Author Topic: Garhwali Poems Hisotry - गढ़वाली कविताओ का इतिहास  (Read 28619 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
गढवाळ का नामी गिरामी लोक अर जाती(मलारि जुग बिटेन अब तलक ) फड़क   -20   गढ़वाल कि विभूतियाँ व समाज (मलारी युग से वर्तमान तक ) भाग  20   Great Garhwali Personalities and Societies of Garhwal Part -20   भीष्म कुकरेती (Bhishm Kukreti )                                                                                                              वैद्यनाथ का कत्युरी राजसाखी (राजवंश 100-1100 )                          जु बि वजे रै होली 1000 AD का न्याड ध्वार ,  कत्युरी राजा नरसिंघ देव  अपणो कोट (अपणी राजधानी  ) कार्तिकेय बिटेन    बैजनाथ ल्ही गे.    इतिहास्कारुं तैं कत्युरी वंश का तीन परिवारून जानकारी मिल्द  डोटी वंशावलीपिथियराजदेव , धामदेव अर ब्रह्म देव  असकोट वंशावळी : प्रीतामदेव , धाम देव, ब्रह्मदेव    पाली वंशावळी    : धामदेव , ब्रह्मदेव  जागरुं  मा कत्ति राजाओं जागर लगदन प्रीतमदेव : प्रीतमदेव सैत च नर्सिंग्देव कू वंशज नी छयो अर नरसिंघ देव कू स्व़ार बहार रै होलू . जागरूं   मा प्रीतम देव की दस साखुं बिरतांत बुले जान्द  अमरदेव पुंडीर :प्रीतम देव का समौ पर यू हरिद्वार का न्याड धोरा क रज्जा या सामंत छयो अर वैकी बेटी को नाम मोलादेई थौ जैन ब्यौ प्रेतं देव से ह्व़े थौ राणी मोलादेई :  राणी मोलादेई को ब्यौ बुड्या राजा प्रीतम देव से ह्व़े छौ . अमरदेव पुंडीर न अपण राजकुमारी को  ब्यौ प्रीतम देव को दगड डौरन करी थौ . राणी मोलादेई  बद्रीनाथ बि गे छई . धामदेव :   धामदेव प्रीतम देव को बुद्यांद दें औलाद छे वैकी ब्व़े मोलादेई छे  . जग्रून मा धामदेव कि बड़ी बड़ें होंद ब्रह्मदेव :  ब्रह्मदेव धामदेव को उत्तराधिकारी थौ  जगस समवा :    जगस समवा न धामदेव अर ब्रह्मदेव की मौ मदद करी छे . ब्रह्म देव न भाभर क्षेत्र समवा की मदद से जीति छे वीरदेव: इन लगद वीरदेव गढवाळ मा  कत्युरा वंश को आखरी रज्जा छौ    पन कुमाऊं मा राज राई अर मनराल जात का लोक कन्त्युरा  जाती का छन अर वूं कुछ समौ तक कुमौं मा राज करी. नरसिंग देव का वंशजूं   राज 1100 AD  तलक रै होलू

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
                                     त्रिभुवन पालदेव की साखी ( वंशज ) (1100 AD- 1223 AD)   रामदत्त त्रिपाठी कि पोथी से वैद्यनाथ - कार्तिकेय मा  ११०० बिटेन १२२३ ई तक यूँ राजाओं न राज करी १- त्रिभुवन पालदेव २-पता नीच ३- पता नी च ४-उदयपाल देव ( ११५२ ई)५- अनंत पालदेव (११८१ ई)६- इंद्र देव ( १२०२ ई) ६ अ - राणी दमयन्ती : दमयंती राणी न चौघाड़पाटा   मा एक बग्वान (उद्द्यान) बणे छौ ७- विजयपाल देव (१२१४ ई) ८- लक्ष्मण पाल देव ९- बल्लाल देव ( १२२३ ई.)  गुलण : गुलण (११४३-११४५ ) न द्वारहात अर गोपेश्वर मा मंदिर बणे छ्या साधुवर देव  ; साधुवरदेव न द्वारहात मा बद्रीनाथ मन्दिर निर्माण अर उखमा मा लक्ष्मी जी कि मुरती  (११८५) स्थापित करी छे अर गोरिल मंदिर (१२१९ ई) की स्थापना बि करी छे  मण देव :  मण देव न केदारनाथ मार्ग पर नालाचट्टी  मा एक मन्दिर (१२४२)  बणे छौ                                         माधवा नन्द को गढवाळ औण  वैष्णव धर्म प्रवर्तक ११५३ का करीब बदरीनाथ मन्दिर आई छया                                      कैंतुरा जागर अर ये   रणभूत जागर का नामी मनिख मनख्याणि  कालू भंडारी : यू म्ल्लूं मा श्रेष्ठ मल थौ अर ध्यान्माला क कारण लड़ाई करणों गे ध्यान माला ; ध्यान माला राजा धर्म देव कि बेटी छे अर कालू भंडारी क मोरण क बाद सती ह्व़े छे  रूपु  गंगसारा  : रूप गंगसारा  गंगाडी हाट को राजकुमार छौ अर ध्यान माला दगड ब्यौ बान  धर्म देव की राजधानी आई.रूपु  गंगसारा   तैं कालू भंडारी न मारी लूला गंगोला   : लूला गंगोला  रूपु  गंगसारा    को भुला छौ अर वैन धोका मा कालू भंडारी तैं मारी                                        Reference: Dr Shiv Prasad Dabral, Uttarakhand ka Itihas -3 ( History of Uttarakhand - 3 History of Garhwal, History of Kumaun )Dr Shiva Nand Nautiyal, garhwal ke Nrity Geet  बकै  खंड 21  मा बाँचो To be continued in 21st h Part ..         

