Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 359505 times)

Bhishma Kukreti

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ढ़वाली हास्य -व्यंग्य
 सौज सौज मा मजाक मसखरी
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ   
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं 

                       हिंगोड़्याs दुःख: काश मि क्रिकेटर हूंद तो ....
 
                           चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

  ब्याळि  हिंगोड़्या (हॉकी खिलाड़ी ) अपण किरायौ फ़्लैटमा मील अर देखिक हि  भाकोर भकोरिक रुण मिसे ग्यायि।
मि - हे हिंगोड़्या क्या ह्वे रै अब त भारतीय खिलाड्यु तैं ओलम्पिक मा जाणै इजाजत फिर से मीलि गे। ये ओलम्पिक मा त्यार  सलेक्सन को अवसर कम ह्वे गे क्या ? जु तु इन रूणी छे जन हॉकी -हिंगोड़ की डंडलि सजे गे हो   
हिंगोड़्या-ना ना म्यार सलेक्सन ओलम्पिक का वास्ता पक्को च किलैकि भारतम ये बगत गौणि गाणिक केवल अग्यारा  खिलाड़ी इ हिंगोड़ खिलण जाणदन   
मि - तो ह्यळि  (किसी  के मरने पर रोना )गाडिक किलै छे रुणु अर स्या ह्यळि कैकुण छे गडणि? क्या हॉकी असोसिएसन का क्वी फुन्द्यानाथ मंत्री जेल जाणु च? जन बिचारा उ  प्रकाश चौटाला अर वैका नौन जेल गेन? 
हिंगोड़्या-ना रे ना!  पऴयां -पुस्यां   तोताओं (सीबीआई ) हूंद हिंगोड़ संगठन को आजीवन अध्यक्ष को क्वी कुछ नि बिगाड़ सकुद।
मि - तो फिर क्यांकुण या रोये -धोये-रुण -धूण  मचाणु छे।   
हिंगोड़्या-अरे मि सोचणु छौ बल किलै मि रणजीत सिंग जडेजा को श्राद्ध छोड़िक  मेजर ध्यान चंद को श्राद्ध पुजै मा गे होलु धौं। रणजीत सिंग जडेजा को श्राद्ध पुजै मा जांदो तो !
मि - अरे जु तु रणजीत सिंग जडेजा को बरस्कुल (वार्षिक ) श्राद्ध मा जांदु तो कया ह्वे जांदो?
हिंगोड़्या-अरे ज मि रणजीत सिंग जडेजा को बरस्कुल (वार्षिक ) श्राद्ध मा जांदु त मि क्रिकेटर ह्वे जांदु। आज मि किरायो फ़्लैट मा नि रौंद म्यार चार पांच कोठी -बंगला हूंद
मि - अरे हिंगोड़ मा गे त तू इंडिया टीम मा ऐ गे। लाखों क्रिकेटरूं बीच त्वै कु जाणदु? 
हिंगोड़्या-मि क्रिकेट खेल्दु त मि बौलर बौण जांदु 
मि - अरे सौब बैट्समैन बणनो ख्वाइश करदन अर तु बौलर बणणो ख्वाब दिखणु छे   
हिंगोड़्या-फिर मि अपण शहर मा क्लब मैच खेल्दु अर स्थानीय सटोरिया मि पर सट्टा लगांदा अर बुकियों बेटिंग  से  मि तैं बि हिस्सा दींदा
मि - हैं क्या बुनु छे तु ?
हिंगोड़्या-फिर स्थानीय सटोरिया अपण रसूलों से मै तैं रण जी ट्रॉफी मा भरती करी दींदा। फिर रण जी ट्रॉफी मैचो मा मेरी बौलिंग पर राज्य स्तर का चतुर सटोरिया सट्टा लगांदा अर मेरी हिस्सेदारी बढ़ी जांदी। कबि कबि मि क्लब मैच खिलणो दुबई -शारजाह बि जांदो उख मेरि पछ्याणक अन्तराष्ट्रीय स्तर का महान सटोरियों  से ह्वे जांद 
मि - अबे क्या ह्वै ते ..?
हिंगोड़्या-फिर वो महान सटोरिया अपण घोच  पेच से मि तैं आइपीयल मा भरती करांदा, फिर मि अपण हौर दगड्या बौलरों तैं भारत का महान बुकियों से मिलांदु अर वो बुकि म्यार दगड़्यो तैं करोड़ो रुपया कमाणों गुर सिखांदा। हम सौब बौलिंग का गुर सिखणो जगा स्पॉट फिक्सिंग फुक्सिंग का गुर सिखदा     
मि - ह्याँ क्या बुनु  छे तू?
हिंगोड़्या- फिर आइपीयल का मैचों माँ हमर नो बौल , वाइड बौल , हाई बौल फेंकण पर या जादा रन दीण पर  महान सटोरिया सट्टा लगांदा अर जितणा रौंदा अर हम बौलरुं तैं बि हिस्सेदारि मिलंणि रौंदी। हम मैदान से महान सटोरियों अर बुकियोन संकेत दीन्दा कि अब मीन वाइड बौल फिंकण या नो बौल फेंकण। बस ग्रेट बुकी अर दुबई माँ जम्याँ महान डौन अपण सट्टाबजार से अरबों रुपया कमांदा अर ऊंकी बदौलत हम बि द्वी चार करोड़ रुपया कमै लींदा       
मि - अरे पण जु दिल्ली पुलिस तुम तैं पकड़ लींदी अर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड एक सालौ कुण बैन कर लींदी तो ?
हिंगोड़्या-तो क्या ह्वाइ अजरुदीन अर अजय जडेजा क तरां कुछ साल बाद हम पर अभियोग साबित नि होंद अर हम मादे क्वी अजरुद्दीन को तरां लोक सभा सदस्य बि बण जांदा
मि - अर जु कखि जेल ह्वे जांदी तो ?
हिंगोड़्या-तो क्या ! जेल से भैर आणो बाद हम तनोज प्रभाकरो तरां चिट  फण्ड अर मल्टी लेवल मार्केटिंग (ऐम ऐल ऐम ) को गोरख  धंदा करदा अर गरीब लोगुं  जेब पर हाथ साफ़ करदा
मि - अर जु जेल ह्वे जांदी तो ?
हिंगोड़्या-तो जेल से आणों प्रांत मी त तनोज प्रभाकरौ तरां कै टीवी चैनेल मा क्रिकेट कमेंटेटर बणी जांदो  अर रुप्या कमांदो


Copyright @ Bhishma Kukreti  17/05/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
 सौज सौज मा मजाक मसखरी
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ   
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं 

                                  फंड फूका ! उत्तर पूरब क्षेत्र की छ्वीं

                                      चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

         ब्याळि  जब सरा भारत वासी संजय दत्त को जेल जाण, उख जेलौ तापमान, उख जेलम वातवरण मा पौलिसन प्रतिशत, जेलम संजय दत्त को कमरा मा सरसु ह्वाल कि ना, जेलक कुठड़ि म संजय का वास्ता खुट पसारणो, नाक साफ़ करणों बान कथगा जगा या सुविधा च आदि का बारा मा अति चिंतित छया। कथगोंन त माननीय गृह मंत्री को बयान की भी मांग कार।
       इन मा संजय  दत्त की गम्भीर परिस्थिति बारा मा समाचार दींद दींद बीच मा ऐनडीटीवी चैनेलन एक समाचार दे -
       महाराष्ट्र के दसवीं कक्षा के सरकारी इतिहास पाठ्यपुस्तक  में नक्से में अरुणाचल प्रदेश को चीन  का भाग दिखाया गया है और महाराष्ट्र शासन ने नौ लाख सरकारी पुस्तक बाजार से वापस मंगवाई हैं। महाराष्ट्र  के मुख्यमंत्री ने सरकारी पाठ्यपुस्तक में अरुणाचल प्रदेश को नक्से में चीन का भाग दिखाने पर खेद जताया। उत्तर पूर्व के लोग भारत के अन्य  क्षेत्रीय बुद्धिजीवियों , राजनीतिज्ञों , समाचार माध्यमों पर उत्तर पूर्व की अवहेलना का आक्षेप कई दशकों से लगाते आ रहे हैं।
मीन स्वाच कि असल मा पाठ्यक्रम कमेटी मा इन  चिंतन मनन ह्वे ह्वालु।   


