandhu Bahuguna, Kaunli Kiran
2-Dr Anil Dabral, 2007, Garhwali Gady Parampara 
3- Dhad, Garh aina publications.

Copyright @ Bhishma Kukreti, 22/7/2012
Notes on regional language satire and satirists; Garhwali satire and satirists; Uttarakhandi regional language satire and satirists; Mid Himalayan regional language satire and satirists; Himalayan regional language satire and satirists; North Indian regional language satire and satirists; Indian regional language satire and satirists; South Asian regional language satire and satirists; Asian regional language satire and satirists to be continued…

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Najeek Darshan: Humorous way of telling television commercials changing life styles 

              (Review of Representative Garhwali satire, humorists and Satirists)

                                    Bhishma Kukreti
[Notes on T.V. commercials changing life styles in satire; T.V. commercials changing life styles in Garhwali satire; T.V. commercials changing life styles in Uttarakhandi satire; T.V. commercials changing life style in Mid Himalayan regional language satire; T.V. commercials changing life style in Himalayan regional language satire; commercials changing life style in North Indian regional language satire; commercials changing life style in Indian regional language satire; commercials changing life style in south Asian regional language satire; commercials changing life style in Asian regional language satire]

     ‘Najeek Darshan’ is a Garhwali representative satire by Bhishma Kukreti (Garh Aina, 31st March 1989). The satirist portrays the effects of commercial advertisement in televisions on Indian viewers. The wit writer speaks about the Indian life style changes with humors way.
  Onida a T.V. brand used to   advertise with a slogan ‘owner’s pride neighbor’s envy’ and used to show the neighbor throwing stones on Onida’s television in jealousy .Here the satirist shows a neighbor is trying throwing stones  into neighbor’s room as
इथगा मा हैंक पड़ोसी ल्वाड़ फिंकण बिसे ग्याई. पड़ोसन न बताई बल हमन कथगा इ समजाई बल हमर इख ओनिडा टी.वी नी च पण यू पडोसी माणदु इ नी च, बस हमर टीवी पर ल्वाड़ फिंकणु रौंद
 Bajaj used to advertise that the Indians are habitual of Bajaj bulb from the childhood. The satirist Kukreti narrates the effects of television commercials as -
बाडा बोडि आराम से खुर्सी मा बैठिक टी.वी. दिखणा छया, द्वि झण कैडबरी चौकलेट खाणा छया, समणी मेज मेज मा डाबर च्यवन प्राशौ डब्बा मथि बजाज बल्ब धरयुं छौ अर टी.वी मा जाज 89 कु प्रोग्राम दगड द्वि झणो खुट झप झप हिलणा छया.
  The article narrates effective of commercials of televisions effectively.
References-
1-Abodh Bandhu Bahuguna, Kaunli Kiran
2-Dr Anil Dabral, 2007, Garhwali Gady Parampara 
3- Dhad, Garh aina , Paraj publications.

Copyright @ Bhishma Kukreti, 23/7/2012
Notes on T.V. commercials changing life styles in satire; T.V. commercials changing life styles in Garhwali satire; T.V. commercials changing life styles in Uttarakhandi satire; T.V. commercials changing life style in Mid Himalayan regional language satire; T.V. commercials changing life style in Himalayan regional language satire; commercials changing life style in North Indian regional language satire; commercials changing life style in Indian regional language satire; commercials changing life style in south Asian regional language satire; commercials changing life style in Asian regional language satire to be continued…

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गढवाली हास्य व्यंग्य साहित्य   

 

                   भरत -पाक सचिवुं बैठक

 

                    चबोड्या - भीष्म कुकरेती

 
 [हास्य व्यंग्य साहित्य    गढवाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी हास्य व्यंग्य साहित्य ; मध्य हिमालयी हास्य व्यंग्य, हिमालयी  हास्य व्यंग्य ; उत्तर भारतीय क्षेत्रीय भषाई हास्य व्यंग्य  लेखमाला ]
 
 

- - अदाव अर्ज जी  ! भारत का सेक्रेटरी जी

-- जी नमस्कार ! पाकिस्तान का सचिव  जी

-- जी आप तै क्वी दिक्कत त नि ह्व़े जी

-- नै नै जी. आप तै त क्वी परेशानी नि ह्व़े ना ?