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
गढवाळ का नामी गिरामी लोक अर जाती(मलारि जुग बिटेन अब तलक ) फड़क   -21  गढ़वाल कि विभूतियाँ व समाज (मलारी युग से वर्तमान तक ) भाग  21   Great Garhwali Personalities and Societies of Garhwal Part -21   भीष्म कुकरेती (Bhishm Kukreti )                                             उत्तराखंड पर अशोकचल्ल  को अधिकार   1170-1209 AD   गढवाल अर कुमाऊं  पर अशोकचल्ल को अधिकार रै .इन लगद अशोक चल्ल नेपाल को वासिन्दा थौ                                                    क्राचल्ल को  उत्तराखंड पर अधिकार  नेपाल विजेता क्राचल्ल न कीर्तिपुर (वैद्यनाथ) का राजौं तैं ध्वस्त करी अर  उत्तराखंड पर राज कायम करी. क्राचल्ल न उत्तराखंड पर सामंतों बल पर राज करी . क्रा चल्ल का साम्न्तुं नौ इन च :१-बल्लालदेव मांडलिक २- जय सिंह मांडलिक  ३- हरि राज राउत  ४- अनिलादित्य राउत ५- चन्द्र देव मांडलिक ६- विनय चन्द्र मांडलिक  ७- विद्या चन्द्र मांडलिक ८- याहड देव मांडलिक ९- जीहल देव मांडलिक १०- मूस देव मांडलिक   अगने ८० गढुं   को ब्यौरा  Reference: Dr Shiv Prasad Dabral, Uttarakhand ka Itihas -3 ( History of Uttarakhand - 3History of Garhwal, History of Kumaun ) बकै  खंड 22  मा बाँचो To be continued in 22nd  Part ..                                                       गढवाळ का नामी गिरामी लोक अर जाती(मलारि जुग बिटेन अब तलक ) फड़क   -22                                                                                                                                 गढ़वाल कि विभूतियाँ व समाज (मलारी युग से वर्तमान तक ) भाग  22   Great Garhwali Personalities and Societies of Garhwal Part -22                                                                                   भीष्म कुकरेती (Bhishm Kukreti )

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
  गढवाळ मा  52  से बिंडी  गढ़ी  (1250-1450 AD) क्राचल्ल या वैक उत्तराधिकार्युं राज खतम हूणओ उपरान्त गढवाळ-कुमाऊं   मा जगा जगा छ्व्ट छ्व्ट राजा ह्व़े गेन जौन तैं गढ़पति  बुले जांद थौ. असल मा य़ी गढ़पति अपण अपण क्षेत्र का सूबेदार/सामंत/मांडलिक छ्या जु बाद मा सोतांतर ह्व़े गेन.डा शिव प्रसाद न जख ८० का करीब गढ़पत्युं का गढ़ूं नाम बताएं उख डा चौहान न १२६ से बिंडी गढ़ूं नाम देनी .असल मा य़ी गढ़पति अपण अपण क्षेत्र का सूबेदार/सामंत/मांडलिक छ्या जु बाद मा सोतांतर ह्व़े गेन.   गढ़ूं  नाम अच्काल का परगना  गढ़ तांग , पैनखंडा   खाड,  दशौली टकनौर, पैनखंडा, दशौली   बधाण, चांदपुर, चौड़ ,तोप, राणीगढ़, लोहाब,  धौना, बनगढ़, कांडा, गुज्डू , साबली, बधाण, चांदपुर, मल्ला सलाण    उल्का, एडासु, देवल, नयाल, कोल्ली, धौना, , बन , कांडा, चौन्दकोट देवलगढ़ बारहस्यूं , चंद्कोट, देवलगढ़ बारहस्यूं , चंद्कोट     माबगढ़, बाग़, अजमेर, श्रीगुरु तल्ला  सलाण  मवाकोट, गड़कोट, भैरों गढ़, घुघती गढ़ , ढागु गढ़ , जोर, बिराल्टा, सिल गढ़ , गंगा सलाण, भाबर, नरेन्द्रनगर, देहरादून  बदलपुर, लालढांग, चांडी, सान्तुर,  कोला, शेर, नानोर, नाला, बीरभद्र, मोरध्वज, पत्थर गढ़ , कुजणी, रत्न, कवीला (कुइली) , भरपूर,   जोर, बिराल्टा, सिल गढ़, मुंगरा,  सांकरी, बडकोट, डोडराक्वांरा , रामी जौनपुर, रवाईं.  