Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 359506 times)

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                          काश ! म्यार ममा जी बि रेल मंत्री  हूंदा!

                                  चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
घरवळि- तुम त छ्वाड़ो तुमर रिश्तेदारोंन बि म्यार मैत्युं तैं धोका दे!
मि - अरे म्यार रिस्तेदारुन  तुम तैं  कनै धोका दे ?
घरवळि- तुमर रिस्तेदारून भौत  धोका दे। जन कि मम्या ससुर जी
मि -  म्यार ममा जीन क्या कार? वो तो बड़ा सज्जन मनिख छ्या
घरवळि- हां पण वो बि त तुमर तरफ़ बिटेन मि तैं दिखणौ ऐ छया 
मि -  हाँ तो दिखणौ ऐ छया त क्या व्हाइ। क्या ममा जीन म्यार बाबत क्वी झूट बोलि छौ?
घरवळि-मम्या ससुर जीन झूट त नि बोलि छौ पण म्यार मैत्युं  आकांशा, हमर स्याणी, हमर गाणी बि त मम्या ससुर जीन पूर नि कार। ना!
मि -  क्या आकांशा पूरी नि कार म्यार ममा जीन ?
घरवळि- द्याखो ना ! मम्या ससुर जी रेल मंत्री कबि नि बौणिन   
मि -हैं ! ममा जी रेल मंत्री ह्वे  बि जांद त क्या ह्वे जांद
घरवळि-क्या नि होंद ?
मि -   क्या ?
घरवळि-क्या नि होंद? भाई भतीजा वाद की रेलवे पटरी  स्याळबाद , समद्युळबाद, जीजाबाद , जँवैबाद का स्टेसनो ह्वैकि  भाणजाबाद  तलक बिछि जांदी अर तुम भाणजा छया त  ...   
मि -  त  क्या
घरवळि-त तुमारो बिजिनेस को प्लेटफार्म कथगा उच्चु ह्वे जांद धौं!
मि - बिजिनेस को प्लेटफार्म उच्चु ह्वे  जांदो?
घरवळि-जैक ममा रेल मंत्री तो वैक बिजिनेस अफिक बढ़ल कि ना?
मि -अरे रेल मंत्री को भाणजौ बिजिनेस क्या लीण दीण?   
घरवळि-जनि मम्या ससुर जी रेलवे मिनिस्टर बणदा, तुम अपण ख़ास ममा जीक पोलिटिकल ऐडवाइजर हूंदा फिर  तुमर रियल इस्टेट को बिजिनेस खुलि जांद अर कुछ ही दिनों मा तुमर कम्पनी कखन से कख पौंछि जांदी धौं!
मि -  रेलमंत्री को भाणजा  अर रियल बिजिनेस?
घरवळि- फिर तुम कै के.टी. एल. इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जन कम्पनी का डाइरेक्टर बणि जांदा
मि -  ओहो ?
घरवळि-फिर तुमर पांच दस स्टील कम्पनी खुलि जांदी अर इनि तुम पांछ छै हौरि स्टील कम्पन्यू डाइरेक्टर बणी जांदा 
मि -  ये मेरी ब्वे! क्या यी स्टील कम्पनी रेलवे तैं स्टील सप्लाई करदी क्या?
घरवळि-रुपया भाणजा बाद का डब्बो से तुमर ड्यार आणो रौंद। तुम कुछ ही मैनो मा खराब पति बौणि जांदा   
मि -  अरे मामा जी !
घरवळि- फिर तुम रेलमंत्री का खास भाणजा हूणों नाता  रेलवे मा हरेक नौकरी का पैथर कमिसन खांदा!
मि - मेरी समज मा कुछ नि आणु च।
 घरवळि- फिर रेलमंत्री को चीफ पोलिटिकल ऐडवाईजर होणो नाता रेलवे को हरेक ठेका से मोटो कमिसन खुद बा खुद चलिक तुमर ड्यार पौंछि जांदो 
मि -  ये मेरी ब्व़े!
घरवळि-फिर तुम रेलवे बोर्ड मा  डाइरेक्टरों अप्वाइंटमेंट का वास्ता गुप्त टेंडर बुलांदा 
मि -  रेलवे बोर्ड मा  डाइरेक्टरों अप्वाइंटमेंट का वास्ता गुप्त टेंडर?
घरवळि- हां! तुम रेलवे मिनिस्टर का भाणजा होणो नाता हरेक रेलवे  बोर्ड मेम्बर बणणो  फीस दस करोड़ रुपया फिक्स करदा
मि - रेलवे  बोर्ड मेम्बर बणणो  फीसदस करोड़ रुपया ?
घरवळि- फिर बिचौलिया दस करोड़ रुपया जगा द्वी करोड़ फिक्स करी लीन्दा अर मम्या ससुर जी याने रेलमंत्री अपण प्रिय भाणजौ बात मानिक रेलवे बोर्ड का मेंबर  लिस्ट घोषित करी लींदा। तुमर ड़्यार भाणजावाद की रेल से खूब खरबों रुपया आंदो।   
मि -  ह्याँ पण इख भारत मा एक सी बी आई बाद बि त च
घरवळि-हाँ ह्वे सकुद च कि सी बी आई तुमसे घूस का  नब्बे लाख रुपया पकड़े जांदा अर तुम पर पुलिस केस का वास्ता ऍफ़ आई आर लिखे जांदी। तुम रिमांड मा जेल बि जांदा।
मि -  ह्याँ पण ममा जीकि बेज्जती बि त होंदी कि ना?
घरवळि- नै मम्या ससुर जी याने रेलमंत्री बयान  दींदा कि म्यार अपण भाणजा से कुछ लीण दीण नी च। 
मि - ह्यां पण ! विपक्षी पार्टी तो रेलमंत्री को इस्तीफा मंगदी कि ना?
घरवळि- हाँ जरुर! किलै ना? विपक्षी पार्टी  रेलमंत्री को इस्तीफा मांगदी पण सरकारी राजनितिक पार्टी को प्रवक्ता बयान दींदो  कि विपक्षी पार्टी तैं इस्तीफा मांगणो रोग जन कि  ह्ज्या, चेचक लग्युं च। 
मि - पण पत्रकार तो सरकारी राजनैतिक दल से सवाल तो पुछदा कि ना ?  कि  रेल मंत्री को भाणजा घूस लींद पकड़े ग्यायी!   
घरवळि-हाँ तो सरकारी दल को प्रवक्ता जबाब दींदो कि क़ानून अपणों काम करलो। क़ानून अपना काम खुद करेगा। लेट द ज्यूडिसरी टेक्स   इट्स ओन स्टॉक ...
मि - अर क़ानून तो अवश्य ही अपण काम कारल कि ना?
घरवळि-हाँ भारतम क़ानून हमेशा ही अपण काम धीरे धीरे करणु रौंद। जब घूसखोर भाणजौ   झड़नाति ह्वे जाला तब न्यायालय फैसला सुणाल कि भूतपूर्व स्वर्गीय रेलमंत्री के स्वर्गीय भानजे के विरुद्ध ठोस सबूत ना मिलने से  रेलवे बोर्ड  मेम्बर बनाने हेतु दो करोड़ लेने वाले  घूसखोरी केस को खारिज किया जाता है। 



Copyright @ Bhishma Kukreti  5/05/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है ) 

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                       
                            जु मि पौलिटिकल पार्टी प्रवक्ता हूंद !
                            चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

