मेरा उत्तराखंड की
गाथा बड़ी पुरानी मेरा गढ़ा की
पनतैद्रों को ठंडो मीठो पाणी मेरा गढ़ा की
कंण बहणी बयार मेरा गढ़ा की
सीधा साधा जन मनस मेरा गढ़ा की
उंचा नीचा डंडा मेरा गढ़ा की
गाथा बड़ी पुरानी मेरा गढ़ा की...................
मीठी मीठी बोली मेरा गढ़ा की
हमारी छुयीं लगांदी वा मेर बोली
हामरा इतिहास बतंणदी वा मेर बोली
संस्क्रती हमरी झलकणद वा मेर बोली
अप्रू मा माया लगाणद वा मेर बोली
गाथा बड़ी पुरानी मेरा गढ़ा की...................
उकाली उन्दरू का बाटा मेरा गौं का
छनी तिबारी चौक गोठ्यारा मेरा गौं का
जगार मागण ब्योह ,बार तियोहारा मेरा गौं का
सुख दुःख आपदा विपदा का भागी मेरा गौं का
मेर बड भागी मी छु ऐ मेरा गौं का
गाथा बड़ी पुरानी मेरा गढ़ा की...................
देख कंण छाई हरियाली मेरा पहाडा
कंण ऋतू ऐण ऋतू गैण मेरा पहाडा
काफल किन्गोदा अखरोड़ा की डाली मेरा पहडा
नारी शक्ती यख बेटी ब्वारी मेरा पहडा
ऊँचा आकाश उडद घुगुती हिलंसा मेरा पहडा
गाथा बड़ी पुरानी मेरा गढ़ा की...................
कदगा रुन्तैली भुमी मेरा उत्तराखंड मा
हमरा देबतों की वासा मेरा उत्तराखंड मा
माँ भगवती को मंडाण मेरा उत्तराखंड मा
तीलू रुन्तैली ,रामी बुहराणी मेरा उत्तराखंड मा
वीरों बड़ों बावन गडों का देश मेरा उत्तराखंड मा
गाथा बड़ी पुरानी मेरा गढ़ा की...................
गाथा बड़ी पुरानी मेरा गढ़ा की
पनतैद्रों को ठंडो मीठो पाणी मेरा गढ़ा की
कंण बहणी बयार मेरा गढ़ा की
सीधा साधा जन मनस मेरा गढ़ा की
उंचा नीचा डंडा मेरा गढ़ा की
गाथा बड़ी पुरानी मेरा गढ़ा की...................
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत — with
Mahi Singh Mehta and
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