Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 359504 times)

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
बिरजु दा
                              चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
 बिरजु दा तैं तुम बि जणदा छंवां किलैकि तुमर गां मा बिरजु दाs च अर तख बिरजु दाक नाम दुसर  च।
भौत सि तबै जवान आजै बुडड़ि आज बि अपणो मन इ मन मा बिरजु दा तैं  गौळि दींदन बल मि तै यु बिरजु भगाणो लीग  बि छौ पण स्यु बिरजु   बिचि मा भाजिक वापस ऐ गे छौ। वो अलग बात च कि यूं बिरजु दा  कि प्रेमिकाओंन कबि नि ख्वाज कि बिरजु दा भजौड़ा किलै ह्वाइ?
  बिरजु दा तैं वैको नौन्याळ, लौडू ब्वारि अर नाती गाळी दींदन, " बुबान/ददान हमकुण कुछ नि कार।"
उन त बिरजु दा तै गाळी गां वळ बि दींदन बल तैन परधान ह्वेक बि गां त छ्वाड़ो अफकुण बि कुछ नि कार।
एक दें तै बिरजु दा तैं पंच बि बणै छौ अर तब बि तैन सब्युं गाळि खै छौ बल स्यु बीचिमा भाजि गे।
बिरजु दा हरेक काम बिचि मा छोड़ि भाज जांदु।
भौत सा बगत अपण ठाकुरूं मुंगरी बूंद दें हौळ छोड़ि भाजि जांदो छौ अर खुज्यावो तो भंगल्यड़ भंगुल पींद पकड़े जांद छौ।
अणसाळम कै ठाकुरों बंदळ पऴयांद बिरजु दा भाजि जांद छौ अर खुज्याणो जावो त कम पाणि गदन माछ मारदो पकड़े जांदु छौ।
बिरजु  दा कि गौळि इन छे कि वैक गीत सुणिक मड़घट कि चिता मांगक मुरिं बुडड़ि बि उठिक बिरजु दाक गीत सुणण बिसे जांद छ्या।
बिरजु दा की जुल्फि इन छे कि फिल्मों हीरो बि शरमै जावन अर यूं जुल्फि तैं जब ल्वार बिरजु दा झटकांद छौ त सरयूळु  बेटि ब्वार्युं जिकुड़ि बि कांप जान्दि छे अर बामिण्यु   सुपिन्यु  मा बिरजु हरिजन कृष्ण बौणिक आंदो छौ।
 बिरजु दा कि जुल्फि अर गौळि चक्कर मा गौंकि चारेक ब्वारि वैक दगड़ भाजि बि छन  . पण गौंकि सरहद पार करदा हि बिरजु दा गौं जिना भाजिक ऐ जावों अर भजण वाळि अपण सि मुख लेकि वापस ऐ जान्दि छे। इन बुल्दन बल भौत सि  बुडड़ि बि बिरजु दा पर फिदा ह्वेक बिरजु दा दगड़ भाजणो तयार रौन्दि छे पण फिर ज्यू  मारि दॆन्दि छे कि तै निर्भागि बिरजु न आज तलक क्वी बि काम पुरो कबि नि कार। अदा काम मांगन काम छोड़ि भाजण बिरजु दा कि प्रकृति मा छौ, भाजण बिरजुक  फितरत मा छे । मजाक इ मजाक  मा गौंकि बिठों नौनि -ब्वारि बि बुल्दि छे बल जरूर बिरजु हगद दै बि अदा मा इ भाजि जांदो होलु!
जी हां बीच काम मांगन भगण बिरजु दा कि प्रकृति च।
पण कैन पता बि नि लगाइ कि बिरजु दा इथगा बड़ो भजौड़ा या  पलायनवादि किलै ह्वाइ?
 बिरजु दा जनम सैंतालीस से पैलाक च।
तब दस सालुक रै होलु बिरजु दा। शिल्पकार ख्वाळ चखळा-पखळि  मचिं छे , बड़ो उलार -उत्साह छौ, हरेक शिल्पकार क्या बुड्या क्या जवान , क्या पांच सालै नौनि क्या सौ सालै बुडड़ि सबि पुळयाणा छ्या , पुलकित होणा छ्या कि आज दुफरा बिटेन सौब अछूत शिल्पकार बिठ याने सवर्ण ह्वे जाला किलैकि आज सब शिल्पकार आर्य समाजी ढंग से जंद्यौ पैरल। जनि दुफरा  मा शिल्प्कारोंन जंद्यौ पैरण शुरू कार कि अचाणचक    दुसर गौंका  बिठों झुंड का  झुंड ऐन अर वूनं शिल्पकारो तैं खूब पीट ,   जंद्यौ  लूठिन अर सौब जंद्यौ गुज्यर फेंकि देनि। कै भीम जन बलशाली शिल्पकारूम  इथगा  तागत नि छे कि सरैल से कमजोर बिठों विरोध करी साकन। दस वर्षौ बिरजु दान पैल दै उरायुं काम अदा मा छुड़द  द्याख। 
फिर आयि एक आंधी अर सब शिल्पकारों तै लग कि अबै दै त शिल्पकार बिठों गणत मा आइ जाला।
गौं का एक शिल्पकार नौनौ ब्यौ  छौ। बारा सालौ बिरजु दा बि बरात मा छौ सरा शिल्पकार ख्वाळ शिल्पकार खुसि मा बौऴयाणा छया बल आज शिल्पकार बर पैलि बार पालकी मा बैठिक जालो पण बरात जनि गां से भैर आयि नी कि बिठों कि भौत बड़ी सेना आयि अर पालकी तैं तोडिक वीं पर आग लगैक चलि गे। जौं शिल्पकारोन विरोध कार वूं तैं बिठुन पीटि पाटिक भेळ जोग करी दे।  शरीर से  तागतवर शिल्पकार बिठु से हार गे छा।
बिरजु दान फिर से अदा काम का बाद शिल्पकारों  भजण द्याख। बारा साल को बिरजु दान शिल्पकारुं  डौर से उपजीं पलायनवादी प्रकृति द्याख अर हमेशा कुणि पलायनवादी ह्वे ग्यायि। बस तब से बिरजु दा भजौड़ा प्रकृति को ह्वे गे।   

Copyright @ Bhishma Kukreti  25/4/2013           

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ   
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                           बखरौं ग्वेर उळकाणु/उल्लू
                          चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

