राटा एक बटा
एक ही राटा एक ही एक ही बटा
कण छापलाट को मदमाखी को छाता
विधान सभा को चुनवी अखाडा
गरीबा पहाड़ की जनता को बस्ता
एक ही राटा एक ही एक ही बटा ......
काबा आलो कब जलो ये खेला
पांचा बरसा को ये मेला दीदा
अब आलो अब आलो ये पहाडा
मारा दे फैर मार दे फैर दीदा
एक ही राटा एक ही एक ही बटा ......
हर बेल एक ही बाता हे दीदा
कट दियां हाथ अन्घंठा अब दीदा
विस्की रमा ठार की बरखा दीदा
मर ले दीदा बखरों रंगमा हाथ दीदा
एक ही राटा एक ही एक ही बटा ......
कुछ भी वहालो गढ़ देश की बात दीदा
ग्यारा बरस मा छाह मुख्यामंत्री की बात दीदा
खैरी विपदा की बात अब लगा दीदा
ग्यारा बरस ग्याई और ग्यारा बरसा की बात दीदा
एक ही राटा एक ही एक ही बटा ......
अब मी सुच्णु क्या वही बात दीदा
जनता सीयीं चा अब आयी जगा दीदा
तैथाई सच्नु पड़लो अब मार्ग दीदा
पैंसा दारूला णा बनेल अब तयारी बात दीदा
एक ही राटा एक ही एक ही बटा ......
एक ही राटा एक ही एक ही बटा
कण छापलाट को मदमाखी को छाता
विधान सभा को चुनवी अखाडा
गरीबा पहाड़ की जनता को बस्ता
एक ही राटा एक ही एक ही बटा ......
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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