 पाठ्यक्रम संचालक - हाँ तो प्रदेश का सबसे अधिक डिग्री धारी अध्यापक गण!  भारत को इतिहास अर समाज विज्ञान का बारा मा आप सब दस अध्यापकों से जादा कै तैं ज्ञान नी च।
सबि दस महान ज्ञानी अध्यापक (इकदगड़ि )  -धन्यवाद ! थैंक यूं
पाठ्यक्रम संचालक -हां तो आपन पिछ्ला छै मैना मा प्रदेश की दसवीं कक्षा वास्ता 'भारत का इतिहास अर समाज' विषय बारा मा ज्वा किताब तैयार करी   आज संक्षिप्त अवलोकन होलु अर फिर या किताब प्रेस माँ छपणो चलि जालि। तो एकेक क्षेत्र का बारा मा संक्षिप्त मा हम बात करदवां। चलो दक्षिण से शुरू करदवां।
दक्षिण को पैलो  इनचार्ज- सर हम दुयूनं दक्षिण भारत का प्रांत ही ना एकेक   गांवक इतिहास, भूगोल, समाजशास्त्र  की सैकड़ो किताब पौढिंन  अर तब जैक पाठ्यक्रम तैयार कार
दक्षिण को दुसरो इनचार्ज - अर सर ! हमन दक्षिण भारतौ सही नक्सा तैयार करण मा पूरा एक महीना लगायी। हद से जादा मनत कार। पाठ्यक्रम तै पौढिक दक्षिण भारतीय विद्वान् बि हमारी प्रशंसा कारल
पाठ्यक्रम संचालक -   बहुत बढ़िया। पश्चिम भारत का इनचार्ज ..?
पश्चिम भारत का पैलो इनचार्ज -हमन भि जथगा किताब पढ़न छे पौड़ अर पश्चिम भारतौ बारा मा पाठ्यक्रम तैयार कार। नक्सा तैयार करणम बि हमन बड़ी सावधानी बरत।
पाठ्यक्रम संचालक - मध्य भारत को पाठ्यक्रम -
मध्य भारत को पाठ्यक्रम का दुयि इनचार्ज - सर   हमन मध्य भारत को  सार गर्भित इतिहास अर समाज शास्त्रौ पाठ्यक्रम तैयार कार। नक्सा मा कखि बि गल्ती नी मीललि
उत्तर भारत का इनचार्ज - श्रीमान !  उत्तर भारत का बारा मा दुनिया मा जो बि साहित्य उपलब्ध छौ वांको हमन गहन  अध्ययन कार अर तब उत्तर भारतौ इतिहास मुतालिक पाठ्यक्रम तयार कार।नक्सा तै बीस ज्ञानियों से जंचवाइ।
पूर्वी भारत का इनचार्ज - सर ! बिहार , बंगाल अर ओड़िसा को इतिहास व समाज पर इन पाठ्यक्रम आज तक तैयार ही नि ह्वाइ जन हम दुयुन कार। नक्सा बि हमन दस दै सर्वे ऑफ इंडिया से जांच करवाई
पाठ्यक्रम संचालक (किताबौ कॉपी दिखद ) - अरे इखमा त उत्तर पूर्वी राज्यों इतिहास अर समाज को बारा मा कुछ नी च। हाँ भै?
एक - सर क्या रख्युं च उत्तर पूर्व का राज्यों मा
दुसर - हाँ सर ! उत्तर पूर्व का राज्यों पर कु कारो इथगा परिश्रम!
तिसर -  उत्तर पूर्व का राज्य बि क्वी राज्य छन !
चौथो - सही ब्वाल
पांचो - जथगा गाँ तथगा बोलि भाषा।
छटो -फण्ड फूको उत्तर पूर्व की बातो तैं
पाठ्यक्रम संचालक - हाँ मि बि उत्तर पूरब तैं क्वी महत्व नि दींदो अर सचि ब्वालो त मैं तैं बि नी पता कि यी उत्तर पूरब राज्य क्या बला छन।
सतों - कख छा लग्याँ तुम बेकार की बातों मा। वै से बढ़िया त सलमान खान की फिल्मो बारा मा छ्वीं लगौला धौं!
अठों - नै यार ! आमिर खान की फिल्मों मा विषय भौत ही सटीक , दिल पर चोट करण वाळ होंदन। मीन तो आमीर खान को फेमिली ट्री (पारिवारिक इतिहास ) को गहन अध्ययन कार अर पायि कि आमीर खान को प्रथम पुरुष सन सात सौ मा अफगानिस्तान अर रूस को बॉर्डर बिटेन भारत ऐ छौ।
नवों - य़ार स्टार वैल्यू तो शाहरूख खान को बि कम नि च हाँ। मेरी अठारा साल की बेटी तो शाहरुख खान से शादी करणों तैयार च !
दसों -खानों मा दिखे जावो तो पटकथाकार सलीम खान को योगदान  महत्वपूर्ण च हाँ!
पाठ्यक्रम संचालक - अर तुम लोग ! खानों को खान युसूफ खान उर्फ़ दिलीप कुमार तैं बिसरी गेवां हैं ?
सबि - नहीं सर ! हम सौबुन भारत को इतिहास और समाज को पाठ्यक्रम तैयार  करण मा युसूफ खान को इतिहास की पूरी जानकारी हासिल  कार
पाठ्यक्रम संचालक - अरे चार बजि गेन अर ठीक पांच बजि मि तैं सम्पूर्ण पाठ्यक्रम की कॉपी मथि दीण अर अबि तलक उत्तर पूर्वी राज्यों बारामा पाठ्यक्रम मा कुछ नी च। इन कारो उत्तर पूर्वी राज्यों बारा मा जो बि थोड़ा भौत जै तैं बि आँदो वो कम्प्यूटर ओपरेटर तैं डिक्टेट करी द्यायो अर इन्टरनेट से उत्तर पूर्वी राज्यों नक्सा की नकल कौरिक लगै द्यायो। पण यु सौब पांच बजे से पैल  ह्वे जाण चयेंद। मि तैं  एक कोंफ्रेसं माँ 'समग्र भारत' पर एक व्याख्यान दीणो जाण तो आप लोग ही '  भारत का इतिहास अर समाज' की कॉपी नकल प्रदेश पाठ्यक्रम कमेटी अध्यक्ष तैं मेरी तरफान सौंपी देन।
सबि -ठीक च सर ! पांच बजि से पैल उत्तर  पूर्बी राज्यों बार माँ थ्वड़ा भौत  जोड़िक अर इंटरनेट से नक्सा जोड़िक हम 'भारत का इतिहास अर समाज' किताब की कॉपी  नकल प्रदेश पाठ्यक्रम कमेटी अध्यक्ष तैं आपौ  तरफान सौंपि  द्योला।
एक - अच्छा !  संचालक जी चलि गेन। तो उत्तर पूरव भारत  को बारा मा क्या करे जावो।
दुसर - करण क्या च कम्प्यूटर ओपरेटर तै बोलि दींदा बल जो बि वैक  समज मा आंद वो उत्तर पूरब भारत को बारा मा लेखि द्यावु अर इंटरनेट बिटेन नक्सा छपै द्याव।
तिसर - चलो यो ही ठीक च। अब जरा फ़िल्मी  खान भाईओं इतिहासौ बारा मा गहन चिंतन करे जावो।
सबि - हां हाँ फिल्मी खान भाईओं इतिहास पर वुद्धिजीवी  चिंतन अति आवश्यक बि  च।
 

 

Copyright @ Bhishma Kukreti  18/05/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
 सौज सौज मा मजाक मसखरी
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ   
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं 
                       संजय दत्तन कथगा ग्राम हौग अर कथगा मिली लीटर मूत ?