                                    जब बि कै बि जगा बान कखि बि चुनाव ह्वावन त चुनाव आयोग द्वारा की तिथि बथाण से लेकि चुनाव नतीजा आण तलक मिडिया न्यूक्लियर बम्ब या रेडिओ एक्टिव पदार्थ जन अति क्रियाशील ह्वे जांदो अर भौं भौं खबर दीण मिसे जांद।
अब द्याखो ना हमर गां जख दुसर क्षेत्र का घ्वाड़ा बि जाणम अड़ी जांद उखाक ग्राम प्राधानो चुनावी समाचार दिल्ली अखबारोंम ऐ जांदन जन कि परारौ प्रधानौ चुनाव मा दिल्लिक अखबारों मा खबर आइ कि स्वांरा देवी न एक इंटरव्यू मा इ संवाददाता तैं बथाइ बल  एक प्रत्यासी बीरून  दुसर प्रत्यासी धीरूक भौज तैं तीन किलो चिनी दे अर चिनाव मा गुळादंगी कार अर चुनाव आचार संहिता तोड़ी, इख तलक कि चुनाव जितणो बाण प्रत्यासी अवैध संम्बंध बणाण से नि डरणा छन।  अब या बि खबर च ? भई चुनाव जितण त चीनी चानी दीणी पोड़ल कि ना ? इखमा खबर क्या च? खबर त तब होन्दि कि एक प्रत्यासी क्वी घूस नी दीणु  च। पण जब दिल्ली अखबार हमर गां पौंच  तो गां मा  कखला बखली मचि गे, भ्युंचळ ऐ गे । उन सि बात होन्दि त बातन आइ जाइ ह्वे जाण छौ पण चुनाव को बगत छौ त बात बढ़ी गे अर छुंयाळु छ्वीं से गां मा बणाक लगि गे। लोगुन बात उडै दे बल धीरुक बौ अर बीरु बीच अवैध सम्बन्ध छन। लोग बि सै छन किलैकि अब लोगुं तैं अपण आंखों पर कम विश्वास होंद अर समाचार पत्र या टी वी न्यूज चैनेलो पर जादा भरवस हूंद। वो तो भलो ह्वे कि शारब पिणों उपरांत छुंयाळु समज मा आयि कि धीरू बौ त बीरू घरवळि च। असला मा बीरू अर धीरू पिटालिटि भाइ छन अर प्रधान जन गुंदकि दार पद का लोभि ह्वेक एक दुसरा विरोध मा चुनाव मा खड़ा ह्वे गेन। अर स्वांरा अबि बि नाता रिश्तों खयाल करदी तो बीरू जिठा जीक नाम त ले नि सकदी त वीनं राष्ट्रीय संवाददाता से बोलि कि उ जिठा जि जु कबि उल्ट लाब सुल्ट नि करदा छा अबै दै पैल दै धीरू बौ कुण बजार बिटेन चीनी लैन। बात बड़ी सरल छे कि बीरू अब चुनाव जितणो बान  अपण घरवळि तै बि खुस करण मा लग्युं च। पण संवाददातान बात कुछ हौर ढंग से लेखि दे।
 चुनावों मा चुनाव प्रत्यासी गडबड, आचार संघिता उल्लंघन या दुसर प्रत्यासी तै घपकांदन अर  माल प्रैक्टिस करदन। पण  अब तो भौत सा सा मीडिया वाळ ही जादा माल प्रैक्टिस (गुळादंगी )  करण बिसे गेन।
चुनावों टैम पर पेड न्यूज या  खरिद्यां  समाचार जनि   बात से अब चुनाव आयोग बि परेशान च। चुनाव आयोग हाथी जन अपराध तै त पकड़ सकुद पण पेड  न्यूज जन किरम्वळु  कुछ नि कौर सकुद। फिर आज राजनीतिग्य अखबारों अर टी वी चैनलों  मालिक ह्वे गेन। तो  चुनावुं बगत मीडिया की भूमिका पर ही प्रश्न चिन्ह लगी जान्दो। क्या सामना शिव सेना की कमजोरी बथालो ? क्या सामना शिव सेना तै पाक साफ़ राजनैतिक पार्टी नि बथालो ? क्या सकाल  दैनिक शरद पंवार की प्रशंसा नि कारल? क्या दैनिक लोकमत विजय दर्डा अर राजेन्द्र दर्डा क  पक्षपात नि कारल ? क्या सन टीवी डीएमके की ही पूजा नि कारल?  क्या जया  टीवी जय ललिता की प्रशंसा ही नि कारल अर जया ललिता का विरोध्युं छांछ नि छवाळल ? क्या सुदर्शन टी वी न्यूज चैनेल कौंग्रेस को भतियाभन्द नि कारल अर इंडिया न्यूज चैनेल भाजापा की पोल नि ख्वालल? 
आज जब चुनावी दंगल एक नृशंस , निर्दयी , आचार हीन, स्वार्थ पूरक, प्रजा तन्त्र पर कुलाड़ी चलाण वाळ युद्ध  ह्वे गे  तो प्रजातंत्र को चौथो खम्भा से उम्मीद छे कि प्रजातंत्र की साख बचावो पण जब खंबा पर ही स्वार्थ को वाइरस , घूसखोरी को मैस्वाग, भाई भतीजावाद को धिवड़/द्यूं/दीमक लगी जावो तो प्रजातंत्र को छ्त्यानाश होणि च।
चुनाव बगत पत्रकारों द्वारा झूट मूटो  चुनावी सर्वेक्षण  तो अब लोगुं समज मा थ्वडा थ्वड़ा  आण बिसे गे। पत्रकारों द्वारा पक्षपाती समाचार दीण एक आम बात ह्वे गे।  आज भौत सा पत्रकार गलत अर सर्वथा झुटा बयान  छापदन। आज खबर नी होंदन बलकणम चुनावी   प्रत्यासी को फैदा या नुकसान बान खबरों की रचना होंदी। भौत सा पत्रकारों काम काळो  तै सुफेद बताणो ह्वे गे। कथगा इ पत्रकार कागज की गुडिया तैं शेर अर शेर तै किदलु/ केंचुआ बणाणम सिध्हस्त ह्वे गेन।   
आज असल मा चुनावी प्रक्रिया ही ना पत्रकारिता को अनाचार, दुराचार , आचार विचारो  पर भी प्रश्न चिन्ह लगि गे।
अब बिगण/ समज मा नि आणो कि जु बखरौं ग्वेर उळकाणु / उल्लू ह्वे जावो तो दुनिया को क्या ह्वालो?
 
             


Copyright @ Bhishma Kukreti  26/4/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                             कास मेरि बि  चीट फंड कम्पनी होंदि ! 
                                 चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
मीन देसी दारु क पवा मेज मा धार अर सूखा चणा लाणों बान  घरवळि तै बोलि
घरवळिन कुणेक बोलि," बीस साल से तुमकुण बुल्द बुल्द थकि ग्यों कि मुंबई छ्वाड़ो अर कोलकता बसि  जौंदा! उख तुम रोज  विदेशी  ड्रिंक  पींदा अर चखणा मा रोज बनि बनिक  चिकन मटन खांदा। पण तुम छंवां कि आमची मुंबई का फेर मा पड्या।"
मीन बोलि," कनों जब मीन इख इन्डियन कॉमर्सियल कैपिटल मा कुछ नि कार तो उख क्या कौरि लींदो?"
घरवळि- तुम बि ना ! पता नि म्यार हूंद बि तुम पर बणिया बुद्धि नि ऐ
मीन बोल -अरे पण कोलकत्ता  जैक क्या ह्वे जांद?
घरवळि- इन ब्वालो क्या क्या नि होंद?
मि - जन कि?
घरवळि- जन कि तुम एक चीट फंड कम्पनी खुल्दा
मि -चीट फंड ना चिट फंड होंद .
घरवळि-ओहो चिट फंड तो सरकारी खसरा -बसरा (रिकौर्ड ) मा दिखाणो होंद 
मि -अर असला मा
घरवळि-असल मा या कम्पनी चीट  फंड कम्पनी होन्दि जो लोगुं तैं धोखा देकि छ्वट़ा छ्वटा निवेशकों बिटेन खरबों रुप्या कट्ठा करदा अर तुम मजा करदा।
मि -छ्वटा छ्वटा निवेशकों न किलै मेरि कंपनीम इन्वेस्ट करदा?
घरवळि-इखमा क्या च  चिट  फंड को मतबल च चीट को फंडा , झूठ को फंदा , कल्पना को फांस। निवेशकों तैं सौ टका ब्याज को झांसा दयावो अर अपण ड्यार दबलों पुटुक रुप्या भारो
मि -ह्यां पण निवेशकों पास बंगाल म बि त ब्यूंत /तकनीक चयेंद कि ना
घरवळि-तुम बि ना! पढाइ लिखाइ जाट अर सोळ दुने आट वाळ छंवां 
मि -अरे करोड़ो निवेशकों तलक पौंछण क्वी सरल बात च?
घरवळि-उखमा क्या च। चिट फंड या चीट फंड का एजेंट होंदन जौं तैं लीडर बुल्दन वूं तैं चालीस टका दलाली द्यायो तो वो गरीब गुरबों तैं झूठा सपना , झुटा आश्वासन देकी अफिक झटकदन  छ्वटा छ्वटा निवेशकों से पैसा   
मि -ह्यां पण लीडर !
घरवळि-लीडरों तैं बड़ी बड़ी आलीशान पार्टी द्यावो। खूब झसका फसका कारो। पार्टी मा   त्रिंण मूल कौंग्रेस या कै बि पार्टी का नुमायंदों जन कि कुणाल घोस तैं संरक्षक बणावो अर लीडरों तैं उत्प्रेरित कारो , दलालों तैं धन से , मौज से उत्साहित कारो अर निवेशकों की जेब पर हमला कारो   
मि -यां से सब ह्वे जालो
घरवळि-नै नै . जन कि बंगालम कम्युनिस्ट शासन छौ त तुम कम्युनिस्ट पत्रिकाओं  जन की जन शक्ति मा खूब विज्ञापन दीन्द जावो।
मि -औ तबि त मि बुल्दो कि .. केंद्र मा भाजापा या कौंग्रेस को राज छयो अर कम्युनिस्ट सद्यनि फौरेन इन्वेस्टमेंट आदि की बात लोक सभा मा  उठांदा छा पण यूँ आम आदम्युं हितैस्युंन चिट फंड को चीटींग का बारा मा कबि बि जिब्वड़ नि ख्वाल
घरवळि-हाँ चिट फंड का नुक्सा मा क्या कम्युनिस्ट क्या कौंग्रेस अर क्या समाजवादी पार्टी
मि -यु समाजवादी पार्टी क बात इक्हम कखन आई
घरवळि-क्यों सहारा ग्रुप को चीट फंड बिसरी ग्येवां क्या अर इन बुले जांद कि  सहारा ग्रुप को बिजनेस बढ़ोतरी मा समाज वादी पार्टी को बडो लम्बो हाथ च 
मि -ये मेरी ब्वे!
घरवळि-फिर मजा से तुम छ्वटा छ्वटा निवेशकों से रुपया घटकैक तुमम खरबों रूप्या ह्वे जांदो     
मि -ह्यां मि इथगा रूप्या क्या करदो?
घरवळि-फिर सहारा चिट फंड वाळु तरां कई होटल , कई टी वी चैनेल , कई इयर लाइन्स खरीददा, या लोनावाला को लिवासा सरीखा टाउनशिप बणान्दा   अर मौज करदा 
मि -अरे इथगा आसान थुका च चिट फंड कम्पनी चलाण। चिट फंड रेगुलेट करणों बान सन इकासी को इन्डियन पैनेल कोड च।
घरवळि-हां त क्या ह्वाइ! अरे भारत सरकार का कै बि  मंत्रीक घरवळि जन कि  चिदम्बर जीक जनानी नलनी चिदम्बरम तै अपण लीगल ऐडवाजर अप्वाइंट करी लींदा। या फिर अम्र सिंह सरीखा राजनीतिग्य, हालंकि भौत सा बिगड्या खोपडिक ये तैं  महान राजनैतिक बिचौलिया बुल्दन पण अम्र सिंह सरीखा नेता की छत्र छाया 
मि -अरे नलिनी चिदम्बरम त मद्रासम रौन्दि अर चिट  फंड को बिजिनेस होलु कोलकत्ता मा?
घरवळि- ओहो केन्द्रीय मंत्रीक संबंधी तै कम्पनीक ऐड वाइजर बणाण से क्वी बि उल्टो , गैरकानूनी काम करणम जादा अड़चन नि होंदि     
मि -यां पण हरेक राज्य सरकार को चिट फंड को नियम होंदन 
घरवळि-इखमा मा क्या च! राज्य का ऐम पी , ऐम एल ए आद्युं तै पार्टी देकि , ऐथर पैथर लीगल फैदा या पार्टी समाचार पत्र तैं विज्ञापन देकि देकि केन्द्रीय अर राज्य स्तर का  नेताओं तै पटैक राखो
मि -ये मेरी ब्वे !
घरवळि-फिर सुब्रतो राय जन बडो देश भक्त बणो
मि -देश भक्त?
 घरवळि-हाँ स्यु सुब्रतो राय को हाल देखि ल्यावो। सर्वोच न्यायालय तो सहारा ग्रुप पर चिट फंड का नाम पर चीट को  भगार लगाणों च पण सहारा सरा दुनिया तै मिलावट रोकणो विज्ञापन दीणु च। चिट फंड की दुनिया मा  यां से बड़ी वक्रोक्ति क्या ह्वे सकदी। 
मि -ह्यां पण दुनिया मा कै बि फाइनेंसियल ट्रांजिक्सन  मा सौ डेढ़ सौ टका मुनाफ़ा नि होंद
 घरवळि-तो
मि - अरे जब निवेशकों तैं चालीस पचास टका ब्याज अर लीडरों तैं बि चालीस पचास टका  दलाली दिए जालि तो कम्पनी कनकै चलली?
घरवळि-ओहो तुम बि ना ! कौन से निवेशको तै ऊंक पैसा वापस बौड़ाण?
मि -तो
घरवळि-बस निवेशकों तैं निरंतर धोका दीण ही तो जादातर इन चिट फंड कम्पन्युं काम च 
मि -अर जु न्यायालयक पकड़ मा ऐ जावो तो ?
घरवळि-तो क्या ए राजा,  सुरेश कलमाड़ी या डीमके की  कलमुडी तरां द्वी चार मैना जेल मा चहल कदमी कौरिक आइ  जावो। एक दै केस कोर्ट मा ग्याइ ना फिर तो   हजारों साल तलक केस कोर्ट माँ ही रालो।
मि -ना मि देसि दारु अर सूखा चणा   से इ काम चलै ल्योलु। लाखों करोड़ो  लोगु कामना से खिलवाड़ से बढिया देसी दारु अर सूखा चणा इ ठीक च
 