घरवळि-म्यार त सद्यनि इनि जोग रै गेन
मि -ह्यां ! आज जोगुं पैथर किलै पोड़ी छे?
घरवळि- तुमर ले क्या। कथगा दिनु बिटेन तुम तै घचकाणु छौ कि विजय बहुगुणा  जिठा जी , सतपाल माराज जी ना सै त हरीश रावत जिठा जीक  खुकलिउंद बैठि जावा पण तुमन कबि मेरि सूण हो तब ना! 
मि -याँ क्या करी लिंदा त्यार इ दूरौ जिठा जी?
घरवळि-क्या नि करदा?
मि -क्वी एक बात त बता जु यि म्यार भला करी दींदा
घरवळि-तुम यूँका चरणों मा रोंदा त कनि क्वी ना क्वि बडि जिठाण सोनिया जी मा बोलिक तुम तैं कौंग्रेस पार्टी प्रवक्ता बणवै दींदा   
मि -मि अर पौलिटिकल पार्टी प्रवक्ता?
घरवळि-हाँ त क्या ह्वाइ?
मि -पण जाणदि छे ना कि पोलिटिकल पार्टी प्रवक्ता कन हूण चयेंदन?
घरवळि-हां सबसे पैल त जब दुनिया मा दस करोड़ बेशरम मोरदन तब ही एक पौलिटिकल पार्टी प्रवक्ता  पैदा होंद । पौलिटिकल पार्टी प्रवक्ता बेशरमो बेशरम हून्दन।
मि -बेशरम?
घरवळि-हाँ यी पौलिटिकल पार्टी प्रवक्ता बेशरमी से लाल रंग तै नीलो रंग घोषित करी दींदन अर यी  प्रवक्ता शर्म बेचींक  फिर बि  जबाब दींदन।
मि -क्या
घरवळि-हां जन कि रोज भारतम बलात्कार हूणा छन त पौलिटिकल पार्टी प्रवक्ता रोज बेशरमी से बलात्कार को समाचार सुणिक बेशरमी से बयान दीन्दन बल हमार पार्टी बलात्कार की निंदा करणि च। 
मि -बस ?
घरवळि-नै नै पौलिटिकल पार्टी प्रवक्ताक खलडि - चमड़ी गैंडा से बि बकळि हूण चयेंद   
मि -किलै ?
घरवळि- ह्याँ रोज त हरेक पार्टी नेता या नेताक जवैं , बेटी , बेटा भतीजा या भाणजा घूसखोरी केस मा फंसदन तो जनता अर प्रेस तै जबाब वी दे सकुद जैकि बकळि जिकुडि ह्वावो अर बकुळ खलड़ ह्वावो।       
मि -ये मेरी ब्वै
घरवळि-फिर पौलिटिकल पार्टी प्रवक्ता तैं झूठ नि बुलण बलकणम झूठ इन बुलण जन बुल्याँ राजा हरिश्चन्द्र की औलाद  बयान दीणु ह्वावो। द्याख नि तुमन कॉंग्रेसी प्रवक्ता डौरु बजैक , कंटर बजैक हमेशा घ्याळ लगांदन बल कौंग्रेस भ्रष्टाचार खतम करणों बान सदैव तत्परता दिखांदी। या बेशरमी से भाजापा वळ संसद माँ काम नि होण दीण  तैं प्रजातंत्र की रक्षा नाम दींदन     
मि -औ !
घरवळि- फिर पौलिटिकल पार्टी प्रवक्ता तै क हरेक बात पर विरोधी पार्टी पर इन हमला करण चयेंद जन बुल्यां यूंकी अपणी पार्टी माँ धर्मराज छन अर विरोधी पार्टी चोरों अर गलादारों पार्टी ह्वावो । जन कि भाजापा प्रवक्ताs  वास्ता पीएसी (पब्लिक अकाउंट कमेटी ) की रिपोर्ट को लीक हूण बिलकुल जायज च किलैकि डा मुरली मनोहर जोशी पीएसी का अध्यक्ष छन पण भाजापा का प्रवक्ता हिसाब से जेपीसी (ज्वाइंट पार्लियेमेंट्री कमेटी) की रिपोर्ट लीक हूण बड़ो ही घोर  जघन्य अपराध च किलैकि जेपीसी क अध्यक्ष कॉंग्रेसी सांसद च।   
मि - हाँ या बात त सै च
घरवळि- फिर यदि टीवी चैनलों मा डिबेट /बहस हूणि ह्वावो त झूट तै सच अर सच तैं झूठ  करणों अलावा विरोधी पार्टी तैं कतै नि बुलण दीण चयेंद। जथगा तक ह्वे साको विरोधी पार्टीक प्रवक्ता क बुलणम  अधिक से अधिक अवरोध पैदा करण ही पौलिटिकल पार्टी प्रवक्ता को  असली मकसद या ध्येय हूण चयेंद। 
मि -  पण पौलिटिकल पार्टी प्रवक्ता ह्वेक रोज पत्रकारों मिसाइल का ग्व़ाळा  सहन कौरिक  क्वी फैदा त क्या ह्वाल धौं?
घरवळि-ह्याँ जु तुम सोनिया जिठाण की पार्टी का प्रवक्ता ह्वेल्या त कुछ दिनों मा तुम जरुर राज्य मंत्री बणि जैल्या।
मि -त मि पैल आळी -जाळी काम , बेशरमी , झूठ तैं  सच अर सच तैं झूठ करण , विरोध्युं लफरा (खाल ) खैंचण सीखि लींदु अर फिर विजय भैजी या हरिश रावत  भैजी शरण मा जांदो
घरवळि- तुमर बि दिमाग खराब हुयुं च पैल पौलिटिकल पार्टी प्रवक्ता बौणो 
मि -ह्याँ पण पैल कुर्सी लैक त बणण चएंद कि  ना?
घरवळि-नै नै ! पैल कुर्सी पावो फिर कुर्सी अफिक सबि कुछ सिखै दींदी।


Copyright @ Bhishma Kukreti  6/05/2013           
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Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं

                                  मनी लौन्ड्रिंग कनकैक   हूंद   
                                    चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ ) 
  उन त पैल इ गळी नाम 'गरीब आदमी; स्ट्रीट छौ पण बेहंत बैंको शाखा खुलण से ईं स्ट्रीट तैं अब बैंक स्ट्रीट बोले जांद।
परसि मि  बैंक स्ट्रीट ग्यों कि म्यार पैथर बीस बैंकुं दलाल पैथर पोड़ी गेन। एक म्यार दै हथ खैंचणु त हैंक बैं हथ, एक म्यार एक खुट खींचणु त हैंको म्यार दुसर खुट पर ग्वाळ बोटणु। कैन म्यार मुंड पकडि त कैन बाळ हि पकडिन, जौं तैं कुछ नि मीलेन ऊंन मेरो कपड़ा खैंचण शुरू कौरि देन। इनि एक दें बनारस मा म्यार पैथर पंडा पोड़ी छा। इथगा मा एक काल़ो मुस्टंडा आंद दिखे त सबि ऐजेंट भाजि गेन। मुस्टंडा बरडाणु छौ," सालों  को बोला हैच कि दस से ग्यारा तक बैंक स्ट्रीट पर  मेरा ही कब्जा होगा पण साले गरुड़ की औलाद शेर से शिकार छीनने में बाज नही आते।"
 वै मुस्टंडान पुछी -कौन से बैंक में अकाउंट खोलना मंगता है?"
मि -  जी ! नेसनलाइज्ड बैंकम खाता ......।
वो  मुस्टंडा  म्यार कॉलर पकड़िक ,  रगोंड़िक  एक बैंक भितर ली गे। फिर उख वैन एक बैंक कर्मचारी तैं धै लगैक ब्वाल, 'पीआर ! एक नया मुरगा  लाया हूं। इसका अकाउंट खोल देना।" अर मुस्टंडा भैर चलि गे।
पीआर याने जन सम्पर्क अधिकारी मि तैं एक कैबिनम लीग  अर मि तै बिठाळिक वैन ठंडो गरम का बारा मा पूछ।
पी आर अधिकारिन पूछ," आप तैं नॉर्मल अकौंट खुलण कि मनी लौन्ड्रिंग अकाउंट खुलण?"
मीन पुछण चाइ - इ मनी लौन्ड्रिंग क्या ....
पी आर अधिकारिन खुश ह्वेक बोलि - वेरी गुड। मनी लौन्ड्रिंग अकाउंट खुलण बड़ो सौंग च।
मि - जी ?
पी आर अधिकारी - जी हां मनी लौन्ड्रिंग अकाउंट की भली  सुविधा हमर ही बैंक मा च।
अब मेरो इंटरेस्ट बढ़ी गे छौ त मीन बोलि -अच्छा? मि तैं क्या क्या करण पोड़ल 
पी आर अधिकारी -कुछ ना आठ दस या बीसेक फर्जी नाम से पैन कार्ड बणाण पोड़ल
मि -पण बीस फर्जी  पैन कार्ड बणाण त कठण होलु?
पी आर अधिकारी -नै नै कठण नि च। वो मुस्टंडा दलाल सुब कुछ कॉरल अर आपक हथम पैन कार्ड दे द्यालो।
मि -फिर?
पी आर अधिकारी -फिर आपम जथगा  बि  क़ाळो  धन च वै तैं फर्जी पैन कार्ड का आधार पर फर्जी नाम से हमर बैंक मा जमा करदा जावो।
मि- पण फिर बी यु  त काळो  ही रालो कि की ना?
 पी आर अधिकारी - नै नै आप ये पैसा तै विदेशों मा जन कि मोरेसिस ट्रांसफर कौर सकदा अर फिर उख बिटेन आप पैसा नियमानुसार अपण सही अकाउंट मा ट्रांसफर करी सकदव़ा। तुम तै मोरेसिस जाणै जरूरत बि नि च। सब कुछ इखी बिटेन ह्वे जालो।
मि - अर जु अपण पैसा विदेश नि भिजण चांदन?
पी आर अधिकारी - वांको बि कथगा इ बांको (अभिनव) प्रबंध छन ।
मि -जन कि
पी आर अधिकारी - तुमार फर्जी पैसा जीवन बीमा निगम या अन्य साधनों से तुमम सुफेद ह्वेक ऐ जालो।
मि - पैसा कब जमा करण?
पी आर अधिकारी - कबि बि। हां वै मुस्टंडा तैं दस परसेंट कमिसन मिलण चयेंद हाँ!
मि -जी
पी आर अधिकारी -अच्छा तो आप अपण ब्लैक मनी कब जमा करणा छंवाँ जां से हम मनी लौन्ड्रिंग को काम अग्वाडि बढाई सकवां
मि - जी एक बात बथावा। मीन सूण कि तुमर बैंकम चपड़ासी जगा खाली छन बल?
 पी आर अधिकारी - हाँ, सरा  भारतौ कुण चपड़ासी  द्वी हजार जगा खाली छन। पण तुम किलै पुछणा छंवाँ/
मि - मि असलम अपण  नौनौ कुण चपड़ासी नौकरी फॉर्म लीणो ऐ छौ।
 पी आर अधिकारी - ये साले जब से गुंडों को दलाल का काम सौंपा  गया है तब से ये गुंडे दलाल भिखारियों को भी बैंक के अन्दर ले आते है। जाओ ! भागो यंहां से।  मेरा टाइम  खोटी मत करो।     
   
 
           
 

Copyright @ Bhishma Kukreti  7/05/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

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सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
                       
                                    घर्या तोताऊं दुःख
                              चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ ) 