                                 चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
टीवी प्रोग्रैमर - सर ब्रेकिंग न्यूज मा क्या दिये जावो ?
समाचार सम्पादक -क्या क्या समाचार अयाँ छन।
टीवी प्रोग्रैमर -सर एक समाचार अयुं च बल भारत मा स्लम मा रौण वाळु  मादे सिरफ़ छबीस प्रतिशत लोगुं तैं  स्वच्छ अर पीण लैक पाणि मिलद अर लगद नी च कि अगला बीस सालोंम यूँ तैं पीण लैक पाणि मीलल
समाचार सम्पादक -अर दुसर समाचार क्या च?
टीवी प्रोग्रैमर -संजय दत्त को वकीलन कोर्ट मा अर्जी दे कि चूंकि संजय दत्त तैं फ्रांस से आयातित  मिनरल वाटर 'इवान' को ढब पोड्यु च अर जेलम फ्रांस से आयातित मिनरल वाटर नि मिलदो तो संजय दत्त तैं भैर बिटेन 'इवान' मिनरल वाटर लिजाणो इजाजत दिए जावु
समाचार सम्पादक -वाह !  ब्रेकिंग न्यूज द्यावो कि भारत तै आजाद हुयां छौसट साल ह्वे गेन पण अबि बि भारतीय जेलुंम मिनरल वाटर की व्यवस्था नी च।  अचकाल अमूनन हर रोज मूर्धन्य नेता, उद्योगपति, बड़ा बड़ा अधिकारी, क्रिकेटर खिलाड़ि, फिल्म सेलिब्रिटी जेल  जाणा छन अर अफ़सोस की बात च कि अबि बि भारतीय जेलोंम मिनरल वाटर की व्यवस्था नी च।
टीवी प्रोग्रैमर -अर भारतीय गरीबो तैं स्वच्छ पाणि नि मिलणु च वीं न्यूजs क्या करण?
समाचार सम्पादक -गरीबो वास्ता पाणि नसीब नी होंद की न्यूज त रात लैक बि नी च। त  भारतीय गरीबुं तैं साफ़ पीण लैक पाणि नि मिलणु को समाचार तै कूड़ादान मा फेंकि दे।
टीवी प्रोग्रैमर - सर सर ! द्वी संवाददाताओं ब्रेकिंग समाचार अयाँ छन।
समाचार सम्पादक -क्या क्या ?
टीवी प्रोग्रैमर -पैल च बल यूनेस्को की रिपोर्ट्नुसार हिन्दुस्तान कुपोषण का मामला मा बंगलादेस का थ्वड़ा इ पैथर च अर स्तिथि भौत ही शर्मनाक च।
समाचार सम्पादक -यी संवाददाता ऐन जी ओ चलाणा  छन कि हिंदी न्यूज चैनेल ? कुपोषण को समाचार मा क्वी सेन्सेसन च क्या ? दुसर ब्र्केंग न्यूज क्या च ?
टीवी प्रोग्रैमर -दुसर समाचार च बल जेलम खाणा ठीक नि होण से संजय दत्तन कोर्ट से ड्यारौ खाणक खाणो  इजाजत मांग।
समाचार सम्पादक - अरे वाह ! फटाफट ब्रेकिंग न्यूज दे कि भारतीय  मा खाणक ठीक नि मिलदो। अर प्राइम टाइम पर  'भारत की प्रमुख ज्वलंत समस्या-जेल में कैद्यों को खराब खाना ' नाम से एक लाइव डिबेट  को इंतजाम कौरो। पैनल मा भारत का नामी  डाइटेसन, भूतपूर्व जेल अधिकारी, संजय  दत्त को वकील , एक समाजशास्त्री अर कौंग्रेस अर भाजापा का प्रवक्ता तैं बुलावो अर डिबेट तैं गरमा  गरम बणावो कि भोळ समाचार पत्र बि जेल में बदतर खाने की समस्या पर संपादकीय ल्याखन।
टीवी प्रोग्रैमर -जी ! अर यूनेस्को की भारत में कुपोषण की बहुत बुरी दशा रिपोर्टो क्या करण ?
समाचार सम्पादक -तैं नॉन सेंसेसनल रिपोर्ट तैं वापस यूनेस्को इ भेजि दे
टीवी प्रोग्रैमर -सर द्वी हौर समाचार अयाँ छन
समाचार सम्पादक -पैलि रिपोर्ट च बल इंडिया मा दो तिहाइ ग्रामीणु माँ हगण -मुतण याने पाखाना जाणै सुविधा नी च अर शहरो का भी बुरा हाल छन लाखों शहरी रेल पटरी  या रस्तों मा ही खुलेआम टट्टी पेशाब करदन।
टीवी प्रोग्रैमर -यूं गधा संवाददाताओं तैं समझावो कि बेकार खबर नि भेजा करें, भारत मा हगण -मुतण ( पाखाना ) सुविधा नी छन बि क्वी समस्या च या क्वी न्यूज च ? ये संवाददाता को डिमोसन आज ही होण चयेंद। दुसर समाचार क्या च ?
समाचार सम्पादक -दुसर समाचार क्या च?
टीवी प्रोग्रैमर -सर ! संजय दत्त को जेल संबंधी समाचार च।
समाचार सम्पादक -हाँ हाँ चौड़  बोल क्या समाचार च?
टीवी प्रोग्रैमर -जेल माँ स्वच्छ अर साफ़ पाखाना की सुविधा नि होण से संजय दत्त तैं हगण अर मुतण मा परेशानी हूणि च।
समाचार सम्पादक -संवाददातान अपण रिपोर्ट को समर्थन मा कुछ डाटा बि कलेक्ट करिन
टीवी प्रोग्रैमर -जी हाँ ! जख संजय दत्त रोज तीन सौ ग्राम, एक सौ सात मिलीग्राम हगुद छौ उख संजय दत्त जेलम केवल चार सौ ग्राम अर नौ मिलीग्राम हगणु च।
समाचार सम्पादक -एक्सीलेंट ऐंड इम्पोर्टेंट न्यूज! अर संजय  दत्तौ मुतणो  बारा मा क्या खबर च
टीवी प्रोग्रैमर -सर जेल मा साफ़ अर स्वच्छ टॉयलेट नि होण से बि संजय दत्त को पेशाब करण मा बि फरक पोड़ी गे!
समाचार सम्पादक - पेशाब की मात्रा कथगा फरक पोड़ ?
टीवी प्रोग्रैमर -जख पैल संजय दत्त तैं रोजाना एक लीटर अर पांच सौ तेतीस मिली लिटर पिशाब होन्दि छे , जेलम साफ़ स्वच्छ टॉयलेट नि होण से संजय दत्त सिरफ एक लीटर अर चार सौ इकतीस मिली लिटर हि मुतणु च।
समाचार सम्पादक -वेरी गुड ब्रेकिंग न्यूज ! ये संवाददाता को अबि प्रोमोसन कारो। फटाफट ब्रेकिंग न्यूज बणा कि भारतीय जेलों मा पाखाना की बड़ी दुर्दशा, कुदशा अर सरकार इथगा बड़ी समस्या होंद बि सियीं च
टीवी प्रोग्रैमर -जी संजय दत्त को हगण -मुतण संबंधी ब्रेकिंग न्यूज शुरू ह्वे ग्याइ
समाचार सम्पादक -अर सूण एक्स्ट्रा प्राइम टाइम मा एक डिबेट रखो जैक विषय ह्वालु -भारतीय जेलों में आधार भूत मानवीय सुविधाओन की अनदेखी। पैनेल मा यूरीनोलोजिस्ट, मनोवैज्ञानिक, एक डाक्टर , एक समाजशास्त्री अर द्वी राजनैतिक नेताओं तैं भट्यावो। डिबेट तैं हॉट बणाणै जुमेवारी तेरी च। डिबेट इथगा गरम होण चयेंद कि महाराष्ट्र का जेल मंत्री  भोळ जेलों मा कैद्युं मलमूत्र दिखणो स्वयं जावन। 
टीवी प्रोग्रैमर - जी वांक चिंता नि कारो डिबेट से मंत्री ही ना विरोधी पार्टी बि भोळ आर्थर जेल मा पाखाना याने टॉयलेट दिखणो जाला।
समाचार सम्पादक - वेरी गुड . बस तीन चार घंटा यूँ द्वी ब्रेकिंग न्यूज से सेन्सेसन लावो कि हमर चैनेल को टीआरपी बढ़ जावो।


Copyright @ Bhishma Kukreti  19/05/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
 सौज सौज मा मजाक मसखरी
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ   
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं 

                        भारतीय  सटोरिया संघ की  प्रधान मंत्री से अपील

                               चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )


आदरणीय प्रधानमंत्री अर सबि भारतीय !
                       अचकाल अखबार अर टीवी माध्यम हम सटोरिया अर हमर पाक, साफ़ अर दुबईमय, सबि भारितियोन कुण सुलभ व्यापार का बारा मा अनावश्यक, अनाप सनाप , अनर्गल भ्रान्ति फैलाणा छन। चूंकि अबि अबि जु द्वी चार क्रिकेटर पकड़े गेन वां से यूँ पत्रकारों तैं लग कि हमर पवित्र , इमानदारी से भरपूर , हिसाब किताब मा सही व्यापार मा कमी ऐ ग्याइ। हम यीं अपील से सबि भारतीयों तैं आगाह करदवाँ कि राजनीतीग्यों तरां जनता से कट्यां  यूँ  पत्रकारों भकलौण/बहकावा  मा नि ऐन। हमर क्रिकेट , राजनीति अर अन्य खेलों पर आधारित सट्टा बजार  बड़ा जोरूं से चलणु च उल्टां जौं तैं बि नि पता छौ कि  बौलर की हरेक बौल पर सट्टा लगाये जै सक्यांद वूँ तैं बि पता चलि गे अर यूँ दिनु हमर शुभ्र, धर्म प्रिय सट्टा बजार माँ हजार गुणा इजाफा ह्वे ग्याई।