Copyright @ Bhishma Kukreti  27/4/2013         
(लेख में नाम व घटनायें सर्वथा काल्पनिक  हैं  )

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                                    रूड़ी (गरमी ) ऐ ग्यायि कि ना?

                                         चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
             पैलाकि सि बात नि रै गे कि हम तैं अफिक पता चलि जावो बल गरमी ऐ ग्ये। पैल हमर सरैल संवेदनशील छौ अर सरैल अफिक चितांदो छौ बल भैर वातवरण कथगा ठंडु  च , कथगा गरम च। तब हमर सरैल अग्वाडि इतला बि दींदो छौ बल रुड़ी कनि रालि अर कथगा गरमी रालि।
               अब त नेताओं , अधिकार्युं का कुकर्मों, आश्वासनों, बेशर्मी, खुलेआम झूट, घूसखोरी , स्वार्थ देखिक हमर चमड़ी  इथगा बकळि  ह्वे गे कि ठंड -गरम त जाणि द्यावो हम तैं पता इ नि चलद बल हम तैं किरम्वळ तड़काणा छन। वो तो क्वी  इनसेक्टिसाइड बिचण वाळ बथांदो बल हम तै किरम्वळ तड़काणा छन।
                        कुछ दिन हम टी वी न्यूज चेनलों पर भरवस करदा छया अर जब चैनेल  बुलदा छा तो  हम तै पता चलदो छौ कि ठंडी ऐ गे कि गरमी पण अब त गर्मी अर जड्डू समाचार बि स्वार्थपूरक ह्वे गेन। परसि    चैनेल यूपी टेन  मा सुबर बिटेन स्याम दें तलक समाचार आणा रैन कि  उत्तर प्रदेश मा गर्मी से बुरा   हाल छन, समाचार छौ कि उत्तर प्रदेश गर्मी से झुलस रहा है । चैनेल यूपी टेन की न्यूज छे कि गरमी से लोगुं इ ना कुता, बिरळु, गोरुं , चखुलों खलडा बि  उतरण मिसे गे। चैनेल समाचार दिखाणो छौ बल उत्तर प्रदेश मा गर्मी से त्राहिमाम त्राहिमाम मच्यु च. अर उत्तर प्रदेश की जलवायु समाचार देखिक हमन अपण पंखा स्पीड बढाई दे। ब्याळि, सुबेर बिटेन आज सुबेर तलक चैनेल यूपी टेन समाचार दिखाणु छौ कि उत्तर प्रदेश मा मौसम खुशनुमा च अर सरकार विरोधी लोगुंन अफवा फ़ैलाइ कि उत्तर प्रदेश मा गर्मी को प्रकोप फैल्युं च।   फिर सरा दिन  चैनेल यूपी टेन मा समाचारों से जादा उत्तर प्रदेश जनसम्पर्क विभाग को विज्ञापन दिखाये जाणा छा कि कन अखिलेश यादव का आणो बाद गरीब सुखी छन अर कन प्रदेश मा लॉ ऐंड ऑर्डर की स्थिति बेहतर ह्वे गे। चैनेल यूपी टेनमा सरा दिन भर सौ दें उत्तर प्रदेश में अपराध  कम  हुए का विज्ञापन दिखाए गेन अर उथगा इ दें समाचार बि दिखाये गेन कि उत्तर प्रदेश मा मौसम खुशनुमा च। अब जब टीवी चैनलों मा जलवायु , मौसम को  समाचार बि विज्ञापन प्रेरित अर प्रदेश को तापमान बि प्रायोजित हूण बिसे जावन तो  हम लोगुंक  टी वी चैनलों पर विश्वास कम हूण लाजमी च। जख तलक सीएनएन या बीबीसी को सवाल च यी बि इंडिया को मौसम की जानकारी ये हि हिसाब से दीन्दन कि जां अमेरिका अर यूरोप का माल बिको। दिखण मा त सीएनएन या बीबीसी  निष्पक्ष समाचार दाता  लगदन पण यूं से बड़ो स्वार्थी चैनेल अबि धरती मा नि आयि सो गरमी ऐ गे कि ना/ की सुचना  बान हम लोग सीएनएन या बीबीसी पर निर्भर नि छंवां।
                      फिर मौसम की जानकारी पैल रिश्तेदार चिट्ठी से दींदा छा कि इख पहाड़ो म ठंड इ च अर आवो इख घुमणो ऐ जावो। अब त पहाड़ो माँ रिश्तेदार झूठ बुलण बिसे गेन अर हर समय बथान्दन बल इख बि टेम्प्रेचर पैंतालिस का करीब च। अब पहाड़ी रिश्तेदारों तैं डौर रौंदी कि मि कखि गर्म्युं मा ऊंक इख नि ऐ जौं।
                  मि जब छ्वटु छौ त मेरि ददिन टक  लगैक मि तै सिखै छौ कि जब चखुल ढंढि मा नयावन तो समझो कि चिट्टों घाम चमकण वाळ च अर जु चखुल माटो मा नयावन तो शर्तिया बरखा होलि। पण अब इख मुंबई मा कखि  जगा इ नि बचिं कि चखुल माटो मा नयावन, सब जगा त  सीमेंट की जमीन जि ह्वे गे। अर उन ढंढि बि मुंबई मा नींन कि चखुल ढंढियुं मा छळबळ ह्वेक नयावन। तो चखुलों द्वारा मौसम की जानकारी का द्वार बंद ह्वे गेनि।
         अब रै गे कवाओं से मौसम की जानकारी की बात तो बिचारा कवा  बि मुंबई का कंक्रीट जंगलों से मतिभ्रमित हुयां छन। पैल कवा गर्मी आंद हि अपण घोल -घोसला बणाणो तयारी मा लगि जांदा छा अर बरखा हूण से ठीक द्वी चार दिन पैलि  अंडा दींद छा या अंडा दिणों तयारी करदा छा पण अब  कंक्रीटो मकान हूण से स्थानीय जलवायु मा परिवर्तन ह्वे गे अर कवावों तैं पता इ नि चलदो कि कब घोल घोसला बणाण अर कब अंडा दीणन अर कब अंडा सिकणन।
 सरकारी सूचना विभाग पर तो पैलि बिटेन क्वी विश्वास कनि करदो। अमूनन जब मौसम विभाग सूचना दीन्दो कि आज बरखा होलि तो वैदिन घाम चटकदो अर जैदिन घाम को आश्वासन होंदु वैदिन तड़क्वणि पोड़दन।
अब मेरि बिंगणम/समजम नि आणो च कि रुड़ी ऐ ग्यायि कि ना?                     
 