              जब बिटेन माननीय न्यायालय को सीबीआई का  काम काज पर कमेंट्स आइ कि सीबीआई केवल - पिंजडाम बंद  तोता च अर ये तोता को कथगा इ मैश (मालिक ) छन तब बिटेन सबी घर्या तोता परेशान छन। तोता क्वी मायावती या डीऐमके   जन राजनैतिज्ञ त छ नीन जु बोलि द्यावन बल तोता दलित छन तो माननीय न्यायाधीशोंन  दलित विरोधी कमेंट्स करी देन, अर ऊनि बि तोता या कबूतर पक्षियों मा दलित पंछी नि माने जांदन कि तोता माननीय  न्यायाधीशों टिप्पणी तैं दलित विरोधी बथावन। ना ही तोता कौंग्रेस या भाजापा का कतिपय नेताओं तरां बेशरम, बिलंच त छ नीन कि बोलि द्यावन कि या त केवल टिप्पणी च ना कि निर्णय।
             घर्या तोता अब अपण आपस मा बचऴयाणा छन कि तोता सम्बन्धी सबी कहावतों पर बैन लगण चयेंद। तोताओं बात बि सै च इना माननीय न्यायाधिसों नेताओं अर अधिकार्युं कुनेथ, कुकरतबुं  पर टिप्पणी आयि अर उना लोगुन घर्या तोताओं नाम 'सीबीआई' धरी द्यायि। अब लोग घौरौ बान तोता खरीदणो जांदन त इन नि बोल्दन कि हम तै बढिया सि तोता दयावो बलकणम बुल्दन, भया जी /दुकानदार जी !  हम तैं एक गुलाम 'सीबीआइ' दिखावदी।
तोता विक्रेता  - जी आप तैं गयेळि याने देरी करण वाळ बोफोर्स नामौ सीबीआई याने तोता चयेणु च?
तोता खरीददार - नै नै ! इथगा बि अळगसि /सुस्त सीबीआई नि चयेणु जु  सत्ताइस सालों भागदौड़, छौम्पादौड़ , दसियों विदेस यात्रा  बाद  न्यायालयमा बोलि दयावो कि हम तैं ठोस सबूत नि मिलणा छन।   
तोता विक्रेता - इखमा तोता की क्वी गल्थी नी च ओ तो तोताओं मालिकोंन तोता कुण ब्वाल बल कै बि तरां से कखि बिटेन किकबैक्स का सबूत नि मिलण चयेंदन।       
 तोता खरीददार - ह्यां पण उख त सरकारी ब्वालो या जनता को पैसा ब्वालो च त हजारों साल तलक बि तोता खोजबीन करी सकदन। हम तो गरीब लोग छां हम तैं तेज तरार सीबीआई चयेणु च 
तोता विक्रेता -. ठीक च तुम तैं 'बोफोर्स सीबीआई' नि चयेणु त 'हवाला सीबीआई' याने तोता ले ल्यावो
तोता खरीददार - नै नै!  'हवाला सीबीआई' जन झूटों , बदमाश तोता नि चयाणु च। अरे खुज्याण छौ कि हवाला से टेरिरिस्ट कामों बान विदेशों से पैसा कनै आन्दो अर कै कै कुण जांदो  त तोताओंन लाल कृष्ण अडवानी, बलराम जाखड़, शरद यादव  जन नेताओं तैं फंसै द्यायि। 
तोता विक्रेता -भई इखमा तोताओं क्वी गल्थी नी च जन मालिक ब्वालल तनि त तोता काम कारल कि ना ? पी . नरसिम्हा रावन तोताओन तै हुकम दे तो तोताओंन टेरिरिस्ट मनी फंडिंग की जद तलक पौंछणो  जगा नरसिम्हा रावका धुर विरोधी नेताओं तैं पकड़ी दे। 
तोता खरीददार - नै नै हम तैं इन बिलंच, झूटो सीबीआई याने तोता नि चयेणु च। क्वी अछु सि सीबीआई दिखावो
तोता विक्रेता -तो ठीक च।  तुम ''प्रियदर्शनी माट्टो रेप ऐंड मर्डर केस सीबीआई' ले ल्यावो
तोता खरीददार - नै नै इन बेइमान सीबीआई (तोता ) हम तै नी चयेणु च जु रेपिस्ट अर मर्डरर (बलात्कारी) संतोष कुमार सिंह तै तोता की अपणी अकर्मण्यता का बदौलत बचै द्यावो   
तोता विक्रेता - द्याखो जी इखमा तोता की क्वी गऴथि नी च वो तो  रेपिस्ट अर मर्डरर (बलात्कारी) संतोष कुमार सिंहक बुबा भौत बड़ो पुलिस अधिकारी छौ तो तोता तै अपण बौस का बेटा बचाणि छौ कि ना?
तोता खरीददार - नै नै हम तैं  रेपिस्ट अर मर्डरर (बलात्कारी) तैं बचाण वाळ सीबीआई नि चयाणु च। क्वी इमानदार, कर्तव्यनिष्ठ सीबीआई  (तोता) बथावो 
तोता विक्रेता -जी इन च तोता तो इमानदार , धारदार , कर्तव्यनिष्ठ ही होंदन वो तो मालिक पर निर्भर करदो कि तोता से क्या अर कनो काम कराए जावो अर न्यायालयम तोता से क्या बुलाये जावो।
तोता खरीददार - ठीक च। पण हम तै रेपिस्ट अर मर्डरर (बलात्कारी) तैं बचाण वाळ तोता नि चयाणु च।
तोता विक्रेता -चलो आपकी मर्जी! ल्यावो सिस्टर अभया मर्डर केस को सीबीआई ले ल्यावो
तोता खरीददार - नै नै इन बि निखत्तो तोता बि नि चयाणा छन  जखमा पांच दें तोताओं की पांच टीमोन केस की जांच कार अर सन उन्नीस सौ बयाणबे से लेकि  सन द्वी हजार नौ तलक कुछ बि नि कार। इन तोताओं से बढ़िया तो नितोता हि रौण ठीक च।
तोता विक्रेता -तो गुजरात को प्रसिद्ध सोराहबुद्दीन सीबीआई ही ले ल्यावो
तोता खरीददार - नै नै इन कॉंग्रेसी गुलाम तोता बि नि चयाणु च जो विरोधी पक्ष पर हमला बान काम कारो 
तोता विक्रेता -द्याखो मीम कॉमन वेल्थ , टू जी स्पेक्ट्रम जन सैकडो  लांछित सीबीआई छन
तोता खरीददार - नै नै हम तै भलो सि सीबीआई दिखावो
तोता विक्रेता - तो ल्यावो यू सीबीआई ठीक रालो। बोल भई सीबीआई जरा यूँ नया खरीददार तैं  बथादी कि तू कन सीबीआई छे
तोता -मि बडो चतुर सीबीआई छौं, मि बड़ो तेज सीबीआई छौं, मी देस का बान फिकरमंद सीबीआई छौं, मि पाताळ से बि अभियोग्युं तै लाण लैक छौं, मि कर्तब्यनिष्ठ छौं पण अपण  मालिकौ बुलण पर मि निकज्जो, निस्फिकर, झुटो, अळगसी, अदूरदर्सी, अनियमित,कुकर्तबी, ह्वे जांदो। मि वो ही करुद जो म्यरा आका बुल्दन, मि वै हि बाटो पर जांदो जै बाट पर चलणो म्यार मास्टर हुकुम दींदन। मि मास्टर व्वाइस छौं, मी न्यायालय मा बि वो ही फ़ाइल अर एविडेंस दिखान्दो जो म्यरा मालिकों की मौण (गर्दन ) बचै द्यावन। मि मालिक अर बौस भक्त छौं       
तोता खरीददार - ओह ! यु सीबीआई याने तोता ठीक च। मीन इनि सीबीआई लीण।
तोता विक्रेता (अपण मन मा ) - जनता ह्वावो या अधिकारी या ह्वावो नेता सब्युं तैं चापलूसी पसंद च।
तोता विक्रेता- अरे हरिया! ग्राहक तै स्यु चापलूसी करण वाळ सीबीआई याने तोता दे दे। पिंजडा बि इन दे दे कि सीबीआई कथगा बी कोशिस कारो तो  बि स्वतंत्र नि ह्वे साको

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(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )


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सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं
                                  जुत खाण मा क्यांक परहेज ?