महासू, शिमला   नागपुर, कंडारा, नागपुर   उल्का, एडासु, देवल, नयाल, कोल्ली, धौना, , बन , कांडा, चौन्दकोट देवलगढ़ बारहस्यूं , चौदकोट   उप्पू,मौल्या, रैन्का, बागर, भरदार, संगेला पश्चमी पठार, (टिहरी)   यांक अलावा गाथाओं मा मलुवाकोट, अमुवाकोट, कल्निकोट, रामोलिगढ़, लोहानिगढ़, कत्युर गढ़ , कोककोट, कलावती कोट, नंदनी कोट, धरनी गढ़ , मलसिगढ़, कोतली गढ़, भानी कोट, चांडी कोट, जण गढ़युं  को नाम बि आन्दन   सजनसिंह : सजनसिंह नागपुर गढ़ को आख़री गढ़पति थौदिल़ेबर सिंह : लोहाब गढ़ को गढ़पति छौ प्रमोद सिंह : इन बुले जान्द बल प्रमोद सिंह लोहब गढ़ को गढ़पति छौ  देवल : इन बुले जान्द बल देवल न देवल गढ़ की स्थापना करी छे  घिरवाण : इन माने जान्द बल बागर गढ़ मा  घिरवाण खशपत्युं राज राई कफ्फु चौहान : भड़ /बीर कफ्फु चौहान उप्पुगढ़ को गढ़पति राई  भूप सिंह : इन बुले जांद बल भूप सिंह जौनपुर गढ़ को आखरी गढ़ पति थौ   Reference: Dr Shiv Prasad Dabral, Uttarakhand ka Itihas -3 ( History of Uttarakhand - 3 History of Garhwal, History of Kumaun ) बकै  खंड 23  मा बाँचो

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
गढवाळ का नामी गिरामी लोक अर जाती(मलारि जुग बिटेन अब तलक ) फड़क   -23                                    गढ़वाल की विभूतियाँ व समाज (मलारी युग से वर्तमान तक ) भाग  23   Great Garhwali Personalities and Societies of Garhwal Part -23                                                                                                      भीष्म कुकरेती (Bhishm Kukreti )
 चाहमान  गढ़पतियुं क गाथा (  13 वीं  ईस्वी सदी मा )   जै बगत मोहम्मद घोरी को आक्रमण अर अर दिल्ली मा पृथ्वी राज चौहान अर दिल्ली मा तोमर साम्न्तुं राज छयो वै बगत सैत च गढवाल का भौत सा गढून पर चौह्मान या चौहाण  १- अजमेर का चौहाण गढ़ पति  : सलाण अजमेर (अजयमेरु) मा चौहाण गढ़पत्युं राज रायो २- पयाळ गढ़पति : इन बुले जांद बल पैठारा अजमेर पर  पयाळ जाती वालुं राज ह्व़े छौ ३- क्राचाल्ल को बाद भौत सा चौहाण सामंत /मांडलिक न अपणो  अपणो  गढ़ों  पर अधिकार करी छौ   चौहाण की  बारा तेरा (12- 13 ) शाखाओं क ब्योरा मिल्द ( रतूड़ी : गढ़वाल का इतिहास) : य़ी चौहाण ज़ात छन१- झिन्क्वाण २-तुलसारा ३-मकरोला रावत ४-  परसारा रावत ५- धम्मादा बिष्ट   ६- अस्वाळ ( या जात घवा डों की सवारी मा प्रवीन छे अर घ्वादों चित्र बि बणादा छ्या इलै अश्वारोही से अस्वाळ ह्व़े ) ७- लोभन नेगी / लोहवान नेगी : य़ी साखि मा दिलवर सिंह अर प्रमोद सिंह नामी गढ़पति   छ्या . यीं ज़ात की  बड़ें गढ़ राजवंश मा भौत च  ८- रमोला९-अजमेर का चाहमान १०-खैलपुर का चाहमान ११- चांदपुर का चाहमान १२- उप्पुगढ़ का चाहमान १३- कंडारा गढ़ का दुमग चौहान 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0

From - Bishma Kukreti

                            दक्षिण गढ़वाळ का चौहाण
 
१- अजमेर का चौहान २- रतनगढ़ का धम्मादा चौहाण : कुंजणि मा ब्रह्मपुरी का मथिन रतनगढ़ छौ अर वख एक दें धम्मादा बिष्टउन को राज थौ ३--मायापुर हाट : मा पुंडीरूं   राज थौ ४- ज्वालापुर हाट या खैलपुर का चाहमान : इख का  छै साख्युं /पीढी का  राजाओं नाम इन छया  अ- उर्मी नाग ब- कुर्मी नागस- राय मंगल ड़- अफतीई. धामदेव अर वैका  छै भाई  . इन बोले जांद बल पुंडीरूंन धाम देव अर वैका छै भैयुं तै मारिक कब्जा करी छौ धामदेव का ७ नौन्यालुं मा से तीन नाम (ओकले अर गैरोला )  १- जीत सिंह २- भूप सिंह ३-केदार सिंह ४- उत्तम सिंह  उप्पू गढ़ का कफ्फू चौहान : क्फ्फु चौहाण बड़ो भड़ छौ पण पंवार नरेश अजयपाल ण क्फ्फु चौहाण तै हरैकी उप्पू गढ़ पर अधिकार करी थौ                                        चांदपुर गढ़ का चौहाण       चांदपुर गढ़ युद्ध व्यूह रचना   को हिसाब से महत्व पूर्ण गढ़ छयो. भानु प्रताप : चांदपुर गढ़ी मा सबसे प्रसिद्ध गढ़ पति   भानु प्रताप ह्व़े  मंगल सिंह : मंगल सिंग भानुप्रताप को राजकुमार छौ जैन अपण    राज भौत फैलाई    हालांकि रतूड़ी को मत कुछ अलग ही छौ                               भिलंग गढ़ का चौहान                   सोनपाल : सोनपाल भिलंग गढ़ को राजा छौ अर वैक  एकी नौनी औलाद छे . नौनी कू ब्यौ पंवार बंश को पैलो रज्जा कंक्पल क दगड कौरिक पंवार बंश को श्रीगणेश करी थौ                                  पैन खंडा का बयालीस गढ़ पति  जुमल़ा चौहाण :     टिहरी हस्तलेखऔ मुताबिक पैन्ख्नाडा मा हरेक गाँव एक गढ़ (राज) छौ . ए हिस्सा मा ४२ जुमला चौहान गढ़पत्युं राज छौ ( 1270 - 1321 AD)    Reference: Dr Shiv Prasad Dabral, Uttarakhand ka Itihas -3 ( History of Uttarakhand - 3 History of Garhwal, History of Kumaun ) बकै  खंड 24  मा बाँचो To be continued in 24th Part                                   गढवाळ का नामी गिरामी लोक अर जाती(मलारि जुग बिटेन अब तलक ) फड़क   -24                                                 गढ़वाल की विभूतियाँ व समाज (मलारी युग से वर्तमान तक ) भाग  24  Great Garhwali Personalities and Societies of Garhwal Part -24   भीष्म कुकरेती (Bhishm Kukreti )                                                देवपाल राजा अर उत्तराधिकारी (1250   -1280 ई.) देव पाल अर वैका उत्तराधिकारी (१२५० - १२८० ई) : देवपाल अर वैका उत्तराधिकार्युं न पच्छमी गढ़ देश पर बलवन का करीब राज करी. राज बलबन न देव पाल को राज्य प्र१२५७ ई मा आक्रमण करी छौ .                           एकचक्रा को बाहुबाण (चाहुबाण)  राजबंश  (तकरीबन 1280 -1390  AD )   जण श्रुति, अर अल्लाठनाथ की द्वी  संस्कृत पोथी   ' निर्णय सूत्र' अर 'सकलपुराण सम्मुचय' को हिसाब से डा. शिव प्रसाद डबराल न बतायी बल पच्छमी गढवाल अर जमुना का पूर्ब (चकराता जिना)  चौहाण (बाहु बाण )  जाती क 1230 -   1420  ई.   राज राई अर राजधानी क नाम एकचक्री थौ .सरूप बाहुबाण (चौहाण ): सरूप एक बीर भड़ थौ अर वैन बाहुबाण राज्य की स्थापना 1230  AD  का करीब करी.  कर्ण देव :  कर्ण देव  राजा सरूप को नौनु थौ अर त्यागी, दानी, भड़ व शिव भक्त छौ उद्धरण : कर्ण देव  कू लौड़  एक बड़ो भड़, गंभीर, धीरू अर सुमति वल़ू राजा थौ, वैकी लड़ाई सीमा पर दिल्ली क रज्जा/सामंत का दगड बि ह्व़े  चन्द्र सेन : उद्धरण कू नौनु बि बड़ो दानि अर शैव्य थौ सूर्यसेन : चन्द्र सेन कू बड़ो नौनु का नाम सूर्यसेन छौ अर वै ही राजा न अल्लाट  नाथ तै 'निर्णय सूत्र ' लिखणो  प्रेरणा दे  थै . अल्लाट नाथ सूरी : अल्लाट नाथ सूर्यसेन को राज दरबार मा संकृत को पंडित छौ. अल्लाट नाथ सुरी न 'निर्णय सूत्र' अर सकल पुराण सम्मुचय ' पुस्तक लेखिन. 'निर्णय सूत्र ' एक धर्म शाश्त्र पर नामी किताब छे अर पैथराँ   निर्णय सिन्धु, तीर्थ निर्णय , कालनिर्णय , निर्णय दीपक जन किताबुं मा 'निर्णय सूत्र' का उदाहरण दिए गेन  निर्णय सूत्र का पैली  भाग मा अल्लाट नाथ सुरी न सूर्यसेन की चार साख्युं (पीढी ) का वर्णन करी प्रताप सेन : सूर्य सेन कू भुला कुंवर प्रताप सेन अपण बड़ा भैजी क बान लक्ष्मण को जन आज्ञाकारी थौ  देव सेन : देव सेन बि अपण ददा बुबा क तरां बीर अर शिव भक्त थौ                                 रतन सेन अर उत्तराधिकारी (1390-1420 रतनसेन अर उत्तराधिकारी : रतन सेन अर वैका उत्तराधिकार्युं समौ १३९०-१४२० का माने जांद अर यूँ राजाओं क राज पच्छमी गढवाल ही थौ .तैमुर लंग न यूँ को राज पर चढ़ाई करी थै . देवसेन : देवसेन रतनसेन को वंशज  थौ  तुगलक  उत्तराधिकारी  तैं शरण : तुगलकों पर जब मुगलों न आक्रमण करी त देव सेन या रतन सेन न फिरोज तुगलक का बेटा मुम्मद खां तैं शरण दे छे      Reference: Dr Shiv Prasad Dabral, Uttarakhand ka Itihas -3 ( History of Uttarakhand - 3 History of Garhwal, History of Kumaun ) बकै  खंड 25  मा बाँचो To be continued in 25th Part