 
Copyright @ Bhishma Kukreti  28/4/2013         
(लेख में नाम व घटनायें सर्वथा काल्पनिक  हैं  )

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                                    रूड़ी (गरमी ) ऐ ग्यायि कि ना?

                                         चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
             पैलाकि सि बात नि रै गे कि हम तैं अफिक पता चलि जावो बल गरमी ऐ ग्ये। पैल हमर सरैल संवेदनशील छौ अर सरैल अफिक चितांदो छौ बल भैर वातवरण कथगा ठंडु  च , कथगा गरम च। तब हमर सरैल अग्वाडि इतला बि दींदो छौ बल रुड़ी कनि रालि अर कथगा गरमी रालि।
               अब त नेताओं , अधिकार्युं का कुकर्मों, आश्वासनों, बेशर्मी, खुलेआम झूट, घूसखोरी , स्वार्थ देखिक हमर चमड़ी  इथगा बकळि  ह्वे गे कि ठंड -गरम त जाणि द्यावो हम तैं पता इ नि चलद बल हम तैं किरम्वळ तड़काणा छन। वो तो क्वी  इनसेक्टिसाइड बिचण वाळ बथांदो बल हम तै किरम्वळ तड़काणा छन।
                        कुछ दिन हम टी वी न्यूज चेनलों पर भरवस करदा छया अर जब चैनेल  बुलदा छा तो  हम तै पता चलदो छौ कि ठंडी ऐ गे कि गरमी पण अब त गर्मी अर जड्डू समाचार बि स्वार्थपूरक ह्वे गेन। परसि    चैनेल यूपी टेन  मा सुबर बिटेन स्याम दें तलक समाचार आणा रैन कि  उत्तर प्रदेश मा गर्मी से बुरा   हाल छन, समाचार छौ कि उत्तर प्रदेश गर्मी से झुलस रहा है । चैनेल यूपी टेन की न्यूज छे कि गरमी से लोगुं इ ना कुता, बिरळु, गोरुं , चखुलों खलडा बि  उतरण मिसे गे। चैनेल समाचार दिखाणो छौ बल उत्तर प्रदेश मा गर्मी से त्राहिमाम त्राहिमाम मच्यु च. अर उत्तर प्रदेश की जलवायु समाचार देखिक हमन अपण पंखा स्पीड बढाई दे। ब्याळि, सुबेर बिटेन आज सुबेर तलक चैनेल यूपी टेन समाचार दिखाणु छौ कि उत्तर प्रदेश मा मौसम खुशनुमा च अर सरकार विरोधी लोगुंन अफवा फ़ैलाइ कि उत्तर प्रदेश मा गर्मी को प्रकोप फैल्युं च।   फिर सरा दिन  चैनेल यूपी टेन मा समाचारों से जादा उत्तर प्रदेश जनसम्पर्क विभाग को विज्ञापन दिखाये जाणा छा कि कन अखिलेश यादव का आणो बाद गरीब सुखी छन अर कन प्रदेश मा लॉ ऐंड ऑर्डर की स्थिति बेहतर ह्वे गे। चैनेल यूपी टेनमा सरा दिन भर सौ दें उत्तर प्रदेश में अपराध  कम  हुए का विज्ञापन दिखाए गेन अर उथगा इ दें समाचार बि दिखाये गेन कि उत्तर प्रदेश मा मौसम खुशनुमा च। अब जब टीवी चैनलों मा जलवायु , मौसम को  समाचार बि विज्ञापन प्रेरित अर प्रदेश को तापमान बि प्रायोजित हूण बिसे जावन तो  हम लोगुंक  टी वी चैनलों पर विश्वास कम हूण लाजमी च। जख तलक सीएनएन या बीबीसी को सवाल च यी बि इंडिया को मौसम की जानकारी ये हि हिसाब से दीन्दन कि जां अमेरिका अर यूरोप का माल बिको। दिखण मा त सीएनएन या बीबीसी  निष्पक्ष समाचार दाता  लगदन पण यूं से बड़ो स्वार्थी चैनेल अबि धरती मा नि आयि सो गरमी ऐ गे कि ना/ की सुचना  बान हम लोग सीएनएन या बीबीसी पर निर्भर नि छंवां।
                      फिर मौसम की जानकारी पैल रिश्तेदार चिट्ठी से दींदा छा कि इख पहाड़ो म ठंड इ च अर आवो इख घुमणो ऐ जावो। अब त पहाड़ो माँ रिश्तेदार झूठ बुलण बिसे गेन अर हर समय बथान्दन बल इख बि टेम्प्रेचर पैंतालिस का करीब च। अब पहाड़ी रिश्तेदारों तैं डौर रौंदी कि मि कखि गर्म्युं मा ऊंक इख नि ऐ जौं।
                  मि जब छ्वटु छौ त मेरि ददिन टक  लगैक मि तै सिखै छौ कि जब चखुल ढंढि मा नयावन तो समझो कि चिट्टों घाम चमकण वाळ च अर जु चखुल माटो मा नयावन तो शर्तिया बरखा होलि। पण अब इख मुंबई मा कखि  जगा इ नि बचिं कि चखुल माटो मा नयावन, सब जगा त  सीमेंट की जमीन जि ह्वे गे। अर उन ढंढि बि मुंबई मा नींन कि चखुल ढंढियुं मा छळबळ ह्वेक नयावन। तो चखुलों द्वारा मौसम की जानकारी का द्वार बंद ह्वे गेनि।
         अब रै गे कवाओं से मौसम की जानकारी की बात तो बिचारा कवा  बि मुंबई का कंक्रीट जंगलों से मतिभ्रमित हुयां छन। पैल कवा गर्मी आंद हि अपण घोल -घोसला बणाणो तयारी मा लगि जांदा छा अर बरखा हूण से ठीक द्वी चार दिन पैलि  अंडा दींद छा या अंडा दिणों तयारी करदा छा पण अब  कंक्रीटो मकान हूण से स्थानीय जलवायु मा परिवर्तन ह्वे गे अर कवावों तैं पता इ नि चलदो कि कब घोल घोसला बणाण अर कब अंडा दीणन अर कब अंडा सिकणन।
 सरकारी सूचना विभाग पर तो पैलि बिटेन क्वी विश्वास कतै नि करदो। अमूनन जब मौसम विभाग सूचना दीन्दो कि आज बरखा होलि तो वैदिन घाम चटकदो अर जैदिन घाम को आश्वासन होंदु वैदिन तड़क्वणि पोड़दन।
अब मेरि बिंगणम/समजम नि आणो च कि रुड़ी ऐ ग्यायि कि ना?                     
 
 
Copyright @ Bhishma Kukreti  28/4/2013         
(लेख में नाम व घटनायें सर्वथा काल्पनिक  हैं  )

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                         दिल्लि, मुंबई मा बि बुरांश, काफळ, फ्यूंळि  जमदन   

