भूगोल
उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊं मण्डल का सुरम्य पर्वतीय जनपद नैनीताल 20 डिग्री 23 अंश उत्तर से 79 डिग्री 27 अंश पूर्व में 3422 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके उत्तर में अल्मोड़ा, पूर्व में चम्पावत , दक्षिण में ऊधमसिंह नगर, पश्चिम में पौड़ी तथा उत्तर प्रदेश की सीमाएं मिलती हैं। मैदानी एवं पर्वतीय भू-भाग में फैला कृषि योग्य क्षेत्रफल 52 हजार है तथा सकल सिंचित क्षेत्रफल 45 हजार हेक्टेयर है। कृषि उत्पादन 135.25 हजार मीट्रीक टन है। गन्ने का उत्पादन 415.59 हजार मीट्रिक टन , तिलहन 3.48 हजार मीट्रिक टन एवं आलू 91 हजार मीट्रिक टन है। अधिक ऊंचाई वाले स्थानों में सेब, नाशपाती, आड़ू, खुमानी आदि फलों एवं गेहूँ, मंडुआ, मक्का, जौ, झंगोरा, कौणी, भट्ट, तोर आदि फसलों का उत्पादन तथा मैदानी क्षेत्रों में आम, अमरूद, पपीता आदि फलों एवं गेहूँ धान, गन्ना,चना, मटर, सोयाबीन, आदि फसलों का उत्पादन होता है।
जनपद के मैदानी क्षेत्रों का तापमान अधिकतम लगभग 48 डिग्री सेल्सियस पर्वतीय एवं न्यूनतम 0.1 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। नैनीताल जनपद का पर्यटन की दृष्टि से प्रदेश में महत्वपूर्ण स्थान है। ब्रिटिश काल में यह क्षेत्र छरवाता परगना कहलाता था, जिसका अर्थ होता है 60 झीलों का क्षेत्र। नैनीताल, भीमताल नौकुचियाताल, गरुड़ताल, रामताल, सीताताल, लक्ष्मणताल, नलदमयन्तीताल, सूखाताल, मलवाताल, खुर्पाताल, सड़ियाताल आदि ताल (झील) ही इसके अनुपम सौन्दर्य को बड़ा रहा हैं। जनपद में सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला नैनापीक है, जिसकी ऊँचाई 2611 मीटर है| यहाँ से हिमालय की मनोरम छ्टा दिखाई देती है। इसके अतिरिक्त स्नोव्यू 2270 मीटर, डोरोथी सीट 2292 मीटर, लैण्डसएंड 2118 मीटर, किलवरी 2194 मीटर तथा मुक्तेश्वर 2286 मीटर ऊँची पर्वत श्रृंखलाएं हैं। नैनीताल से 108 किलोमीटर दूर विश्व प्रसिद्ध जिम कार्बेट नेशनल पार्क स्थित है। बाघ एवं वन्य जीवों को संरक्षण प्रदान करता हुआ विस्तृत भू-भाग में फैला वन क्षेत्र यहाँ का मुख्य अभ्यारण्य है। जहाँ बाघ, तेंदुआ, भालू, हाथी, चीतल, बारहसिंघा, नीलगाय आदि जंगली पशु पाए जाते हैं। कोसी इस जनपद में बहने वाली प्रमुख नदी है।