उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत अब अपनी जमीन पर जंगल लगाकर धन कमाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों ने नई पीढ़ी को स्वस्थ पर्यावरण देने की खातिर बिना स्वार्थ यह काम किया है।
ऐसे ही लोगों में उत्तराखंड जिले के एक शिक्षक हैं। उन्होंने बर्नीगाड़ इंटर कॉलेज की 12 बीघा पथरीली बंजर जमीन पर 118 प्रजाति के पेड़-पौधों का मिश्रित जंगल तैयार कर डाला। उनका यह काम सरकार और सिस्टम के साथ ही पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन के झंडेबरदारों को भी आईना दिखाने वाला है।
जुनून की हद तक पेड़-पौधों से लगाव रखने वाले इसी कालेज के अध्यापक सोवेंद्र सिंह की 17 साल की मेहनत के बूते पनपे इस जंगल में मैदानी तथा पहाड़ी फल प्रजाति के साथ ही जंगली पेड़-पौधों की भरमार है।
अब पर्यावरण संरक्षण में लगे गुरुजी की कोशिश कॉलेज से जुड़े 25 गांवों में स्थानीय लोगों एवं छात्रों के साथ मिलकर इसी तरह का मिश्रित वन तैयार करने की है।
जखोल से 17 वर्ष पूर्व बर्नीगाड इंटर कालेज में स्थानांतरित होकर आए सोवेंद्र सिंह ने 72.5 नाली जमीन में करीब 47 गांवों से दान में मिली पथरीली जमीन को हराभरा करने का संकल्प लिया। उन्होंने इसके लिए छात्र-छात्राओं की मदद ली।
ढलाव जमीन पर सीढ़ीदार खेत तैयार कर इससे आम, अमरूद, लीची, अनार, आडू, पुलम, खुमानी, बादाम, नाशपाती, कीनू, केला, अखरोट, नीबू, पपीता, कपास, च्यूरा, इमली, जामुन, आंवला, हरड़, तेजपत्ता, नीम, पीपल, बरगद, बांज, देवदार आदि 118 प्रजाति के पेड़-पौधे पनपाए।
पर्यावरण संरक्षण की रचनात्मक पहल की बदौलत बर्नीगाड इंटर कॉलेज प्रदेश में ईको क्लब में शामिल है तथा वर्ष 2011 में अजमेर राजस्थान में आयोजित में प्रकृति मेले में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
गरीब बच्चों को लिया गोद
शिक्षक सोवेंद्र सिंह न केवल पर्यावरण संरक्षण में जुटे हैं, बल्कि गरीब बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का काम भी कर रहे हैं। सोवेंद्र अपने वेतन से विद्यालय में अध्ययनरत 15 गरीब निराश्रित बच्चों की किताब एवं फीस का खर्चा उठाने के साथ ही हाईस्कूल एवं इंटर में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत करते हैं। पढाई आदि सभी खर्चो के लिए बिजोली गांव की गरीब बालिका एवं सिंगुणी गांव के बालक को गोद लिया है।
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