                                         चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
   तुम सणि विश्वास नि होणु ह्वाल बल दिल्लि मुम्बई मा बि बुरांश, काफ़ळ , फ्यूंळि  जन पेड़ पौधा कन जामि सकदन अर पनपि  सकदन।
उन त मि नि बिंगै /समजै सकदु कि बुरांश पर किनग्वड़ लगदन पण कथा से मि बतौल बल दिल्लि, मुंबई मा फ्यूंळि पर हिसरों कांड कनै पुड़दन।
  भौत सालुं बात नि च। बस वैइ सालों बात च जब मुंबई मा कौथिग दुसर साल ह्वे छौ तो मुंबई का लोगुं तैं पता चौल बल इख मुंबई मा उत्तराखंड बटे अयां चार पांच या दस छोरोंन एक सामाजिक संस्था खोलिं च अर जैक नाम यूनाइटेड बुरांश च । असलम मुंबई वाळु तैं जब बि क्वी नै संस्था खुल्दि तो क्वी उत्साह नि आंद इखाक लोग बुल्दन बल नै संस्था माने घमंडी सामजिक कार्यकरतौं नई दुकान-कुज्याण कब बंद ह्वे जांद धौं। पण वै कौथिग से पता चौल कि बुरांश का छ्वारों म नई सोच च किलैकि इ लोग गिटार बि बजौंदा छा त हुडकी बि हुडकांदा छा अर ए  मेरि ब्वै सबी सदस्य लैपटॉप लेकि इन उना फरकणा रौंदा छा। यून मतबल बुरांशन कौथिग वाळु  बड़ी प्रशासनिक सौ  सायता कार। मुंबई का लोगुं तैं जादा त ना पण कुछ कुछ भरवस ह्वाइ बल सैत च या बुराशै डाळि जादा दिन तक टिकी रालि। पण लोग बिसरि गेन कि बुरांशन उत्तराखंड को बांजौ पाणि पियुं च अर खंड खंड खांड्यू मा बंटण उत्तराखंड की पौराणिक परम्परा च।
            ह्वे क्या च बल कौथिग का कौथिगेर अर हिल ड्रामा का नंदा देवी  का जागर्युं मा कौथिग मा नंदा देवी जात्रा स्वांग मा दक्षिणा क बाण झगड़ा ह्वे गे। कौथिगेरु बुलण छौ बल दक्षिणा पर कौथिगेरुं हक च त जागर्युं बुलण छौ बल दक्षिणा लीणो अधिकारी त बस जागर्युं को ही च।
             बस नंदा देवी स्वांग का जागरी कौथिग से बिगळे गेन अलग ह्वे गेन। मुंबई का लोगुं तैं बुरु नि लग किलै कि उत्तराखंडी परम्परा अनुसार अलग अलग काम करण अर खंड खंड मा बंट्याण ही हमारी संस्कृति अर सभ्यता को मूल चूल च , धुरी च।
पण कौथिग का कौथिगेर अर हिल ड्रामा को झगड़ालू  ड्रामा से बुरांश का फाड़ ह्वे गेन।कुछ कौथिगेरूं दगुड़ दीण चाणा छा अर जादातर हिल ड्रामा कम्पनी दगुड़ दीण चाणा छा। बस एक नई संस्था काफुळ खड़ी ह्वे गे।
जब हिल ड्रामा कम्पनीन मुंबई मा नंदा जात जात्रा उर्याई तो काफुळ का काफुऴवै (काफुळ तोड़ने वाले ) हिल ड्रामा वाळो पाळि (Side) छा।
                अब उत्तराखंडी परम्परा निर्वाहन को खातिर हिल ड्रामा कम्पनी मा दुफाड़ हूण जरूरी छौ त नई माउंटेनिंग ड्रामा  कम्पनी खुलि गे अर वा नई माउंटेनिंग ड्रामा  कम्पनी बि नंदा जात जात्रा उर्याण बिसे गे।
इन मा काफळो डाळौ  हलण जरूरी छौ।  कुछ हिल ड्रामा कम्पनी दगुड़ नि छुड़ण चाणा छा पण   जादातर नई  माउंटेनिंग ड्रामा  कम्पनी का साथ दीण चाणा छा तो ऊंन फ्युंळि नाम से एक नई संस्था खडी कर  दे।
                  फिर परम्परा निर्वाह का खातिर माउंटेनिंग ड्रामा  कम्पनी मा दुफाड़ ह्वाइ अर एक नई ड्रामा  कम्पनी खुल -यू .के .वैली ड्रामा कम्पनी।  यू .के .वैली ड्रामा कम्पनी बि   नंदा देवी जात्रा स्वांग करण बिसे गे।
इन मा  रीति रिवाज अर अपण संस्कृति बचाणो खातिर  फ्युंळि  मा बि दुफाड़ ह्वे गे, नई संस्था को नामकरण ह्वे तिमलु जो  यू .के .वैली ड्रामा कम्पनी साथ निभाणो बान बणाये गे।
                        यू .के .वैली ड्रामा कम्पनी मुंबई का ड्रामेवाजों मा उत्तराखंड राज्य की राजकीय भाषा अंग्रेजी ह्वावो या हिंदी पर झगड़ा ह्वे ग्यायि अर इन मा एक नई ड्रामा कम्पनी की पौ (नींव ) पोड़ी अर नई कम्पनी को नाम छौ यु के रिवर ड्रामा कमपनी।
इन मा तिमलु संस्था मा तिड्वाळ (दरार ) पोड़ण जरूरी छौ तो नई संस्था को गठन ह्वे बेडू।
                   फिर बेडू से लोगुं मा बिखळाण पोड़ त एक नई संथा को उदय ह्वे मेंळु. मेंळु पर कांड पुड़ीन त छ्युंति संस्था खुलि। छ्युंति पर बीज नि मिलेन  त औंळा संस्था  खुलि। अब जन कुछ लोग गढवाल भ्रात्रि  मंडल मुंबई को पुनर्जीवित करणों विचार करणा छन उनि बुरांश को पुनर्जीवित करणों बात चलणि च जां से कि घिंघारू, हिसर,डंफु  संस्था खुलणो अवसर पैदा ह्वे जावन।                                                       
 
 Copyright @ Bhishma Kukreti  30/4/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं

                     मैरिज गेस्ट ऐटिकेट (बरात्युं आचरण )
                         चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

  मि तैं एक पेज थ्री को पसंदीदा अर भौत बड़ो नव उद्योगपति s नौनौ ब्यावs न्यूत मील। अर हमर बिल्डिंगम भ्युंचळ ऐ गे। अब इथगा बड़ो आदिमौ नौनौ ब्यावो निमत्रण मीलल त समाज तै चिंता हूण जरूरी च। सब्युं तैं चिंता छे कि मि अपुण आचरण से कखि उंको याने अपण समाजौ नाक नि कटै द्यूं। सब्युंन मि तैं मैरिज गेस्ट ऐटिकेट सिखाण वाळ कम्पनी मा जाणो सलाह दे।
मि एक  मैरिज गेस्ट ऐटिकेट सिखाण वाळ कम्पनीs दफ्तरम ग्यों।
रिसेप्सनिस्ट- जी इन बथावो बल तुम तैं बड़ो आदिम्युं मैरिज न्यूत सालों मा एक दै मिलदो कि साल भर मा एक दै मिलदो।
मि- सैत च जिन्दगी मा एकि बार मील
-रिसेप्सनिस्ट- तो ठीक च तुम तैं एक दिनो  मैरिज गेस्ट ऐटिकेट सिखणो कोर्स करण पोड़ल। तुम द्वी हजार रुपया फीस भरो, ए तीन पेजों फॉर्म भरो  अर हमर त्वरित मैरिज गेस्ट ऐटिकेट सिखाण वाळ कन्सल्टेंट से मिलो।
मीन फ़ीस  भौर, तीन पेजों फॉर्म भार अर फॉर्म लेकि ऐटिकेट कन्सल्टेंट का पास ग्यों।
 ऐटिकेट कन्सल्टेंट- यु निमंत्रण तुमन घोच पेच से पाई या तुमर ये बड़ो उद्योगपति से पछ्याणक छे।
मि - जी निमंत्रणौ बान  घोच पेच ?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- जी हां अचकाल तुम सरीखा आम मनिख बड़ो आदिमौ ब्यावो निमंत्रण  पाणों बान  मुख्यमंत्री की  सिफारिश लेकि बि जांदन।
मि - नै नै ! यु उद्योगपति कबि म्यार तौळ सेल्समैन छौ अर टूर बिल मा हेराफेरी करणों अपराध मा नौकरी से निकाळे  गे छौ।
 ऐटिकेट कन्सल्टेंट-कथगा शरम कि बात च कि तुम अबि बि कॉमन मैं याने आम आदिम ...
मि -जी?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट (फॉर्म पढ़दा पढ़दा )  - नै नै कुछ ना, मि  पुछणु छौ तुम तैं चार पांच सौ नया, बिलकुल नया डिजाइन का   विजिटिंग कार्ड छपाण पोड़ल 
मि - जी विजिटिंग कार्ड?
 ऐटिकेट कन्सल्टेंट- जी हां ! बड़ा लोगु ब्यौ मा मेमान एक हैक से इन नि पुछदन कि तु कै मुहल्ला मा रौन्दि अर कैं राशनै दुकान बिटेन चिन्नी लान्दि। सौब अपण विजिटिंग कार्ड दीन्दन अर विजिटिंग कार्ड मा ही पूरो परिचय लिख्युं रौंद।
मि - पण मि त कुछ काम नि करदो
 ऐटिकेट कन्सल्टेंट (फॉर्म बंचद )- तुमर फॉर्म मा लिख्युं च कि तुम गढ़वाली भाषाक लोक साहित्य पर लिखदां ?
मि - जी
 ऐटिकेट कन्सल्टेंट-बस तो तुमर डेजिगनेसन मा छपाए जालो -भीष्म कुकरेती -द एमिनेंट रिसर्च स्कॉलर  ऑफ ऐनसिएंट एंड डेड लैंग्वेज
मि -जी गढ़वाली मोरिं भाषा नी च।
 ऐटिकेट कन्सल्टेंट- ओहो ! बड़ा आदिम्युं ब्यौ मा विजिटिंग कार्ड दीणो असली मतबल होंद हैंक पर रौब डाळण। वर्तमान भाषा पर खोज से रौब नि पड़दो बलकणम  डेड भाषा पर रिसर्च से ही रौब पड़द।
मि - जी ठीक च। गढ़वाली भाषा तैं मारि द्यावो।
 ऐटिकेट कन्सल्टेंट- एक्सक्लूजिव विजिटिंग कार्ड का वास्ता आप तीन हजार रूप्या भारो। क्रडिट कार्ड बि चौलल।
मीन तीन हजार रुपया भौरिन
  ऐटिकेट कन्सल्टेंट- अब इन बथावो कि तुम तैं बरातम बुलायों च कि खाली रिसेप्सनम बुलयुँ च।
मि - जी१ बरातम बि अर रिसेप्सनम बि
 ऐटिकेट कन्सल्टेंट- ओहो तो बड़ो खरचा ह्वे जालो
मि - जी ! वो तो बडो उद्योगपति  च
 ऐटिकेट कन्सल्टेंट-जी मि घराती क बात नि करणु छौं मि त तुमर बात करणु छौं
मि - इखमा खरचा बात क्या च ?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- द्याखो द्वी ड्रेस त तुम तैं बरातौ खुणि चयेंद
मि - द्वी ड्रेस ?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट-हां एक पारम्परिक ड्रेस त तुम तैं बरात पैटद दै लगल अर एक ड्रेस तब लगलि जब बरात होटल पौंछि जालि।
मि - द्वी ड्रेस?
 ऐटिकेट कन्सल्टेंट- टोटल चार ड्रेस की जरूरत होलि। द्वी ड्रेस बरातम अर द्वी ड्रेस रिसेप्सनम
मि - रिसेप्सनम द्वी ड्रेस ?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट-हां एक ड्रेस जब तुम रिसेप्सनम जैल्या अर हैंकि ड्रेस जब  तुम मनोरंजन कक्ष मा जैल्या अर इनि अलग अलग समय का वास्ता अलग अलग जुत, मोजा , रुमाल , घड़ी , परफ्यूम आदि आदि
मि - पण ड्रेस सिलाणम त टैम लग जालो अर ड्रेस खरीद बि ल्योलु त ड्रेसन फिर काम नि आण।
 ऐटिकेट कन्सल्टेंट-हाँ पूरा ड्रेस को खर्चा होलू एकाद लाख
मि - एकाद लाख?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- चिंता नि कारो तुम इख दस हजार भरी द्यायो। हम तुम तैं किराए पर सबि ड्रेस मुहया करै द्योला           
 मीन दस हजार रुपया भौरिन
मि - पण मि त बडो आदिमौ ब्यौ मा ऐटिकेट याने आचरण सिखणो ऐ छौ।
 ऐटिकेट कन्सल्टेंट- ड्रेसिंग बि त आचरण याने  ऐटिकेट को असली हिस्सा च।
मि - पण मी तैं त उख ब्यौ मा हौर मेमानो दगड़ छवीं बात करण , कन खाणक खाण , कनो पाणि पीण, कनों शराब पीण   सिखण छौ।
 ऐटिकेट कन्सल्टेंट- हाँ मैरिज पार्टी मानेरिज्म सिखणो बान  हमम क्रैस कोर्स च। वांकुण तुम दस हजार भारो अर भोळ आओ। अर हाँ जो कार बी किराए पर चयाणि च त दस हजार अलग से भारो 
मीन बीस  हजार रुपया भरीन अर अब मि भोळ ,  मैरिज पार्टी मानेरिज्म सिखणो बान  फिर से इख  औलु।
पण एक बात मीन सीखी आल कि meman बि बणन तो अपण हैसियत से ही मेमान बणो 
             