                  आदरणीय प्रधान मंत्री जी ! हम पर अभियोग लगाये जांद कि हम क्रिकेटरों तैं पटैक वूंका इस्तेमाल करदवाँ। हमर मानण  च बल कि भारत एक प्रजातन्त्री देस च अर इख बेईमानी, देस की जनता का दिलों से खिलवाड़ , देस तै धोका दीण मा एकाधिकार कतै नि होण चयेंद। हमर मानण च बल देस तै लूटिक अपण घौर भरण पर खाली राजनीतिज्ञों अर सरकारी कारिंदों एकाधिकार नि होण चयेंद। हमर सट्टाबजार नेताओं अर अधिकारियों की लूट खसोट को एकाधिकार खतम करणों सबसे बेहतर, उत्तम नही सर्वोत्तम जरिया च। हम आम भारतीय जन चन्डेला, चौहान, अमित सिंह, आदि खिलाड़ियूँ तैं   मौक़ा दींदा कि वो बंगरप्पा , जया जेटली, सुरेश कलमाड़ी, ए राजा, यदुरप्पा, रेडी ब्रदर्स   अर समस्त टेलीकॉम उद्योगपतियों जौन  गलादारी कार का पदचिन्हों पर चलिक ये भारत को बैंड बजावन।

                 प्रधान मंत्री जी हम तैं आपकी पार्टी को दिग्विजय  सिंह से बड़ी शिकायत च ऊँन एक बयान दे बल सट्टा बज़ार से जुड्या क्रिकेट खिलाड्यूं पर आजीवन बैन लगण चयेंद। प्रधान मंत्री जी ! जरा द्याखो त सै कि तुमर पार्टी को महासचिव की शरम ल्याज बि हरची गे। अरे जब कौंग्रेस गलादार नेताओं पर एक दिन को बैन नि लगांदी त यूँ क्रिकेटरों पर बैन किलै? जब मैच फिक्सिंग को   लाँछनधारी अज्जरुद्दीन तैं कौंग्रेस अपण एमपी बणै सकदी त प्रधान मंत्री जी ! यूँ क्रिकेटरों पर  बैन की बात करण कखाको न्याय च ?

   प्रधान मंत्री जी ! फिर यी पत्रकार  हमर परम पूज्यनीय, प्रात: स्मरणीय सट्टा किंग मेकर श्री श्री दाउद  की खुले आम तौहीन करदन। भारत मा एक नियम च बल दुसर धरम गुरु का बारा मा गलत शब्दों इस्तेमाल नि करी सकदन। हम बिलंच सटोरियों, बुक्कियों  धर्म गुरु
दाउद जी छन। सब तैं अपण धरम गुरु से प्यार होंद। यो बताणो जरूरत नी च बल धरम गुरु की बेज्जतीs  बदला लीणो बान इतिहास मा हजारों दें  कत्लेआम ह्वेन। हमर धर्म अर शिक्षा गुरु दाउद इब्राहिम का बारा मा जू बि पत्रकार अब कुछ अंट संट ब्वालल तो ल्वैखतरी होलि तो हमर असली धरम सट्टाबजार पर लांछन या भगार नि लगैन हाँ!
   अर फिर यी पत्रकार लोग हमारी पवित्र , पाक, दुबई केन्द्रित, कराची संचालित- डी कम्पनी द्वारा हवाला की बात फोकट मा करणा छन। हमर बुलण च बल आइपीएल क कथगा इ फ्रैंचाइजी को हवाला द्वारा भारत मा पैसा लाण-लिजाणै  सबि फ़ाइल इन्फोर्समेंट, इनकम टैक्स अर फोरें मनी डाईरेक्ट्रेट  मा पड़ी छन। दक्षिण अफ्रीका मा जो आईपीएल का मैच ह्वै छया वांकी छांट निराळ कारो त  सै। सरकारी अर गैर सरकारी स्तर पर यूँ सफेदपोश व्यापारियों काळो  धंधा की पोल  ख्वालो  त सै त पैल्या कि हमारा महामहिम दाउद इब्राहिम का कारनमा यूँ सफेदपोश गलादारों समिण कुछ बि नी च।
 प्रधान मंत्री जी ठीक च आप तो मौनी बाबा छन। पण यो तो आप बि जाणदन बल भौत सालों से भारत बिटेन ब्लैक मनी स्विस बैंको मा जाणो च त जरा ये ब्लैक मनी को जाण रुकवावो त सै फिर हम सटोरिया अफिक अपण धंधा बंद करी द्योला।
   प्रधान मंत्री जी ! जन राजा तन प्रजा ! जरा अपण दिग्विजय सिंह जी तै समझावो बल यदि शीर्सस्थ नेतृत्व पाक , पवित्र अर स्वच्छ आचरण अपनावो त प्रजा, व्यापारी बि स्वच्छ आचरण का रस्ता पर चौलल। पण जय देस का शीर्षस्थ हे दागदार होलु उख हम सरीखा देस खावो सटोरिया ही पैदा ह्वाल!
आपकु अपुण , अपणैसि माँ 
सटोरिया संघ 


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Bhishma Kukreti

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  गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
 सौज सौज मा मजाक मसखरी
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ   
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं 

                         ह्यां ! बथावदि कि क्वा क्रिकेट टीम जीतलि ?

