ऋषिकेश से 75 कि.मी. दूर टिहरी पहुंचने के बाद 20 कि.मी. पर धुत्तू नामक गांव है। यहां से भील सरोवर के लिए पैदल यात्रा प्रारम्भ होती है। 10-10 कि.मी. की दूरी पर रीह व गंगी नामक दो स्थान हैं। गंगी से आगे भीलगंगा नदी के किनारे-किनारे चलते हुए खतलिंग ग्लेशियर तक पहुंच जाते हैं। पास ही में भील सरोवर नामक विशाल झील है। यह झील भीलांगना नदी का उद्गम स्रोत है।
कल्याणी से एक मार्ग खतलिंग ग्लेशियर की ओर जाता है जो लटकते हिमनद के लिए प्रसिद्ध है। यह ग्लेशियर जोगिन, कीर्तिस्तम्भ, बर्तेकांता व स्फटिक नामक हिम-शिखरों के बीच ऊंची चोटी पर लटकता सा घाटी में फैला है।
यहां निकट ही दो-तीन हिमानी झीलें हैं, एक द्रौपदी ताल जिसके आस-पास घास के बगीचे हैं।
उत्तराखण्ड में अनेक प्रमुख पर्यटक तथा ऐतिहासिक स्थल है, इसमें नैनीताल, मसूरी, पौडी, अल्मोडा, चम्पावत, रानीखेत, खिर्सू, दयारा बुग्याल, औली, खतलिंग, वेदिनी, बुग्याल, फूलों की घाटी, लैंसडाउन, लाखामण्डल, चकराता, पाताल भुवनेश्वर, गंगोलीहाट, जौलजीवी, पूर्णागिरी, चितई, कटारमल, कौसानी, जागेश्वर, द्वाराहाट, सोमेश्वर, पिण्डारी ग्लेशियर आदि प्रसिद्ध स्थल हैं।