Author Topic: Poems Written by Shailendra Joshi- शैलेन्द्र जोशी की कवितायें  (Read 98881 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गडवाल का बड़ा बड़ा डांडा कांठा
कुमाऊ का छोटा छोटा डाना काना
का बीच रे
ऐसु साल फिर बिछला
गैरसैंण मा तिरपाल
मिल भी टीबी अखबार मा
देखी सुणयाली पढ़याली
राजनीती का ग्वेर
फिर जाला
गैरसैंण की छानियों मा
राजनीती की दुध दै घी छाच
खै पैकी फिर चली जाला दूँण
जख बीटि ऊ आया छन
अर जख ऊँकु राजनीती निवास च
सदानी कु
कुमया दाज्यू अर गड्वाली भयों
हम पहाड़ी त डांडो मा खल्ली
हरेला मनाओ अर झुमैला नाचो खुणि
हुया छन मंत्री जी आला रिबन काटला
तामसु होलू तमासगेर बणी फिर वू चली जाला
इन्नी हाल रालू उतराखंड कु त फिर कबि दिन नि आला ..............शैलेन्द्र जोशी

फोटो क्लिक .......शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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आजादी का पर्व मा म्यरी लिखी यी कविता आप तै पसंद आली इन्न उम्मीद करदा साथ ही यी स्वतंत्रदिवस की हार्दिक शुभकामना
घोलो तै छोड़ी
उड़ सकू नयी नयी चखुली
अपणा हिसाब सी आगास मा
इत्गा आजादी उथे चहेणी च
तुम विका पंख काटीक
घोलों मा विथे ग्वाडिक
विथे बोला तू न उड़ चखुली
आगास मा हव्वा पैली जन नि रै
आगास ख़राब ह्वेकी दुरंगी हवेगे
पर तुमरी डौरो अर जिद्द का अगनै
चखुली सुपन्या उड़ान
अधुरा रैगींन
क्या इथे बोल्दन भै आजादी..............शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
August 13 at 2:23am · Edited ·

ढूध नकली दही नकली
चौंल नकली दाल नकली
मीठे नकली खटे नकली
सब चीज नकली
पर सबाल यो च
मनखी कत्गा असली च
यी हालात मा ............शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
August 11 at 4:06am · Edited ·

पौ फिर फटली
उंदकार दियू जल्लु
परगना बारह्स्यु
पट्टी नादलस्यु पौड़ी गौ
पौड़ी गडवाल मा
जख रिटायर फौजी
अर समुद्रा देबी घौर
जख जल्म्यु नरु रतन
गढ़रतन उतराखंड रतन
नरेन्द्र सिंह नेगी.................शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi


कैका दिलै राणी छौ नि छौ
कैका लाडै लाडली छौ नि छौ
कैका प्यारै प्यारी छौ नि छौ
पर अपणा बाबु की
प्यारी राणी लाडली मी ही छौ
कैकु मान छौ नि छौ
कैकु अभिमान छौ नि छौ
कैकी शान छौ नि छौ
पर अपणा बाबु की
मान शान अभिमान मी ही छौ
कैकु सुपन्यु छौ नि छौ
कैकु ख्याल छौ नि छौ
पर अपणा बाबु की
सुपन्यु ख्याल मी ही छौ
कैकु चाँदे टुकड़ी छौ नि छौ
कैका जिकुड़ी बसी छौ नि छौ
पर अपणा बाबु का
जिकुड़ा मा बसी चाँदे टुकड़ी मी ही छौ
कैकी आस छौ नि छौ
कैकु बिस्वास छौ नि छौ
पर अपणा बाबु की
आस बिस्वास मी ही छौ
कैकु सुख छौ नि छौ
कैकु चैन छौ नि छौ
कैकु शांति छौ नि छौ
पर अपणा बाबु की
सुखशांति चैन मी ही छौ
कैकु खेलतमासु छौ नि छौ
कैकु तै बाला छौ नि छौ
कैकु दगडया छौ नि छौ
कैका मुखड़ी हैसी छौ नि छौ
पर अपणा बाबु कु
बाला दगडया खेलतमासु
मुखड़ी हैसी मी ही छौ....................शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi


नदियों कु अपणु एक संगीत च
सर सर सुर सुर स्वीस्याट कु
कखी गंग्लोड़ो टकरी बणदू क्वी गीत
पाणी मा कखी मांछा तैरी लगाणा गीत
कखी चखुली उड़ी फिर आणि पाणी मा
लगाणी नदी धुन मा मीठा गीत
कखी लहर च कखी भंवर
नदी पाणी मा लुक्यु च
कत्गा किस्मो गीत संगीत
हर पहर मा हर किस्मो संगीत
सुणादी नदी अपणा स्वीस्याट कु
चल छोरी देख नदी पवन कत्गा भलु
गीत गाणा चखुला भि इन्नु हाल मा
ढौल पुरौणा मिस्से मिस्सेकी
तू भी ऐजा फिर किश्ती मा बैठीकी
नदी सुर मा तू भी गीत लगैजा
मी सुणलू नदी का संगीत मा तेरु गीत....................शैलेन्द्र जोशी