                            चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

अचकाल मेखुण आइपीएल क्रिकेट मैच दिखण जरूरी बि ह्वे गे अर औसंद को काम बि ह्वे गे।
नितरसि  मि ऑफिस मा इ छौ कि म्यार गाँ बिटेन सूना बोडिक फोन आयि," हे भीषम ! त्वै क्या लगणु च राजस्थान रॉयल जीतलि कि मुंबई इन्डियन जीतलि?"
मीन जबाब दे, "  सुनील गावास्करौ बुलण च बल हालांकि राजस्थान रॉयल मैच जितणि च तो राजस्थान रॉयल को जितणो  अवसर बि कम नीन  पण मुंबई इंडियन का बैट्समैन टी ट्वेंटी का बेहतरीन बैट्समैन छन जन कि दिनेश कार्तिक की फौर्म , रोहित शर्मा का दमदार शॉट, पोलार्ड की धमाकेदार बैटिंग अर फ़िर मुंबई इंडियन की बौलिंग लाइन तो द्याखो मिसेल जॉनसन  की बम्ब बरखांदी बौलिंग, लसित मलिंगा की अणदिखिं -अणसमझीं यौर्कर, हरभजन लळचांदि पण रिंगदी -घुमदी स्पिन ... से लगद बल मुंबई इन्डियन मैदान मारि ल्योलु। पण महान ओपनर सुनील गावास्करन आखिरैं बोलि बि दे कि यु त टी ट्वेंटी को खेल च इखमा पल माँ माशा अर पल भर मा तोला ह्वे जांदो। तो मेरि बि समझ मा नि आयि कि गावास्कर को हिसाब से क्वा टीम मैच जीतलि। "
 सूना बोडिक गुस्सा माँ क्या बडो क्रोध मा जबाब छौ," अरे खाडुंदक !  इथगा पढि लेखि बि तु निर्बुद्धू हि रै गे। सुनील गावास्कर की बात तो मि हर समय टीवी पर सुणणु अर वैक हाव भाव तो दिखणु ही रौंद। सुनील गावास्कर अर शरद पवार बीच (फेसं ) वळि ही बात करदन। गावास्कर की बात गोळ -माळ की होंदन। गावास्कर की मुंजमुंजी बातों  से म्यार क्वी फैदा हूण वाळ नी  च। मि तैं इन राय चयाणि च जो एकदम सच ह्वे जावो। ह्याँ तीमा क्वी इन इन्नर सोर्स नी च जो बिलकुल बथै द्यायो कि मुंबई इंडियन जीतलि कि राजस्थान रॉयल जीतलु?"
मीन ब्वाल," हर्षा भोगले बुलण च बल .."
सूना बोडिन गुस्सा मा बोलि," त्यार भरवस रौल त मि मंगत्या ह्वे जौल। फोकट मा फोन पर म्यार पैसा बरबाद ह्वैन। उख दिल्ली मा जगदीश कक्या ससुर जी से पुछदु कि नक्की कु  जीतल?" अर सूना बोडिन फोन काटि दे।
सोना बोडिंन फोन काट कि सतुरि काकि फोन आइ। सतुरि काकि हमर परिवारौ ल्वारण छे। वीन बोलि," हे भीषम! आज पूना  टीम अर कोलकत्ता टीमौ मैच च . त्यार हिसाब से कु जीतल?"
मीन जबाब दे,"काकि ! कपिल  को हिसाब से त कोलकत्ता टीम तै जितण हि चयेंद।"
सतुरि काकिन डांट फटकार लगाइ," त्वी बि ना! अरे ! कपिल देव क्या बुलद मि नि जाणदो क्या? कपिल देव त बुलद बल पूना को अच्छा खेलना चाहिए और कोलकत्ता को  से जोश से खेलना चाहिए।मि तै इन बथादी कि नक्कि क्वा टीम जीतल? अर सूण क्या नारैन चार विकेट ले ल्यालो ?"
मीन बोलि," चेतन शर्माक  बुलण च बल नारेन चार विकेट जरूर ल्यालो।"
  सतुरि काकिन आग बरसाइ ," शरम नि आन्दि जु तू  हिंदी   कमेंटेटर पर विश्वास करिद हैं?" अर सतुरि काकिन बि गुस्सा मा फोन काटि दे।
इथगा मा गाँ बिटेन माया काकाक फोन आयि," अरे भीषम ! त्यार !  दाउद इब्राहिमक  क्वी ख़ास बुकी से पछ्याणक बि च?"
मीन पूछ," हैं ! काका क्या बुलणु छे ? म्यार अर दाउद इब्राहिम का  क्वी ख़ास बुकी से पछ्याणक?"
मया काकाको करारा जबाब छौ,' इखमा क्या च ? जब बड़ा बड़ा लोगुं दाउद इब्राहिम का   ख़ास बुकियों से बिजिनेस रिलेसन ह्वे सकदन त त्यार किलै नि ह्वै सकदन?"
मीन पूछ," पण काका! त्वै तै दाउद इब्राहिमक  क्वी ख़ास बुकी से क्या काम ?"
माया काकान खुलासा कार,' अरे हम  लोग जु देसि शराब बणान्दा छया ऊँन अचकाल दगड़म  नै धंधा शुरू कौर अर बेटिंग सिंडिकेट बणै  आल। अर गाँ गाँ मा अपण लोगुं सुविधा बान सट्टाबजार खोलि आलिन।"
मीन खौंळेक बोलि," क्या कच्ची शराब   बणाण वाळुन गाँ गाँ मा सट्टा बजार खोलि आल?"
माया काक- हाँ यार भीषम ! लोग बाग़ तीन पत्ति से जुवा खिलण से ऊब गे छ्या। तीन पत्ती जुवा मा उ रोमाच अर साहसिक मजा नी च जो रोमाच,  क्या ह्वालु की गहमागहमी, रिजल्ट माँ ऊँच - नीच या परिवर्तन हूणो भौत सा अवसर हुण से लोग इख बि सट्टा खिलणा छन।" 
मि - ह्याँ पर उख गाँ मा सट्टा क्याँ पर खिले जांद?
 माया काका -उख्मा क्या च? फलण स्कुलो मास्टरजी मंगऴबार  कुण स्कूल आल कि बुद्धबारौ कुण स्कूलम खुट धारल, या फलणौ गौड़ी या भैंसी ये मैना बियालि या दुसर मैना बियालि या कोटद्वार -ऋषिकेश की गाड़ी बारा बजि से   पैलि पौंछलि या एक बजी पौंछलि।
मि-अरे वाह ! सट्टा लगाणो कुण अभिनव तरीका अपनाये जाणा छन।
माया काका -हाँ। जन कि ये आम पर कब बौंर आल कि ना?
मि-तो फिर समस्या क्या च जु त्वै तैं दाउद इब्राहिम का बुकियूँ जरूरत क्या पड़णि च?
माया काका -अरे यार , जरा कबि  कबि झगड़ा ह्वे जांद।
मि-झगड़ा ?
माया काका -हाँ भै, जन कि मास्टर पर जैन बुधबार आणो सट्टा लगायुं ह्वावो अर मास्टर मंगळबारो स्कूल ऐ जावो त सट्टा हारण वाळ मास्टर तैं पीटी दींदु अर इनि कथगा दें मार पीट ह्वे जान्दि। 
मि-अच्छा !
माया काका -हाँ!  अर पटवरी जीन हम सौब तैं बिठेक समझाइ कि दाउद  इब्राहिम को सट्टाबजारों  गैंग मा भर्ती होण मा फैदा या च कि गौं माँ आपस माँ झगड़ा -रगड़ा बि रुकि जालो अर दाउद  इब्राहिम का  एजेंटो  दगड़ रैक हम लोग अन्तराष्ट्रीय स्तर का भौं भौं किस्मौ सट्टा लगै सकदवाँ अर यांसे हमर गाँ आधुनिक हूणो  दौड़ माँ बि अगनै रालु।       
मि-क्या सोच च भै?
 माया काका -अच्छा सूण तीन नि बथाई कि तेरो दाऊद इब्राहिमो सट्टा एजेंटो द्गड़ पछ्याणक छ कि ना?
मि- ना ये काका! मि जाणदो बि नि छौं कि सट्टा या बेटिंग क्या होंद
माया काकन गुस्सा ह्वैक ब्वाल - अरे चालीस साल मुंबई मा रैक तीन बेटिंग या सट्टा नि सीख  त तीन क्या सीख? मै लग़णु भैजिन त्वै  तै बेकार ही पढाई!
अर माया काकन फोन काटि दे।


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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
 सौज सौज मा मजाक मसखरी
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ   
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं 

                               यूपीए सरकारौ  रिपोर्ट कार्ड याने दाग अच्छे लगते हैं'

                                     चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

 
कोंग्रेस पार्टी मा एक भौत हि बढ़िया गुण च बल  आत्महत्या करण लैक अपमानजनक  स्थिति मा बि कौंग्रेस बदतमीजी से खित खित हँसणि रौन्दि। जख मुक लुकाण छौ उख सरकारौ  रिपोर्ट प्रसारित करणा छन।
कौंग्रेस को कुर्सी प्रेम देखिक  गोंद बि शरमाणु रौंद।
कौंग्रेस त भ्रष्टाचार मिटाण चाणि च पण विचारि तैं मनमोहन छोडि क्वी हौर इमानदार नेता इ नि मिलणा छन। म्यरो आकलन च बल जैदिन  कौंग्रेस तैं दसेक बि इमानदार नेता मिलि गे वैदिन ही देश से भ्रष्टाचार की डंडेलि सज्याण (चिता सजना ) शुरू ह्वे जालि। यद्यपि राहुल गांधी इमानदार अर कर्मठ नेताओं की खोज माँ गे छैं छया पण सबि नेताओंन बोलि बल जब इमानदार ही रौण तो बाम पंथी पार्टी क्या बुरा छन?
बिचरा राहुल गांधी क इथगा भटकणो बाद बि इन नेता नि मिलणा छन जो लोक सभा या विधान सभा को चुनाव लड़णो तैयार ह्वावन सबि राहुल गांधी का आस पास इलै छन कि राज्य सभा या विधान परिषद को टिकेट मिल जावो।
यूँ चार सालोंम सरकार हमेशा निम्न से  निम्न  स्तर को लक्ष्य समणि धरदी अर मि  घमंड से , गर्व से . जंगड़ ठोकिक, कंटर बजै बोलि सकुद बल या  सरकार हर बार छ्वटो से छ्वटो लक्ष्य प्राप्ति मा नाकामयाब , असफल राइ। हर बार असफल हूण माँ सरकार तैं पूरा सौ नम्बर दियी जाणा छन। 
गरीबी उन्मूलन जन काम मा त ना पण गरीबी रेखा को मापतोल की इकाइ तै  ही कम करणो मामला मा योजना आयोग को उपाध्यक्ष  भारत को वित्त मंत्री बणन  लैक ह्वै गेन।
सरकार मा पसलियों अर हडकों कमि नी च जैदिन कौंग्रेस तैं रीढ़ की हड्डी मील जालि वैदिन कौंग्रेस ही ना भारत का बि भाग जागि जाला। उन कॉंग्रेसी ल्हतमोड्याँ फौंट याने राहुल गांधी तैं रीढ़ की हड्डी बणाण मा लग्याँ त छैं  छन पण कुज्याण भैरों कुज्याण .....
राबर्ट बड्रा पर जब भ्रष्टाचार अभियोग, ,लांछन  दाग, काळो धब्बा लग तब बचाव मा जै हिसाब से केन्द्रीय मंत्री अग्वाड़ि ऐन तो यूपीए सरकार का सबि कॉंग्रेसी मंत्र्युं तैं 'धृतराष्ट्र' की उपाधि दिये जांद। धृतराष्ट्र अर दुर्योधनन अपण जंवै जयद्रथ को अनाचारी काम , करतबों इनि बचाव करी छौ।   
स्कैम का मामला मा  यूपीए सरकार तैं नोबल पुरुष्कार से सम्मानित  करण चयेंद।  कॉंग्रेसी नेता जन कि दिग्विजय सिंघ द्वारा भ्रष्ट  नेताओंक बचाण वळ  बयानुं से त इन लगद कि कौंग्रेस को 'दाग अच्छे लगते हैं'। इलै यूपीए सरकार तैं एक काजल की कोठड़ि  इनाम मा दिये जांद अर अगला पन्द्रह अगस्त कुण 'दाग अच्छे  लगते हैं ' स्लोगन /नारा तैं  राष्ट्रीय स्लोगन/नारा घोषित करे जालो।
आत्मचिंतन की जगा कौंग्रेस अचकाल 'बीजीपी चिंतन' माँ जादा समय लगाणि च।
संसद माँ बिल पास नि कराणम  यूपीए सरकार तै डिसटिंकसन दिए जांदो।
सीबीआई को दुरप्रयोग मामला मा यूपीए सरकार का नया तकनीक , अभिनव व रचनात्मक प्रयोग का वास्ता पूरा सौ नम्बर दिए जांदन।
विदेशों से काळोधन  वापसी को मामला माँ यूपीए सरकार को स्वांग देखिक, घड़ियाली आंसू देखिक यूपीए सरकार तैं 'नट सम्राट' की उपाधि दिए जांद।
अन्ना हजारे पकड़िक जेल लिजाण पर यूपीए सरकार तैं 'मूर्खाधिराज 'की पदवी दियी जाणि च।
बाबा रामदेव को आन्दोलन तै ध्वस्त करणों बान रात मा पुलिस फ़ोर्स को इस्तेमाल को पारितोषिक का रूप मा यूपीए सरकार का  हरेक मंत्री तैं हिटलर की मूर्ति प्रदान करे जाँद।
श्री  लंका मामला मा   लचर विदेश नीति का मामला मा यूपीए सरकार तैं 'केंचुवा' को तगमा दिये जाणु च।
मंहगाई रुकणम नाकामयाबी बान यूपीए सरकार तै 'द्वी खाली गैस सिलिंडर' की महानतम पदवी प्रदान करे जांदो।
आतंकवाद नि रुकणो बान यूपीए सरकार तैं 'खिलौना रूपी पिस्तौल' इनाम दियाणु च।
बुरी साख , विश्वासहीनता , प्रतिष्ठाहीनता  का मामला मा यूपीए सरकार का वास्ता  सौ नम्बर बि   कम छन।
आज कौंग्रेस इथगा तौळ चलिगे कि अब कौंग्रेसम अपण खाड अफिक खणनो अलावा क्वी हौर दुसर पर्याय नि बच्युं  च।
मि नि चांदो इन सरकार दुबर कबि जनम ल्यावो। इन कोख पर बज्जर पोड़ी जैन ज्वा इन सरकार पैदा करदी
     


