Author Topic: मध्य हिमालयी कुमाउनी,गढ़वाळी एवं नेपाली भाषाओं व्याकरण का तुलानाम्त्क अध्ययन  (Read 16792 times)

Bhishma Kukreti

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Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-50

                          कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -50

 

                                                            सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                                       Edited by Bhishm Kukreti


                                        कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 11

                                कुमाउंनी और गढ़वाली में क्रायक अंग 


हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली

मुख के अन्दर का भाग -----------------खाप ------------------------------गिच्चु , मुख भितर , खबाड़/खब्वड़   

मुख ---------------------------------------मुख ------------------------------मूक

मुख का वह भाग जो होंठों से युक्त है -----थोल --------------------------थुबड़/थोबडु /थोबड

पैर -------------------------------------------खुट्टा /खुट-----------------------खुट्टा /खुट   

पिंडलियाँ -------------------------------------गोद/नल्यो----------------------फिफन

बांह --------------------------------------------पांखुड़   ----------------------बौंळ  /बौंळा  /बौंळु

आंतें -------------------------------------------अनाड़---------------------------अंदड़ 

हड्डियां -----------------------------------------भांटी ------------------------हडक  /हडका

हड्डी ----------------------------------------------हांड़ -------------------------हाड

 

                             कुमाउंनी और गढ़वाली में अंग क्रियाएं

  हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली 

  छींक ------------------------------------छिय्याँ /छीं -----------------------छींक/छिंकण 

स्फुरण --------------------------------------फुरनो/फुरण --------------------कंपण

एक प्रकार की कंपकंपी-----------------------जकुरनो/जकुरण ---------------- कंपण

नासिका स्राव --------------------------------शिकान----------------------------सीम्प /सिंघान

कफ्फ ------------------------------------------खंकार ----------------------------खंकार

कान का मैल  ----------------------------------कनगु ------------------------------कनsगू   

दांतों का खट्टा होना ----------------------------कुणीनो ---------------------------दांत सिल्याण   

                               


सन्दर्भ-

1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages to be continued .....

Bhishma Kukreti

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Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-51


                                     कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -51



                                                                  सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                                      Edited by Bhishm Kukreti


                                              कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 12


                                                          कुमाउंनी और गढ़वाली में घरेलु वर्तन

 

 

हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली
 कटोरा ----------------------------------ब्याला -----------------------------कट्वर, कटोरा , कटोरी , कट्वरि 

भदेली-----------------------------------जाम ---------------------------------भदेली

कढाई ------------------------------------कढ़े  (ऐ  पढ़ें )  -----------------------   कढ़े (ऐ पढ़ें )

बड़ा गहरा चम्मच ------------------------------डाडु ----------------------------------डाडु

करछी --------------------------------------पंड्योऊलो (औ ) ---------------------------कड़छुल/कड़छि/करछी   

ताम्बे की गगरी ------------------------------फौन्लो -----------------------------गागर

ताम्बे/धातु की छोटी  गगरी ------------------कुम्भि-----------------------------तमोळी   

लोटा ------------------------------------------किशिणि/घंटि--------------------लुट्या/घंटि

  लोटे के आकार का पात्र ---------------------गडुवा ---------------------------गडुवा  (दोनो में ड़ पढ़ें )

 दाल बनाने का कांसे का पात्र ---------------भडडू ---------------------------भडडू



सन्दर्भ-

1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

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          Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-52
 

                              कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -52



                                                       सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                                  Edited by Bhishm Kukreti


                                               कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 13

           

                                                  वस्त्र -नामों में समानता व वैशिष्ठ्य

हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली   

अंगरखा ----------------------------------अंगोड़ो/आंगोड़--------------------अंगुड़

लंहगा -------------------------------------घागरि/घागोर ---------------------घगुर/घगरि

वास्कट ----------------------------------भोट्टि/भोटि-------------------------फत्वी

धोती ---------------------------------------धोति ------------------------------धोति/धुतड़ा 

पैजामा --------------------------------------शुरवाल------------------------------सुलार

