Jai Prakash Dangwal
मेरी कलम से©Jai Prakash Dangwal:-
खुशी ढूँढ़ने से मिलती है, कभी कभी इंतज़ार में और कभी मिलन में,
ख़ुशबू फूल खिलने पर ही मिलती है, कभी गमले में, कभी बगिया में.
प्रणय अनुभूति, कोयल की कू कू में मिलती है, या भ्रमर के गुंजन में,
शांति, चंचल मन के ठहराव में मिलती है, या किसी हसीं मुस्कान में.