By Sunder Kabdola
ईजा बौज्यु हाँट बाँट तोड
जूँ क्याँरि कै सिँचै त्वै
कौप किताब कलम दँवात
भल अकँक्षर कु ज्ञान दिला
पढे लिखे यु डिग्ररि ले
काम नि लागि ईजा बौज्यु
बाँगश्रेर आँल्माड हँल्दानि दूँन
नि लागि यु शिक्षा काम
बस डबलु मा तुलगै डिग्ररि
चुर चुर हे सुपनियु रे
पढे लिखाई हे बौज्यु त्वील
काम नै लागि त्यर मुँया
डबलु मा तुलगै
तुमर मुँया कु मेहनत आज
रुवै रुवै म्यर डिग्ररि आज
हारी ग्युँ हारी गै
ओ ईजा-बौज्यु रे
क्षमा करे यु चेला कै
जूँ उठे नि पाई सुपनियो जाग
त्यर सुपनियो बदलु कै दु आज
तुलगै नौकरि हैशियत मा आज
तुलगै बौज्यु तेरी मेहनत
तुलगै ईजा तेरी आश
तुलगै सुपनियो मेरो आज
गरीब मुँया कि डिग्ररि यारोँ
गरीब मुँया कि डिग्ररि यारोँ
हे सरकारी बाबु
कै मोल छू मेरो डिग्ररि आज
ले म्यर डिग्ररि थाँम
ईज बौज्यु कु दे दै दाँम
ईज बौज्यु कु दे दै दाँम
ईज बौज्यु कु दे दै दाँम
http://phadikavitablog.wordpress.com/ लेख-सुन्दर कबडोला
गलेई- बागेश्वर- उत्तराँखण्ड