कैलास मानसरोवर यात्रा का पहला पड़ाव सिर्खा रहेगा
======================================
कैलास मानसरोवर यात्रा में इस बार सिर्खा पहला पैदल पड़ाव होगा। जिसे देखते हुए वर्षो से बंद इस पड़ाव की मरम्मत का कार्य शुरू हो चुका है। यात्रा शुरू होने में अब मात्र 17 दिन शेष रह चुके हैं अभी तक मार्ग खुल नहीं सका है। केएमवीएन की महाप्रबंधक 18 मई को धारचूला पहुंच कर यात्रा मार्ग का जायजा लेंगी।
कैलास मानसरोवर यात्रा 2011 के शुरू होने में अब मात्र 17 दिन शेष रह चुके हैं। इस वर्ष यात्रा मार्ग में हल्का परिवर्तन किया गया है। यात्रा धारचूला से वाया पांगला, मांगती के स्थान पर वाया पांगू, नारायण आश्रम होते हुए जा रही है।
अलबत्ता यात्रा के तिब्बत जाते वक्त कालापानी रात्रि पड़ाव नहीं रहेगा। केएमवीएन के सूत्रों से मिली जानकारी पहले दिन की पैदल यात्रा धारचूला से नारायण आश्रम तक वाहन द्वारा उसके बाद सिर्खा तक पैदल मार्ग से होगी। जिसे देखते हुए सिर्खा पड़ाव की मरम्मत का कार्य शुरू हो चुका है। मालूम हो कि कुछ वर्षो पूर्व तक कैलास मानसरोवर यात्रा इसी मार्ग से होती थी।
उस समय यात्री धारचूला से तवाघाट तक वाहन से यात्रा करते थे। तवाघाट के बाद ठाणीधार की चढ़ाई चढ़ने के बाद पांगू पहुंचते थे। पहला पड़ाव पांगू रहता था। दूसरे दिन पांगू से सिर्खा जाते थे। इस बार नारायण आश्रम तक सड़क बन जाने से दल पहले दिन यात्रा सिर्खा पहुंचेगी। दूसरे दिन यात्रा गाला पहुंचेगी। यात्रा शुरू होने में अब मात्र 17 दिन शेष रह चुके हैं। मार्ग की हालत अभी भी खराब है।
गर्बाधार से छियालेख तक मार्ग जगह-जगह खराब है। उसके आगे मार्ग में ग्लेशियर मार्ग में आये हैं। अभी माइग्रेशन में जा रहे ग्रामीण फंसे हुए हैं। अभी तक लोनिवि द्वारा गैंग मार्ग ठीक करने के लिए नहीं भेजी है। दूसरी तरफ प्रशासन का कहना है कि मई तीसरे सप्ताह तक मार्ग को ठीक कर दिया जायेगा।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_7719418.html