Copyright @ Bhishma Kukreti  1/05/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                                  लेडी लक

                          चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
घरवळि बुलण बिस्यायि बल ," सुणो तुमर लक आज तलक  नि चौल त जावदि जरा पंडी जी मा जनम पत्री  दिखै लयावो। पंडी जी बथाला बल तुमर लेडी लक कनो बदलल "
मि - अब जब, अब तक कुछ नि ह्वे त अब क्या ह्वालो। कख छे तू बि बेकार कि बतौं मा।लेडी लक उक कुछ नि होंद।"
घरवळि- तुमर दगड त ज्युंरा बि क्या जीतल। भाग हूंद च।
मि -भाग ऊग कुछ नि हूंद
घरवळि - हूंद च  अब द्याखो ना ओबेराय होटलों जनक ऐम ऐस ओबेराय को हाल देखि ल्यावदि। शिमला गे छया सरकारी कलर्क  बणणो पण बौणि गेन शिमला को  सिसिल होटलम  कलर्क अर फिर हूंद करदा 1933  मा एम् एस ओबेरायन कोलता को ग्रैंड होटल किराया पर ले अर फिर चली ओबेराय होटलुं चेन।       
मि -हूंद च कबि। कथगा इ लोग बणन कुछ चांदा छा अर बौणि कुछ हौरि जांदन।   
घरवळि - ह्यां पण तुमर दगड़ किलै नि जावो तुम अपण  टिपड़ा दिखैक लावो 
 मि -इन जी हूंद त ..
घरवळि - तुमर दगड़ लगण बोलो तो। उ पौढ़ नि रैनबक्सी कम्पनी इतिहास। कि सिंह ब्रदर्स जो द्वैवों वितर्क छ्या  एक इटालियन तै क्या मिलें कि भाग इ खुलि गेन 
मि - कबि कबि इन बि होंद
घरवळि -  पण तुम तैं किलै ना क्वी इटालियन मील ?किलै तुम किक सम्पर्क माँ नि अयाँ?
मि -सब बुलणा बात छन 
घरवळि -  बुलणा बात क्या छन। तुम जाणदा छा ना अजीत वाडेकर तैं?
मि -हां जब हम मर्फी डबल विकेट टूर्नामेंट और्गेनाइज करदा छा त वाडेकर जी मिलदा छा
घरवळि -  तो याद च जब सन इकहतरम ऊं तैं वेस्ट इन्डीज जाण वळ क्रिकेट टीम  माँ जगा नि मिलणि छे तो क्या ह्वे छौ?
मि -तब इन्डियन क्रिकेट सलेक्सन कमेटी का अध्यक्ष विजय मर्चेंट क वोट से वो टीम मा सलेक्ट ह्वे गेन।
घरवळि -  फिर ?
मि -फिर क्या नबाब पटौदी तैं टीम मा जगा नि मील तो अजित वाडेकर तै टीम कप्तान बणाण पोड़
घरवळि -  फिर ?
मि -फिर अजीत वाडेकर की अगुवाई मा भारतं पैल दै वेस्ट इंडीज अर इंग्लैण्ड क्रिकेट सिरीज जीत।
घरवळि -त ह्वाइ ना सी अजित वाडेकर पर लेडी लक की मेहरबानी। कख टीम मा इ जगा निश्चित नि छे अर कख कप्तान बौणि गेन।
मि -त इख्मा क्या ह्वाइ विजय मर्चेंट मुंबई का छया तो वाडेकर सलेक्सन को सलेक्सन एक आम बात छे
घरवळि -आर याद च मुहम्मद  अजरुद्दीन को सलेक्सन ?
मि -हाँ इंग्लैण्ड की क्रिकेट टीम सन चौरासी पिचासीमा इख आयिं छे अर  चौथा टेस्ट  की बारी आई अर अंशुमान गायकवाड बीमार पोड़ी गे अर अजरुद्दीन तै जगा मीलि
घरवळि -अर फिर अजरुद्दीनन पैथर नि द्याख
मि -क्रिकेट क्या सबि खेलों मा इनि होंद कि बहुत सी दें एक खिलाड़ी घैल या बिमार होंद तो नयो खिलाड़ी तैं जगा मीलि जांदी
घरवळि -अर मोहिन्दर सिंह धोनी तै कनकै जगा मील?
मि -या तो बड़ी रोमांचक खानी च
घरवळि -नै लेडी लक की मेहरबानी च
मि -त्वी बि ना सब चीजुं मा लेडी लक तै कुच्याणि छे।
घरवळि -क्यों ? जु दिनेश कार्तिक चोटिल नि होंद तो क्या धोनी तैं टेस्टम जगा मिल्दि?
मि -हूंद च इन तो
घरवळि -अर जु वीरेन्द्र सहबाग तै टेस्ट टीम से भैर नि करदा तो क्या शिखर धवन तैं जगा मिल्दि?
मि -हूंद च एक खिलाड़ी जांदो तो नया खिलाड़ी इन्डियन टीम आंदो इ च
घरवळि -तो फिर , शिवलकर,  त्यागी जना महान स्पिनर्स भारतीय टीम नि ऐन
मि -कुज्याण भै ! पण एक बात च खेलों मा अचाणचक भौत सी बात होंदन तो वूं बातुं  तैं लेडी लक से जुड़न ठीक नी च   