कंधे से लेकर नीचे तक

पहना जाने वाला लडकों का पहनावा -------------संतराश----------------------संतराज

फ्राक --------------------------------------------झगुलि--------------------------- झगुलि 

जनेऊ ------------------------------------------जने --------------------------------जंद्यौ         

                 


सन्दर्भ-

1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

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   Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-53
 

                       कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -53



                                                                        सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                                         Edited by Bhishm Kukreti


                                   कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 14

                   

                                        आभूषण नामों में   समानता और वैशिष्ठ्य           




हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली

हंसुली ------------------------------------सुत्ती /सुत-----------------------खग्वळि 

पैरो का चांदी  का बजने वाला आभूषण -- झांवर --------------------------झंवरि

हाथ का कड़ा जैसा आभूषण ----------------धागुलो -----------------------धगुल/धगुलि /धागुलो

हाथ का एक आभूषण -------------------------पौंछि ------------------------पौंछि

करघनी -----------------------------------------कमर-ज्योडि

नथ ---------------------------------------------नत्थ /नथ -------------------नथुलि

नासिका  का आभूषण ------------------------बुलाक -------------------------बुलाक

अंगूठी ----------------------------------------अंगूठी ---------------------------अंगूठी



सन्दर्भ-

1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

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Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-54
 

                                        कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -54



                                                                                                    सम्पादन : भीष्म कुकरेती
 
                                                      Edited by Bhishm Kukreti

 

 

                                                                   कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 15
 


 

 

 

                                                                                         

                                          कुमाउंनी और गढ़वाळी में संस्कृत तत्सम रूप 

दोनों भाषाओँ में कुछ संस्कृत शब्द तत्सम रूप  में ही मिलते हैं - जैसे

अन्न, अति, अर्थ , इति, इष्ट , इश्वर, उद्धार, उत्पात, उदय, एकांत, क्रम, कंठ, काल, कुल, गीत,
 
गोत्र, गति, जन, तप, दुष्ट, दैव, धार, नाग, नाम, प्रबध, प्रेम, पाल, मौन, मृत्यु, ज्ञान आड़.

 

                                    कुमाउंनी और गढ़वाळी में संस्कृत तद्भव रूप

 
 
संस्कृत  -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली   

अक्षोट ---------------------------------------अखरोट ----------------------------अखरोट

अर्गला ---------------------------------------आगोलो
 
अंकमाल --------------------------------------अंग्वाल ---------------------------अंग्वाळ

कल्यवर्त----------------------------------------कल्यौ ---------------------------कल्यौ

कुक्षि----------------------------------------------कोख --------------------------कोख

गोष्ठ-----------------------------------------------गोठ --------------------------गोठ

गोमूत्र ---------------------------------------------गौंत ---------------------------गौंत

गोस्वामी ------------------------------------------गुशें ------------------------------गुशें  (आई की मात्रा)
 
ग्राहक ----------------------------------------------गहाक  --------------------------गाक /गाहक

तुम्ब ------------------------------------------------तुमोड़ो----------------------------तुमुड़ 

तप्त -----------------------------------------------तातो -------------------------------तातो

तिथि ------------------------------------------------तीथ -------------------------------तिथि

तृषा --------------------------------------------------तीश --------------------------------तीस

दर्भ --------------------------------------------------दाबो
 
देहली ----------------------------------------------देलि --------------------------------देळि 

नतहिं---------------------------------------------नंतर

पक्ष -----------------------------------------------पाखो ---------------------------------पाखो

मुद्गरी -------------------------------------------मुंगोरो--------------------------------मुंगुर 

नाल --------------------------------------------------नलौ-----------------------------नळौ   

लिक्षा ---------------------------------------------लिखा -----------------------------लिखल

वलिवर्द-------------------------------------------बल्द ----------------------------------बल्द

     

 

 सन्दर्भ-
1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
 
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
 
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
 
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
 
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
 
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
 
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
 
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
 
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
 
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
 
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
 
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
 
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                                     कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -55



                                                              सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                                         Edited by Bhishm Kukreti


 



                                             कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 16


                                                        कुमाउंनी व गढ़वाली में कारक भेद

कारक ----------------------------------गढ़वाली ---------------------कुमाउंनी -----------------------हिंदी