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
गढवाळ का नामी गिरामी लोक अर जाती(मलारि जुग बिटेन अब तलक ) फड़क   -25 गढ़वाल की विभूतियाँ व समाज (मलारी युग से वर्तमान तक ) भाग  25  Great Garhwali Personalities and Societies of Garhwal Part -25   भीष्म कुकरेती (Bhishm Kukreti )                                                                         तुगलक का समौ  का पूरबी गढवाळ का रज्जा                 तुगलक समौ पर पूरबी गढवा ळ मा तौळ लिख्यां रज्जा छाया : वत्सराज (बहरूज़ ) , श्रीधर : यूँ का राज 1390  -1440 ई.  बताये जांद  जगतपाल रजवार : जगतपाल रजवार को राज समौ तकरीबन 1440 - 1460  ई.  माने जांद   जितपाल, आनंद पाल : जितपाल, आनंद पाल को राज कू समौ 1460 -1500  ई. माने जांद श्रजयपाल :  श्रजयपाल को राज को टैम 1500 -1548  ई. माने गे सत्यनाथ सम्प्रदाय : ये समौ  पर गढवाल मा गुरु गोरखनाथ का सत्यनाथ शाखा को प्रभाव ह्व़े गे छौ   Reference: Dr Shiv Prasad Dabral, Uttarakhand ka Itihas -4 ( History of Uttarakhand - 4History of Garhwal, History of Kumaun ) बकै  खंड 26  मा बाँचो  To be continued in 26th Part                                    गढवाळ का नामी गिरामी लोक अर जाती(मलारि जुग बिटेन अब तलक ) फड़क   -26 गढ़वाल की विभूतियाँ व समाज (मलारी युग से वर्तमान तक ) भाग  26   Great Garhwali Personalities and Societies of Garhwal Part -26   भीष्म कुकरेती (Bhishm Kukreti )                                                                                          पंवार बंश को मूल पुरुष अर राज्य स्थापना वर्ष मा घंघतोळ (भरम)                    गढवाळ मा पंवार बंशी राज  की स्थापना कब अर कैन कार याँ पर क्वी बि इतिहासकार एकरायी नी च. इतिहासकारुं  मा  तौळ क कुछ आधार छन :भोग दत्त की जनश्रुति ; या जनश्रुति लिखीं च अर सबसे पुराणी जनश्रुति माने जान्द. य़ी जनश्रुति क हिसाब से अहमदाबाद कू बासिन्दा व्यवसाय की खोज मा  भोगदत्त अपण  भुला सेज्दत्त क दगड श्रीनगर आये अर चांदपुर रज्जा क इख नौकरी करी फिर वैन चांदपुर राजा की गद्दी छीनी अर राजा बौणि  गे . पैथर वैन हौरी बि गढी जीतें. 900  साल उपरान्त  भाग दत्त  का 15 वां उत्तराधिकारी अजेयपाल ह्व़े अर तिहातरवीं पीढ़ी मा प्रद्युम्न शाह ह्व़े   भौन पाल  की जनश्रुति : भौन पाल की जनश्रुति क हिसाब से भौनपाल धारा  नगरी को छौ अर हरिद्वार ऐका खेती करदो छौ. एक जोगी क प्रेरणा से वैन गढवाल का बावन    गढीयों  जीतिक पंवार बंशी राज की स्थापना करी   कनक पाल की अनुश्रुति : कनक पाल की अनुश्रुति क हिसाब से गुजरात बिटेन कनकपाल गढ़देश  आई छौ , वैकी मृत्यु 699  ई मा ह्व़े सतरवां बंशज  अनंतपाल की राजधानी मलुवाकोट, एकीसवाँ बंशज विक्रम शाह की राजधानी अम्बुवाकोट अर चौबीसवां बंशज सोनपाल की राजधानी भिलंग घाटी मा छे. सोनपाल न अपणी बेटी क ब्यौ धारा नगरे क राजकुमारकनक पाल को दगड करी अर वै तैं अपणो  उत्तराधिकारी बणाय़ी  अगने बाँचो पंवार रज्जों की नामावली    Reference: Dr Shiv Prasad Dabral, Uttarakhand ka Itihas -4 ( History of Uttarakhand - 4History of Garhwal, History of Kumaun ) बकै  खंड 27  मा बाँचो  To be continued in 27th Part