Copyright @ Bhishma Kukreti  2/05/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                             आजौ रेफ्रिजिरेटर लीण अर वै बगतौ  फ्रिज लीण भाग- 1   

                                    चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
         दिन बदलद टैम नि लगद। एक समौ छौ रेडिओ बिचण वळ कै कै दुकानुम गौणि गाणि तीन ब्रैंडु फ्रिज होंदा  था- गोदरेज , केल्विनेटर अर जेनिथ। बकै फ्रिज जन की जेम, स्पेंसर  केल्विनेटर की फैक्ट्री मा इ बणदा छा। आज त फ्रिज बिचण वाळ जादा अर खरीदण वळ कम। गोदरेज को नाम मुंबई मा याने पश्चिम अर दक्खण  भारतम बड़ो छौ अर  उत्तरी भारतम केल्विनेटर को सम्मान जादा होंद छौ . पूर्वी भारत को  गणत मार्केटिंग मा जयीं बितिं छे।
 फ्रिज बुक करण बड़ो अर कठण  काम मने जांद छौ तबि त जैक इक फ्रिज ह्वावों वो रौब से सड़क इ ना ट्रेन मा बि रौब दाब से चलदा छा। अन्वार पर रौब से जणे जांद छौ कि ये  मनिखौ घौर फ्रिज च।
          मि वै समाज को सदस्य छौ जख पंखा अर घड़ा ह्वे ह्वे गे त हमर बिल्डिंग या खोळि बिटेन  गरमी अफिक भाजि जान्दि छे।
चूंकि में पर मैनेजर को तगमा लग्युं छौ त  जब मि कखि बि सोसल गेदरिंग मा जांदो छौ  त सबि कै ना कै तरां से बात निकाळि इ दींदा छा - माइ गाड़ी (मोटर साइकल), माइ  फ्रिज।।या वी हैड पार्टी एंड आइ कूल्ड बियर दियर ...
  सोसल प्रेसर को वजै से मीन फ्रिज बुक कार।
गोदरेज फ्रिज बुक करणों मतबल छौ बिल्डिंग वाळु बि भलो। कैक पौण/मेमान आवन तो मेमानौ बान ठंडो पाणि उखन इ लये  जांद छौ जैक इख फ्रिज ह्वावो। कबि कै तै  दारु मा बरफ मिलाणो बिगरौ ह्वे गे त बेहिचक फ्रिज वाळ से बरफ मांगे जांद छौ अर फ्रिज वाळक जुमेवारी होंद छे कि वो बरफ को पुरो इंतजाम कार।  वै बगत हैव्स (जै मा छ) वाळु  जुमेवारी होंद छे कि हैव्स नौट (जौंम नी च ) वाळु  जारोरत पूरी कारो। आवश्यकता खोज की ब्वे च त गरीबी सहयोग अर सहकारिता की जननी च।
जनि बिल्डिंगम पता चौल कि म्यार फ्रिज आण वाळ च त बिल्डिंग वाळ खुस छया कि अब बिल्डिंग मा द्वी फ्रिज ह्वे जाला। गीता राम भट जी को इख फ्रिज छौ अर गीता राम जी आज बि बुल्दन कि वै बगत ऊंन कबि ठंडो पाणि नि पे किलैकि बिल्डिंग का क्वी ना क्वी ठंडो पाणि या बर्फौ बान ऊंकी देळि मा खड़ो मिल्दो छौ। म्यार फ्रिज बुक कराण से भट्ट जी खुश  छा अर वूं तैं आशा छे कि शायद अब ऊं तैं अपण फ्रिजौ ठंडो पाणि नसीब होलु। वै बगत, गां मा ब्यौ को पैलु कल्यौ पर गाँ वाळु हक होंदु छौ अर मुंबईम हमर बिल्डिंग मा फ्रिज को ठंडो पाणि अर बरफ पर सरा बिल्डिंग वाळु हक होंदु छौ।
खैर जब बिल्डिंग वाळु तै पता चौल कि मीन फ्रिज बुक करी आल तो बरफ अर ठंडो पाणि पीण  वाळ का इच्छाधार्युंमा उकरांत शुरू ह्वे गे कि फ्रिज कब आलो।
पण वै बगत फ्रिज इनि नि आंदो छौ बलकणम पैल कम्पनी को एक बिजली मैकेनिक आंदो छौ अर वो बिजली चेक करदो छौ फिर फ्रिज को प्लग आदि फिट करदो छौ तब ही फ्रिज आणै बारि आन्दि छे।
अब जब पता चौल कि भोळ बिजली मैकेनिक बिजली कनेक्सन चेक करणों आणो च त लोगुन सब्युं पाँति लगै दे कि गेट पर अर  बिल्डिंग से रस्ता भैर कु खड़ो रालो। सब तै डौर छौ कि कखि मेकेनिक तै हमर बिल्डिंग नि मील अर मैकेनिक बगैर विजित का वापस चली जावो तो फिर फ्रिज आणम  अंदाळ ह्वे जाल।
मि तै बि ऑफिस से छुटी मीलि गे किलैकि कम्पनी को मैनेजर को इख फ्रिज , कार या टीवी आवो तो कम्पनी की ही साख बढ़ण छे।
अब सुबेर बिटेन स्याम छै बजे तलक मैकेनिक नि आयि। तो सूबेर से स्याम तलक हरेक घंटा मा लोग  रस्ता अर गेट पर खड़ा होणो काम अफिक निपटाणा छा।
खैर प्रतीक्षा की घड़ी खतम ह्वाइ अर मैकेनिक साब ऐन। हमन मैकेनिक साब तैं काम करण से पैलि कोका कोला पिलायि अर मैकेनिक साब तैं आश्वाशन दे जब भि जरूरत ह्वावो तो कोका कोला मांगी लेन।
मैकेनिक साबन  डाक्टर जन हमर इलेक्ट्रिक कनेक्सन चेक कार अर हिराकत भर्याँ शब्दों से बथाई बल हमर बिजली तार ठीक नि छन अर अर्थिंग बि नी च हमन दुसर कोका कोला बोतल मंगाइ  अर चापलूसी कार तो मैकेनिक साबन हम पर मेहरबानी कार अर इलेक्ट्रिक प्लग  लगाइ अर अर्थिंग बि ठीक कार।
हमन मैकेनिक साब तैं इलेक्ट्रिक वाइरिङ्ग  चार्जेज का अलावा इक्कीस रुपया की व्यक्तिगत पिठाई लगाई
अब फ्रिज आणो पूरी आश ह्वे गे तो ख़ुशी मा डा. बलबीर सिंग रावत (जु अब देहरादून छन ) अर मि पार्टी करणों एक बार मा गेवां।
जब तलक फ्रिज नि आयि तब तलक सरा बिल्डिंग माँ सब्युं तैं बड़ी उकरांत (रेस्टलेसनेस ) हुंई राइ।
खैर एक दिन फ्रिज ऐ ग्यायि। पण तैबरी फ्रिज आण अर वैबरी प्रयोग करण म फरक छौ। फ्रिज औन करणों बान फिर से  मैकेनिक साब  आंदा छा।
फिर द्वी तीन दिन बाद मैकेनिक साब ऐन अर फ्रिज औन करी गेन. इथगा देरम बिल्डिंग का लोग अपण अपण ड्यारन कांच की बोतल लेकि ऐन बथै गेन कि जब ठंडो पाणी जमा ह्वे जावो तो पाणी उंक ड़्यार भेजी देंन । हम तै बुरु नि लग किलैकि, हम तबि मुंबई माँ ग्रामीण परिवेश की मानसिकता माँ रहंदा छा।  हम जब गाँ मा छा तो एक मवासो दंदळ छौ त हम सरा गाँ वळ अपण समजिक वै दंदळ को प्रयोग बेहिचक करदा छा तो हमर फ्रिज पर बिल्डिंग को अधिकार हुण तब एक आम बात छे।
फ्रिज   आणो बाद मि तैं चार पांच  ड्रिंक पार्टी बि दीण पोड़ीन   
   अर आजौ रेफ्रीजेरेटर को आणम वो ऐडवेंचर नि होंदु जो वै बगत होंदु छौ।

आज रेफ्रीजेरेटर कनै खरीदे जांद  पर लेख  भोळ तक प्रतीक्षा कारो ....             

