मुझे आज अपने स्कूल के दिनु के कुछ किस्से याद आ रहे है, उनमे से एक नीचे लिख रहा हु,
हमारे स्कूल मै English teacher थे Sri Lal Singh Bhandaji (शायद पंकज दा जानते होंगे इन्हे), कनालीछीना स्कूल मै टीचर थे. एक दिन सर ने ब्लैक बोर्ड मै एक स्पेलिंग लिखी और एक लड़के से पुछा की ये स्पेलिंग सही है की ग़लत, अब लड़का टीचर की लिखी स्पेलिंग को ग़लत कैसे बोल देगा (waise bhi ham logu ki english bahut kamjoor hoti thi and speeling to bilkul bhi yaad nahi hoti thi). तो बच्चे ने जबाब दिया की सर सही है. टीचर ने उसे एक जोर से चांटा मारा और कहा "साला ग़लत स्पेलिंग को सही कह रहा है".
अब टीचर ने उस लड़के को बैठने को बोल के दूसरे लड़के से पुछा की तू बता ये स्पेलिंग सही है की ग़लत. वो लड़का खड़ा हुआ और बोला सर स्पेलिंग ग़लत है, टीचर ने कहा very good, अब सही स्पेलिंग लिख बोर्ड पे. अब ये बेचारा फस गया क्युकी सही स्पेलिंग तो आती नही थी, उसने तो ग़लत है सिर्फ़ इसलिए बोल दिया था क्युकी पहले वाले को सही है कहने मै मार पड़ी थी. अब ये डरते डरते बोर्ड तक पंहुचा लेकिन कुछ लिख नही पाया. उसके बाद टीचर ने ये कहते हुए की "साला मेरी लिखी हुए स्पेलिंग को ग़लत कहता है" कहकर जो मार लगायी वो लड़का बहुत टाइम तक उसको भूल नही पाया होगा.