Copyright @ Bhishma Kukreti  23/05/2013           
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Bhishma Kukreti

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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
 सौज सौज मा मजाक मसखरी
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ   
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं 

                         अपण कमजोरि  तैं तागतम बदलणो कुछ टुटब्याग/ब्यूंत 

                              चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

 कमजोरी हरेक मा होंदी अर हरेक चाँद बल वैकि कमजोरि तागत मा बदली जा। टुटबग्या खटरागी  ब्यूँताचार्य न कुछ ब्यूंत बतायाँ छन जाँ से कमजोरि तागत मा बदले जै सक्याँदन।
जन कि जडू मा तुमम कोट- स्वेटर नि ह्वावो तो अपण कमीजो बटन खोलि रौब से हिटो अर हठ योग पर भाषण द्यायो बल मनुष्य तैं अपण शरीर तैं जलवायु सहन करण लैक बणावो।
मोडर्न जुत  खरीदण लैक पैसा नि ह्वावन तो 'आधुनिकता हमारी परम्परा अर संस्कृति को छत्यानाश  करणी  च' को आन्दोलन चलाओ।
ज  तुमम हापूस आम खरीदणो पैसा नि छन तो दुनिया तैं बिगुल बजैs बथाओ कि आम खाण से क्या क्या नुकसान ह्वे सकद। ह्वै साको तो अंटी मैंगो कंजंम्पसन संस्था बणावो अर चंदा लेकि हापूस खावो।
यदि तुम छुट कद का छवां तो विष्णु को वामनावतार का जागर गावो अर लम्बा छंवा तो अमिताभ बच्चन को फोटो गौळम लटकिक लम्बू दादा का गीत गावो।
जब काळ बेटों ब्वायो टैम आवो तो भगवान कृष्ण अर भगवान राम का सांवला रंगों वन्दना करण लाजमी च।
बेटीन अंतरजातीय विवाह करि द्यायि त आधुनिकता का गुण गावो अर बेटी घरबैठि हो तो परम्परा की दुहाई द्यावो
जु तुम कॉंग्रेसी छंवा अर उत्तराखंड का छंवां तो नरेंद्र मोदी तैं  उत्तराखंड माँ विकास नि हूणों जुमेवार ठहरावो।
हां जु तुम उत्तराखंड का भारतीय जनता पार्टी का नेता छंवां अर क्वी डा रमेश  निशंक पर  भ्रष्टाचार का आरोप लगावो तो प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह से इस्तीफा मांगो।
यदि तुम भारतीय जनता पार्टी का लो सभा या राज्य सभा को सदस्य छंवां अर कै बि छुटभया  भाजापाई नेता पर लांछन लग तो लोक सभा की कारवाई रुकवै द्यावो।
यदि तुम बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल ऑफ इंडिया का अध्यक्ष छंवाँ अर कै क्रिकेट खिलाड़ी  पर सट्टा खेलणो खबर बि आवो तो वै खिलाड़ी तैं त बगैर असलियत जण्या बर्खास्त कारो अर यदि बीसीसीअई को सदस्य या तुमर जंवाई सट्टा खिलदा पकड़े ग्यायी तो ब्वालो न्यायिक जांच को आखरी  परिणाम से पैल हम क्वी कार्यवाही नि करी सकदवां।
 जु तुमर नौनु इमतान मा फेल ह्वै ग्यायि तो दुनिया मा परीक्षा पद्धति का विरुद्ध गाळी गलौज कारो।
यदि तुम अपण नौनु तैं अंग्रेजी स्कूलम भिजण लैक नि छंवाँ तो राष्ट्र भाषा अर स्थानीय भाषा का गुण गावो।
जु तुमर ट्रांसफर मन मुताबिक़ ह्वे जावो त चुप रावो अर यदि ट्रांसफर मन मुताबिक़ नि ह्वावो तो ट्रांसफरम भाई भतीजावाद अर भ्रष्टाचार पर भाषण भीषण करो।
पड़ोसी तैं बेलो पौवर्टी लाइन को कार्ड मीलि जावो पटवरि पर घूसखोरी क अभियोग लगावो .
जु तुमर भितर जुत रखणो जगा नी च तो द्वार पर पट्टी लगावो जख मा लिख्युं ह्वावो -कृपया अपना घमंड-गुस्सा  और अपने जूते बाहर ही उतारें .
जु तुम प्रवासी गढ़वाळी कवि या लिख्वार छंवाँ अर भौत दिनों से कुछ समज मा नि आणु कि क्या लिखे जावो तो पलायन पर ल्याखो या तू ह्वेलि बीरा घसियार्युं का भेष माँ की नकल करी क्वी करुण रस की कविता लिखण शुरू कौर द्यावो
 



Copyright @ Bhishma Kukreti  24/05/2013           
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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
 सौज सौज मा मजाक मसखरी
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ   
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं 

