म्यार पहाड़ फॉरम में मुझे बहुत सारी जानकारी मिली और पहाड़ क बारे में रूबरू हुआ/ मेहता जी ने बहुत काम किया है/ पहाड़ की छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीजों पर उनकी अच्छी पकड है/ मेहता जी के साथ हम रेग रहे है रेगते हुए याद आए खेतो के नाम - हल जोतने कहाँ जाना है / बोने कहाँ जाना है मोव (गोबर) कहाँ रखना है
खेतो के नाम खेतो की स्थिति तथा बनावट के आधार पर रखे होते है जिस कारण अलग अलग एरिया में अलग नाम पड़ जाते है/ खेतो के नाम से भी हम अतीत के बारे में अनुमान लगा सकते है जैसे घटगाड, / सरियों के नाम तो मुख्यत: सभी जगहों में लगभग एक से होते है जैसे :-गाँव से निचे की तरफ वाली सार को- तल्ली सारि, ऊपर वाली को-मल्ली सारि /
खेतो के नाम
तिमले पाटई,
रतवाडू,
मिहोखोई