-- भारतीय सेक्रेटरी ! आप कै  भाषा मा  बचळयाणा छंवां ?

-- जी मि  हिंदी मा बात करणु छौं .अर आप?

-- हैं फिर या भाषा मेरी बिंगण मा कन कैक आणि च ? मी उर्दू मा बचळयाणु छौं

- पण गजब ह्व़े ग्याई मि भारतीय ह्वेक बि आपकी भाषा बिंगणु छौं अर आप मेरी हिंदी समजणा छंवां !

- हाँ भै ! हैं अछा हमारि इक्जनी बोली च हैं ?

- मै बि इनी लगद कि हमारि भाषा एकी च

-- त फिर त हम तै अंग्रेजी मा बचळयाण चएंद . कखि हमारि पाकिस्तानी आवाम तै पता चौल ग्याई कि हम द्वी देसूं  भाषा एकी च त ... कुज्याण क्य ह्व़े जाव धौं !

-- हाँ हम बि कतई नि चांदा कि हमारा हिन्दुस्तानी लोक जाणन कि पाकिस्तान अर हिन्दुस्तान कि एकी जवान च . लेट अस टाक इन इंग्लिश ओनली

- - दैट्स बेटर. इंडियन सेक्रेटरी प्रसाद जी

-- अछा जनाब हसन मियाँ जी . भविष्य की पाकिस्तान - हिन्दुस्तान विदेस सचिवों बैठक का वास्ता एजेंडा तैयार करण मा क्वी कठिनाई त नि होली ना ?

- प्रसाद जी ! मै नि लगद कि मीटिंग क एजेंडा बणाण मा क्वी दिक्कत हूण चएंद

-- हसन जी त सबसे पैल टैम क्या हूण चएंद

-- प्रसाद जी मै लगद सुबेर नौ बजि ठीक रालो

- हसन जी यू त भौत जल्दी च भै

- प्रसाद जी , त ठीक च सवा नौ बजि ?

-हसन जी आप तै नि लगद कि सवा नौ बजि जरा बिंडी देर  च ..?

-- हाँ जी ! ठीक च सुबेर नौ बजि क दस मिनट ठीक रालो ?

-- वाह ! हसन जी पाकिस्तानी अर हिन्दुस्तानी एक बात मा त सहमत छन कि मुख्य सचिवुं बैठक ठीक  सुबेर नौ बजि क दस मिनट मा शुरू होण चएंद

-प्रसाद जी हाँ इकमा हम द्वी देस सहमत छंवां . वधाई हो

-- हसन जी ! भाषा क बारा मा क्या ख़याल च ?

-- प्रसाद जी ! क्वी बि सचिव या मुख्य सचिव ना त उर्दू मा बचळयालु ना ही क्वी हिंदी कु प्रयोग कारल.

-- हसन जी ! आप सै बुलणा छंवां  . मादरे जुवान से द्वी देसूं मा फ़ोकट मा किलै खटास पैदा करे जाओ

-- त प्रसाद जी ! अंग्रेजी क प्रयोग मा बि हम द्वी देसु मा सहमति च.

- एक्सलेंट ! इखम बि हम द्वी देसूं क एकी भौण च

-- हसन जी ! त बैठक मा मिनरल वाटर कु रालु  ?

-- हमर इख पाकिस्तान त मिनरल वाटर पैक हूंद  नी च

- भौत बढिया ! त बिसलेरी !

-- नै नै प्रसाद जी ! इन गजब नि करण हम पाकिस्तानी भारतीय फिल्म दिखद छंवां  , भारतीय पान खांद छंवां पण सौब लुकैक. खुलेआम हम हिन्दुस्तानी चीज नि बापर /प्रयोग करी सकदवां.