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
गढवाळ का नामी गिरामी लोक अर जाती(मलारि जुग बिटेन अब तलक ) फड़क   -27 गढ़वाल की विभूतियाँ व समाज (मलारी युग से वर्तमान तक ) भाग  27 Great Garhwali Personalities and Societies of Garhwal Part -27 भीष्म कुकरेती (Bhishm Kukreti                                                            गढ़ राज्य राजाओं क नामावली   गढ़ राज्य या गढ़वाल (पंवार बंशी ) का रज्जौं पांच नामावली मिलदी : १- हार्डविक्क की अंकित गढ़ नरेशों की नामावली : उन त या नामावली सबसे पुराणी च पर भरवस कर्ण लैक नी च. इख्मा प्रद्युम्न शाह तलक 74 रज्जों नाम च  २- मौलाराम की गढ़ नरेश नामावली : मौलाराम श्रीनगर रजा क इख दरबारी कवि अर चित्रकार थौ ३- अल्मोड़ा कू एक पंडित मांगन मिलीं गढ़ नरेश नामावली ४- वेकट की छ्पयीं गढ़ नरेश नामावली ५- विलियम्स की छाप्यीं गढ़ नरेश  नामावली                        सोमपाल का बूड-खूड  (पूर्वज ) मौलाराम की नामवाली            अल्मोड़ा की नामावली        बेकट की नामावली       विलियम्स नामावली  १- भौनपाल  (भौना )               १- भगवान् पाल २- अभयपाल                        २- अभयपाल                                              ३- विशेष पाल ३-कर्ण पाल                           ४-कर्ण पाल                     १- कनकपाल                 १- कनकपाल ४- विशेषण पाल                     ५- क्षेम पाल                    २- श्याम पाल                 २- विशेश्वर पाल   ५- सोमपाल                          ६- व्यक्त पाल                                                      ३- सुमति पाल ६-विगतपाल                         ७- सुरथपाल                    ३- पांडु पाल                     ४- पूरण पाल ७- सुरथ पाल                        ८- जयति पाल                  ४- अभिगत पाल               ५- अभिगत पाल ८- जैत  पाल                        ९- पूर्ण पाल                      ५- सीगाल पाल                 ६- भुक्ति पाल९- पूर्ण पाल                         १०- अव्यक्त पाल               ६-रत्न पाल                     ७- रेतिपाल १०-सत पाल                         ११- शालिवाहन                  ७- शालिवाहन                 ८- शालिवाहन११- अविगत पाल                  १२- संगती पाल                                           १३- मंगति पाल १२- शालिवाहन पाल               १४- रतन पाल १३- संगीत पाल                      १५- मदनपाल                ८- विधिपाल                     ९- मदनपाल १४-मंगीत पाल                       १६-विधिपाल                 ९- मदन पाल                    १०- विधि पाल १५- रतनपाल                                                                                                  ११- भगदत्त पाल  १६- मदन पाल १७- विधि पाल १८- भग दत्त पाल                 १७ भग दत्त पाल            १० भक्ति पाल                   १२- बिभोग पाल १९- चन्द्र पाल                       १८- जय चन्द्र पाल          ११- जय चन्द्र पाल              १३- जय चन्द्र २० कीर्ति पाल                       १९- कीर्ति पाल                १२- पृथ्वी पाल                   १४- हीरत पाल२१- मदन सिंह पाल               २- मदनपाल                   १३- मदनपाल                     १५- मदन सहाय