                             चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
  तीसेक साल पैल पंजाब प्रांतौ  निवासी पवन कुमार कन्सलन प्रसिद्ध मुनि कपिल छिब्ब्ल का राजनीति मा  आळी -जाळी करतबों , राजनैतिक उठा-पटक, राजनैतिक टोटका तन्त्र, आदि उपदेस सुणिन अर राजनैतिक पैन्तराबाजी का उपदेशों से संतुस्ट ह्वेक वापस अपण प्रदेश चलणो इच्छा जाहिर कौर।
गुरु घंटाल , पाखंडियों का महान पाखंडी गुरू कपिल छिब्ब्लन पवन कुमार कन्सल से पूछ - प्रिय शिष्य !  तीन राजनीति का सबि  पक्षों पर म्यार  उपदेस सुणिन। अब तू बता तू कै परदेस पर राजनैतिक कब्जा करणों विचार करणु छे?
घुन्ना पवन कुमार कनसलन उत्तर दे - आळी -जाऴयूँ   महान गुरु म छिब्ब्ल महाराज ! मि त चंडीगढ़ तैं हि अपणी जागीर बणौल अर मंत्री पद हथ्यौल।
 झूट तैं सच अर सच तैं झूट बणाणो महान झूठो उस्ताद कपिल छिब्ब्लन पूछ - पवन कनसल ! चण्डीगढ़ वासी बड़ा चंड अर कठोर हून्दन कखि जब तू मंत्री पद से फैदा उठैक उख चण्डीगढ़मा बड़ी जायजाद खड़ो करिल त ह्वे सकुद च चण्डीगढ़ वासी त्वै पर कठोर बचनो प्रहार कारल तो तू क्या करिल?
 लोमड़ी . स्याळ जन चालाक  पवन कुमार कनसलन उत्तर दे- अनाचार्युं का वकील गुरु कपिल जी ! मि खुश होलु कि यी लोग खाली गाळी हि दीणा छन। म्यरी लूट से जब तलक क्वी कुछ नि छीनल तो मि गाळी बि सुणी ल्योलु।
मुनि कपिलन मक्कारी भरी मुस्कान मा  ब्वाल- हे पवन कनसल !यदि चंडीगढ़ वासी त्यार नाते रिश्तेदारों , पुत्रों रिश्वतखोरि तै देखिक चंडीगढ़ वासी त्वे पर थूकल तो त्वै पर क्या बीतलि ?
 अपण जघन्य गुनाहों तैं अपण मनमोही मुखड़ि से छुपाण मा सिद्धहस्त पवन कनसलन उत्तर दे - हे झूठ लोगुं  महान आचार्य छिब्ब्ल जी  ! जब तलक म्यरा बेटा, मेरा भतीजा , म्यरा भाणजा, म्यरा रिश्तेदार अर ऊंका रिश्तेदार म्यार रसूक  से फैदा उठैक अरबों रुपया चट्ट करणा राला तब तलक चंडीगढ़ की जनता मै पर थूकल या गूवक पिंदड़ा बि फेंकल तो भि में पर क्वी फरक नि पड़ल।
धोकेबाजो तै बचाण माँ उस्तादों का उस्ताद किपिल छिब्ब्ल गुरुन पूछ - जब चंडीगढ़ का लोग गुस्सा मा त्वै पर जूता चुलाल तो तेरी प्रतिक्रिया क्या  होलि?
एक बुगठ्या तै बली का वास्ता घास दींद महान नाटकबाज नटवर लाल उर्फ़ पवन कनसलंन जबाब दे - इक्सवीं सदी को जोड़ तोड़ का महान राजनैतिक आचार्य छिब्ब्ल जी !  जब तलक जनता मि तैं अर म्यार रिश्तेदारों तै भारत देसौ अमूल्य सम्पति का दोहन करण द्याली मि जुत  खाण से कबि बि परहेज नि करुल। घूसखोर नेता तैं जुत  खाण माँ क्वी शरम ल्याज नि करण चयेंद। चंडीगढ़ की राजनीति मा म्यरो एकी ध्येय या सिद्धांत होलु कि खूब  जुत खावो पण खूब घूस ल्यावो।
बेशरम नेताओं का बेशरम उपाध्याय कपिल छिब्ब्लन - पुत्र पवन कनसल ! तेरी बातों से लगुणु च कि तीन पैल वित्त राज्य मंत्री बणन। हे छ्द्म्भेशी पवन तेरो छद्म भेषी गुण को कारण  तीन संसदीय कार्य मंत्री बि बणन फिर तीन रेल मंत्री बि बणन।
अति उत्साह मा बेहयायी हंसे हंसदा पवन कन्सलन उत्तर दे - फिर ठीक च। मी मंत्री ह्वेक घूसखोरी, अनाचार से , दुराचार से , ब्यभिचार  से अपण अर अपण रिश्तेदारों क इक्कीस  पुस्तों बान रुपया जमा करुल।
जोड़ तोड़ को भड़  , राजनैतिक प्रपंच को उस्ताद, पैतरा बाजी का महान कुटिल मुनि कपिल छिब्ब्लन आशीर्वचन दींद बोल - जा हे पवन कनसल जा ! तू प्रजातंत्र पर चीरा लगाणम सफल  ह्वे !  जा तू भारत की जनता का प्रजातंत्र पर  विश्वास खतम करणम अपणो योगदान दीणम कामयाब राजनैतिक ह्वे। जा मेरो आशीर्वाद च तू प्रजातंत्र को बड़ो कोढ़ साबित ह्वे। जा हे पवन कनसल ! तेरो भ्रस्टाचारी योगदान से प्रजातंत्र की नींव हिलली अर तू बेशरमी से चुनाव लड़लि जन कि त्यरा  कथगा ही सामयिक  दगड्या प्रजातंत्र की पौ (नीव ) खपचाणो बान चुनाव लौड़ल
अर  खुस ह्वेक पवन कनसलन चंडीगढ़ को तरफ प्रस्थान करी         
                         
 


Copyright @ Bhishma Kukreti  11/05/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं
                           भौं भौं किस्मौ पौण (मेहमान )

                              चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

  ब्यौ बरात्युं मा पौण, अतिथि मेहमान, मेमान बुलाण अर पौणु बरात या रिसेप्सन मा जाण आम बात च।
मेमानुं या पौणु कथगा इ जात होंद या बुले जावों तो पौण कथगा इ किस्मौ हूँदन। कुछ ख़ास किसमौ पौण इन बि हूँदन।
द्वारखुला पौण- द्वारखुला पौण  अगल्यारि मा हमेशा अगनै रौणै  आदत से मजबूर पौण हूँदन। इ हमेशा रिसेप्सन हाल /वेडिंग हौल मा घरात्यूं से पैलि पौंछि जांदन अर बेबातौ अफिक इंतजाम दिखण लगि जांदन।
घड़ी सुई से चलण वाळ पौण-  इ बिचारा समय का पाबन्द होंदन अर न्यूतो- पतड़ी (निमंत्रण पात्र) माँ लिख्युं हिसाब से  रिसेप्सन हाल मा पौंछि जांदन अर जब घराती द्वी तीन घंटा पैथर आंदन अर समय का पाबंद  मेहमान तै सुणान्दन की ' इंडिया मा समय पर कु आंद" तो इ समय का पाबन्द मेहमान बुलण मिसे जांदन बल इण्डिया विल नेवर प्रोग्रेस काउज दे नेवर अंडरस्टैंड द वैल्यू ऑफ टाइम।
 टिपोड़ी पौण- इ कैक बि ब्यौ मा जावन इख तलक कि अपण बेटी ब्यौ मा बि टिपोड़ मा रौंदन। टिपोड़ी मेमानुं मानण च बल अतिथि भगवान को दुसर रूप होंद तो इ लोग भगवान जन अपण खुट जमीन पर नि धरदन अर कैक दगड़ खां मा खां बात करण अपण बेजती समजदन। कुछ आदतन टिपोड़ी हूँदन कुछ समय क अनुसार अपण मुख पर टिपोड़ी भाव लाणा रौंदन।
फरफरट्या पौण- बस इ फर फर उर्जावान ह्वेक फर्र फर्र इना उना हॉल मा चलणा रौंदन।
इकअडसर्या पौण-  यि  पौणएक दै कैं जगा मा  बैठि जावन तो फिर वीं सीट पर अफिक फेविकोल लगि जांद अर मजाल च कि भ्यूंचळ आणो बाद बि सीट छ्वाड़न धौं!
रगरट्या पौण- यूँ पौणु तैं पता नी क्यांकु रगर्याट हुयुं रौंद धौं, न्यूत लिखाण, स्टेज पर ब्योलि-ब्योला तै आशीर्वाद दीण, खाणो खाण ह्वाओ या गुसलखाना मा फ्रेश हूण ह्वावो इ हमेशा जल्दबाजी मा रौंदन।
जुत दिखवा पौण- इन पौण अपण धन , धान्य  रूप या शानौ शौकत को प्रदर्शन  करण मा अग्वाडि रौंदन।
चिंता का ठेकेदार पौण-  इ हर समय बगैर आज्ञा लेकि घरात्यूं तरफान हौर लोगुं तैं चिंतित करदन। चिंता दिखाण अर दूसरों तैं अनावश्यक चिंता मा डाळण  ही यूंक एकमात्र काम होंद।
सरोता पौण- इन पौण हरेक चीज की हरेक से काट ही करणा रौंदन।
अहसान दिखांदर पौण- इन पौण हर समय घराती पर कुछ ना कुछ अहसान दिखाणा रौंदन अर बुलणा रौंदन मि त बस फलणो वजै से रिसेप्सन मा औं ...
थाळी चट्वा पौण-  यी पौण  आदतन देर से आंदन अर तब आंदन जब खाणक पीणक खतम ह्वे जांद अर तब बच्युं खुच्युं जो भी ह्वावो चाटी पूंछी खांदन।
भंडमजा पौण- यी बी आदतन लेट लतीफ होंदन अर तब आंदन जब कैटरर का आदिम भांड मंजाण शुरू कौरि दींदन अर यि आइसक्रीम या ठंडो पेय से काम चलांदन।
डुलेर पौण- इ आदतन ना जनम जाति लेट लतीफ हूँदन। यि तब आँदन जब बर -ब्योलि कार मा बैठि जांदन अर चलती कार मा  बर-ब्योलि तैं   अपण न्यूत पकडाँदन अर इन लगद कि यि पौण बार - ब्योलि ड्वाला उठणौ डुलेर ह्वावन               
 उन हौर तरां पौण बि  हूँदन पण इ जरा अलग किस्मौ पौण हूँदन।
एक बात बथावदी !  आप कैं श्रेणी मेहमान छंवाँ ?


