hApPy HoLi.
मैं भी सैंय्या समझ गयी हूँ इंटरनेट का खेल,
इस होली भेजूँगी तुमको प्यार भरा “ई-मेल”.
अबीर, गुलाल के दो थैले, “अटैच” कर दूँगी,
इस होली बतला दूँगी मैं क्या है ये “फीमेल”.
मैं भी सैंय्या समझ गयी हूँ इंटरनेट का खेल........
“ट्विटर”, “फेसबुक”, पर अब मेरा, पता दर्ज है,
जान रहूँगी क्या करते रहते हो दिन भर खेल.
मैं भी सैंय्या समझ गयी हूँ इंटरनेट का खेल.........
“टाइमलाइन” और “वॉल” पे मैं, कर लूँगी कब्ज़ा,
तेरे “सिंगल” इस्टेटस का “फंडा” होगा “फेल”.
मैं भी सैंय्या समझ गयी हूँ इंटरनेट का खेल.............
“नोटीफिकेशन” और “मैसेज” पर पक्का पहरा होगा,
यूँ ही शायद पड़ जाए कुछ, तेरी नाक नकेल.
मैं भी सैंय्या समझ गयी हूँ इंटरनेट का खेल.............
हर्षवर्धन