- ठीक च हसन जी . त फ़्रांस कु  मिनरल  वाटर बैठक मा धरे जाला.

-- प्रसाद जी ! क्या अमेरिकी मिनरल वाटर नि धरे सक्यांद ?

-- हसन जी!  नै ! नै अमेरिकी पाणी नि धरण .कखी लोग ब्वालल कि हम द्वी देस अमेरिकी दबाब मा बैठक करणा छंवां

-- प्रसाद जी ! यू ठीक ब्वाल आपन. अमेरिकी पाणी बैठक मा रालो त कुज्याण कखि चीन पाकिस्तान पर नराज  ह्व़े गे त ?

 -- अरे वाह ! पाकिस्तान अर हिन्दुस्तान की दुसरी सहमति कि बैठक मा फ्रांसीसी पाणी रालो.

--- हसन जी ! अच्छा टेबल क्लोथ क बारा मा क्या ख़याल च ?

-- प्रसाद जी ! इखम सुचण क्या च ? बस मेजपोश कु रंग हरो अर भग्वया रंग को नि होण चएंद

-- त ठीक च हसन जी ! क्वी यूरोप देसु रंग वाळ मेजपोश होलू

- जी !

- प्रसाद जी ! हिन्दुस्तान - पाकिस्तान कि तीसरी सहमति बि ह्व़े ग्याई   .मै लगुद कि हमारो एजेंडा बौणि जालो.

--जी, हसन जी

- प्रसाद जी नक्वळ/नास्ता  मा बि हम पाकिस्तानी अर भारतीय नक्वळ धौर नि सकदवां.

--हसन जी आप बिलकुल सोळ अन सै बात बुलणा छंवां . हम अपण देसौ  जनता  अर उन्ना देसौ (फ़ोरेन ) डिप्लोमेटु तै औफ़िसियली  बथाई इ नि सकदा कि हमारो खाण पीण एकी च.

- त याँ पर बि सहमती ह्व़े ग्याई कि नास्ता मा  इटालियन , फ्रेंच या रूसी खाण क अर चीनी सूप.

- हसन जी एक्सलेंट !

-प्रसाद जी , चाय अर कॉफ़ी  बि श्री लंका कि इ ह्वेली हाँ .

-हसन जी ! दुरस्त. अर चिन्नी मलेसिया या थाई देस की

- ऐब्स्युटलीटली  राईट , सही सहमति. प्रसाद जी हम आम सहमति का तरफ जल्दी जल्दी पौंछणा छंवां हाँ ! 

-- हसन जी आप हुस्यार सेक्रेटरी छंवां हाँ !

-- प्रसाद जी आप बि बात बिंगण मा कम नि छंवां हाँ !

- फिर फल बि कै तिसरो  देस का इ होला

- बस इखम अब बहस नि होली कि मुख्य सचिवुं औपचारिक बैठक मा क्वी बि चीज हिंदुस्तान अर पाकिस्तान कि नि होली

- अच्छा त  हसन जी अब बैठक को असली मुद्दा क बात करे जाओ.

-- जी  प्रसाद जी . अब जन कि कश्मीर, जनता क भलाई बान रक्षा बजट   मा कमी  क बात त ह्व़े नि सकदी .

- जी हसन जी हम यूँ असली काम कि बातुं  पर छ्वीं लगौला त य़ी बात पोलीटिकलि  खतरनाक  बात ह्व़े जाला. विस्फोटक स्तिथि ऐ जाली

- त एक काम करदवां जु एजेंडा भुट्टो अर इंदिरा सम्मिट मा छौ वै इ एजिंडा तै २०१३ को एजिंडा बणै दीन्दा 

-- एक्सलेंट

--ओ माई गौड ! हम सब बतु पर सहमत ह्वे गेवां ।

- अछा सूणो ! हसन जी , आपकुण आपकी पसंद आगरा क पेठा लयां छया त आप भूटान एम्बेसी से मंगै लेन

- जी शुक्रिया. आपकुण बि आपकी पसंद कराची क हलवा लयुं च आप श्री लंका एम्बेसी से मंगै लेन

-- धन्यवाद , अच्छा अब प्रेस वाळु  तै बथै  दीन्दा बल भारत अर पाकिस्तान मा मुख्य सचिवुन बैठक क बान आम सहमति बौण गे.