Copyright @ Bhishma Kukreti  12/05/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

Bhishma Kukreti

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सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं
गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं
                               पितरों  दगड़ जाति इतिहासौ बाबत मुखाभेंट (इंटरव्यू ) 

                             चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
                    जन कि सबि प्रवासी करदन मी बि ऊनि करदो अब हम प्रवास्युं भयात च तो अपण चरित्र पर डट्यु रौंण म्यार कर्तव्य च। दुसर प्रवासी तैं मि सीख दींदु कि तुम  तैं बर्सकुल (हर साल) गां जाण चयेंद पण अफ़ु गौं तरफां  दिख़ुद बि नि छौं। प्रवास्युं तैं गान द्वीइ कारणो से जाण पोड़द एक जब भुम्याळ /ग्राम दिवता भट्यान्दन या जमीन जायजाद बिचण ह्वावो।  मि तैं पचीस साल बाद गाँ जाणि पोड़। मि तैं  जब सोळा सालम सरकारी नौकरी चयेणि छे त मीन अपण आयु बढैक नौकरी पायी अर अब मि देर से याने सही बगत पर सेवानिवृत हूण चाणो छौं याने देर से रिटायर हूण चाणु छौं तो सही बर्थ सर्टिफिकेट का वास्ता झक मारिक गां जाण पोड़ . पैल ग्राम प्रधान ब्वाडा, काका, भाई , भतीजो ही होंद था। पण अब ब्वाडा, काका, भाई , भतीजो जब ग्राम प्रधान ह्वे जावन तो वो अपण नि रै जांदन। अस्तु भारतीय परम्परा का निर्वाह करण से ग्राम प्रधान तैं सर्टिफिकेट दीणम   प्रशाशनिक देरि करण जरूरी छे तों मि तैं गाँ मा प्रतीक्षा करण पोड़। पैल हमर गां इथगा बडो छौ कि एकि ग्राम सभा छे। अब हमर गा अर न्याड़ ध्वारो सात आठ गौंवु मिलैक एक ग्राम सभा च।
  गाँ खाली पड्यु च  त मि बजर पड्याँ पुंगड़ों दगड़ छवीं बथ करणों चलि ग्यों।
 बाटमा हमर पितर्वड़/पितरकूड़ि    पोड़द मि बांज पुंगड़ो जिना  जाणों छौ कि पितर्वड़ बटें धै आइ।
पितर्वड़ बटें आवाज- ये कना जाणु छे?
मि -  इनि गाँ मा बात करणों जादा  क्वी नीन त मीन स्वाच जरा बांज पुंगडों दर्शन करे जावो। तुम कु छंवाँ                             
पितर्वड़ बटें आवाज-हम तुमर पितर छंवाँ 
मि -  पितर ..?                         
पितर्वड़ बटें आवाज-क्यों पितरकूड़ि   पितरोँ से डौर लगणि च हैं?
मि - नै ..हाँ ...ना ना                           
पितर्वड़ बटें आवाज- अरे हम से क्या लुकैल, हम से क्या छुपैल !
मि - नै इन बात नी च पण रिवाज नी च कि पितरकूड़िम जैका ...                             
पितर्वड़ बटें आवाज-त रिवाज तो इन बि नि छौ कि तुम अपण बुबौं ढुंगि गंगा जी जगा नाशिक गोदावरी मा चढ़ावाँ।
मि - अब मुंबई मा छंवाँ त नाशिक ही नजीक च तो ..!                           
पितर्वड़ बटें आवाज-हाँ तेरि बात बि सै च। हमन सूण बल तू अपण जाति इतियास खुज्याणु छे?
मि -हाँ                           
पितर्वड़ बटें आवाज- अरे वाह ! बधाई हो भै ! मुंबई बिटेन अपण जाति इतिहास खुजणु छे?
मि - जी!                         
पितर्वड़ बटें आवाज-इ भै जरा बथादि कि तीन अपण जाति कुकरेत्यूं इतिहास खुजणो बान क्या क्या कार? 
मि -मीन हरी कृष्ण रतूड़ी जीक किताब बांच, मीन डा शिव प्रसाद डबराल जीक किताब बांच, डा दिनेश बलूनी जीक इतिहासौ  किताब बांच                           
पितर्वड़ बटें आवाज-अच्छा बड़ी मनात कार भै तीन। अच्छा क्या क्या मील त्वै तैं यूँ  विद्वानों किताब माँ
मि -जख तलक जातिक इतिहासौ सवाल च जो हरी कृष्ण रतूड़ीन ल्याख वो ही आजौ इतिहासकार डा बलूनी बी ल्याख।                             
पितर्वड़ बटें आवाज-अरे अरे ! त आजौ आधुनिक इतिहासकारोंन जन कि डा . दिनेश बलूनीन बि कुकरेत्यूं इतिहास नि बथायि?   
मि -  न ना।                         
पितर्वड़ बटें आवाज-फिर तीन क्या कार ?
मि -मीन डा शिव प्रसाद नैथाणी, डा कटोच, डा कांती  प्रसाद नौटियाल, डा अजय सिंह रावत , डा दिनेश सकलानी जन महान आधुनिक इतिहासकारों कुण चिट्ठी भ्याज।                           
पितर्वड़ बटें आवाज-  वाह ! वाह !  अपण जाती इतिहासौ बान तीन अंतर्राष्ट्रीय इतिहासकारों कुण चिठ्ठी भेजि हैं?
मि - हाँ ! अपण जाती इतिहासौ बान मि कथगा इ इतिहासकारों से सम्पर्क मा छौं। इख तलक कि अभिलेखागार विद्वानों सम्पर्क माँ बि छौं।                           
पितर्वड़ बटें आवाज-तो मिल ग्याइ त्वै अपण जाति  इतिहास?
मि - ना                           
पितर्वड़ बटें आवाज-किलै?
मि -सबि बुलणा छन बल जब बि ऊं तैं कुकरेत्यूं इतिहास की जानकारी मीलल वो मी तैं बथै द्याल                               
पितर्वड़ बटें आवाज-तो तू अपण जाति इतिहासौ बान इतिहासकारों जबाबौ जग्वाळ मा छे।
मि -  हाँ                         
पितर्वड़ बटें आवाज- चल इन बथादी हम कथगा भाई अर बैणि छया 
मि - तुम को बुलणा छंवाँ?                           
पितर्वड़ बटें आवाज-मि त्यार बूड ददा बुलणु छौं 
मि - नै मी तैं नि पता कि म्यार बूड ददा जी कथगा भाइ बैणि छया                           
पितर्वड़ बटें आवाज- चल म्यार नाम इ बथै दे
पितर्वड़ से बिंडी आवाज - हाँ हाँ जरा अपण बूड ददा नाम त बथा   
मि - मि नि जाणदो कि म्यार बूड ददा जीक   नाम क्या छौ                           
पितर्वड़ बटें आवाज- वाह जब तू ही अपण बूड ददा नाम नि जाणदो तो त्वै तैं क्या अधिकार च कि तू अपण जाती इतिहास खुजे   
मि -पण बूड ददा जीक नामौ इतिहासौ दगड़ क्या रिश्ता?                           
पितर्वड़ बटें आवाज-अरे जब तू अपण बूड ददा नाम खुजेलि फिर बूड  ददा क बूड ददा को नाम खुजेलि त अफिक त्वै तै अपण जाती इतिहास मीलल कि ना?
मि - हाँ पण कखन खुज्याण कि                           
पितर्वड़ बटें आवाज-जरा पटवरी अर  पधानो पुरण फर्दा (रिकॉर्ड ) टट्वाळो  तो त्वै तैं हम बूड -खूडूँ नाम कनि मीलल।   
मि - पण यु  तो कठण च।                           
पितर्वड़ बटें आवाज-औ त तू चांदी कि त्यार  काम क्वी हैंको कार हैं?
मि -  पण ...                         
पितर्वड़ बटें आवाज-अच्छा एक बात बथादि कि तुमर गांवक नागराजा या ग्विल्लो मन्दिर कथगा पुरण च?
मि -कुछ पता नी                           
पितर्वड़ बटें आवाज- वाह अपण ग्राम मन्दिर को इतिहास पता नि अर गढ़वाल को स्थाप्य  विद्वान्  डा . कटोच से पुछणि छे कि हमर इतिहास क्या च 
मि -जी                           
पितर्वड़ बटें आवाज-अरे पैल अपण ग्राम दिवतौं मंदिरों खोज खबर लेदि त त्वै तैं अपण जाति इतिहास कखि ना कखि मीलि जालो
 मि -  जी                             
पितर्वड़ बटें आवाज-  जरा इन बथादि बल ये गाँ मा सबसे पुराणो कूड़ क्वा च?
मि - पता नी                           
पितर्वड़ बटें आवाज-वाह अपण गांवक पुरण कूड़ो पता नि अर चले इतिहासकारों  अपण जातिक  इत्यास खुज्याणो ? 
मि - जी                           
पितर्वड़ बटें आवाज- अच्छा इन बथादी  हमर जाति बाबत कुछ लोक कथा याद छन?
मि -  ना                         
पितर्वड़ बटें आवाज-वाह अपण जाति बाबत लोक कथा नि पता अर इतिहासकारों से पुछ्याणु च की हमर जाति इतियास क्या च?
मि -  जी                         
पितर्वड़ बटें आवाज-जी क्या। अपण इतिहास ख़ुज्याण्या तो अपण गौंक कूड़, मन्दिर, खेत खल्याण, पुरण डाळो, पुरण पैर्युं (लैंड स्लाइड्स ), पुरण रस्तौ , पुरण पाणि अर लोक कथाओं खोज कर  अफिक त्वै तैं अपण जाति इतिहास मीलि जालो।
 मि -   जी मी कोशिस करुल                         
पितर्वड़ बटें आवाज- इतिहासकारों मुख्य काम तुमर जाती इतिहास बथाणो काम नि च बलकणम तुमर कर्तव्य च कि तुम अपण जाति इतिहास इतिहासकारों तै बथावो
अर इथगा बाद पितरकूड़ि  बिटेन आवाज आण बंद ह्वे  गे         

Copyright @ Bhishma Kukreti  13/05/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

Bhishma Kukreti

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सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं 


                           चक्रवर्ती सम्राट अशोक कु राज माँ गढ़वाळम भाषा आन्दोलन   
                                        चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
 
