भिटौली आने पर घर में त्यौहार का माहौल हो जाता है. घर में बनने वाले पकवानों को गांव-पडोस में बांटा जाता है. इस तरह यह रिवाज सामाजिक सद्भाव को भी बढ़ावा देता है.
चैत्र मास के दौरान पहाडो में सामान्यतः खेतीबारी के कामो से फुरसत रहती है... यह रिवाज अपने नाते-रिश्तेदारो से मिलने जुलने का और उनके हाल-चाल जानने का एक माध्यम बन जाता है...