पाल                                                                              १४- अगस्त  पाल                १६- अविगत पाल                                                                               १५- सुरति पाल                  १७- सूरज पाल                                                                              १६- जयत सिंह  पाल           १८- जयत पाल                                                                              १७- अनंत पाल २२- अणिबुद्ध पाल               २१- अनिरुद्ध पाल               १८- आनंद पाल                  १९- अनिरुद्ध पाल २३- विभीगिरी पाल              २२- विभोगति पाल             १९- विभोग पाल                 २० - विभोग पाल २४- विधान पाल                  २३- सुवधन पाल                २०- सुभाजन पाल               २१-गुमान पाल २५-विक्रम पाल                    २४- विक्रम पाल                 २१- विक्रम पाल                 २२- विक्रम पाल २६- बिर्ज पाल                      २५- विजय पाल                  २२ - विचित्र पाल                २३- विचित्र पाल २७- सहज पाल                     २६- हंस पाल                     २३ - हंस पाल                     २४--हंस पाल

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
२८ सोनपाल                         २७- सोनपाल                     २४ सोनपाल                     २५ सोन (सुवर्ण)  पाल          अग्वाडि का खंड मा कान्दिपाल (सोनपाल कू जवें ) का साख्युं (वंशजूं ) बारा मा बाँचो......Reference: Dr Shiv Prasad Dabral, Uttarakhand ka Itihas -4 ( History of Uttarakhand - 4 History of Garhwal, History of Kumaun )बकै  खंड 28  मा बाँचो To be continued in 28th Part                            गढवाळ का नामी गिरामी लोक अर जाती(मलारि जुग बिटेन अब तलक ) फड़क   -28 गढ़वाल की विभूतियाँ व समाज (मलारी युग से वर्तमान तक ) भाग  28 Great Garhwali Personalities and Societies of Garhwal Part -28 भीष्म कुकरेती (Bhishm Kukreti                   कांदिल पाल अर वैकी साखी (बंशज) याने जगतपाल से पैलाक रज्जा सोनपाल का क्वी नौनु णि थै अर वैन अपण नौनी क ब्यौ कान्दिलपाल को दगड करी अर राज बि दे मौलाराम की नामवाली              अल्मोड़ा की नामावली           बेकट की नामावली          विलियम्स नामावली  १- कान्धपाल                 १- कान्ह्पाल                   १- कांदिलपाल          १- कांतीकृपाल २- सहदेव पाल               २- संधि पाल                   २- काम देव पाल        २- कामदेव ३- सुलक्षणपाल              ३- सुलक्षण देव                ३- सुलक्षणपाल          ३-सुलक्षणपाल ४-लक्ष्मणपाल               ४- लक्ष्मणपाल                 ४ लखन देव              ४- महालक्ष्मणपाल५- अलक्षणपाल              ५-अलक्षणपाल६- अनन्तपालदेव           ६- अनंत पाल                  ५-अनंत पाल            ५- सतपाल ७- अपूर्वपालदेव             ७- अभिपाल                   ६- पूर्वदेव                ६- अपूर्वदेव ८- अभयपालदेव           ८- अभयपाल                   ७- अभयदेव ९-अजेयपाल देव          ९- अजयपाल                    ८- जयरामपाल १० अजयपाल देव         १०- अजेयपाल ११- प्रतापपाल             ११-  असाप्रतापपाल          ९- असलदेव १२- राजपालदेव           १२- जयदेवपाल                                           ७- जय अगने कू  खंड मा जगतपाल की साख्युं (वंशज ) का बारा मा बांचो....Reference: Dr Shiv Prasad Dabral, Uttarakhand ka Itihas -4 ( History of Uttarakhand - 4 History of Garhwal, History of Kumaun )बकै  खंड 29  मा बाँचो To be continued in 29th Part 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