 श्रेणी संघ  महा नायक (फैक्ट्री/ गिल्ड सुपरवाइजर)  -हे सबि  सूणो पांच दिन उपरान्त प्रियदर्शनी, महानो माँ महान  चक्रवर्ती सम्राट अशोक को सहतरवां जनम दिन च अर वैदिन सरा जगा अवकाश रालो। तो तुम तैं तैदिन तलक सब आवश्यक काम निबटाण पोड़ल। अच्छा मि कालकूट (कालसी , चकरौता ) तरफां जाणु छौं उख बि अपणी श्रेणी धरमों ( व्यापारिक या फैक्ट्री गिल्ड ) मा  महान अशोक को जनम दिनों सुचना दीण। मेरो सहायक श्रेणी संघ  उपनायक तुम तैं बथाल कि पाटलिपुत्र का वास्ता , उज्जैन का वास्ता , अफघानिस्तान का वास्ता अर यूनान का वास्ता क्या क्या वस्तु  कै कै चीज पर बंधण।
एक श्रेणी संघ  भागीदार या कर्मचारी- यूँ श्रेणी धर्म महानायक मंडली  (निदेशक मंडली ) अर महानायक , नायकों (जनरल मैनेजर ) मजा छन। खेत हमर , जंगळ हमर,खेतुं-जंगळु   से लेकि सामान हम एकत्रित करवां , इख अणसाळ (फैक्ट्री ) मा  काम हम करदां अर मलाई खै जान्दन इ बणिया जु व्यापार संघ का नायक , महानायक अर निदेशक  बण्या छन। सब कुछ हमारो अर पुट लाभ (नेट प्रॉफिट ) मा हम भागीदारों अर बकै कर्मचार्युं हिस्सा बीस प्रतिका (प्रतिशत ) अर नायकों , महानायकों तैं मिलदो अस्सी प्रतिशत।
दुसर भागीदार या कर्मचारी -अरे हम कौरि बि क्या सकदवां जब बिटेन यि व्यापार श्रेणी संघ बणिन अर बणिक श्रेणी का लोगुं अधिकार व्यापारिक संघों पर ह्वे व्यक्तिगत व्यापार माँ घाटा ही घाटा अर जब बीतें मौर्या सम्राटों समौ पर विपणन अर वितरण मा संघोंकु एकाधिकार ह्वे हम सरीखा स्थानीय व्यक्तिवादी व्यापारियों कुदशा  शुरू ह्वे अर हम तै अपण  माल बिचणो बान  झक मारिक व्यापारी श्रेणी संघों सदस्य बणन पोड़। बुलणो हम भागीदार छंवा पण मलाई अर गुंदकी  तो निदेशकों पास ही रै जांदी।
तिसरू भागीदार - हम तैं एकी लाभ च बल हम तैं ,  माल वस्तु या बणयूँ  माल को वितरण अर विपणन की झंझट नि होंदि। ले स्यु ऐ ग्यायि अणसाळ  श्रेणी संघ को सहनायक ..
अणसाळ  श्रेणी संघ को सहनायक ( फैक्ट्री मैनेजर ) [एक लम्बो भोजपत्र या ताड़पत्र माँ देखिक ] - टक लगैक सूणो हाँ परस्यूं तलक सौ तुमड़ी शहद उज्जैन का वास्ता, द्वी सौ तुमड़ी पाटलिपुत्र का वास्ता, तीन सौ तुमड़ी गिरी याने जामनगर गुर्जर का वास्ता भरो अर तुमड्यू तैं मुंगरेटुं ढक्कन अर ठप्पा (सील ) लगै देन। इनि चमोली गढवाल बिटेन  जु भेषज (दवा )  अयीं छन वूं तैं पुडकी अर पितकों पर भरण , इ दवा यूनान अर देश माँ जालि। अर हजारेक दांतून पाटलिपुत्र का वास्ता बंधणन, इनि हजारेक हजारेक टिमरो दांतून दस जगा हौरि जाली। अच्छा हे बैसाखु ! तू पर्ण (पत्ता ) पर गढ़वाली भाषा मा यूँ सामनो विवरण लेखि दे हाँ अर फिर यूँ भागीदारों तैं अपणी भाषा मा बिंगाई दे !
बैशाखु - हाँ श्री
एक भागीदार -अणसाळ नायक श्री ! यी जु तुम ताड़ पत्र मा मगधी मा हमर अणसाळ (फैक्ट्री ) को हिसाब लिखदां तो आप गढ़वाळी भाषा मा ही लेखि दींदा अर हमारि भाषा माँ हम तैं बिंगांदा /समझांदा तो ठीक नि होंद।
 अणसाळ  श्रेणी संघ को सहनायक ( फैक्ट्री मैनेजर )- छि छि ! अरे गढ़वाळी भाषा बि भाषा ह्वे। भाषा ह्वे तो शेष्ठ जनों की मगधी पाली भाषा ।
एक भागीदार -कनो जब हम खस सम्राट को तौळ छया तो हमारी खस भाषा तैं जामनगर गुर्जर नि समझदा छा ? अरे म्यार पड़  ददा श्री अपण शहद जामनगर गुजरात तलक पंहुचांदा छा।
 अणसाळ  श्रेणी संघ को सहनायक ( फैक्ट्री मैनेजर)  - छि छि ! स्थानीय  भाषा की बात मेरी समणि नि कर्या करो।
 एक भागीदार - अणसाळ  नायक श्री ! जरा मै बथावो कि ये पदिका (मैना /माह ) मा मेरो हिसाब कथगा ह्वे?
अणसाळ  श्रेणी संघ को सहनायक ( फैक्ट्री मैनेजर)  - रवाँइ को माळु  पत्तळ बणाण अर  माळु टांटी , माळु रस्सी दीण वाळ  हुस्यारु को भाग ...ऊँ ऊँ उ . ये मैना को त्यार  भाग च  कुल जमा तीन हजार कहपणस (रुपया )।
हुस्यारु- नै नै म्यार हिसाब से मेरो भाग होंद चार हजार कहपणस (रुपया )।
अणसाळ  श्रेणी संघ को सहनायक ( फैक्ट्री मैनेजर)  - तो त्यार बुलणो मतबल च  मि असत्य बुलणु छौं। ले देखि लेदि अपण हिसाब
हुस्यारु - क्या देखि ल्यूं त्यार मगधी पाली मा लिख्युं हिसाब। मि तैं मगधी पाली बंचण आंद तो मि त्यार जगा अणसाळ  श्रेणी संघ को सहनायक ( फैक्ट्री मैनेजर)  या व्यापारी संघ को महानायक नि होंदु।
अणसाळ  श्रेणी संघ को सहनायक ( फैक्ट्री मैनेजर)  - त कैन रोकि छौ कि मगधी पाली नि सीख।
हुस्यारु - ए ले म्यार अपुण पर्ण (पत्ता ) मा रवांइनी  खस भाषा मा  हिसाब  लिख्युं च। अर म्यार हिसाबन मेरी भागीदारी  चार हजार  कहपणस (रुपया ) हुंदन।
अणसाळ  श्रेणी संघ को सहनायक ( फैक्ट्री मैनेजर)- मीन कथगा दें ब्वाल बि च कि मि निम्न श्रेणी की भाषा मा बचऴयाणम ही अपंणो अपमान समझदु तो निम्न श्रेणी भाषा मा लिखीं इबारत किलै पौढु ?
हुस्यारु - तो फिर न्याय कनकै होलु ?
 अणसाळ  श्रेणी संघ को सहनायक ( फैक्ट्री मैनेजर)- ठीक च तू अणसाळ  संघ को न्यायालय मा अबि चलि जा।
सबि - पण संघ न्यायालय हमारी खस भाषा मा लिख्युं तैं मान्यता ही नि दींदो अर न्यायाधीस बुलदो बल यदि हिसाब मगधी वा बि पाली प्राकृत भाषा मा  नि ह्वावो तो इन हिसाब किताबो विवादों की सुणवाइ होलि ही ना।
 अणसाळ  श्रेणी संघ को सहनायक ( फैक्ट्री मैनेजर)- न्यायालय ठीक बुलद, अणसाळु   हिसाब बि उच्च श्रेणी भाषा मा हि होण चयेंद। ऐरा गैरा , तुच्छ खस भासा को तो तिरस्कार  ही अति उत्तम च। मीम तुच्छ भाषा बाराम बात करणों समौ नी च मि यूनान अर सिंध देस से अयाँ व्यापारियों से मिलणो कालकूट  (कालसी ) जाणु छौं।
हुस्यारु - यी ,  महानायक , नायक , सहनायक  मगधी भाषा  मा गड़बड़ी करदन अर हमर खस भाषा माँ लिख्युं हिसाब तै झुटा साबित करदन।
सबि - अब हम बि क्या करां। हमर राजान चन्द्रगुप्त,  बिन्दुसार  अशोक को प्रांताधिकारी बणन स्वीकार कार तो हम तैं मगधी पाली भाषा को अधिपत्य स्वीकार  करण ही पोड़ल
भैर बीतें एक आवाज - भन्ते आणा छन, भन्ते आणा छन।
एक -अब ल्या ये बुद्ध सन्यासी क बकबास बि  सूणो।
दुसर - अरे नै नै सन्यासी बढ़िया सीख वळ बात सिखांदो।
तिसुर - ह्यां पण मगधी पाली की सेख हमर बिंगण मा आवो तब तो ठीक च।
सन्यासी आंद  अर प्रवचन शुरू करद -धम्मा साधु,कियम च ध्म्मे ति। अपासिनेव, बहु कयाने, दया दाने , सच,सौच्य। दिघा निकाय,कलनगामा,अपाव्यायाता अपा भादता ......संघम शरणम
सन्यासी सुणैक चली जांद।
सबि - चलो गरण चलि ग्यायी। यक्ष को सौं, घंटाकर्ण को सौं जु हमर समझ मा कुछ आयि धौं। राजकीय सन्यासी अपण कर्तव्य निभै ग्यायि। मगधी पाली मा कुछ बोलि गे अर फिर इन नि दिखुद कि हमर समझ मा आयि च कि ना .
एक -चलो रै  अपण काम कारो। अपण काम निबटैक   नितरस्युं कालकूट ( कालसी ) जौंला।
सबि - अरे उख जैक बि क्या करण। हमर खस राजाक समौ छौ तो उख हम मनोरंजन करी लीन्दा छा। हमारि खसणि, किरातण, टंगणन (भोटिया स्त्री ) नृत्य करदी छे अर हमारि भाषा मा गीत गाँदी छे। अब त मगधी पाली मा सूत्र वाच्य सूणो अर कालकूट को बड़ी पटाळ पर मगधी पाली भाषा मा लिखीं चक्रवर्ती सम्राट की आज्ञा तैं  रटो।
हुस्यारु - मगधी पाली भाषा क राज मा  हम निम्न श्रेणी का नागरिक ह्वे गेवाँ। जब तलक राज्यौ कामो मा  मगधी पाली को बोलबाला  नि छौ हम तैं हमर व्यापार को टुप  लाभ से से अस्सी प्रतिशत भागीदारी मिल्दि छे। जन जन राज्यौ काम मा मगधी पाली को अधिपत्य शुरू ह्वे हमर गणत निम्न श्रेणी नागरिकों मा हूंद गे अर हमर व्यापार मा लाभांस बि कम हूँद गे। भाषा की मान्यता से हमर समाज ही  हीण ह्वे गे।
एक - पण हम क्या कौर सकदां/
हुस्यारु - विद्रोह या असहयोग आन्दोलन !
सबि -यी क्या ह्वाइ/
हुस्यारू - बस हमर मांग च बल जु अणसाळ को काम धाम हमारी खस भाषा मा नि होलु अर अणसाळ न्यायालय मा खस भाषा तैं मान्यता नि मीलल तो हम सब अपण वस्तु व्यापारिक संघ तै नि बिचला।
सबि - क्या व्यापारिक संघ (गिल्ड ) हमारि बात मानि जालो?
हुस्यारु - नि मानल तो कालकूट (कालसी ) मा सब ब्यापार बंद ह्वे जालो
सबि -हाँ यु ठीक च। जा रै दुभाषिया बैसाखू  ! अपण श्रेष्ठी (बौस ) अणसाळ  श्रेणी संघ को सहनायक ( फैक्ट्री मैनेजर) तक रैबार पौंछे दे बल जु अणसाळ को काम मा अर व्यापारी संघ न्यायालय मा  खस भाषा तैं मान्यता नि मिल्दी तो हमन अपण सामन व्यापारी संघ (गिल्ड ) तैं नि बिचण ना ही अणसाळम काम करण।
दुभाषिया बैसाखू - द्याखो सोचि समजी ल्यावो हाँ। मगधी पाली तैं राजकीय परिश्रय मिल्युं च। ह्वे सकद च अणसाळ संघ राजकीय सैनिकों सहायता ले ल्यावो।
हुस्यारु - सैनिको से हम नि डरदां। उख मौर्यों अदा से जादा भाड़ा सैनिक बि त खस, किरात , भारद्वाज,  आत्रेयी ही छन। हम बि कुछ कम नि छंवां। फिर कालकूट (कालसी ) मध्य हिमालय को सबसे बडो निर्यात केंद्र च। हम सब पाटलिपुत्र से असहयोग करला तो हम से जादा हानि राज्य की होली
सबि - चलो अणसाळ का द्वार बंद कारो अर अब अणसाळ[फैक्ट्री ] मा काम तबी शुरू होलु जब हमारी खस भाषा मा लिख्युं हिसाब तैं सबि जगा मान्यता मीललि। अर कालकूट ( कालसी ) का सबि अणसाळ बंद कराणो चलो। सबि मागधी पाली को एकाधिकार से परेशान छ्न. सबि अणसाळ वाळुन  हमर दगुड दीण हि च ।     
सबि - जै खस दिव्ता. जै घंटाकरण दिब्ता .... जै खस भाषा !                           
         