-ऑल द बेस्ट

- ऑल द बेस्ट

 

 Copyright@ Bhishma Kukreti 24/7/2012

 

 

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Bhishma Kukreti

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गढवाली हास्य व्यंग्य साहित्य   

                  अन्ना हजारे  क विरुद्ध रणनीति की  बैठक

 

                        चबोड्या - भीष्म कुकरेती

 

कमीण शर्मा - मि सब्यूँ   स्वागत करदो . आज यीं  बैठक को मकसद च बल श्री अन्ना हजारे  क विरुद्ध क्वा रणनीति चलाये जाव कि भारत मा कबि बि भ्रष्टाचार का विरोध मा बात इ नि ह्व़े साको. मि अब परिचय दीन्दो . म्यार दै  तरफ छन बेस्ट पोलिटिकल ऐडवर्टाईजिंग एंड पब्लिक रिलेसन कम्पनी का नुमायन्दा छन. जो भौं भौं देसूं क विशेषग्य छन.म्यार नाम च कमीण शर्मा मि विरधी दलूं   जड़नाश प्रकोष्ट कु सर्वे सर्वा छौं

जापानी विशेषग्य (सरासरीमा  शब्दकोश देखिक) - ओ त आप कमीना छन  ?

कमीण शर्मा - हाँ हाँ ! ना ना ! . म्यार नाम कमीण शर्मा च गढवळी मा कमीण माने प्रतिनिधि या मुखिया.

फ्रांससी विज्ञापन सल्ली ( शब्द  दिखद ) - मतबल आप कमीना नि छंवां ?

कमीण शर्मा - काम से मि कमीना छौं पण नाम से ना.

अमेरिकी विज्ञापन ब्यूंतदार  - सरप्राइज ! क्रुक ,  बट नॉट बाई नेम 

कमीण शर्मा - हाँ जी आप बिलकुल सै छन . म्यार बै  तरफ भ्रष्टाचार उन्मूलन असोसिएसन का अध्यक्ष श्री देस बेचिक बेशर्मी से खाजा  राजा जी, महामंत्री श्री खेल  खेल मा देस कि  इज्जत बेचि  जा याने काळुमुंडी जी, कार्यकारी अध्यक्ष श्री चारा प्रसाद यादव . सचिव श्री आदर्श चौहान, भ्रस्टाचारी झान्गुरप्पा  आदि आदि छन

अमेरिकी विज्ञापन ब्यूंतदार ( अपण  लैपटॉप देखिक )   -पण यि सौब त भ्रष्टाचार मा पकडे गे छया फिर यि कनकैक ..?

कमीण शर्मा -  जी हमर इख  न्यायपालिका क क्षेत्र मा एक देरी या अबेर की महागंगा बौगदी. बस भ्रस्टाचारि  वीं देरी क महागंगा मा नये जांदु अर पापमुक्त ह्वेक पुण्ययुक्त राजनैतिक जीवन यापन करदो.

जापानी - अरे हमर जापान मा किलै इन महागंगा नदी नी च ? . विचारा प्रधान मंत्र्युं तैं कारावास को अज्ञातवास झेलण पोडद .

इटली क विज्ञापन नुमायिन्दा - तबि त  आण च बल इट हैपन्स ओनली इन इंडिया .

कमीण शर्मा - हाँ त विज्ञापन  का सल्लियो !  आज कि मीटिंग मा  हम तै इन ब्युंत खुज्याण जु अन्ना हजारे जी की अवाज  इ ना भारत मा भ्रष्टाचार विरोध की अवाज इ ख़तम ह्व़े जाओ.

