अब स्पूटिक शिलाखंड मे जोगी कि भेष भूषा उतार कर, पूर्व परिधान पहन कर दोनों बालको का बैठ कर खूब बातें करना
हरी पिंगली सुंदर दानु के एक सुंदर स्थान मे उस सुंदर स्पूटिक शिलाखंड मे बैठ कर दोनों बालक दुग पट्टी एव नाकुरी पट्टी के अनेक गावो मे घूमने के बाद का अनुभव एक दूसरे से बाटते है !
इस प्रकार से नौलिंग जी और बजैण जी आपस मे बातें करते रहते है ! तब नौलिंग जी नाकुरी पट्टी के गावो के नाम बोल देते है ! ये इस प्रकार से है , भाटनी कोट, खल्दोदी, बल्दोदी, तुपेड़, कउली, महरगाड, दर्सिंग, होराली, गदेरा उस पार डपटी, शेरी, उत्तर दुग, जरमानी, पद्ग्योदा, महारोदी, इधर किदाई, पचार, मोहरी, जारती, पपोली, उदियार, सुरकाली, बाफिला वाग, उदियूदा, सियोनी गाव, कुरोली, बैकोदी आदि.