                             सट्टा बजारौ डीलरशिप वास्ता प्रार्थना पत्र अर प्रोजेक्ट रिपोर्ट

                               चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

 परसि गां जयुं थौ। अपण घौरुम बैठ्यूं छौ कि बनवारी काका ऐ ग्याइ।
बनवारी काका -ओ भलो ह्वै गे जु तू मीलि गे। निथर मि तैं कोटद्वार जाण पोड़द
मि -कनो क्या ह्वाइ काका?
बनवारी काका -तीम लेपटॉप अर नेट कनेक्सन त छैं च ना?
मि -हाँ बोल काक क्या काम च
बनवारी काका -अरे वो नाति का वास्ता डीलरशिप चयाणि च त भर्युं डीलरशिप फौरम अर प्रोजेक्ट रिपोर्ट नेट से आजि भिजण
मि -क्यांक डीलरशिप ?
बनवारी काका -दाउद कम्पनी क सट्टा  बजारौ डीलरशिप।
मि -क्या ?
बनवारी काका -क्या क्या नाती कुण दाउद कम्पनी क सट्टा  बजारौ डीलरशिप मील जावो तो वारे न्यारे ह्वे जाल। बाकि बात पैथर होलि तू यीं साइट पर विजिट कौर अर फौरम भौर। जू बि पुछणाई पूछ अर फौरम भरद जा।
बनवारी काका को मूड से पता चलणो छौ कि काका तैं देर हूणि च। मीन दाउद ऐंड कम्पनी सट्टा बजार साइट ख्वाल अर डीलरशिप फौरम डाउनलोड कार। कुछ सवालों जबाब तो मि जाणदो छौ। जु नि जाणदो छौ वो मीन बनवारी काका तैं पूछिक भौर
मि -काका फौरम मा लिख्युं च की - क्या तू लालची, बेशरम, बिलंच,ईर्ष्यालु, कुनेथिक   है
बनवारी काका -हाँ हाँ भौर कि हम तो जनम से ही लालची, बेशरम, बिलंच, जळथमार, कुनेथिक    छंवाँ।
मि -इखम  एक प्रश्न पुछ्युं च बल क्या तू और तेरा परिवार शैतान और शैतानीयत की पूजा करोगे?क्या तू खुले आम शैतान की औलाद कहलाना पसंद ?
बनवारी काका -शैतान और शैतानीयत की पूजा ! अरे हम तो शैतान और शैतानीयत तैं अपण कुलदिवता घोषित करी द्योला। बेटिंग सिंडिकेट जैदिन आदेश दयाल मि शैतान को मन्दिर चिणै द्योलु। अरे आज ही मि अपण जात बदलिक 'शैतान' कौर दींदु।
मि -ठीक च . फिर पुछ्युं च  त्यार ग्राहक कख कख छन?
बनवारी काका -लेख बल अबि त चालीस पचास गां मा होला पण बेटिंग सिंडिकेट की कृपा होलि त द्वीइ मैना मा  सौ द्वी सौ गांवु पर कब्जा कौर द्योला
मि -फिर सवाल च -क्या तेरे को विश्वास है कि तू कम से कम दस लाख प्रति सप्ताह की बेटिंग करवा सकता है याने धंधे  की मिनिमम गारेंटी चाहिए
बनवारी काका -लेख . विश्वास ! पूरो विश्वास च बल  जै हिसाब से लोगुंम आळी -जाळी धंदा करिक पैसा आणु च तो बीसेक लाख प्रति सप्ताह धंधा तो होलु ही
मि -फिर लिख्युं च बल क्या तू लालच की बीमारी सारे क्षेत्र में फैला सकेगा? क्या तू सदाचार अपने क्षेत्र से सदा के लिए मिटा पायेगा और अनाचार, दुराचार, कुविचार, गबन जैसी बीमारी   अपने अधकृत क्षेत्र में फैला पायेगा?
बनवारी काका -लेख - मीन लालच की बीमारी या अनाचार, दुराचार, कुविचार क्या फैलाण? जब देश को शीर्ष नेतृत्व सदाचार तै तिलांजलि देक बैठ्याँ ह्वावन  अर अनाचार, दुराचार, कुविचार, गबन  का प्रतनिधि ह्वावन तो प्रजा माँ अनाचार, दुराचार, कुविचार, गबन जैसी बीमारी अफिक ऐ जांदी
मि -फिर लिख्युं च - बल जब कभी कम्पनी को अन्य अवैध, दो नम्बर के धंधे जैसे चरस गांजा, अपहरण , फिरौती माँगना, दूसरों की मिल्कियत पर  अवैध कब्जा करना,अवैध  हथियारों की तस्करी जैसे धंधे के लिए प्रतिनिथियों की आवश्यकता होगी तो तू तैयार होगा?
बनवारी काका -इखमा ले क्या च। लेक कि एक दै क्वी बि इन अवैध धंधा मा ऐ जावो तो फिर  वै तैं सबि तरां को अवैध धंधा करण हि पोड़द
मि -क्या तू देश द्रोह का काम कर सकता है
बनवारी काका -हाँ।
मि -क्या तू हमारे  द्वारा प्रायोजित आतंकवादी कार्यकलापों को परोक्ष  या अपरोक्ष रूप से सहायता करेगा?
बनवारी काका -इखमा  क्या च ? जब मि एक दें दाउद इब्राहिम बेटिंग बिजिनेस को सदस्य ह्वै ग्यायि  तो आतंकवादी संगठनो तै सहायता करण म्यार परम कर्तव्य ही ना म्यार विशेष धर्म ह्वे जांद
मि -काका बेटिंग सिंडिकेट डीलरशिप को फॉर्म भरे ग्यायि
बनवारी काका -शुक्रिया
मि -काका ! एक बात बथादि क्या इन अवैध काम करण जरूरी च?
बनवारी काका - मि तैं नि पूछ। जा देस का नेताओं तैं पूछ। जौंक सह पर भारतम बेटिंग सिंडिकेट को इथगा बड़ो जाळ फैलि गे।
Copyright @ Bhishma Kukreti  25/05/2013           
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गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
 सौज सौज मा मजाक मसखरी
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ   
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं 

                         भगवान  की राक्षसों तैं धरती पर भिजणै असमर्थता
                               चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
साबि राक्षस पुळयाण्या छया, खुश हूणा छया, खितखिताणा छया, कमरतोड़ नाच करणा छया, अट्टाहसी  गाणा छया, आपसम मजाक मसखरी करणा छया अर सबि भगवानौ दरबार जिना भागणा छया।
साबि - समनैन भगवन ! तुमारि छाया बणी रै, हमकुण तुमारि दया का द्वार खुल्याँ रैन, हमर वास्ता तुमर आशीर्वाद का अणसाळ जगणो रावु माराज!
भगवन - आज क्या बात सबि रागस इकदड़ि अर इख?
एक रागस - भगवन ! अदा  कळजुग बीति गे अर आपन वादा करि छौ कि अदा कळजुग बितणो उपरांत सबि रागसों तैं इकै कौरि पृथ्वीलोक भिजे जालो। अदा कळजुग कबौ बीति गे अब हम तैं पृथ्वी लोक भ्याजो!
भगवान - पृथ्वी लोक जाणै बड़ी इच्छा हूणि च?
सबि रागस - हाँ ! भगवन !
भगवान -चलो मि तुम तें भारतलोक का दृश्य दिखांदो अर फिर जु तुमारि इच्छा होलि त तुम तैं इकै कौरि समय समय पर भारतलोक भिजे जालो।
सबि - सही वचन प्रभु
भगवन - हाँ भै अर्थासुर ! तीन पृथ्वीलोक मा जैक क्या पाप करण छौ?
अर्थाअसुर - मीन जखम  जखम  हम शत्रु दिवतौं राज ह्वावो उखम  उखम  आर्थिक गुळादंगी करण छौ जाँ से हमर शत्रु की आर्थिक दशा खराब ह्वे जावो, शत्रुवों की आर्थिक दशा  लुंज तहस  नहस ह्वे जावो अर फिर दस्युराज तैं देवशत्रुओं तैं जितण भौति सरल ह्वे जावो। मेरो मकसद सिरफ़ अपण शत्रु क आर्थिक दशा बिगाड़णो रालो 
भगवन - ले देख भारतलोक मा क्या क्या होणु च?
अर्थासुर - हैं हैं ! भगवन ! यि क्या ! भारत मा कथगा क्या हजारो धनपति अपण धनभंडार भरणो खातिर जोर शोर से बलपूर्वक अपण देस की आर्थिक दसा खराब करणा छन अर दुसमन देश की आर्थिक दसा सुधारणम शत्रु  देस की मौ मदद करणा छन।       
भगवन -हे आळीजाळी असुर त्यरो ध्येय पृथ्वीलोक मा जाणो क्या छौ?
आळीजाळी असुर- भगवन अपण दुश्मन दिवतौं राज मा आळीजाळी फैलाण।
भगवन - ले देख ! भारतम क्या हूणु च!
आळीजाळी  असुर-  हैं ! भगवन ! भारतवासी त अपण ही देस मा आळीजाळी फैलाणा छन।
भगवन - हाँ भै पर्यावरण शत्रु असुर ! तू किलै पृथ्वी लोक जाण चाणी छे ?
पर्यावरण शत्रु असुर- पर्यावरण बिगाड़नो कुण अर क्याँकुण?
भगवन - ले जरा भारत दर्शन इखि बिटेन कौर!
पर्यावरण शत्रु असुर- हैं इ क्या हरेक  भारतीय, हर समय अफिक अपण पर्यावरणो छ्त्यानाश करणु  च।
भगवन -हाँ भै कंस तू किलै भारतलोक जाण चाणु छे?
कंस -भगवन अपणी रक्षा हेतु भ्रूण हत्या करणों मि भारतलोक जाण चाणु छौं।
भगवन - जरा देख त सै भारत जिना!
कंस - ये मेरि ब्वे ! भारत मा पुत्री भ्रूण हत्या बान नर्सिंग होम नाम का छद्म भेषी चिकित्सालय  खुल्याँ छन 
भगवन - हाँ भै रावण तेरो मकसद छौ कि स्त्री तैं ब्ल्पूव्क उठावो अर फिर स्त्री की इच्छा से वीं स्त्री तैं अपण पटरानी बणा। जरा देख त सै उख भारत मा क्या हूणु च!
रावण - हैं ! जबरन बलात्कार का मामला मा,  दुनिया भारत को स्थान  तिसरो च। ये मेरि ब्वे !
भगवन - हाँ भै भुखमरी असुर त्यार पृथ्वी मा जाणो क्या उद्देश्य च ?
भुखमरी असुर - पृथ्वी मा भुखमरी अर कुपोषण फैलाणों जाण चाणो छौं।  पण मै दिख्याणु च कि उख भारतम सरकारी लापरवाही से अन्न का भंडार सड़णा छन अर लोग भूखा मरणा छन अर लोग कुपोषण का शिकार हूणा छन।
भगवन - हाँ भै भष्मासुर तू किलै पृथ्वी लोक जाण चाणु छे?
भष्मासुर - मि उख अफु तैं अफिक निपटाणो  मनोरोग प्रसारित करणों जाण चाणु छौं
भगवन - ले जरा पृथ्वी लोक को नजारा बि देखि लेदि
भष्मासुर - हैं ! दुनिया भर का देशों मा इथगा विनाशकारी हथियारों जखीरा छन कि केदिन पृथ्वीन मिनटों मा ख़ाक ह्वे जाण
भगवन - अब तुम सौब राक्षसों क्या राय च ?
सबि रागस - भगवन ! उख त भारतीय ही राक्षस का कार्य सम्पन करणा छन तो हमारि उख क्वी आवश्यकता नी च। जख दोस्त हि दोस्त का घर उजाडो उख दुस्मानो क्या जरूरत? हमकुण भारत विचरण से तो नरकलोक हि भलु च।
भगवन -एक राय मि द्यावदि  बल इन स्थिति मा मि क्या कौरु?
सबि रागस - भारत मा सचेकि देव अर संत भ्याजो। सचेकि हाँ ! निथर उख भारतम त दुराचारी , अनाचारी , अभिमानी , घमंडी, बेइमान , ठग, चोर, कुत्सित मनोदशा का, बलात्कारी, व्यभिचारी , रंगीन आचार विचार का , आळी-जाळी, हत्यारा, हीण कर्मों का   मनिख बि बाबाओं , गुरुओं भेष मा आश्रम चलाणा छन अर ऋषि जात पर धब्बा लगाणा छन 