ऑस्ट्रेलियाई सल्लि - त आप अन्ना हजारे  क बाळो पर  भ्रस्टाचारौ भगार/आरोप लगै द्याओ.   

कमीण शर्मा - मीन या कमीना पंथी कौर छे. मीन अन्ना हजारे जी पर भगार लगाई छे बल हजारे जी नंग से बाळ तक भ्रष्टाचार  मा डुब्याँ छन.

अमेरिकी - त कुछ फरक नि पोड़ ? हमर देस मा त चरित्र हनन कि छ्वीं इ से नेतौं क वास उजड़ी जांद .

 कमीण शर्मा - घात मै पर इ उलटा पोड़ी गे.  मै पर जनता न बि थूकी अर मेरी पार्टी वळु न बि दिखाणो बान बणवास द्याई. वु त हमर इख थुक्यूँ  थूक तै चाटणो भलो रिवाज च त मि फिर से कमीना पंथी क काम पर ऐ ग्यों. 

ऑस्ट्रेलियाई - हाँ कमीण जी ! तबि आपक मुख पर जनता क थुक्यूँ थूक अबि तलक दिखेणु च. पण मानण पोडल  कि आप बड़ा इ बेशरम छन.

कमीण शर्मा - जी मि बेशरमी का कामौ  वजै से त ज़िंदा छौं .लेट अस कम टु द  पॉइंट

जापानी - त आप अन्ना हजारे जीक दगड्यो तै इ बदनाम कौरी द्याओ

काळुमुंडी - जी सब्यूँ तै बदनाम कौर छयो। पण या अभागी जनता अच्काल भकलौण मा आँदी नी च . अब द्याखो ना ! यीं जनता क साँस त द्याखो  मी तै पुछणि च कि मि लन्दन औलेम्पिक मा किलै जाणु  छौं .
 
ब्रितानी - त लोक सभा क जरिया कुछ कारो . हजारे  तै बेवकूफ बणाओ .

चारा प्रसाद यादव- जी ! यू टुटब्याग बि कौर याल. लोक सभा अर राज्य सभा मा भौत बड़ो स्वांग  बि ख्याल   इख तक कि हमन इ नि द्याख कि उप रास्ट्रपति पद की  बि क्वी इज्जत हूंद.

इतालवी - त लोक सभा मा यूँ पर अभियोग लगै द्याओ

झान्गु रप्पा - जी वां से बि कुछ फरक नि पड़णु च , पता नि जनता किलै  भ्रष्टाचार मिटाण पर अयिं  च

अमेरिकी - पण आप त अंतरास्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन संस्था क सदस्य छन.

सबी नेता --- असल मा ओ एक शील्ड च. अपण गुनाह लुकाणो बान हम सबि नेता लोक भौत सि गैर सरकार संस्थान खोलि   दींदा .   

सबि विज्ञापन ब्यूंतदार - अरे वाह ! हम तै पता इ नी च बल भारत मा अपण गुनाह बचाण मा इथगा प्रगति ह्व़े ग्याई

कमीण शर्मा -लेट अस कम टु द पॉइंट

अमेरिकी- त आप मीडिया यि खरीद ल्याओ.जन कि हमन टाइम्स मैगजीन का द्वारा  मनमोहन सिंग जीक बेज्जती कार

कैड़ी बनर्जी- जी हमन , मीडिया क नाक मा नकेळ. म्वाळ लगाणो पुठया जोर  लगाई त छौ पण यि मीडिया  बि बड़ो  बेरहम ह्व़े ग्याई.
 
सबि  विज्ञापन ब्यूंतदार -- एक बात बतावा  आप किलै नि चाणा छंवां कि आपक देस बिटेन  भ्रष्टाचार अर भ्रस्टाचारी  ख़तम ह्व़े जावन

सबि नेता - बात या च कि एक त हम सब्यूं तै आळी जाळी काम करणो, भ्रस्टाचार करणो, परिवार वाद चलाणो आदत इ पोड़ी गे.  फिर अब यदि भ्रस्टाचार्युं जगा इमानदार लोग आण बिसे जाला त हम त जेल मा इ सौडि जौंला

सबि विज्ञापन ब्यूंतदार --ओ भौत इ गम्भीर समस्या च . हमारि फीस  त बिजां होलि . पेमेंट एडवांस .