फोटो क्लिक......शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi
August 27 at 8:24am

देहरादूण पाड़ बैरी तू ही बन्यु लाटा
देहरादूण गैरसैण की
सौत बि तू ही बन्यु छुचा
पर देहरादूण पाड़ मा
ह्वैकी तू बेजत भौत होंदु
अर खाणा पिणा स्येणु
तू ह्यु सब्भु
पर फिर गाली लोला तू ही खाणु
पर कभी पाड़ी राजाओं
राज सहारनपुर तक छौ
अब देहरादूंण कन्नू बिराणु ह्यु फिर
देहरादूण सैरा पाड़ कांधी मा चढ़की
तब भि छुचा तू बिराणु ह्यु
कत्गा सैणी छे तू
कै मट्टी कु बन्यु छे तू
पर मन मा सोच्दु पाड़ी छे तू
तेरु ईमान अज्यु तक नि डोली
निथर इत्गा गाली नेतागिरी त्वे
पर हुन्दी क्वी हौर होंदु
खौं बाघ बण जांदू................शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi
August 23 at 11:24pm ·

कैका दिलै राणी छौ नि छौ
कैका लाडै लाडली छौ नि छौ
कैका प्यारै प्यारी छौ नि छौ
पर अपणा बाबु की
प्यारी राणी लाडली मी ही छौ
कैकु मान छौ नि छौ
कैकु अभिमान छौ नि छौ
कैकी शान छौ नि छौ
पर अपणा बाबु की
मान शान अभिमान मी ही छौ
कैकु सुपन्यु छौ नि छौ
कैकु ख्याल छौ नि छौ
पर अपणा बाबु की
सुपन्यु ख्याल मी ही छौ
कैकु चाँदे टुकड़ी छौ नि छौ
कैका जिकुड़ी बसी छौ नि छौ
पर अपणा बाबु का
जिकुड़ा मा बसी चाँदे टुकड़ी मी ही छौ
कैकी आस छौ नि छौ
कैकु बिस्वास छौ नि छौ
पर अपणा बाबु की
आस बिस्वास मी ही छौ
कैकु सुख छौ नि छौ
कैकु चैन छौ नि छौ
कैकु शांति छौ नि छौ
पर अपणा बाबु की
सुखशांति चैन मी ही छौ
कैकु खेलतमासु छौ नि छौ
कैकु तै बाला छौ नि छौ
कैकु दगडया छौ नि छौ
कैका मुखड़ी हैसी छौ नि छौ
पर अपणा बाबु कु
बाला दगडया खेलतमासु
मुखड़ी हैसी मी ही छौ....................शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi
August 23 at 3:07am · Edited ·

आबरू लुटे न अब
किसी बहिन की
अब गली बाजार मे
तभी मतलब है राखी
पहनने का भाईयों
नहीं तो राखी शर्मशार है.......................शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi
·

यु तो नरेंद्र सिंह नेगी गीत के हर विषय महारथ रखते है पर जो मास्टरी उनको मायादारी गीत लिखने मे वो महारथ अन्या किसी लोकभाषा के कवि या गीतकार नजर नहीं आती साहित्यकार वीरेन्द्र पंवार के शब्दो मे कहू तो नरेन्द्र सिंह नेगी मायादार गीतों के डॉक्टर है

अभि मेरी नाकुड़ी मा नी बसी नी बास तेरी
अभि मेरी जिकुड़ी मा नी बुझी नी बुझी तीस तेरी
अभि मेरी कंदुडयुमा नी रली नी गली तेरी मिसरी जनि बाच
जाणु छौ मन जोड़ीकी छोड़ीकी त्वैमा सुआ
फेर औलु यनि दौड़की बौडीकी त्वैमा सुआ
अभि मेरी आख्यु मा नी छपी नी छपी
तेरी तै मुखड़ी की छाप
अभि तेरा रंगमा कख रंगी कख रंगी
मेरु सैरु मन सैरु गात
कनुकै कटेलु दिन कनुकै कटेलि रात
सुआ हो सुआ हो
अभि धै नी लगनी रुमुक नि पोड़ी
अभी ज्यू नी भरेइ अभी नजा मी छोड़ी
नजा नजा मान बात ...........................................नरेन्द्र सिंह नेगी

 

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