           

 Copyright @ Bhishma Kukreti  3/05/2013           

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                    आजौ रेफ्रिजिरेटर खरीदण अर वै बगतौ  फ्रिज लीण।  भाग- 2 

                           चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

              अचकाल रिफ्रिजिरेटर लीण सरल च पण प्रक्रिया अबि जरा टेड़ी च। ग्राहक एक अर बिचण वाळ सौ।  अनार एक अर बीमार सौ। कुर्सी एक अर कुर्सी हकदार सौ।
              हम तै अपण पुरण फ्रिज से क्वी सिकैत नि छे। म्यरो  पुरण फ्रिज तै इ हम से नाराजी ह्वे गे। पुरण फ़्रिजौ बुलण छौ बल या बि क्वी बात ह्वे कि वो इं उमर मा सात सात दिनु बासी खाणक कि गंध सुंगणु रावो। चलो बासी कूसी भोजन की गंद बास तो सहन करि ल्यालो पण जख स्यूण (सुई ) बान जगा नि ह्वावो उख सब्बळ त नि कुच्याण चयेंद कि ना! पुरण फ्रिजो बुलण छौ बल हमर परिवार बढ़ी गे तो हम अपण परिवारौ बोझ पुरण फ्रिज पर किलै डाळणा छंवां। अति बोझ की पीड़ा से  फ्रिज रोज क्या हर समौ घर्र घर्र करीक सुसकारी भरदो छौ अर हम समजदा छा कि हमर फ्रिज अपण लोक गीत गाणु च। जब कबि फ्रिज गीत गाण बंद करी दींदु छौ त हम फ़्रिजौ डाक्टर बुलांदा छा। कुछ दिन तलक फ़्रिजौ डाक्टर की मलास, छ्वटि -म्वटि सर्जरी  अर पट्टी -बैंडेज से फ्रिज होश मा आंदो छौ पण अखिरैं डाक्टरन बि जबाब दे द्यायि अर हमकुण भगवान से प्रार्थना की  सलाह दे।बस हम रोज फ्रिज की लम्बी उमरौ बान भगवान से प्रार्थना करदा छा। एक दिन बोझ का मारा हमर पुरण फ्रिजन इलेक्ट्रिक शौक से खुद ही ख़ुदकुशी करी दे। हम फ़्रिजौ फेमिली डाक्टरम बि गेंवां पण हमर फ़्रिजौ फेमिली डाक्टरन  आण से इनकार करि दे अर फिर पछ्याणको  कबाड़ीन ही फ़्रिजौ दाह संस्कार कार   
          पुरण फ्रिज जाणो बाद हम ठंडो पाणी जगा सादो पाणि पीणों तयार छया पण हम से ताजो खाणक नि खाये गे। हमर जीबि मा   बासी तिबासी खाणक खाणों स्वाद बैठी गे छौ। तो बासी भोजन प्रेमी परिवार का सदस्योंन प्रजातांत्रिक ढंग से मि  तै  आज्ञा दे कि मि फ्रिजुं प्रिलिमिनरी सर्वे करिक औं।
 मि ऐत्वारो खुण  चार पांच बड़ी दुकानुंम फ्रिज दिखणो ग्यों अर अर्ध मुर्छित अवस्थाम  बड़ी मुस्किल से घौर बौड़। एकी कंपनी का बीस साइज का फ्रिज , एकी साइज मा बीस किस्मौ टेक्नौलौजी का अलग अलग फ्रिज! फिर हरेक फ्रिज की विशषता वास्ता भिन्न भिन्न अलंकृत भाषा का इस्तेमाल करण वाळ पैम्फलेट देखिक मि रंगतै ग्यों। मै लग मि फ्रिज नि दिखणु छौं बलकणम विज्ञापनों मा नाट्य काव्य पढ़णु हों अर दृश्य काव्य दिखणु हों। जो आज विहारी कवि ज्यूँद होंद तो विज्ञापनों अलंकार पौढिक विहारीन हीन भावना ग्रसित ह्वेक आत्महत्या करि लीण छौ।   तीन चार सौ किस्मौ फ्रिज देखिक मि चचलै ग्यों अर सही माने  मा घंघतुळे ग्यों याने कन्फ्यूज ह्वै ग्यों। एकी दूकानम अलग अलग साइजो अर टेक्नीक का वास्ता  अलग अलग सेल्समैन छया। अर हरेक सेल्समैन अपण ब्रैंड, अपण साइज अर अपण टेक्नौलौजी की प्रशंसा मा उथगा तल्लीन नि छौ बल्कणम हैंको ब्रैंड, हैंको साइज अर हैंकि तकनीक की हद से बिंडी बुरै करण मा उस्ताद छया। हरेक सेल्समैन समजाण से जादा मि तैं कन्फ्यूज करणम बड़ी मेनत करणु छौ।  हरेक सेल्समैनन म्यरो फोन नम्बर नोट कार।   
मि घंघतुळे, घबरै घौर औं। घौर वाळ मेरि घबराट देखिक दुकनि बिटेन ठंडो मिनरल वाटर लैन। अब हमर बिल्डिंग वाळ मोडर्न ह्वे गेन तो एक हैंकाक इखन ठंडो  पाणि मंगणम अपणी बेज्जती अर तौहीन समजदन।
एकाद घंटा मा मेरी तबियत सुधरी। अर इना मेरि तब्यत सुधरि उना नाना प्रकार की फ्रिज कंपन्यूं अर फाइनेंस कंपन्यूं  फोन आण बिसे गेन।
इखम बि हेरेक कम्पनी क अलग अलग साइज अर टेक्नौलौजी क विभाग से अलग अलग फोन ऐन अर हरेक कॉलर अपण साइज या टेक्नौलौजी प्रशंसा नि करणों छौ बलकणम दुसर साइज अर दुसर टेक्नौलौजी की बुरी तरह से काट करणु छौ अर इथगा काट त भारतीय जनता पारी कौंग्रेस की काट  नि करदी जथगा काट एकि कंपनि क कॉलर अपणी कम्पनी क दुसर साइज अर हैंकि टेक्नौलौजी की काट करणु छौ।
फाइनेंस कम्पनी वाळ बि अपण फिनैंस स्कीम  की प्रशंसा नि करणा छा बलकणम दुसर फिनैंस कम्पन्यूं स्कीमुं कमजोर पक्ष की ऐसी तैसी करणा छा।
अर कम्पन्यूं ऑफिस से अर फिनांस कंपन्यूं फ़ोनों से अब मेरो सरा परिवार वाळ घंघतुळे,घबरै, गलत फहमै, कनफ्युजे गेन। कैक बि  समज मा नि आई कि कै साइजौ अर कैं टेक्नौलौजी फ्रिज लिए जावो।
हमन बिल्डिंग अर हौर  दोस्तों , ए  शहर इ ना बलकणम  दुसर शहरों रिश्तेदारों  से बी सलाह ले कि कु फ्रिज लिए जावो।
पण दगड्या - दोस्तों अर रिश्तेदारों न सलाह दीण से  हम सब्युं तै जादा ही घबरै गवाँ।
सबि इन नि बथावन कि कु रेफ्रीजेरेटर लीण बलकणम इन जरुर बथावन कि कु कु फ्रिज नि लीण।
 एक दगड्यान बोलि बल अलण फ्रिज कतै नि खरीदेन अलण फ़्रिजौ कूलिंग तकनीक बेकार च। म्यार सडो भायिक समदिक स्याळो भणजौ चचान ओ फ्रिज खरीद छौ आज तलक ठंडो पाणि पड़ोसी से ही मांगदन बिचारा! तुम इन कारो फलण रेफ्रिजिरेटर खरीदो।
त एक रिस्तेदारन चेतावनी दे बल नै नै ! फलण रेफ्रिजिरेटर कतै नि खरीदण'. फलण फ़्रिजौ कूलिंग कैपेसिटी त ठीक च पण इंसुलेटिंग भौत इ रद्दी च। पांच साल पैल  म्यार बडाक नन्या ससुरौ झड़नति क जीजान अलण रेफ्रीजेरेटर खरीदी छौ त आज तक पछताणा छन।
इख पर हैंक दोस्तन घ्याळ करी दे बल स्यु ब्रैंड कतै नि खरीदण, ये ब्रैंड की सर्विस बेकार च । मेरी मौसिक जिठाणि ममाक साडो भयिक नातिन स्यु ब्रैंड खरीद छौ आज तलक वूं कम्पनी सर्विस सेंटरौ पता अर फोन नम्बर खुज्याणा छन।
 दफ्तरम एक होशियार मने जाण वळ  सहयोगीन बथाइ बल अलण ब्रैंड की कूलिंग कैपेसिटी ठीक च पण इंसुलेटिंग टेक्नीक खराबच, वै ब्रैंड की इन्सुलेटिंग ठीक च पण जगा की कमी च, ...सतों ब्रैंड की सर्विस ठीक च पण टेक्नौलौजी पुराणी च, अठों ब्रैंड की टेक्नौलौजी लेटेस्ट च पण ब्रैंड को नाम गंदो च।
जथगा लोग उथगा इ कु कु ब्रैंड नि लीणो चेतावनी!
आखिरैं हमन अपण पुरण फ़्रिजौ डाक्टर याने फ्रिज मैकेनिक की सलाह सेवा ल्यायि।
अब रेफ्रिजिरेटर त ऐ ग्यायि पण हम कै तैं नि बथान्दा कि हमन नै रेफ्रीजेरेटर खरीदी किलैकि यु रेफ्रिजिरेटर  मेकैनिक द्वारा  असेम्बल्ड फ्रिज च।                             
                                   
                 

Copyright @ Bhishma Kukreti  4/05/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22