 
       

 Copyright @ Bhishma Kukreti  14/05/2013           
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Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
 सौज सौज मा मजाक मसखरी
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं 

                              गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड मा उत्तराखंड

                                    चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
चमचा दौड़ि दौड़ि आयि अर मुख्यमंत्री समिण जोर जोर से किराण मिसे गे। खुसीन वैका मुखान बाच भैर नि आणि छे।
उत्तरखंडौ  मुख्यमंत्रीन बोली - ये निर्भागी या त कुकर ही बौण  चमचा ही रौ
चमचा - कूँ कूँ  कुं कुं
उ .मु .- अबे ते बढ़िया मि कुत्ता पाळदु त विरोधी पार्टीs  कै नेता की  धोती बीच बजार माँ तो खोल्दु
चमचा - यूरेका ! यूरेका !
उ .मु. - अरे क्यांक रेक रेका
चमचा -मिल ग्यायी ! मिल ग्यायी !
उ.मु.- कनो तेरि बेटी जु विरोधी पार्टी नेतौ  ड्राइवरौ दगड़ भाजि गे छे। मिल ग्यायि क्या   
 चमचा -ना ना ! वा त बल ड्राइवर  तै छोडिक कै हैंकाक दगड़ भाजि गे। वींक ग्रहों मा हर हफ्ता पति या प्रेम बदलो कु रोगजि  लिख्युं च। 
उ.मु.- त बद्कु बच्चा ! क्या मील? क्या मुख्यमंत्र्याणि तै वू सरकारी  अर गैरसरकारी मूस मिल गेन जौन उत्तराखंड विकास योजनाओं की अति महत्वपूर्ण फ़ाइल बुकै देन।     
चमचा -नै नै ! मुख्यमंत्र्य़ाणि  जी तैं सरकारी फाइलूं चिंता नी च। मुख्यमंत्र्य़ाणि जी तैं चिंता च की मूस तुमर अरबों की बेनामी जायजादों पेपर-डायरी  खै गेन वांको क्या ह्वाल
उ.मु.- अरे त क्या मील? क्या में से पैल विरोधी पार्टी सरकार को घपलों सही अर असली सबूत मील गेन।
  चमचा -नै नै चोरी चपाटी मा विरोधी पार्टी नेता तुमारा बि चचा छन। एक बि सबूत नि छोड़ि गेन।
उ.मु.- त क्या मेरि पार्टी का नेताओं स्कैन्डल की फोटो मिल गेन जाँ से मि वूं तै धमकै सकूँ 
चमचा -ना ना स्कैण्डल छुपाण मा तुमर पार्टी का नेता तुमर ससुर छन। तुमर पार्टी मा तुमर विरोधी रोज एक नया स्कैण्डल करदन  पण मजाल च जो वो  एक बि सबूत छवाड़न धौं   
उ.मु.- वो खड़र्युं करा!  त क्या मिल ग्याइ
चमचा -वो नुक्सा मीलि ग्यायि
उ.मु.- अच्छा तो म्यार नौनौ बान टिहरी लोक सभा सीट पर कब्जा जमाणो नुक्सा मीलि ग्यायि।
चमचा -नै नै ! जब तलक तुमर पार्टी का ही नेता तुमर विरुद्ध भितर-घात बंद नि कारल तुमर नौनु ये जनम मा टिहरी  लोक सभा सीट नि जीत सकुद
उ.मु.- त अबै उतकु घस्सा ! क्या मेरि तिसरी रखैल तै भगाणो तरीका मीलि गे क्या?
चमचा -नै नै ! तुमारि तिसरी रखैल शराब लौबी कि खासम ख़ास छणका -छुमा च। जब तलक तुम मुख्यमंत्री छंवाँ शराब लौबी होंद तुम यीं तैं नि भगै सकदा। तुम तै यीं रखैल तैं नाकौ पिसडि जन सहन करण पोड़ल।   
उ.मु.- त हे कुकरौ नाजायज औलाद! क्या मील?
चमचा - अब आपौ नाम गिनीज बुक ऑफ रिकौर्ड मा आण से क्वी नि रोकि सकुद।
उ.मु.- ओ त या बात च।  अच्छा छ क्या च वा बात जो म्यार नाम गिनीज बुक औद रिकॉर्ड मा आलो
चमचा -तुमन तो तुमसे पैलाक मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को बी रिकॉर्ड तोड़ी दे
उ.मु.- हे मादो ! मीन विजय बहुगुणा को क्या रिकॉर्ड त्वाड़ 
चमचा -द्याखो भुवन चन्द्र खंडूड़ी न सार्वजनिक तौर पर कुल  617 योजनाओं बयान दे छौ. वां मादे 336 प्रोजेक्ट पूरा ह्वेन 254 प्रोजेक्ट आधा पूरा ह्वेन,27 प्रोजेक्ट शुरू ही नि ह्वेन। याने कि खंडूड़ी जीन अट्ठावन प्रतिशत (58 %) अपण आश्वासनों तैं पूर कार     
उ.मु.- तो?
चमचा -फिर नारायण दत्त तिवारी जीन 2386 प्रोजेक्ट को सार्वजनिक आश्वासन दे छौ जाँ मादे  932 प्रोजेक्ट पूरा ह्वेन अर 1454 प्रोजेक्ट पूरा नि ह्वेन याने कि तिवारी जीन चालीस प्रतिशत (40 %)आश्वासन पूरा कौरिन
उ.मु.- तो
चमचा -फिर डा रमेश निशंक जीन कुल जमा 1144  प्रोजेक्टों सार्वजनिक आश्वासन  दे छौ जाँ मा 407 प्रोजेक्ट पूर ह्वेन , 180 योजना आधा पूरी ह्वेन अर   557 प्रोजेक्टों पर काम ही शुरू नि ह्व़े याने की डा रमेश निशंक जी को आश्वासन अर प्रोजेक्ट पूर करण सफलता प्रतिशत पैंतीस प्रतिशत ( 35 %) च।
उ.मु.-वो तो ....
चमचा - जख तलक तुम से पैलाक उत्तराखंडौ  मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा जी को सवाल च वून  858 योजनाओं को सार्वजनिक आश्वासन दे,  11प्रोजेक्ट पूरा ह्वेन, 9 प्रोजेक्ट अदा पूरा हवेंन अर  838 प्रोजेक्टों काम ही शुरू नि ह्वे। विजय बहुगुणा जीको आश्वासन दीण अर प्रोजेक्ट पूर होणो सफलता प्रतिशत -द्वी प्रतिशत प्रतिशत बि  कम च केवल 1.7 %
उ.मु.- फिर !
चमचा -अर आपन तीन सालम  3000 प्रोजेक्टों आश्वासन दे छौ, जाँ मादे  20 प्रोजेक्ट पूरा ह्वेन अर  3 प्रोजेक्ट अदा पूर ह्वेन। अर आप असफलता की सबसे ऊँची पायदान पर छंवाँ। असफलता का मामला मा आपको नाम गिनीज बुक ऑफ रिकौर्ड मा आण वाळ च। 
उ.मु.- साले चमचा जा भैर ह्वे जा ! मै तैं कबि मुख नि दिखै।
चमचा -हाँ मि त आपका धुर विरोधी गिरीश रावत को चमचा पद हथियाणो जाणु छौं। जरा टीवी मा समाचार  दयाखदी जरा ..
टीवी समाचार - अभी अभी पार्टी हाई कमांड ने उत्तराखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री को उनकी निष्क्रियता, असफलता  के कारण निकाल फेंक दिया है और श्री गिरीश रावत को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री घोषित कर  दिया है