               गढवाळ का नामी गिरामी लोक अर जाती(मलारि जुग बिटेन अब तलक ) फड़क   -29 गढ़वाल की विभूतियाँ व समाज (मलारी युग से वर्तमान तक ) भाग  29 Great Garhwali Personalities and Societies of Garhwal Part -29 भीष्म कुकरेती (Bhishm कुकरेती                        जगतपाल की  साखी (वंशज ) अर  टिहरी राज का रज्जा            मौलाराम की नामावली    अल्मोड़ा की नामावली             बेकट की नामावली              विलियम्स नामावली

 
१- देवपाल                     १- गणितपाल              १- जगत पाल              १-  जितर्ग पाल २- जितारथपाल               २- जितारथपाल          २- जितपाल                ३-कल्याणपाल                ३- कल्याणपाल          ३- आनंदपाल               २- कल्याणपाल ४- अनंत पाल                 ४- अनपाल                ४- अजयपाल               ३- अजयपाल ५- दिपांतपाल                 ५- दिपाल ६- प्रियनिहार जैपाल         ६- प्रियनिहार            ५- कल्याण पाल           ४- अनन्तपाल ७-सुन्दर पाल                  ७- सुन्दर पाल           ६- सुन्दर पाल               ५- सुन्दर पाल ८- सहज पाल                 ८- सहज पाल            ७- हंसदेव पाल               ६- सहज पाल ९- विजय राजपाल           ९- विजयपाल          ८- विजयपाल                  ७- विजय पाल                                                                 ९- सहजपाल १०- बलभद्रशाह             १०- बलभद्रशाह         १०- बलभद्रशाह             ८- बहादुर शाह ११- शीतलशाह             ११-शीतलशाह                                              ९-शीतलशाह १२- मानशाह               १२-मानशाह               ११-मानशाह                 १० -  मानशाह १३- श्यामशाह              १३- श्यामशाह            १२-श्यामशाह-              ११-श्यामशाह१४- दुलारामशाह           १४- दुलारामशाह१५- महीपतिशाह            १५-महीपतिशाह         १३-महीपतिशाह          12-महीपतिशाह १६- प्रथिपतिशाह           १६- पृथ्वीशाह            १४-  पृथ्वीशाह             १३- प्रथिपतिशाह१७- मेदनीशाह             १७- मेदनीशाह            १५-मेदनीशाह               १४ -मेदनीशाह १८- फ़तेहशाह             १८- फ़तेहशाह             १६-फ़तेहशाह                १५-  फ़तेहशाह१९- उपेन्द्रशाह           १९- उपेन्द्रशाह             १७-उपेन्द्रशाह               १६-  उपेन्द्रशाह २०- प्रदीप शाह           २०- प्रदीप्तशाह            १८-प्रदीप्तशाह              १७-प्रदीप्तशाह२१- ललितशाह           २१-ललितशाह            १९- ललितशाह               १८- ललितशाह २२- प्रदयुम्नशाह         २२-प्रदयुम्नशाह          २०- जयकृत शाह            १९- प्रदयुम्नशाह                                                                २१- प्रदयुम्नशाह                             टिहरी गढ़वाळ का रज्जा १- सुदर्शन शाह २- भवानी शाह ३-प्रताप शाह ४- कीर्ति शाह ५- नरेंद्र शाह ५- मानवेन्द्र शाह Reference: Dr Shiv Prasad Dabral, Uttarakhand ka Itihas -4 ( History of Uttarakhand - 4History of Garhwal, History of Kumaun ) बकै  खंड 30  मा बाँचो To be continued in 30th Part       

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22