The Hindi Film's dialogue, suites here. Tareek Par Tareek ... Judge sab. In india, it is not an easy to get any thing so easily. We have to continue our fight for the same and sure one day we will get it. --------------------------------------------------------------------------- पहाड़ नहीं चढ़ी रेल, नेता जी फिर भी खुश विकास धूलिया, देहरादून
केंद्रीय रेल बजट में उत्तराखंड के हाथ मायूसी के अलावा कुछ नहीं आया लेकिन राज्य के सांसदों को रेल लाइनों के सर्वे की घोषणा ही इस कदर भा गई कि सभी को इसमें सूबे का भविष्य उज्जवल दिखाई दे रहा है। भले ही तमाम विषयों पर इन कांग्रेसी दिग्गजों के सुर अलग-अलग रहते हों मगर दीदी की रेल के फिर पहाड़ न चढ़ने के बावजूद किसी को कोई अफसोस नहीं, बल्कि बजट पर सभी ने समवेत एक ही राग अलापा, 'अच्छा है बजट'।
उत्तराखंड को हर बार की तरह इस दफा भी उम्मीद थी कि रेल बजट में उसके हिस्से अब तो कुछ आएगा लेकिन फिर कमोवेश उसी तरह की मायूसी हिस्से आई जैसे पहले भी आती रही है। हालांकि, एक रेल सेवा, कुछ लाइनों के सर्वे जैसी छिटपुट घोषणाएं तो मिलीं लेकिन अन्य राज्यों की अपेक्षा लगभग नगण्य। दरअसल, उत्तराखंड की चीन की सीमा से नजदीकी के कारण इसके सामरिक महत्व और राज्य को पर्यटन प्रदेश के रूप में प्रचारित करने के बाद आम आदमी तक के मन में आशा जगी कि शायद केंद्र सरकार रेलवे सुविधाओं में कुछ खासा इजाफा कर उत्तराखंड को खुश होने का मौका देगी। खासतौर पर इस तरह की खुशफहमी इसलिए भी उपजी क्योंकि अरसे बाद राज्य की जनता ने पांचों लोकसभा सीटें कांग्रेस की झोली में डाली हैं।
शुक्रवार को रेल बजट के बाद आम आदमी की तो सभी उम्मीदें धरातल छू गई मगर जिस कांग्रेस को एकतरफा जनादेश देकर अवाम ने कुछ पाने की हसरत पाली, उसके सांसदों को इस रेल बजट में भी राज्य को काफी-कुछ मिलता नजर आ रहा है। 'जागरण' ने राज्य के कांग्रेसी सांसदों से जब रेल बजट पर प्रतिक्रिया जाननी चाही तो आश्चर्यजनक रूप से सभी को बारहवीं योजना में राज्य की कुछ रेल लाइनों के सर्वे की घोषणा में राज्य का उज्जवल भविष्य दिखाई दिया। हरिद्वार के सांसद और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री हरीश रावत ने कहा कि देश व रेलवे की ग्रोथ के हिसाब से रेल बजट अच्छा है। राज्य के विशेष संदर्भ में उन्होंने कहा कि जिन रेल लाइनों का सर्वे हो रहा है, उन्हें बारहवीं पंचवर्षीय योजना में शामिल किया जाएगा। इसके बाद पहाड़ों में रेल नेटवर्क तैयार किया जा सकता है। अलबत्ता हरिद्वार-रामनगर ट्रेन, हरिद्वार रेलवे स्टेशन को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने और कुछ ओवरब्रिज-अंडरपास के निर्माण को उन्होंने राज्य के लिए उपलब्धियों में शुमार किया।
पौड़ी गढ़वाल के सांसद व पूर्व रेल राज्यमंत्री सतपाल महाराज की प्रतिक्रिया भी कुछ इसी तरह की रही। उन्होंने कहा कि आदर्श स्टेशन के रूप में कोटद्वार का विकास हो रहा है। रामनगर स्टेशन को भी विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही है। यहां तक कि प्रपोजल तक नहीं भेज रही है। टिहरी के सांसद विजय बहुगुणा की नजर में भी बहुत अच्छा रेल बजट प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लिए छह नई रेल लाइनों का सर्वे कार्य 31 मार्च 11 तक पूरा हो जाएगा। बारहवीं पंचवर्षीय योजना में इन रेल लाइनों पर काम शुरू हो जाएगा। बजट में शामिल की गई 190 नई रेल लाइनों के साथ उत्तराखंड की छह लाइनें भी शामिल हैं।
इनसेट
उम्मीदें, जो रही अधूरी
-दिल्ली व मुबई के लिए नई सेवाओं की शुरुआत
-लखनऊ और कानपुर के लिए सेवाओं में बढ़ोतरी
-सात पूर्वोत्तर राज्यों के लिए राजधानी से सीधी सेवाएं
-रेलवे स्टेशनों में यात्री सुविधाओं की उपलब्धता
-रेलवे कर्मचारियों के लिए आवास सुविधा
-जीआरपी के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी
-मुख्य रेलवे लाइनों को डबल ट्रेक करना
-राज्य में रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण
-काठगोदाम में मल्टी फंक्शनल कांपलेक्स निर्माण
(Source Dainik Jagran