गंगोत्री में धूमधाम से मनाया गंगा दशहरा
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त्तरकाशी। गंगोत्री सहित शिव नगरी में गंगा दशहरे के पर्व पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री में मां गंगा की भोग मूर्ति व राजा भागीरथ की मूर्ति को डोली में विराजमान कर आगे से राजा भागीरथ व पीछे मां गंगा की डोली के साथ हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर पहुंचे।
गंगा पूजन व महाभिषेक मान्यता के अनुसार इस दिन राजा भागीरथ के कठोर तपस्या पर गंगा धरती पर अवतरित हुई थी जब गंगा धरती पर अवतरित हुई तो आगे भागीरथ चल रहे थे पीछे गंगा सदियों से चल रही इसी परमपरा को आज यहां पंडा समाज निभा रहा है।
गंगा के मायके मुखवा के पुजारी इस दिन दूसरे क्षेत्रों में ब्याही गई गांव की कन्याओं को मायके बुलाकर उन्हे दान दक्षिणा के अलावा वस्त्र दान भी करते है। मुखवा के ग्रामीण इन कन्याओं को गंगा के रूप में ही देखते है।
गंगा तट पर पूजा अर्चना के बाद मां गंगा की भोग मूर्ति को मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पुन: विराजमान किया गया। गंगा दशहरे पर शिव नगरी उत्तरकाशी में भी श्रद्धालुओं ने बाबा कंडार देवता की डोली के साथ नगर में शोभा यात्रा निकालकर मणिकर्णिका घाट पर गंगा स्नान कर पुण्य अर्जित किया।