Copyright @ Bhishma Kukreti  26/05/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

Bhishma Kukreti

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 गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
 सौज सौज मा मजाक मसखरी
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ   
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं 

                                    अब म्यार गाँ  शत-प्रतिशत आधुनिक ह्वै गे

                       चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
मि अर चंदा काका स्कूलौ सहपाठी अर दगड्या छया। चंदा काका मुंबई माँ आधुनिक जिन्दगी का सुपिन बुणदो छौ अर मि चांदो छौ गाँ मा मास्टरगिरी करे जावो। पण उल्टू ही ह्वाइ। मि मुंबई ऐ ग्यों अर चंदा काका गाँ मा इंटर कॉलेज मा लेक्चरर बौणि गे
जब तलक मोबाइल नि ऐ छया तब तलक हम मुंबई आण -जाण वाळुम चिठ्ठी भेज्दा छया। अधिकतर मि अपण बाळापन की यादुं बात लिखुद छौ अर काका हमर गां कथगा आधुनिक ह्वे ग्यायि कि सुचना दीन्दु छौ।
अब हम मोबाइल से एक हैंका दगड़ खबरों अदला बदली करदां।
जन कि परसि चंदा काका फोन आयि," भीषम ! अब हमर गांवन पचास टका आधुनिकता हासिल कौर आयि।"
मीन खुश ह्वेक पूछ," अरे वाह ! कामयाबी वास्ता वधाई/ पण ह्वाइ क्या च?"
काका - ये साल हमन वसंत पंचमी दिन म्वारुं मुरिंड पर हरयाळि लगाण बंद करि आल
मि - यु त ठीक कार। पण गां माँ वो सामूहिक शौचालय बणण वाळ छौं वांक क्या ह्वाइ?"
काका - मि तैं नि उम्मीद कि हमर गां मा सामूहिक शौचालय बौणल। सरकार त पैसा दीणो तयार च पण अदा पैसा गां वाळ तैं दीण पड़णा छन तो क्वी बि शौचालयौ बान मिळवाग (सहयोग राशि)  दीणो  तयार नी च।
       
कुछ दिनों उपरांत चंदा काका क फोन आयि अर बुलण मिस्यायि - भीषम ! अब हमर गांन साढ़े पिचपन प्रतिशत आधुनिकता हासिल करि आल।
मि - अरे बढ़िया! ह्वाइ क्या च ?
चंदा काका - हमन मकरैणि (मकर संक्रान्ति ) मनाण बंद करी तो वां से द्वी प्रतिशत आधुनिकता मा वृद्धि ह्वे अर मक्रैणि जगा वैलेंटाइन डे दे मनाण से गाँ की आधुनिकता मा साढ़े तीन प्रतिशत को इजाफा ह्वे
मि - अरे काका सरा पट्टी क गावों बान कुल्याणो एक कूल आण वाळ छे वांक क्या ह्वाइ?
चंदा काका - ना ना ! इख गावुं मा क्वी बि कुल्याणो कूलौ बान तयार नि होणु च। सब्युं मानण च बल कूल पुरातन संस्कृति की पछ्याणक च अर अब क्वी नि चांदो कि वो परम्परा वादी रावो। अब सब आधुनिक हूण चाणा छन।
 कुछ दिनों बाद मीन चंदा काका कुणि फोन कार- काका ! वो गाँ मा सौर ऊर्जा बिजली क  क क्या ह्वाइ?
चंदा काका- कै बि आदिम तै सौर ऊर्जा जनित बिजली मा क्वी इंटरेस्ट नी च, रूचि नि च । पण हाँ हमर गाँ पांच प्रतिशत अधिक आधुनिक जि ह्वे ग्यायि।
मि -क्या ह्वाइ?
चंदा काका -ये साल बिटेन हमन शक सम्वत (गुडी पड़िवा ) मनाण छोड़ि आल अर वां से हमर गांवक आधुनिकता मा ढाई प्रतिशत की वृद्धि ह्वाइ। अब हमन क्रिश्चियन न्यू यियर मनाण शुरू कौरि आल। न्यू ईयर मा हम मर्दु ही ना  क्या ज़नान्यून बि खूब शराब घटकाइ अर पश्चमी नाच गाण कार। यार मजा ऐ ग्यायि। क्रिश्चियन न्यू ईयर मनाण से हमर गांवक आधुनिकता मा ढाई परसेंट की वृद्धि ह्वे। अब हमर गाँ पिचासी प्रतिशत आधुनिक ह्वे ग्यायि। हौर गां वाळ हमारि आधुनिकता देखिक जळणा रौंदन।     
कुछ दिन बाद चंदा काकाक ब्वे खतम ह्वे। कुछ इन छंद आयि कि चंदा काकाक फोन श्याम दें इ लग। मीन  पशत्यौ दींद ब्वाल - काका ! तेरी माँ मेखुण त दुसर ब्वे छे। ददी मि तै बि उथगा हि माणदि छे जथगा त्वै तैं!
चंदा काका - हाँ ! ब्वै मरणो दुख त छै च पण यांसे जादा क्या भौत इ खुसी बात या च कि अब हमर गाँ शत प्रतिशत आधुनिक ह्वै ग्यायि।
मि - अरे ददी मोरण से आधुनिकता को क्या संबंध ?
चंदा काकान उत्साहित ह्वेक जबाब दे -  अरे भीषम ! सरा गां मा मेरि ब्वै छे ज्वा गढवाळि  माँ बचऴयान्दी छे। अर ब्वै डौरन मि तैं अर तेरि काकि तैं जबरन गढ़वळि मा बचऴयाण पोड़द छौ। अब ब्वे नी च त क्वी बि अब गाँव मा गढ़वळि मा बुलण वाळ नी च । बस ! अपण भाषा खतम हूण से से अब हमर गां हंड्रेड परसेंट मोडर्न ह्वै ग्यायि। सरा गां खुस च। अर पता च यीं ख़ुशी मा ब्वेक तेहरवीं मा तेरा किस्मौ शराब पिए जाली।
   
     

Copyright @ Bhishma Kukreti  27/05/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

 

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