कर्ता -------------------------------- न, ल-----------------------------ले -------------------------------ने

कर्म------------------------------  सणि, कु, को, कुणि ---------------कणि,कन, कैं , श -------------को

करण ------------------------------तै, न , से  ,   ----------------------ले, पिति, कयल, कयां---------से, द्वारा

 सम्प्रदान ----------------------खुण, कुण, सणि, कू -----------हीं, हिन, हूँ , हुणि, खीं , खिन, लिज्या -------------के लिए

अपादान --------------------------ते, बिटेन , बटि----------------------हैं,बटि , बटे, बै ------------------ से

सम्बन्ध -------------------------को, क, का, कि------------------------को, का, कि -------------------का, के, की

अधिकरण -------------------------मां , पर, तलक ----------------------में, माझ ----------------------में, पर   

सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

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१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

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                                       कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -56



                                         सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                                          Edited by Bhishm Kukreti

                   हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में   वाक्य भेद


१-हिंदी - तुम पुस्तक पढ़ रहे थे

कुमाउंनी -तुम किताब पड़णौ छिया 

गढ़वाली - तू किताब पढ़णु छौ /छयो 

तुम किताब पढ़णा छ्या

२- हिंदी - मै फल खा रहा था    .

कुमाउंनी -मै फल खाणौ छियुं 

गढ़वाली - मि फल  खाणु   छौ 

३- हिंदी - मैं पढ़ने जा रहा हूं

कुमाउंनी - मै पड़णहूं जाणयूँ

गढ़वाली -मी पढ़णो जाणु छौं

४- हिंदी -  तुम घर  जा रहे  हो 

कुमाउंनी -तुम घर जाणौ छा 

गढ़वाली -तू घौर /ड़्यार जाणु छे /तुम ड़्यार जाणा छ्न्वां

५- हिंदी - वह बाजार   जा रहा है

कुमाउंनी - ऊ बजार जाणौ छ 

गढ़वाली -वु बजार जाणु च

६- हिंदी - वे मनुष्य पढ़ रहे हैं

कुमाउंनी -ऊँ मैश पड़णाईं 

गढ़वाली - वो/वु मनिख पढ़ना छन



सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages to be continued .....

Bhishma Kukreti

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                            कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -57



                                                                          सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                                          Edited by Bhishm कुकरेती



                                          हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद



 ७- हिंदी - हम लोग प्रार्थना कार रहे हैं

कुमाउंनी -हम पराथना करणयाँ 

गढ़वाली- हम परार्थना करणा छंवां 

८-हिंदी - तुम लोग क्या कर रहे हो?
कुमाउंनी -तुम के करणौ छा ?

गढ़वाली- तुम क्या करणा छंवां ?

९-हिंदी - कुछ व्यक्ति गाना गा रहे थे
कुमाउंनी -क्वे जणी गीत गाणई

गढ़वाली-कुछ लोक गीत गाणा छया / कुछ लोक गाणा गाणा छया

१०-हिंदी - मै जाता हूं . वह जाता है
कुमाउंनी -मै जां . ऊ जां

गढ़वाली- मि जाणु छौं . वु जाणु छ/ वु जाणु च / वु जाणु छौ (विछ्ला ढाञगु  में - मि जाणु ह )

११-हिंदी - तुम जाते हो . वे जाते  हैं .
कुमाउंनी -तुम जांछा. ऊ जानी 

गढ़वाली- तुम जाणा छंवां (आदर सूचक) , तू जाणि छे (प्रेम सूचक ) . वु/वो  जाणा छन 

१२- हिंदी - वह जाती है
कुमाउंनी -ऊ जैञ 

गढ़वाली- वा जाणि च /छ

१३-हिंदी - वे स्त्रियाँ जाती हैं
कुमाउंनी -ऊन श्यैणी जानी

गढ़वाली- वु /वो जनानी जाणा छन

१४-हिंदी - लड़की घर से आई है
कुमाउंनी - चेली घर बे ऐ

गढ़वाली- नौनि /लौडि ड्यार बिटेन ऐ

१५-हिंदी - लडकियाँ पढनी गयी हैं
कुमाउंनी -चेलीं पड़णहूँ गेईं   

गढ़वाली-नौनि /लौडि पड़ना जयां छन


 





सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

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                                    कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -58



                                    सम्पादन : भीष्म कुकरेती
 
                               Edited by Bhishm कुकरेती

 

                        हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -३

 १६- हिंदी- छात्रा गा रही थी

कुमाउंनी - चेली गाणै छि

गढ़वाली- नौनि /लौडि गाणि च /छ

१७-हिंदी- छात्राएं पढ़ रही थीं
कुमाउंनी - चेलीं पड़णौ  छीं

गढ़वाली- नौनि पड़णा छन

 १८-हिंदी- लडकी ने खाना खाया

कुमाउंनी - चेलिल खाणु खा

गढ़वाली- नौनि न खाणा खाइ/ खै //नौनि ल खाणा खै   

 १९-हिंदी- लडकियों ने पानी पीया
कुमाउंनी - चेलीनैल पाणि पी 

गढ़वाली- नौन्युं /लौडियूँ न पाणि पे  //नौन्युं /लौडियूँ ल पाणि पे

 २०- हिंदी- वहां एक आदमी है
कुमाउंनी - वां एक मैश  छु

गढ़वाली- उख एक मनिख च /छ

२१-हिंदी- घर पर दो व्यक्ति हैं
कुमाउंनी - घर द्वि मैश छन

गढ़वाली- घरम/ड्यारम द्वि ' झण /मनिख/आदिम ' छन

-----

सूचना - गढ़वाली में मैश पति को कहा जाता है  . 


सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
 
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
 
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
 
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
 
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
 
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
 
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
 
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
 
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
 
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
 
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
 
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
 
13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

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                      कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -59



                                                    सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                               Edited by Bhishm Kukreti




                                          हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद -4          



२२-हिंदी- घर पर चार व्यक्ति हैं

कुमाउंनी -घर चार मैश छन

गढ़वाली - घरम चार मनिख /आदिम/झण  छन


२३-हिंदी-घर पर तीन स्त्रियाँ हैं

कुमाउंनी -घर में तीन  श्यैणी छन 

गढ़वाली - घरम तीन जनानी छन 


२४-हिंदी-स्कूल में एक अध्यापिका हैं

कुमाउंनी -इस्कूल में एक मास्टरनि छु

गढ़वाली - इस्कूलम एक मास्टनि  च


२५-हिंदी- दूकान में केवल एक वस्तु है

कुमाउंनी -दुकान में एक्कै चीज छु

गढ़वाली - दुकानम एकी चीज च 


२६-हिंदी-होटल में खाने की चीजें हैं

कुमाउंनी - होटल में खाणी चीज छन

गढ़वाली - होटलम खाणै चीज छन


२७-हिंदी-काम कि वस्तुएं कहाँ थीं?

कुमाउंनी -कामैं चीज काँ छीं ?

गढ़वाली - कामै चीज कख छ्या ?


२८-हिंदी-वह कलम अच्छी थी

कुमाउंनी - ऊ कलम भलि छि 

गढ़वाली - वा कलम भलि छे


२९-हिंदी-स्याही अच्छी  नही थी

कुमाउंनी - श्यैइ  भलि नि छि

गढ़वाली - स्यै/स्याई  ठीक नि छे 


३०-हिंदी-उसका काम अच्छा है

कुमाउंनी - वीक काम भलु छु

गढ़वाली - वैक काम भलु च


३१-हिंदी-वे मनुष्य क्या करेंगे ?

कुमाउंनी -ऊ मैश के कराल ?

गढ़वाली - ऊ आदिम क्या कारल ?


३२-हिंदी-छात्र कब खेलेंगे ?

कुमाउंनी -च्याल कभत खेलाल ? 

गढ़वाली- पढंदेर/पढ़नेर  कब ख्यालल

  अथवा

नौन्याळ /लौड़ कब ख्यालल ?   


३३- हिंदी-तुम पढने जाओगे

कुमाउंनी -तुम पड़ण हूँ जाला

गढ़वाली - तुम पड़णो जैल्या / तू पड़णो  जैल 




सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

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