Uttarakhand > Uttarakhand History & Movements - उत्तराखण्ड का इतिहास एवं जन आन्दोलन

Honour Of State Movement Heroes - उत्तराखण्ड आन्दोलन के आन्दोलनकारियों का सम्मान

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Devbhoomi,Uttarakhand:
शहीदों के नाम पर हो नामकरण
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राज्य आंदोलनकारी कल्याण परिषद के पूर्व अध्यक्ष रवींद्र जुगरान ने मुख्य सचिव सुभाष कुमार से भेंटकर राज्य आंदोलन के शहीदों के नाम प्रमुख मार्गो एवं प्रतिष्ठानों के नामकरण करने में हो रहे विलंब पर चिंता जताई।

श्री जुगरान ने कहा कि इस संदर्भ में नवंबर 2007 में शासनादेश हो चुका है, किंतु प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता की वजह से इसे क्रियान्वित नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शहीदों की शहादत के परिणामस्वरूप उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ है। उनकी शहादत से ही सभी क्षेत्रों में लोगों को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है, लेकिन एक दशक में ही राज्य ने शहीदों को भुला दिया है। मुख्य सचिव ने इस मामले को गंभीरता से सुना और कार्यवाही का आश्वासन दिया।

Dainik jagran

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

It is sad to note that there are many state agitators who have not got any honor and facilities from the State Govt. The criteria set by the Govt is different kind.

As per the policy, a person who has spent 3 days in jail will get the benefit of State Agitators.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
    This is all happening in UK. 
 
 टंकी पर चढे आंदोलनकारी तीन उतरे [/t][/t][/t] [/t][/t]   [/t][/t]     फाइल फोटो[/t][/t]अपनी मांगों के समर्थन में पानी की टंकी पर चढे तीन प्रशिक्षित छात्र सरकार के आश्वासन के बाद नीचे उतर आये.
  उत्तराखंड की देहरादून पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि अपनी मांगों के समर्थन में तीनों छात्र गत 25 मार्च को रात पानी की टंकी पर चढ गये थे और मांगों को नहीं मानने की स्थिति में कूदकर जान देने की धमकी दे रहे थे.

तीनों ने मंगलवार को नये सिरे से नीचे कूदने की धमकी दी थी, जिसके बाद पुलिस ने टंकी के आसपास जाल लगाकर पुलिस का घेरा भी बढ़ा दिया था.

टंकी पर चढे छात्रों से पुलिस के आला अधिकारी तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार दिन में बातचीत की थी लेकिन तीनों नहीं माने थे.

सूत्रों ने बताया कि देर रात मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के विशेष अधिकारी ने जब पहुंचकर आंदोलनकारी छात्रों को आश्वस्त किया तो तीनों टंकी से नीचे उतर आये. टंकी से नीचे उतरते ही तीनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनके स्वास्थ्य की जांच की गयी.

सूत्रों ने बताया कि मनवीर रावत, मुरलीधर तथा रामकृष्ण नौटियाल गत 25 मार्च को जब पुलिस लाइन से लौट रहे थे तो धीरे से मौका देखकर बन्नू कालोनी के पास पानी की टंकी पर चढ गये थे.
 
http://www.samaylive.com/regional-news-in-hindi/uttar-pradesh-news-in-hindi/114581/uttar-pradesh-news-in-hindi.html[/td][/tr][/table][/td][/tr][/table]

हलिया:
राज्य गठन आंदोलन में शहीदों के परिवार को 'स्वतंत्रता सेनानी' के समान सुबिधायें दो.

Devbhoomi,Uttarakhand:
देहरादून में बनेगा शहीद स्मारक और कीर्ति स्तंभ
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देहरादून। राज्यसभा सांसद तरुण विजय ने 10 करोड़ की सांसद निधि से देहरादून में कीर्ति स्तंभ और शहीद स्मारक बनवाने की घोषणा की है। इसमें से दो करोड़ रुपये जिला प्रशासन को देने की स्वीकृति भी उन्होंने दे दी है।

 सांसद ने देहरादून में साहित्यकारों के लिए कला मुक्तांगन बनाने का ऐलान भी किया।
भाजपा मुख्यालय में प्रेस से मुखातिब तरुण विजय ने कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर संगठन का आभार जताया।

 उनके अनुसार शहीद स्मारक और कीर्ति स्तंभ को सर्वश्रेष्ठ और अनूठा बनाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। यह कार्य प्रदेश का संस्कृ ति विभाग करेगा। भूमि राज्यसरकार देगी। वे खुद आज इस मामले में राज्यपाल बीएल जोशी से मिले। राज्यपाल ने भी इस योजना का समर्थन किया है।

 परियोजना में राज्यपाल ने संरक्षक बनना भी स्वीकार किया है। सांसद निधि से इसके लिए 10 करोड़ मिलेंगे। पूरी योजना में करीब आठ करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। शेष दो करोड़ फंड में रहेगा।

 इसका निर्माण तीन खंडों में होगा। पहला भाग युद्ध स्मारक, दूसरे भाग में शहीद के माता-पिता, गांव घर आदि का भी पूरा परिचय और तीसरे भाग में विजुअल्स होंगे। प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों का परिचय भी इसमें दिया जाएगा।

सांसद के मुताबिक इस योजना की देखरेख को समिति का गठन किया जा रहा है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी, टिहरी सांसद विजय बहुगुणा और खुद वह भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से भी वे इस योजना के संदर्भ में बात कर चुके हैं।

 तरुण विजय ने करीब 65 लाख की लागत से देहरादून में ही कला मुक्तांगन बनवाने की घोषणा की। उनके मुताबिक इस स्थान पर साहित्यक गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकेगा। इसके लिए दस लाख रुपये प्रशासन को दिए जा चुके हैं।

http://www.amarujala.com/state/Uttrakhand/25689-2.html

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