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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
 सौज सौज मा मजाक मसखरी
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ 
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं 

                               विज्ञापन धर्मी राजनीति
               
                               चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
 इना गाँवों सयाणोन दुसरो मुंडळम   जैक धै लगै बल अंक्वैक भैरों ! अंक्वैक!  सावधान भैरों! आम चुनाव नजीक हि छन।
उना स्वर्गलोकम महर्षि गर्ग अर ऊंको परम शिष्य याग्यवल्क्यम वार्तालाप हूणु थौ।
 याग्यवल्क्य-गुरु जी ! स्यु गांवक सयाणा गांवमा सबसे उच्चो अपण मुंडळ छोड़ि दुसरो मुंडळ बिटेन धै किलै लगाणु च? 
गर्ग -  पुत्र याग्यवल्क्य! वू कळजुगि  सयाणा  चतुर च, चंक च, चलाक च। अपण मुंडळो पठळ नि खपचावन यांक डौरन वु हमेशा दुसरौ मुंडळ मा जैक धै लगांदो       
याग्यवल्क्य- ज्ञानी गर्ग श्री ! आम चुनाव आणौ क्या क्या निसाणी छन? 
गर्ग -  जब जब टीवी चैनलों अर समाचार पत्रों मा सरकार को जन कल्याण सम्बन्धी विज्ञापनों ढांड पोड़ण शुरू ह्वे जावन तो वुद्धिमान लोग समजि लीन्दन बल आम चुनाव नजीक छन।   
याग्यवल्क्य-अच्छा अच्छा ! जन अच्काल मनमोहन सरकारौ जन कल्याण सम्बन्धी विज्ञापनों बबंडर चलणु च। 
गर्ग -तेरो सही आलकन च 
याग्यवल्क्य-प्रभु भूतकाल मा इन विज्ञापनुं भ्युंचळ,  भूचाल पैल  बि त ऐ होला कि ना?
गर्ग -  वत्स ! किलै ना! इन सरकारी विज्ञापन पैल बि आंदा छा अर आंदा राला
याग्यवल्क्य-जन कि ?
गर्ग - महान राजयोगी नरसिम्हा राव को समौ पर बि चुनाव से पैल सरकारी जन कल्याण कामों का  विज्ञापनु झड़ी  लगी छे। फ़िर महान राजधर्म मर्मज्ञ अटल विहारी वाजपेयी को राज मा चुनाव से कुछ दिन पैल इंडिया शाइनिंग का विज्ञापनों से भारत को असमान  ढकि गे छौ। राज्य स्तर पर बि इन विज्ञापनों भळक,बाढ़  आणा हि रौंदन। जन कि एक दें चुनाव से पैल महान पैतराबाज मुलायम सिंह यादव सरकार का विज्ञापनों तड़क्वणि, ढांड पोड़ी छौ ..     
याग्यवल्क्य-हाँ हाँ महर्षि ! याद आयि वो उत्तर प्रदेश सरकारी विज्ञापन केरल का स्थानीय समाचार पत्रों मा बि खूब छपी छौ अर वै विज्ञापन मा यीं सदी का महान नायक अमिताभ बच्चनन धै लगैक बोलि छौ कि मुलायम की सरकार मा उत्तर प्रदेश बिटेन अपराधूं निरबिजु ह्वे  गे, न्याय व्यवस्था से अपराध्युं  कुज्याण कख  हर्चंत ऐ गे धौं!
गर्ग -  हां वत्स! तू  सही स्मरण करणु छे अर उत्तर प्रदेसौ अरबो रुपया वै विज्ञापन पर खर्च ह्वे छौ। अमिताभ बच्चन की बड़ी भद्द पिटि छे कि इथगा बड़ो  महान नायक इथगा बड़ो झूठ बि बोलि सकुद।
याग्यवल्क्य-पण प्रभु ! क्या यूँ बड़ा बड़ा विज्ञापनों से महान राजयोगी नरसिम्हा  राव , महान राजधर्म मर्मग्य अटल विहारी या महान राजनीति को पैंतराबाज मुलायम सिंह यादव या दलितुं राजरानी मायवती चुनाव जीत छन? 
गर्ग - प्रिय ! नही ! सरकार को अरबों रुपया खर्च होण पर बि यूंकि पार्टी चुनाव हारी गे छे
याग्यवल्क्य- तो फिर यी राजनैतिक दल विज्ञापनों पर इथगा धन किलै खर्च करदन अर फिर यी विज्ञापन किलै असर नि डाळदन ?
गर्ग -  पुत्र भारतीय रानीतिज्ञोंन यदि शुक्र नीति पौढ़ी होंदी या महाभारत को भीष्म पर्व पौढ़ी होंद तो यूंक बिंगण /समज मा ऐ जान्दो बल विज्ञापन से उथगा फरक  नि पड़द जथगा यी राजनीतिग्य समजदन     
याग्यवल्क्य-प्रभो विज्ञापन से बड़ो हथियार क्वा च?
गर्ग - वत्स ! विज्ञापन से बडो सदावहार हथियार  च जन सम्पर्क को हथियार जै तैं पब्लिक रिलेसन हथियार  बि बोले जांद। शुक्र नीति को हिसाब से विज्ञापन वास्तव मा जन सम्पर्क तैं आधार दीणो काम करदो। जन कि महान चक्रवर्ती सम्राटन जनसम्पर्क तै आधार दीणो   बान  अभिलेख लिखैन। 
याग्यवल्क्य- हे ज्ञान भंडार ! तो आज का राजनीतिग्य जन कि मंमोहान सिंह जी आदि  अचूक , अमोघ , अतुलनीय, अमूल्य जन सम्पर्क हथियार किलै इस्तेमाल नि करदन?
गर्ग -  हे वत्स ! जब राजनीतिग्य  नेता लोक सभा चुनाव लड़णो जगा राज्यसभा को चुनाव लड़ण लगी जावन, जब एकाधिकार राजनीति पर  हावी ह्वे जावो अर राजनीतिज्ञ जनता से कटि जावन, नेता जनता से  दूर ह्वे जावन तो यि लोग जन सम्पर्क को मर्म नि पछ्याणदन अर  विज्ञापन  तैं ही सब कुछ समजण शुरू करी दीन्दन।
याग्यवल्क्य-प्रभो ! क्वी उदाहरण
गर्ग - प्रिय ! याद कर अबि सि हिमाचल प्रदेश का चुनाव ह्वेन अर वीर भद्र सिंह  का नेतृत्व मा कौंग्रेस चुनाव जीती गे।
याग्यवल्क्य-हाँ प्रभु ! जब कि वीर भद्र सिंह पर भ्रष्टाचार का कथगा ही अभियोग छा
गर्ग -  वत्स ! हिमाचल मा चुनावो से पैलौ माहौल याद कर जब कौंग्रेस की कमान राज्य सभा प्रेमी आनन्द शर्मा मा छे तो कौंग्रेस तैं बि लगि गे कि कौंग्रेस चुनाव नि जीति सकदन अर फिर वीर भद्र सिंह की सेवा लिए गे. वीर भद्र सिंह जन सम्पर्क को मर्मग्य छन। यही कारण च कि वीर भद्र सिंघन धुमाल को चक्रव्यूह को भेदन कार अर इखमा विज्ञापन ना बलकणम वीर भद्र सिंह को  जन सम्पर्क , जनता का साथ हमेशा एक सम्वाद ही काम आयि।
याग्यवल्क्य- नीतिग्य ! नीति शास्त्र मर्मग्य ! फिर यी नेता जनसम्पर्क हथियार से दूर किलै रौंदन
गर्ग -प्रिय शिष्य ! जब राजनीति जन उन्मुखी नि ह्वावो अर पद उन्मुखी याने जब राजनीति  कुर्सी उन्मुखी ह्वे जावो तो जन सम्पर्क पैथर छूटि जांद अर राजनीतिज्ञों  का केवल विज्ञापनों पर ही  सहारा ह्वे जांद।
याग्यवल्क्य-अर विज्ञापनों से यो जरूरी नी च कि माल बिक जावो
गर्ग -सत्य वचन वचन ! विज्ञापन सूचना  पौंछे सकद पण माल त जन सम्पर्क से ही बिचे सक्यांद।



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(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

 

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