सबि नेता- वांक फिकर नि कारो. ब्वालो स्विस बैक से अबि आपक अकाउंट मा पैसा जमा करे दींदा .

सबि विज्ञापन ब्यूंतदार -- ठीक च हम तै पांच  घंटा समौ दे द्याओ

सबि नेता- ठीक च हम अबि भैर जाणा छंवां. आप पाँच  घंटा मा हमारि समस्या कु समाधान खुज्याओ

सबि विज्ञापन ब्यूंतदार -- चलो अब हमारो क्लाइंट्स  भैर चली गेन . अब जरा  काम करे  जाओ .

जापानी - औफ़ द रिकोर्ड हाँ ! भारत तै बचाणो अब भगवान् बुद्ध तै फिर से जनम ल़ीणि पोडल.

सबी - ह इख भारत मा संतो क क्वी काम नी च . इख त भगवान इ कुछ कौर सकुद

अमेरिकी- बस बस चलो हम तै अपण क्लाइंट  याने गाहक से मतबल च 

ऑस्ट्रेलियाई - त इन मा क्वा कौंळ बताए जाओ.

अमेरिकी - इखमा सुचण क्या च .भारत की समस्या च त इखाक दर्शन ,  पुराण इ हम तै रस्ता बथालो  ,

इतालवी - हैं मतलब हम तै भारतीय दर्शन , हितोपदेश, जावक कथा , इतिहास से इ समाधान खुज्याण  पोडल ?

फ्रांसिसी - हां . स्थानीय समस्याओं समाधान हमेशा स्थानीय  शास्त्रों मा इ लुक्युं रौंद.

अमेरिकी- बस आप सौब भारतीय पुराण , दर्शन, कबीर इ ना पौरुस कि हार,  राणा सांगा की हार,  ब्रिटिश राज को आण को अध्ययन कारो अर शर्तिया  दस मिनट मा हम तै समाधान मिलि जालु .

ब्रिटिश- एस ! आइ एग्री . चलो सब काम पर जुटी जाओ

सौब- अरे एक ना दस समाधान मील  गेन.

अमेरिकी - अब ध्यान द्याओ हाँ . समाधान मा शब्द हमर देस का हूण चएंदन . जन कि  इटालीका कौनसेप्ट , अमेरिकी स्ट्रेटिजी, जापानीज ऐकजीक्युसन फ्लो आदि आदि 

इतालवी - ओ जां से यूँ मूर्ख भारतियुं तै लगो कि हम  अपण देस की परखीं कामयाब  रणनीति भारत तै दीणा छंवां

जर्मन विज्ञापन सल्ली - फुलिस इंडियन्स .

अमेरिकी - कमीना जी ! सौरी कमीण जी  हम तै अन्ना हजारे  विरुद्ध भौत ही बढिया तरकीब मिल्यां छन. पण चूंकि  हम तै कुछ देसु से स्ट्रेटिजी क कौपी राईट लीण पोडल त जरा बजट दुगुण ह्व़े ग्याई .

कमीण शर्मा - आप बजट की फिकर नी कारो. एक मिनट मा स्विस बैंक से आपक अकौंट मा पैसा ट्रांसफर ह्व़े जाला.

अमेरिकी- दैट्स  नाइस ऑफ़ यू .मी शर्त लगै सकुद कि हमारि रणनीति से अन्ना हजारे कु आन्दोलन फुस्स ह्व़े जालो.

कमीण शर्मा - थैंक यू वेरी मच . वी नीड स्ट्रेटिजी अगेंस्ट अन्ना हजारे वेरी बैडली .

 

 Copyright@ Bhishma Kukreti 25/7/2012

 

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