अपनी कविता की चन्द लाइने - मेरे तथा मोहन बिस्ट के नाट्क कैकु ब्यो -कैकु ख्यो मे भी इस्तेमाल हुई :-
आवा सरकार सरकार बणावा ,
झन्डा त छै छिन,
चन्दा उगै तै - द्वी चार गुन्डा बि दगडी रावा ,
आवा सरकार सरकार बणावा
क्च्ची देलो दारू माफिया , सौकार देलो ट्क्का
जु लडालो जात धर्म पर , वैका भोट पक्का
आवा सरकार सरकार बणावा
जिया रान मेरा झूटा लबारयो,
सौ खै खै नि सचैणो
आज चैदन भोट तूमू सणी,
भोल तूमुन नि देखेणो
आवा सरकार सरकार बणावा
कुर्सी तै सब स्वान्ग तुम्हारा , कुर्सी कि च दौड,
कभी मतक्दा तुम यखुली यखुली,
कभी करदा गठ्जोड
आवा सरकार सरकार बणावा